राष्ट्रीय
हरी-भरी धरती के लिए आईटीसी ने अपने चौतरफा प्रयासों को दी गति

स विश्व पर्यावरण दिवस पर आईटीसी ने अपने मजबूत सस्टेनेबिलिटी 2.0 एजेंडा के जरिए धरती को ज्यादा हरा-भरा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। अपने चेयरमैन संजीव पुरी के नेतृत्व में सस्टेनेबिलिटी के मामले में आईटीसी ने अपने दो दशकों से अधिक की स्थिरता यात्रा पर निर्माण करते हुए, अपने अध्यक्ष संजीव पुरी के नेतृत्व में, बड़े पैमाने पर स्थायी आजीविका का समर्थन करते हुए, जलवायु परिवर्तन से लड़ने में अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी ²ष्टि व्यक्त की है।
आईटीसी की बहुआयामी स्थिरता पहल पर टिप्पणी करते हुए, एस शिवकुमार, ग्रुप हेड, एग्री, आईटी एंड सस्टेनेबिलिटी, आईटीसी लिमिटेड ने कहा: “आईटीसी ने वर्षों से, अभिनव व्यवसाय मॉडल लागू किए हैं जो आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक पूंजी के निर्माण को एक के रूप में तालमेल बिठाते हैं। एकीकृत रणनीति आज, हमारे महत्वाकांक्षी सस्टेनेबिलिटी 2.0 एजेंडा का उद्देश्य डीकाबोर्नाइजेशन की दिशा में आईटीसी के प्रयासों को और मजबूत करना, हरित बुनियादी ढांचे का निर्माण, जलवायु-स्मार्ट और पुनर्योजी कृषि को बढ़ावा देना, सभी के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करना, प्रकृति-आधारित समाधानों के माध्यम से जैव विविधता को बहाल करना, एक प्रभावी परिपत्र अर्थव्यवस्था बनाना है। हमें विश्वास है कि यह जलवायु संकट का मुकाबला करने और सार्थक आजीविका के अवसरों का समर्थन करने में एक लंबा सफर तय करेगा।”
आईटीसी आज डेढ़ दशक से अधिक समय से पानी, कार्बन और ठोस अपशिष्ट रीसाइक्लिंग के लिए तुलनीय आयामों की एकमात्र कंपनी है।
अपने बेहतर पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मॉडल की मान्यता में, कंपनी को सीडीपी द्वारा जलवायु परिवर्तन और जल सुरक्षा दोनों के लिए नेतृत्व स्तर पर ‘ए’, एमएससीआई-ईएसजी द्वारा ‘एए’ का दर्जा दिया गया है जो इस श्रेणी की कंपनियों में सर्वश्रेष्ठ है। साथ ही कंपनी को डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इमजिर्ंग मार्केट्स इंडेक्स में भी शामिल किया गया है।
नेट जीरो की ओर संक्रमण के अपने प्रयासों के एक भाग के रूप में, आईटीसी ने अक्षय ऊर्जा में महत्वपूर्ण निवेश किया है। वर्तमान में, स्वच्छ ऊर्जा 14 राज्यों में 24 कारखानों, 14 होटलों और पांच कार्यालय भवनों को शक्ति प्रदान करती है।
पिछले साल, आईटीसी ने 2030 तक अक्षय स्रोतों से अपनी ग्रिड बिजली आवश्यकताओं का 100 प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य रखा था। अभी कंपनी जरूरत के हिसाब से यह अक्षय माध्यमों के माध्यम से अपनी सभी विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं का लगभग 42 प्रतिशत पूरा करती है।
सौर ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ, कंपनी ने राज्यों में ऑनसाइट और ऑफसाइट दोनों संयंत्रों को चालू किया है। आईटीसी ने सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए अपने एकीकृत उपभोक्ता सामान विनिर्माण और रसद (आईसीएमएल) सुविधाओं, कारखानों और गोदामों की छतों का अधिकतम उपयोग किया है। यूएसजीबीसी-एलईईडी/आईजीबीसी द्वारा आईटीसी की कम से कम 39 संपत्तियां प्लेटिनम रेटेड ग्रीन बिल्डिंग हैं। बेंगलुरु में आईटीसी का विंडसर होटल एलईईडी जीरो कार्बन प्रमाणित होने वाला दुनिया का पहला होटल बन गया, इसके बाद आईटीसी ग्रैंड चोल और आईटीसी गार्डेनिया हैं।
एक ‘हरित पृथ्वी’ में योगदान करने के लिए, आईटीसी एक एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम भी चला रहा है, जिसमें 13.3 लाख एकड़ से अधिक भूमि शामिल है और कुल वर्षा जल संचयन क्षमता का निर्माण किया गया है जो पिछले वर्ष के दौरान इसके संचालन द्वारा खपत किए गए शुद्ध पानी से 3 गुना अधिक था। कृषि में जल दक्षता को बढ़ावा देने के लिए मांग प्रबंधन हस्तक्षेपों के परिणामस्वरूप अब तक 49.65 करोड़ घन मीटर की संभावित जल बचत हुई है। कोवाई में आईटीसी के पेपरबोर्डस और स्पेशलिटी पेपर्स यूनिट के एलायंस फॉर वाटर स्टीवर्डशिप (एडब्ल्यूएस) प्लेटिनम स्तर प्रमाणीकरण के बाद, उच्चतम वैश्विक मानक हासिल करने के लिए भारत में पहली साइट, कंपनी एडब्ल्यूएस मानकों को लागू करने और प्रमाणीकरण प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
