खेल
ऐसा कभी नहीं हुआ कि भारतीय टीम के नंबर 8 और 9 बल्लेबाजों ने 300 से ज्यादा गेंदें खेली हों: इरफान पठान

नई दिल्ली, 28 दिसंबर। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान, पूर्व भारतीय क्रिकेटरों संजय मांजरेकर और इरफ़ान पठान ने वॉशिंगटन सुंदर, नितीश कुमार रेड्डी की शानदार पारियों का विश्लेषण किया और उनकी साझेदारी के महत्व को समझाया।
स्टार स्पोर्ट्स पर एक्सक्लूसिव बात करते हुए, पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने वॉशिंगटन सुंदर और नितीश कुमार रेड्डी की साझेदारी के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा, “वह आधा मौक़ा तब आया जब वॉशिंगटन सुंदर ने लेग साइड पर शॉट खेला क्योंकि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हो रही थी, बल्ले से एक निशान आया और स्मिथ स्लिप में तैयार खड़े थे। इसके अलावा जब आप इसे देखेंगे, तो यह बिल्कुल भी मौक़ा नहीं था। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि भारतीय टीम में नंबर 8 और 9 के बल्लेबाज ने 300 से ज़्यादा गेंदें खेली हों, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। यह शानदार साझेदारी ही कारण है कि भारत इस टेस्ट में अभी भी ज़िंदा है, क्योंकि अगर ये दोनों 300 गेंदें नहीं खेलते तो ऑस्ट्रेलिया हावी हो जाता।
पठान ने कहा, ” हम इस बारे में बात कर रहे होते कि ऑस्ट्रेलिया चौथे दिन ही खेल खत्म करने के लिए कैसे उत्सुक होगा, लेकिन इन खिलाड़ियों ने स्थिति बदल दी। एक ने आक्रामकता और संयम के साथ खेला तो दूसरे ने धैर्य के साथ खेला। इन दोनों की जोड़ी काबिले तारीफ़ थी और इन दोनों के बीच विकेट के बीच दौड़ना कमाल का था। जैसे ही वे गेंद को हल्के हाथ से खेलते, वे दौड़ पड़ते और फिर लगातार बाउंड्री लगने लगती, वे लगातार स्ट्राइक रोटेट करते रहते।”
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी नितीश कुमार रेड्डी की शानदार पारी के बारे में बात करते हुए कहा, “दोनों (वाशिंगटन सुंदर और नितीश कुमार रेड्डी) टी20 क्रिकेट खेलते हैं। दरअसल, नितीश को उनकी फ्रेंचाइजी ने आईपीएल में रिटेन किया था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के लिए उनकी भूख अभी भी ज़िंदा है। आज ब्रेक के बाद उन्होंने 16 ओवर में 22 रन बनाए और उन्हें पता था कि वह अपना विकेट नहीं गंवा सकते। जिस तरह से वह गेंद को छोड़ रहे थे, जब मैं आधुनिक क्रिकेटरों में ये चीजें देखता हूं तो मुझे लगता है कि भारतीय क्रिकेट सुरक्षित हाथों में है।
”टेस्ट क्रिकेट हमेशा पुराने जमाने का फॉर्मेट लगता है और हमारे नए जमाने के लड़के टेस्ट मैच की सफलता के लिए तरस रहे हैं। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, वाशिंगटन सुंदर और अब नीतीश कुमार रेड्डी, जिस तरह से उन्होंने ऑफ के बाहर पिचिंग करने वाली गेंदों को छोड़ा है। नीतीश कुमार रेड्डी का प्रथम श्रेणी औसत 22 है लेकिन आज उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में जो गहराई दिखाई है, मुझे नहीं लगता कि मैंने उनसे ज्यादा अनुभवी खिलाड़ी कोई देखा है।”
अपराध
दिल्ली: चार वर्षीय बच्ची को अपहरणकर्ता से छुड़ाया, महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के चांदनी महल थाना पुलिस ने चार साल की बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया। 40 वर्षीय आरोपी बरखा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय यूपी पुलिस के सहयोग से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
घटना 18 जून 2025 को सामने आई, जब एक दंपति ने चांदनी महल थाने में अपनी चार वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि शाम करीब 5 बजे, उनकी पत्नी व्यस्त थी, तभी उनकी बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला और उन्हें संदेह हुआ कि किसी ने गलत इरादे से अपहरण किया है। इस आधार पर पुलिस ने एफआईआर (संख्या 212/25, धारा 137(2) बीएनएस) दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद, एसएचओ/चांदनी महल, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इसमें एसआई सतीश, एसआई समेंद्र, एसआई गोविंद, एसआई अवधेश नारायण, एचसी सतेश, कांस्टेबल विक्रम, घनश्याम, गौरव, नरेंद्र और महिला कांस्टेबल दिव्यांशी और सिमरन शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी (दरियागंज, मध्य जिला) ने की।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें बच्ची को दिल्ली गेट के पास संचार भवन की ओर अकेले जाते देखा गया।
गुप्त सूत्रों से पता चला कि एक महिला भिखारी बच्ची को बाराबंकी के बेहटा गांव ले गई है। इस जानकारी को स्थानीय यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और एक टीम तुरंत बाराबंकी रवाना हुई। वहां पहुंचने पर पता चला कि संदिग्ध बरखा बच्ची को लेकर दिल्ली लौट आई थी, क्योंकि उसे पुलिस की तलाश का पता चल गया था।
21 जून को सुबह चांदनी महल थाना पुलिस ने नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की। उसी दिन बरखा को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्ची के साथ उतरते देखा गया। वह छिपने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। पूछताछ में बरखा ने कबूल किया कि उसने बच्ची का अपहरण भीख मंगवाने और तस्करी के इरादे से किया था।
अंतरराष्ट्रीय
जनवरी-मई : चीन ने 358.19 अरब युआन का विदेशी निवेश आकर्षित किया

