राष्ट्रीय
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बच्चों के लिए पार्ट टाइम जूडो ट्रेनर बनी आईटीबीपी

नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 41वीं बटालियन के जवान अपनी ड्यूटी के साथ ही स्कूली बच्चों के लिए अंशकालिक (पार्ट टाइम) जूडो प्रशिक्षक की भूमिका भी निभा रहे हैं।
आईटीबीपी के जवानों का यह नक्सली गतिविधियों और विपरीत परिस्थिति के बीच रहने वाले स्थानीय लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का एक बेहतरीन प्रयास है।
2016 में शुरू हुई आईटीबीपी की इस पहल ने न केवल इन बच्चों को राष्ट्रीय स्तर के टूनार्मेंट और प्रतियोगिताओं में विभिन्न पदक दिलाने में मदद की है, बल्कि उनके परिवारों के सोचने के तरीके में भी बदलाव लाया है, जिसका नक्सलवाल के प्रति झुकाव था।
मार्शल आर्ट के तहत आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) ने छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में रहने वाले कई आदिवासियों की मानसिकता को बदल दिया है, जो राज्य की राजधानी रायपुर से लगभग 180 किलोमीटर दूर एक हार्ड-कोर नक्सलवादी बेल्ट है।
कोंडागांव, जो 24 जनवरी 2012 को बस्तर जिले से अलग किया गया था, ज्यादातर अपने बेल मेटल क्राफ्ट और अन्य जनजातीय कला रूपों के लिए प्रसिद्ध है।
आईटीबीपी द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद स्कूली बच्चों ने अब तक 112 पदक जीते हैं। आईटीपीबी 90,000 की मजबूत संख्या बल के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की रक्षा करने के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षा भी प्रदान करती है।
41वीं बटालियन के दो आईटीबीपी कर्मी, हेड कांस्टेबल जय प्रकाश और कांस्टेबल जहीर हसन चार बैचों में लगभग 200 स्थानीय लड़के और लड़कियों को लगभग छह घंटे तक रोजाना प्रशिक्षण दे रहे हैं।
यह पहल 2016 में शुरू हुई थी, जब 41वीं बटालियन को इस क्षेत्र में पहली बार तैनात किया गया था।
आईटीबीपी के दो अधिकारी तब से आधुनिक जापानी मार्शल आर्ट में स्कूली बच्चों को तैयार और प्रशिक्षित कर रहे हैं, जो एक लड़ाकू और ओलंपिक खेल के रूप में विकसित हुआ है।
200 प्रशिक्षित बच्चों में से समूह में पांच वर्ष से 25 वर्ष तक के बच्चे और युवा शामिल हैं।
112 राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पदकों में से बच्चों ने 2017 में 15 (चार स्वर्ण, तीन रजत और आठ कांस्य) जीते; 2018 में 39 (15 स्वर्ण, 15 रजत और नौ कांस्य); 2019 में 58 (17 स्वर्ण, 23 रजत और 18 कांस्य) पदकों पर कब्जा किया।
इन पदकों में, बच्चों ने तीन राष्ट्रीय स्तर के पदक जीते – 2018 में एक कांस्य और 2019 में दो (एक स्वर्ण और एक कांस्य)।
आईटीबीपी प्रशिक्षित 161 स्कूली बच्चों ने अब तक विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया है।
योगेश सोरी ने 2018 में अंडर-14 राष्ट्रीय जूडो में 35 किलोग्राम अंडर-14 भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
अनिल कुमार ने 2019 में इम्फाल में राष्ट्रीय जूडो में 40 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था, जबकि शिवानी ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 2019 में अंडर -14 श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता था।
हेड कांस्टेबल प्रकाश ने आईएएनएस को बताया कि जूडो प्रशिक्षण के कारण बच्चों ने आत्मरक्षा सीखी है और अब वे अधिक आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।
कांस्टेबल हसन ने अक्टूबर 2016 में कमांडेंट सुरिंदर खत्री के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण शुरू किया। उस समय केवल 15 से 16 बच्चों के साथ प्री-मैट्रिक बॉयज हॉस्टल बिल्डिंग के एक कमरे में उपलब्ध बुनियादी संसाधनों के साथ नि: शुल्क प्रशिक्षण सुविधा शुरू की गई थी।