इसी तरह, आईटीसी का व्यापक जैव विविधता कार्यक्रम कृषि को प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है जैसे कि कीटों का प्राकृतिक विनियमन, परागण, पोषक चक्रण, मृदा स्वास्थ्य प्रतिधारण और आनुवंशिक विविधता, जिसमें पिछले कुछ दशकों में काफी क्षरण हुआ है। इस पहल ने कुल मिलाकर 10 राज्यों के 29 से अधिक जिलों में 1.3 लाख एकड़ जमीन को कवर किया है। आईटीसी का लक्ष्य 2030 तक 10,00,000 एकड़ से अधिक को कवर करने के लिए कार्यक्रम का विस्तार करना है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से कृषि को जोखिम से मुक्त करने के लिए, आईटीसी ने एक जलवायु स्मार्ट कृषि कार्यक्रम शुरू किया है, जो 15 लाख एकड़ को कवर करता है, जिससे 4.5 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होते हैं। इसके एक अभिन्न अंग के रूप में, 2,500 से अधिक गांवों और 8.2 लाख एकड़ से अधिक को कवर करने वाली एक जलवायु स्मार्ट गांव पहल से जीएचजी उत्सर्जन में 66 प्रतिशत तक की कमी आई है और समुदायों की आय में 93 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसल के लिए आईटीसी के बड़े पैमाने पर सामाजिक और कृषि वानिकी कार्यक्रम ने 9,50,000 एकड़ से अधिक को हरा-भरा कर दिया है, जिससे 17.3 करोड़ कार्य व्यक्ति दिवस रोजगार पैदा हुए हैं।
सर्कुलर इकोनॉमी की ओर बढ़ते हुए, कंपनी ने 2021-22 में 35 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में 54,000 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे को एकत्रित और स्थायी रूप से प्रबंधित करके प्लास्टिक तटस्थता से परे चला गया। आईटीसी के प्रमुख ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम, आईटीसी ‘वाह’ या अपशिष्ट से बाहर होने के कार्यक्रम, कार्यक्रम ने 1.8 करोड़ से अधिक नागरिकों को कवर किया है जो 17,300 से अधिक लोगों को स्थायी आजीविका प्रदान करते हैं।
एक स्थायी पैकेजिंग भविष्य के लिए अपने विजन के अनुरूप, आईटीसी के पेपरबोर्ड और पैकेजिंग व्यवसायों ने आईटीसी लाइफ साइंसेज और प्रौद्योगिकी केंद्र की अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार क्षमताओं का लाभ उठाया है, ताकि कई तरह के पहले पैकेजिंग समाधान लॉन्च किए जा सकें।
राष्ट्रीय
भारत में 11 वर्षों में 269 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी से निकले बाहर: विश्व बैंक

नई दिल्ली, 7 जून। विश्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।
भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश पांच राज्यों में 2011-12 के दौरान भारत के 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे। वहीं, इन राज्यों ने 2022-23 तक अत्यधिक गरीबी में होने वाली कुल गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया।
विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण रूप से, अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या 344.47 मिलियन से घटकर केवल 75.24 मिलियन रह गई है।
विश्व बैंक का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों का उपयोग कर) पर आधारित है, जो कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक कमी दर्शाता है।
विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की खपत पर (2017 की कीमतों पर आधारित पिछली गरीबी रेखा) अत्यधिक गरीबी में रहने वाले भारतीयों की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत है, जो 2011-12 में दर्ज 16.2 प्रतिशत से काफी कम है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 2.15 डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 33.66 मिलियन दर्ज की गई है, जो 2011 में 205.93 मिलियन दर्ज की गई थी।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि यह तीव्र गिरावट समान रूप से देखी गई, जिसमें ग्रामीण अत्यधिक गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत हो गई और शहरी अत्यधिक गरीबी पिछले 11 वर्षों में 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गई।
इसके अलावा, भारत ने बहुआयामी गरीबी को कम करने में भी शानदार प्रगति की है।
आंकड़ों के अनुसार, बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2005-06 में 53.8 प्रतिशत से घटकर 2019-21 तक 16.4 प्रतिशत हो गया और 2022-23 में और अधिक घटकर 15.5 प्रतिशत हो गया।
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को गरीबी से उबारने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों, इंफ्रास्ट्रक्चर और समावेशन पर फोकस को अहम बताया।
पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलों ने आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ाया है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ने पारदर्शिता और अंतिम छोर तक लाभों की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित की है, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय
दिल्ली : अगले दो दिन तक भारी बारिश और आंधी की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

नई दिल्ली, 29 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों के लिए कई इलाकों में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, 29 मई और 30 मई को तेज बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। ह्यूमिडिटी का स्तर 70 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच रहेगा। इसी प्रकार, 30 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, तापमान वही रहेगा और हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
