राजनीति
जम्मू-कश्मीर : उपराज्यपाल सिन्हा ने 1,350 करोड़ रुपये के पैकेज का किया एलान
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में कारोबार और नौकरियों में वृद्धि के लिए 1,350 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी। आतंकवाद के साथ ही कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आए राज्य के लिए यह पैकेज एक बड़ी सौगात के तौर पर देखा जा रहा है। उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय ने एक बयान में कहा कि आर्थिक पैकेज प्राथमिक रूप से संकटग्रस्त संस्थाओं, पर्यटन और परिवहन क्षेत्रों में स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए एक जीवनरेखा के रूप में कार्य करेगा तथा संक्रामक महामारी और पिछले 15-20 वर्षों से नाजुक सुरक्षा परि²श्य से उत्पन्न आर्थिक मंदी को भी दूर करेगा।
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किसानों और व्यवसायों को राहत देने के लिए राज्य में एक वर्ष के लिए 50 प्रतिशत बिजली और पानी के बिलों को माफ कर दिया है।
मेगा पैकेज पर निर्णय 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के अनुरूप रहा, जब उन्होंने आश्वस्त किया था कि जम्मू-कश्मीर ने अपनी ‘विकास यात्रा’ शुरू कर दी है, क्योंकि यह एक साल पहले केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बन चुका है।
उपराज्यपाल सिन्हा ने 18 अगस्त को बैंकिंग, उद्योग, पर्यटन, कृषि और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक व्यापारिक समुदाय और प्रशासनिक उपायों द्वारा आवश्यक सहायता का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया था। बयान में कहा गया है कि समिति ने श्रीनगर और जम्मू के कम से कम 35 व्यापारिक संगठनों के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद एक सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
सिफारिशों को उपराज्यपाल सिन्हा ने स्वीकार कर लिया है। वहीं सरकार ने कहा है कि वे अंतत: कश्मीरियों को सशक्त बनाएंगे, विशेष रूप से उन्हें सशक्त बनाया जाएगा, जो अपने व्यवसाय और आजीविका खो चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए विभिन्न अन्य उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण किया जाएगा।
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर का प्रभार संभालने के बाद से सिन्हा ने प्रशासन को लोगों के दरवाजे पर लाने और प्रशासन में लोगों के विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी है।
सिन्हा ने कहा, “कुल मिलाकर, यह आर्थिक पैकेज मात्रा और पहुंच के मामले में ऐतिहासिक है। मैं देख सकता हूं कि कश्मीरी केंद्र शासित प्रदेश के विकास में योगदान करने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि वे हमारे पड़ोसी द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद से तंग आ चुके हैं।”
उन्होंने मुसीबत में घिरे लोगों के लिए धनराशि सुनिश्चित करना सामूहिक जिम्मेदारी बताया। इसके साथ ही सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था के त्वरित उछाल, नौकरियों के सृजन और व्यवसायों को मजबूत बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार सक्रिय रूप से सहायता के लिए अभूतपूर्व और ऐतिहासिक पैकेज पर विचार कर रही है।”
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पैकेज का मुख्य घटक यह है कि कारोबारी समुदाय में से प्रत्येक उधारकर्ता को पांच प्रतिशत ब्याज सबवेंशन (आर्थिक मदद) देने का फैसला किया गया है, जो सरकारी खजाने पर लगभग 950 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह एक बड़ी राहत होगी, जिससे रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने कहा, “कोविड-19 महामारी की चपेट में आए लोगों को राहत देने के लिए चालू वित्तवर्ष में ब्याज उपकर छह महीने के लिए उपलब्ध होगा।”
इंटरेस्ट सबवेंशन मूल रूप से बिजनेस कम्युनिटी को संभालने के लिए ब्याज दरों पर दी जाने वाली सब्सिडी है। बयान में कहा गया है, “हमने बिजली और पानी के शुल्क के संबंध में एक वर्ष के लिए 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।”
बयान में कहा गया है कि इससे अर्थव्यवस्था पर 105 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिसे सरकार लोगों के हित के लिए वहन करने को तैयार है।
सरकार ने बस ड्राइवरों/कंडक्टरों, ऑटो/टैक्सी चालकों आदि की सहायता करने का भी फैसला किया है। सरकार ऐसे प्रभावित लोगों के लिए एक अलग ‘ संरचित तंत्र और पैकेज’ दे रही है।
प्रशासन पुराने वाहनों और बीमा आदि के प्रतिस्थापन के लिए हाउसबोट मालिकों, ट्रांसपोर्टरों की भी मदद करेगा।
अंतरराष्ट्रीय
AUS vs IND 1st Test: क्या है स्नेक क्रैक? क्या यह बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के पहले मैच में पर्थ में टीम इंडिया को परेशान करेगा?
ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी शुक्रवार, 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होगी। यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जाएगा जिसमें जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया की अगुआई करेंगे, जबकि ऑस्ट्रेलिया की अगुआई पैट कमिंस करेंगे। पर्थ का विकेट अपनी उछाल और गति के लिए जाना जाता है जो किसी भी बल्लेबाज को परेशान कर सकता है।
हेड क्यूरेटर इसाक मैकडोनाल्ड ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि पिच पर पांच दिनों तक बहुत ज़्यादा उछाल या दरारें होंगी, जिसके कारण स्नेक क्रैक्स होने की संभावना नहीं है। हालाँकि, स्नेक क्रैक्स वास्तव में क्या हैं?
स्नेक क्रैक्स क्या हैं?
पर्थ में स्नेक क्रैक्स बहुत मशहूर हैं। WACA का पुराना मैदान अपनी गति और उछाल के लिए जाना जाता था, और नया ऑप्टस स्टेडियम भी काफी हद तक वैसा ही है। शुष्क परिस्थितियों में, पिच पर दरारें चौड़ी हो जाती हैं, जिससे अतिरिक्त उछाल मिलता है और स्पिनरों को भी मदद मिलती है। यह कई बार 5 मिमी तक खुल सकती है और बीच में बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है।
स्नेक क्रैक्स के न दिखने के पीछे का कारण
मैकडोनाल्ड ने अपने बयान में कहा, “मुझे नहीं लगता कि इस मौसम के कारण यह पिच खराब होने वाली है। कुछ गिरावट होगी। खेल के दौरान घास खड़ी रहेगी और अलग-अलग उछाल देगी। लेकिन बड़े-बड़े WACA दरारों के मामले में, दुर्भाग्य से, मुझे नहीं लगता कि मौसम हमें वहां ले जाएगा।”
ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन कैसा रहा?
यह इस मैदान पर पाँचवाँ मैच होगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने अब तक यहाँ खेले गए सभी चार मैच जीते हैं। पिछली बार भारत ने इस मैदान पर 2017/18 में BGT के दौरान खेला था, जब उसे 146 रनों से हार का सामना करना पड़ा था क्योंकि नाथन लियोन ने इस मुकाबले में आठ विकेट लिए थे। तब से ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड, वेस्टइंडीज़ और पाकिस्तान को हराया है। सभी चार मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की।
चुनाव
महाराष्ट्र चुनाव 2024: एमवीए के भीतर दरार? सीएम चेहरे को लेकर नाना पटोले, संजय राउत में तकरार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान के ठीक एक दिन बाद विपक्षी महा विकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अंदरूनी लड़ाई के संकेत मिल रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले और शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
गुरुवार (21 नवंबर) को कई मीडिया रिपोर्टों में पटोले के हवाले से कहा गया कि 23 नवंबर को मतगणना के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाएगी। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनाएगा, परोक्ष रूप से यह कहते हुए कि एक कांग्रेस नेता मुख्यमंत्री बनेगा।
संजय राउत ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि कोई कांग्रेस नेता अगला सीएम बनेगा और कहा कि सीएम का चेहरा चुनाव परिणामों के बाद चर्चा के बाद एमवीए के शीर्ष नेताओं द्वारा तय किया जाएगा।
लोकसत्ता के अनुसार राउत ने कहा, “अगर कांग्रेस ने पटोले को सीएम बनाने का फैसला किया है, तो राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आधिकारिक तौर पर उनके नाम की घोषणा करनी चाहिए।”
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति दोनों ने विश्वास व्यक्त किया है कि उनका गठबंधन अगली सरकार बनाएगा।
एग्जिट पोल महायुति के पक्ष में
बुधवार को जारी अधिकांश एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) वाली महायुति राज्य में सत्ता बरकरार रखेगी।
संजय राउत ने एग्जिट पोल को खारिज करते हुए उन्हें ‘धोखाधड़ी’ बताया है। उन्होंने दावा किया कि एमवीए सरकार बनाएगी और 160 सीटें जीतेगी।
