राजनीति
जया बच्चन का कहना है कि मणिपुर के वीडियो पर भारत में नेता चर्चा नहीं कर रहे हैं: ‘यह शर्म की बात है’

मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री और राजनेता जया बच्चन ने संसद में मणिपुर घटना को संबोधित नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दुनिया पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के बारे में बात कर रही है, लेकिन भारत के नेता नहीं। इससे पहले, जया ने मणिपुर में हिंसा के बीच दो महिलाओं को पुरुषों द्वारा नग्न घुमाए जाने के चौंकाने वाले वायरल वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि वह शर्मिंदा थीं और पूरी क्लिप नहीं देख सकीं। सोमवार को अभिनेता-राजनेता ने सरकार द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सवाल उठाया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मणिपुर की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है, यह हमारे देश में नहीं बचा है. मैं और क्या कह सकती हूं? यह शर्म की बात है, वे इस पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं.” “और घर के अंदर आप राज्यों के बारे में बात कर रहे हैं, आपके मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं, आप उनके बारे में बात कर रहे हैं, आपके राज्य में क्या हो रहा है, आपके राज्यों में क्या हो रहा है?
पिछले हफ्ते वायरल हुए वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेत्री ने कहा, “मुझे बहुत बुरा लगा, मैं पूरा वीडियो नहीं देख सकी, मुझे शर्म आ रही है। यह मई में हुआ था, लेकिन अब यह वायरल है, लेकिन, किसी ने भी सहानुभूति का एक शब्द भी नहीं कहा। यह महिलाओं की सुरक्षा के बारे में है, लेकिन आप ऐसी बातें कहते हैं जैसे हमने पैनल के लिए 50 प्रतिशत महिलाओं को चुना है।” समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा, “यह बहुत निराशाजनक है। हर दिन महिलाओं के साथ कुछ न कुछ हो रहा है। उत्तर प्रदेश में हमें सब कुछ पता भी नहीं है। पूरे देश में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है? ऐसा अपमान, यह बहुत दुखद है।” कथित घटना पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के एक दिन बाद 4 मई को कांग पोकपी जिले में हुई थी। अक्षय कुमार, करीना कपूर खान, कियारा आडवाणी, संजय दत्त, सोनू सूद, ऋचा चड्ढा, ओरफी जावेद, रितेश देशमुख, उर्मिला माटुंडकर और अन्य कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
राजनीति
कर्नल सोफिया पर टिप्पणी मामला: एमपी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मंत्री विजय शाह, तत्काल सुनवाई की अपील

suprim court
नई दिल्ली, 15 मई। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एफआईआर वाले आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद मंत्री शाह पर एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने इस मामले को लेकर ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए त्वरित सुनवाई की गुहार लगाई है।
सोमवार को इंदौर जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने कुरैशी का नाम लिए बिना विवादित बयान दिया था।
शाह ने कर्नल कुरैशी की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा था, “जिन लोगों ने हमारी बेटियों को विधवा बनाया, हमने उन्हें सबक सिखाने के लिए उनकी अपनी बहन को भेजा।”
बयान सामने आने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा था कि हर हाल में इस मामले पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कुंवर विजय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक मिनट 13 सेकंड का वीडियो जारी कर कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “मैं विजय शाह, हाल ही में दिए अपने बयान से जो हर समाज की भावनाएं आहत हुई हैं, उसके लिए दिल से न केवल शर्मिंदा हूं, दुखी हूं बल्कि माफी मांगता हूं। हमारे देश की बहन सोफिया कुरैशी ने राष्ट्र धर्म निभाते हुए जाति और समाज से ऊपर उठकर काम किया है, वह हमारी सगी बहन से भी ऊपर सम्मानित हैं।”
इससे पहले, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने गुरुवार सुबह 11 बजे बताया, “मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्री विजय शाह के बयान के संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।”
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सशस्त्र बलों के सम्मान में कांग्रेस करेगी ‘जय हिंद सभा’