बीजिंग, 21 जून। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, साल 2025 की जनवरी से मई तक, चीन में 24,018 नए विदेशी-निवेशित उद्यम स्थापित किए गए, जिसमें पिछले साल की समान अवधि से 10.4% की वृद्धि हुई। उपयोग की गई विदेशी पूंजी की वास्तविक राशि 358.19 अरब युआन थी, जो पिछले साल जनवरी से मई तक की तुलना में 13.2% की कमी थी।
उद्योग के दृष्टिकोण से, विनिर्माण उद्योग में विदेशी पूंजी का वास्तविक उपयोग 91.52 अरब युआन था और सेवा उद्योग में विदेशी पूंजी का वास्तविक उपयोग 259.64 अरब युआन था।
वहीं, उच्च तकनीक उद्योगों में विदेशी पूंजी का वास्तविक उपयोग 109.04 अरब युआन था, जिनमें से ई-कॉमर्स सेवाओं, एयरोस्पेस और उपकरण विनिर्माण, रासायनिक दवा विनिर्माण, चिकित्सा उपकरणों और उपकरण विनिर्माण में विदेशी पूंजी का वास्तविक उपयोग क्रमशः 146%, 74.9%, 59.2% और 20% बढ़ा।
स्रोत के परिप्रेक्ष्य से, इसी अवधि में आसियान क्षेत्र से चीन में वास्तविक निवेश में 20.5% की वृद्धि हुई, जबकि जापान, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और जर्मनी से वास्तविक निवेश में क्रमशः 70.2%, 60.9%, 10.3% और 7.1% की वृद्धि हुई (मुक्त बंदरगाहों के माध्यम से निवेश डेटा सहित)।
अंतरराष्ट्रीय
एक ‘काली रात’ जो कहर बनकर टूटी, कई अफगानी नींद से फिर कभी नहीं उठे

नई दिल्ली, 21 जून। दिन 22 जून, साल 2022! जिसे अफगानिस्तान सबसे भयावह दिन के तौर पर याद करता है। यह वही दिन है, जब भूकंप के एक जोरदार झटके से अफगानिस्तान में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।
वक्त देर रात करीब 1 बजकर 24 मिनट का था… लोग उस वक्त गहरी नींद में थे। तभी एक जोरदार झटके से उनकी आंख खुली। यह 6.1 की तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप को न सिर्फ अफगानिस्तान में, बल्कि पाकिस्तान और भारत सहित 310 मील के क्षेत्र में मौजूद लोगों ने महसूस किया।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार इस भूकंप का केंद्र खोस्त से लगभग 28.5 मील दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा के पास था।
रात का काला अंधेरा जब खत्म हुआ, तो सुबह की हल्की रोशनी में दर्दनाक मंजर नजर आ रहा था। कई घर मलबे में तब्दील हो चुके थे। इन मलबों के नीचे कई लाशें दफ्न थीं। हालांकि, कुछ लोग अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे।
इस भूकंप में 1000 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। यह 1998 के बाद से अफगानिस्तान में सबसे भयानक भूकंप था। पहले से ही आतंक और चरमपंथियों की मार से जूझ रहे अफगानिस्तान को इस जोरदार भूकंप ने झकझोर कर रख दिया।
यह आपदा तालिबान सरकार के लिए एक मुश्किल परीक्षा थी। बचाव दल राहत कार्य के लिए एकजुट था, लेकिन पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां यह देश छोड़ चुकी थीं।
बदहाली इस कदर थी कि लोगों को कंबल में लपेटकर हेलीकॉप्टर तक ले जाया जा रहा था। कुछ लोगों का इलाज वहीं धूल और मलबे के बीच जमीन पर किया जा रहा था।
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी रॉबर्ट सैंडर्स का मानना है कि यूं तो दुनिया के दूसरे स्थानों पर इतनी तीव्रता का भूकंप इस कदर तबाही नहीं मचाता, लेकिन इमारतों की क्वालिटी और जनसंख्या घनत्व ही अफगानिस्तान में इस तरह की तबाही का कारण बना।
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