“इस देश में एग्जिट पोल धोखा हैं। हमने लोकसभा चुनाव के दौरान एग्जिट पोल के ‘400 पार’ के आंकड़े देखे, हमने हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को 60 पार करते देखा। अब वे महाराष्ट्र के लिए आंकड़े दे रहे हैं। एग्जिट पोल पर भरोसा न करें। हम 160 सीटें जीत रहे हैं और महा विकास अघाड़ी सरकार बना रही है।”
न्याय
पंजाब: ‘शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे’, केएमएससी महासचिव सरवन सिंह पंढैर
शंभू (पंजाब): किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के महासचिव सरवन सिंह पंढैर ने बताया कि शंभू सीमा (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर धरना दे रहे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।
सरवन सिंह पंढैर ने खुद बनाए गए एक वीडियो में कहा, “कल हम दिल्ली में गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में एक बैठक करेंगे… हम एक खाका भी पेश करेंगे। 6 दिसंबर को हम शंभू मोर्चा से दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।”
उन्होंने कहा कि दो मंच – संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और केएमएससी – भविष्य की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए दोपहर में एक बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन को 284 दिन पूरे हो गए हैं।
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों पर केएमएससी महासचिव सरवन सिंह पंढैर
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता पंढैर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवा पार्टी आज से मंदिर-मस्जिद मुद्दों को भूल जाएगी।
किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के महासचिव पंढैर ने कहा, “जब महाराष्ट्र, झारखंड और अन्य राज्यों में उपचुनाव खत्म हो जाएंगे, तो दिल्ली (केंद्र) में सत्ता में बैठी भाजपा आज से मंदिर मस्जिद मुद्दे को भूल जाएगी। कुछ समय के लिए हिंदू खतरे में नहीं रहेंगे। जब चुनाव आएंगे, तो वे लोगों को बांट देंगे।”
किसान नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के बीच वहां पर ध्यान देने की भी अपील की।
पंढैर ने कहा, “जिस तरह से हम मणिपुर को जलते हुए देख रहे हैं, वहां के स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस और सुरक्षा बल उनके युवाओं और वहां के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। उनके गांव से लड़के गायब हैं। हम खुद प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि वे इन पर ध्यान दें। क्या देश ऐसे ही चलेगा? सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर का हश्र देखना चाहिए। जिस तरह से मानवता को शर्मसार किया जा रहा है, वह बहुत दर्दनाक है। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
26 अक्टूबर के विरोध प्रदर्शन के बारे में
26 अक्टूबर को संगरूर जिले के बदरुखा से बड़ी संख्या में किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने और समय पर धान खरीद समेत अपनी कई मांगों को लेकर एकत्रित हुए। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के फुगवाड़ा, संगरूर, मोगा और बटला इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) और उसके सहयोगी संगठनों से जुड़े किसानों ने एक पुलिस चौकी के पास बठिंडा चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने के लिए अपना मार्च शुरू कर दिया है।
किसान नेता जसविंदर सोमा उग्राहां ने कहा कि किसानों ने चार स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है क्योंकि न तो पंजाब सरकार और न ही केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान ढूंढ पा रही है।
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