नई दिल्ली, 15 मई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जहां देशभर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। वहीं, कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में जय हिंद सभा आयोजित करेगी। इस सभा में रिटायर सेना के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बात की जानकारी गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी।
केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे सशस्त्र बलों की सर्वोच्च वीरता और सफलता को सलाम करने के लिए पूरे भारत में ‘जय हिंद सभा’ आयोजित करेगी।”
वेणुगोपाल ने पोस्ट में बताया कि जय हिंद सभा में पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक और सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बारे में सवाल पूछे जाएंगे। कांग्रेस की यह जय हिंद सभा 20 मई से शुरू होगी। यह सभा 30 मई तक दिल्ली, बाड़मेर, शिमला, हल्द्वानी, पटना, जबलपुर, पुणे, गोवा, बेंगलुरु, कोच्चि, गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, भुवनेश्वर और पठानकोट में आयोजित की जाएंगी, जिसमें सेना के दिग्गज, पार्टी नेता और आम जनता शामिल होगी।
इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस सांसद जयराम रमेश मीडिया से बातचीत में उन राज्यों का जिक्र किया था जहां वे ‘जय हिंद सभा’ रैली करेंगे। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता इसमें भाग लेंगे और हम प्रधानमंत्री मोदी से कई सवाल पूछेंगे। हमारी पार्टी की ओर से पहले ही कई सवाल पूछे जा चुके हैं। 16 मई को राहुल गांधी भी कुछ सवाल पूछेंगे। इन सभाओं में हम प्रधानमंत्री मोदी से पूछेंगे कि वे चुप क्यों हैं? कश्मीर की चर्चा भारतीय संसद में हो सकती है। इसके अलावा कहीं और नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करना गलत है, क्योंकि हमने सुरक्षा का कभी राजनीतिकरण नहीं किया है। अब खबर यह भी आई है कि 25 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी एनडीए के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं, वे क्यों नहीं देश के सारे मुख्यमंत्रियों से मिलते हैं। आखिर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की क्या गलती है। पीएम मोदी सिर्फ एनडीए के मुख्यमंत्रियों को बुलाएंगे और उनसे बातचीत करेंगे। यह राजनीतिकरण नहीं है तो और क्या है। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी एकता और एकजुटता की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ पीएम मोदी गंभीर सवाल पर चुप हैं, वे बोलते नहीं हैं।
राजनीति
जम्मू-कश्मीर के त्राल में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़, पूरे इलाके की घेराबंदी

श्रीनगर, 15 मई। जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा उप-मंडल के त्राल इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने एक्स पर कहा, “अवंतीपोरा के त्राल इलाके के नादेर में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सुरक्षा बल काम पर हैं। आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी।”
विशिष्ट खुफिया सूचनाओं के बाद, सुरक्षा बलों ने तलाशी लेने के लिए त्राल तहसील के नादेर गांव को घेर लिया।
पुलिस ने कहा, “जैसे ही सुरक्षा बल छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंचे, गोलीबारी शुरू हो गई जो अभी भी जारी है।”
इस सप्ताह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच यह दूसरी मुठभेड़ है।
13 मई को शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन आतंकवादी मारे गए थे।
मारे गए तीन आतंकवादियों में लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल चीफ शाहिद कुट्टे भी शामिल है।
10 मई को जिस दिन भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते की घोषणा हुई थी, जो शाम 5 बजे लागू हुआ, संघर्ष विराम लागू होने के करीब दो घंटे बाद जम्मू जिले के नगरोटा इलाके में व्हाइट नाइट कोर के मुख्यालय के बाहर संतरी चौकी पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की।
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के भीतर किसी भी आतंकी कार्रवाई को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में पाकिस्तान समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय सहित 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी।
सुरक्षा बलों के अनुसार यह कायराना हरकत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने की थी। इसके परिणामस्वरूप भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करके निर्दोष नागरिकों की हत्या का बदला लिया।
हालांकि भारत ने युद्ध विराम पर सहमति जताई है, लेकिन उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी और पाकिस्तान के साथ कोई व्यापार बहाल नहीं किया जाएगा।
नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नागरिक इलाकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 200 से अधिक घर और दुकानें नष्ट हो गई हैं, जिससे सीमा पर रहने वाले सैकड़ों लोगों को अपने घर छोड़कर गोलीबारी की रेखा से दूर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
ये प्रभावित परिवार अभी भी अपने घरों को वापस नहीं लौटे हैं, क्योंकि सुरक्षा बल प्रभावित इलाकों में पाकिस्तानी मोर्टार के गोले को निष्क्रिय करने में व्यस्त हैं।
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