कांस्टेबल हसन ने आईएएनएस को बताया, “हमने 15 स्कूली बच्चों के साथ प्रशिक्षित करना शुरू किया था। अब 200 बच्चे हैं, जिनमें 125 लड़कियां शामिल हैं। हम उन्हें सुबह 5.30 बजे से सुबह 8.30 बजे और दोपहर बाद तीन बजे से शाम 6 बजे तक प्रशिक्षण देते हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने स्कूलों के स्तर पर इन बच्चों का चयन करना शुरू कर दिया है और अब कई बच्चे तो अपने आप से ही आ रहे हैं। पहले वे हिचकिचा रहे थे, लेकिन उनका व्यवहार अब बदल गया है। इन बच्चों और अन्य स्थानीय लोगों के परिवार के सदस्यों ने बल और उनके प्रति अपना रवैया बदल दिया है। आत्मविश्वास दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उनका झुकाव पहले नक्सलवाद की ओर था।”
यह उल्लेख करते हुए कि लोगों की सोच अब बदल रही है, हेड कांस्टेबल प्रकाश ने आईएएनएस से कहा, “हम इन बच्चों के माता-पिता को बुलाते हैं। वे अब महसूस कर रहे हैं कि केंद्र सरकार उनका कल्याण चाहती है। कोंडागांव जिले में स्थानीय लोगों का व्यवहार पिछले चार वर्षों में पूरी तरह से बदल गया है।”
नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिले में आईटीबीपी सबसे आगे रही है। बल नक्सलवादी गतिविधियों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा स्थानीय कार्य योजनाओं के तहत स्थानीय लोगों के साथ घुलने-मिलने और उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय
भारत की नई उड़ान : स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, फ्लोरिडा से एक्सिओम-4 मिशन लॉन्च

नई दिल्ली, 25 जून। भारत ने अंतरिक्ष की ओर नई उड़ान भरी है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए हैं। फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में कॉम्प्लेक्स 39ए से एक्सिओम-4 मिशन को लॉन्च किया गया। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम स्पेस के एक मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर निकले हैं।
सफल लॉन्चिंग के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोशल मीडिया के जरिए अपडेट दिया। नासा ने ‘एक्स’ पर लिखा, “हमने एक्सिओम मिशन 4 की उड़ान भरी है। एक्स-4 मिशन 25 जून को सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार, दोपहर 12:01 बजे) पर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर गया, जिसमें चार निजी अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक के मिशन के लिए स्पेस स्टेशन पर गए।”
एक्सिओम स्पेस ने भी पोस्ट किया है, जिसने लिखा, “एएक्स-4 के लिए उड़ान। एएक्स-4 का चालक दल स्पेस स्टेशन की ओर बढ़ रहा है।”
इस मिशन में शामिल स्पेसएक्स ने जानकारी दी कि ड्रैगन फाल्कन 9 के दूसरे चरण से अलग हो गया है। नासा ने अंतरिक्ष यान के अलग होने की पुष्टि की। नासा ने लिखा, “अपने स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान में स्वतंत्र रूप से उड़ान भरते हुए एएक्स-4 के चालक दल स्पेस स्टेशन की अपनी यात्रा के एक कदम और करीब आ गए हैं।”
फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद क्रू नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर ऑर्बिटिंग प्रयोगशाला की यात्रा करेगा। ये 14 दिन का मिशन है। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे।
बेटे को अंतरिक्ष में उड़ान भरते हुए देखकर शुभांशु शुक्ला का परिवार काफी भावुक हो गया। शुभांशु की मां की आंखों में आंसू भर आए। लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के माता-पिता ने एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग की लाइव तस्वीरें देखीं। मिशन के उड़ान भरने पर वे जश्न मनाते हुए नजर आए।
राजनीति
गुजरात में भारी बारिश का कहर, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

अहमदाबाद, 23 जून। गुजरात में मानसून ने पिछले 24 घंटों में जमकर कहर बरपाया है। राज्य के 159 तालुकों में हल्की से भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति देखने को मिली।
स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर के अनुसार, जामनगर के जोडिया में सबसे ज्यादा 7.17 इंच बारिश हुई, इसके बाद मेन्दरदा (5.7 इंच), अमीरगढ़ (5.0 इंच), केशोद (4.9 इंच), कलावड (4.6 इंच) और पालसाना (5.6 इंच) में भारी बारिश हुई।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है।