इन दोनों दिनों के लिए चेतावनी दी गई है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की तलाश करें। 31 मई को मौसम विभाग ने ‘मध्यम वर्षा’ की संभावना जताई है, लेकिन आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी अब भी बनी हुई है।
हालांकि, इसके बाद मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। 1 जून को “थंडरस्टॉर्म विथ रेन” की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 2 जून से मौसम में काफी सुधार देखने को मिलेगा, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 जून को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, लेकिन कोई विशेष चेतावनी नहीं है। 4 जून को मौसम पूरी तरह से सामान्य रहेगा, केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अगले दो दिनों तक सतर्कता बरतें, विशेषकर बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के दौरान। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में यात्रा कर रहे लोग और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारी विशेष सावधानी बरतें।
राजनीति
10 साल बाद सरकार वीर सावरकर की डिग्री वापस ला रही, हम उसका स्वागत करते हैं : संजय राउत

मुंबई, 28 मई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री मंगाए जाने पर कहा कि हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह तो बस कागज का टुकड़ा है। हमारा सीधा सा सवाल है कि आखिर उन्हें भारत रत्न कब दिया जाएगा? दुर्भाग्य की बात है कि इसका जवाब न तो प्रधानमंत्री के पास है, न ही मुख्यमंत्री के पास और न ही गृह मंत्री के पास।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर सरकार ने वीर सावरकर की डिग्री मंगाकर अच्छा कदम उठाया है, लेकिन यहां पर मेरा एक सवाल है कि कल (27 मई) सरकार ने कई लोगों को भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मश्री और पद्मविभूषण दिया। ऐसे में सरकार ने सावरकर को भारत रत्न देना गवारा क्यों नहीं समझा?
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री ब्रिटेन से मंगाए जाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा “स्वातंत्र्यवीर सावरकर की डिग्री वो स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश गवर्नर ने जब्त की थी। फिर भी हम उन्हें बैरिस्टर सावरकर कहते है। 10 साल बाद अगर महाराष्ट्र की सरकार बैरिस्टर सावरकर की पदवी, डिग्री ला रहे है तो ये अच्छी बात है। हम इस फैसले का स्वागत करते है। लेकिन हमारी एक मांग है। अगर सरकार सही मायने में वीर सावरकर को सम्मान देना चाहती है, तो इसके लिए उन्हें भारत रत्न देना चाहिए, मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया।”
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहने पर तंज कसा। कहा कि जिस देश में 85 करोड़ लोग सरकार की तरफ से मिलने मुफ्त के राशन पर आश्रित हो, जिस देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हो, उसके बारे में यह कहना कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ठीक नहीं रहेगा। पता नहीं लोग कैसे कह दे रहे हैं कि हम जापान से आगे निकल गए हैं, तो चीन से आगे निकल गए, अब कल ये लोग बोलेंगे कि हम ट्रंप से आगे निकल गए। ट्रंप ने तो आपका मुंह बंद कर दिया।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर महिला की तरफ से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने पर संजय राउत ने कहा कि यह उनका निजी मामला है। मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करना चाहूंगा। इस विषय पर बात करने के लिए राजनीतिक दलों में महिला नेता हैं, जो इस पर अपनी बात रखेंगे। महिला आयोग भी है, जो इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, लेकिन मेरा अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है।
मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर एक महिला ने अपने वकील के जरिए नोटिस भेजकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
इसके अलावा, संजय राउत ने संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर घोटाला का आरोप लगाया। कहा कि मंत्री के बेटे ने ऑक्शन में 70 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है। ऐसे में उनसे यह सवाल किया जाना चाहिए कि उनके पास इतने पैसे कहां से आए? इनके पिता के पास सामाजिक न्याय जैसा विभाग है, जो मूल रूप से गरीबों के हितों का ख्याल रखता है, लेकिन इनके बेटे ने 70 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी। यही नहीं, ऑक्शन की प्रक्रिया भी इस तरह से निर्धारित की जाती है, जिसमें यह सुनिश्चित हो सके कि इसका फायदा उन्हीं को मिले।
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