अमरेली, भावनगर, नवसारी, वलसाड, बोटाड, अरावली, महिसागर, दाहोद, वडोदरा, आनंद, भरूच और पंचमहल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, बनासकांठा, साबरकांठा, तापी, सूरत, डांग, मेहसाणा, गांधीनगर, अहमदाबाद, सुरेंद्रनगर, खेड़ा, राजकोट, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, छोटा उदेपुर और नर्मदा में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
24 जून को सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 16 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। अमरेली, भावनगर, नवसारी और वलसाड के लिए ऑरेंज अलर्ट, जबकि राजकोट, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, भरूच, नर्मदा, सूरत, तापी, डांग, वडोदरा, छोटा उदेपुर, पंचमहल और दाहोद के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
25 जून को अरावली, महिसागर, दाहोद, पंचमहल, छोटा उदेपुर, नवसारी, वलसाड, भावनगर और अमरेली के लिए ऑरेंज अलर्ट है। पोरबंदर, जूनागढ़, बोटाड, आनंद, अहमदाबाद, गांधीनगर और साबरकांठा में भी अच्छी बारिश हो सकती है। 26 से 28 जून तक पूरे गुजरात में बारिश, गरज और बिजली के साथ मानसून का असर बना रहेगा।
राज्य सरकार ने स्थिति पर नजर रखने और आपातकालीन तैयारियों को तेज कर दिया है। जिला प्रशासन को जलभराव, अचानक बाढ़ और परिवहन व बुनियादी ढांचे में व्यवधान की आशंका के लिए अलर्ट रहने को कहा गया है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात हैं, खासकर ऑरेंज और रेड अलर्ट वाले इलाकों में। कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय हैं और स्थानीय प्रशासन को जल निकासी, बांधों के स्तर की निगरानी और जरूरत पड़ने पर निकासी का निर्देश दिया गया है।
स्वास्थ्य, बिजली और जल आपूर्ति विभाग भी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है।
आपदा
कौशांबी में आकाशीय बिजली का कहर: चार बच्चों की मौत, पांच झुलसे

कौशांबी, 20 जून। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आसमानी आफत ने कहर बरपाया है। अलग-अलग स्थानों में आकाशीय बिजली गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि 5 बच्चे झुलस गए। कौशांबी के एएसपी राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशांबी जिले के अलग-अलग दो थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, जिसमें 4 बच्चों की मौत हो गई और 5 बच्चे झुलस गए।
जानकारी के मुताबिक, दोनों घटनाएं मंझनपुर तहसील क्षेत्र की हैं। पहली घटना सराय थाना क्षेत्र के जुगराजपुर गांव की है, जहां 4 बच्चे खेतों में पशु चरा रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश शुरू हो गई। सभी बच्चे घर की ओर लौटने लगे, लेकिन इसी दौरान तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी। इसकी चपेट में आकर 13 वर्षीय सतीश कुमार और 13 वर्षीय मनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 वर्षीय दिपांजलि और 10 वर्षीय पवन झुलस गए। दोनों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।
दूसरी घटना कौशांबी थाना क्षेत्र के तारा का पुरवा गांव में हुई, जहां पांच बच्चे खेत में पशु चरा रहे थे। बारिश शुरू होते ही वो सभी एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी तेज चमक और धमाके के साथ बिजली पेड़ पर गिर गई। हादसे में 16 वर्षीय गोविंद निषाद और 15 वर्षीय रूपा देवी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 घायलों में से 2 ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 3 का इलाज चल रहा है।
इसके पहले 15 जून को प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। जिले के बारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी के अलावा दो बच्चियां शामिल थीं।
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