अंतरराष्ट्रीय समाचार
ईरान-इज़रायल युद्ध: हाइपरसोनिक ‘फ़त्ताह 2’ और अन्य मिसाइलों के बारे में जानने योग्य सब कुछ

ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल पर अपना सबसे बड़ा हमला किया, जिसमें उसने देश की ओर 180 बैलिस्टिक मिसाइलें भेजीं, जिनमें से अधिकांश को इजरायल, संयुक्त राज्य अमेरिका और जॉर्डन की एंटी-मिसाइल प्रणालियों द्वारा रोक दिया गया। अप्रैल में हुए हमले से भी ज़्यादा भयानक इस हालिया हमले ने पहले से ही अस्थिर मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। ईरान के पास अलग-अलग रेंज की बड़ी संख्या में बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें हैं, जिनमें से 3,000 से ज़्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें अमेरिकी वायु सेना के जनरल केनेथ मैकेंजी ने बताई हैं।
इजराइल के हमले में इस्तेमाल की गई मध्यम दूरी की मिसाइल शहाब-3 को 2003 में इस्तेमाल किया गया था और इसमें एक टन से अधिक वजन का वारहेड ले जाने की क्षमता है। ईरान ने फत्ताह-1 नामक एक नई मिसाइल का अनावरण किया है, जिसे ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति से यात्रा करने वाली “हाइपरसोनिक” मिसाइल कहा जाता है। अधिकांश मिसाइलों को इजराइल और क्षेत्र में अन्य बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रक्षात्मक प्रणालियों द्वारा सफलतापूर्वक रोक दिया गया था। यह घटना ईरान के शक्तिशाली मिसाइल शस्त्रागार और बढ़ते संघर्ष के बीच मध्य पूर्व में जारी तनाव को दर्शाती है।
इजराइल के हमलों में मध्यम दूरी की मिसाइल शहाब-3 का 2003 में इस्तेमाल किया गया था और इसमें एक टन से ज्यादा वजन का वारहेड ले जाने की क्षमता है। ईरान ने फत्ताह-1 नाम की एक नई मिसाइल का खुलासा किया है, जिसमें साउंड की गति से पांच गुना अधिक गति से यात्रा करने वाली “हाइपर सोनिक” मिसाइल बताई गई है। अधिकांश मिसाइलों को इजराइल और क्षेत्र में अन्य सेनाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रक्षात्मक मिसाइलों द्वारा जब्त कर लिया गया था। यह घटना ईरान के शक्तिशाली मिसाइल शस्त्रागार और बढ़ते संघर्ष के बीच मध्य पूर्व में तनाव को खत्म करने वाली है।
फत्ताह-1 मिसाइल, जो एक युद्धक वाहन पर वारहेड से सुसज्जित है, उतरते समय मिसाइल सुरक्षा से बचने में सक्षम हो सकती है। हालाँकि ईरान की पुरानी मिसाइलों से यह उन्नत है, विश्लेषकों को संदेह है कि देश 1 अक्टूबर को पहली बार इसे तैनात करने का जोखिम उठाएगा। इज़राइल विभिन्न खतरों से बचाव के लिए विभिन्न रक्षा प्रणालियों का उपयोग करता है, जैसे रॉकेट और तोपखाने के लिए आयरन डोम और छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों के लिए डेविड स्लिंग।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सहायता से निर्मित डेविड स्लिंग, 186 मील दूर तक के लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए गतिज हिट-टू-किल इंटरसेप्टर का उपयोग करता है। आईएमडीओ ने पुष्टि की है कि आयरन डोम ने 1 अक्टूबर की रात को ईरान द्वारा लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइलों को नहीं रोका।
इज़राइल के पास एरो 2 और एरो 3 जैसी अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणालियाँ हैं, जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ साझेदारी में बनाया गया था। एरो 2 ऊपरी वायुमंडल में आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए विखंडन वारहेड का उपयोग करता है, जो 56 मील की दूरी तय करता है और 32 मील की अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचता है। 1 अक्टूबर, 2024 को, इज़राइल ने ईरान से 180 बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक दिया।
एरो 3 मिसाइलों को उनके इच्छित गंतव्य तक पहुँचने से पहले रोकने के लिए बाहरी अंतरिक्ष में हिट-टू-किल तकनीक का उपयोग करता है। हमले के दौरान, अमेरिकी सेना ने नौसेना के विध्वंसक जहाजों से 12 एंटी-मिसाइल हथियार तैनात किए जो एजिस रक्षा प्रणाली से लैस थे। जॉर्डन की सेना ने ईरानी मिसाइलों को भी रोका। पहले के हमले के दौरान, इजरायल और अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने धीमी गति से चलने वाले ईरानी ड्रोन को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया, लेकिन बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकना अधिक कठिन काम है। ईरान से होने वाले मिसाइल हमलों से बचाव के लिए इजरायल, अमेरिका और जॉर्डन जैसे भागीदारों के बीच सहयोग आवश्यक है।
ईरान मिसाइल के नाम और विशेषताएं
फत्ताह हाइपरसोनिक मिसाइल
फत्ताह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का अनावरण पिछले जून में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, आईआरजीसी नेता मेजर जनरल होसैन सलामी और आईआरजीसी एयरोस्पेस कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह की मौजूदगी में एक समारोह में किया गया था।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई द्वारा फत्ताह (जिसका अर्थ है “खोलने वाला”) कहा जाने वाला यह एक ठोस ईंधन से चलने वाला सटीक-निर्देशित दो-चरण वाला रॉकेट है।
फत्ताह-1 को मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल माना जाता है, जिसकी रेंज 1,400 किलोमीटर है और टर्मिनल स्पीड मैक 13 से 15 (16,000 से 18,500 किलोमीटर प्रति घंटा) है, जो हाइपरसोनिक के लिए न्यूनतम गति (मैक 5) से तीन गुना तेज है।
ग़दर मिसाइलें
2005 में लॉन्च किया गया ग़दर मिसाइल परिवार, शाहब-3 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का अधिक उन्नत संस्करण है, जिसका उपयोग ईरानी सेना द्वारा 2003 से किया जा रहा है।
एक दो-चरणीय रॉकेट जिसमें एक तरल-ईंधन वाला प्रारंभिक चरण और एक ठोस-ईंधन वाला अंतिम चरण होता है, जो तीन रूपों में उपलब्ध है: ग़दर-एस 1,350 किमी की दूरी तय करता है, ग़दर-एच 1,650 किमी तक पहुँचता है, और ग़दर-एफ 1,950 किमी तक फैलता है। ग़दर मिसाइल लगभग 15.86 से 16.58 मीटर लंबी है, इसका व्यास 1.25 मीटर है, और इसका कुल वजन 15 से 17.5 टन के बीच है।
ग़दर मिसाइल में एक उन्नत वारहेड डिज़ाइन है जो “बेबी-बॉटल” की याद दिलाता है, जो वायुगतिकी और सटीकता को बढ़ाता है। अद्यतन वारहेड, अधिक परिष्कृत मार्गदर्शन प्रणाली के साथ, वृत्तीय त्रुटि संभावना (सीईपी) को 2,500 से घटाकर 100-300 मीटर कर देता है।
इमाद मिसाइलें
गदर पर आधारित इमाद मिसाइल, लेकिन बेहतर मार्गदर्शन और सटीकता के साथ, 2015 के अंत में परीक्षण और तैनाती की गई थी। इसमें हाल ही में बनाया गया फुर्तीला मिसाइल हेड शामिल है, जिसके निचले हिस्से में पंख हैं, जो इसे वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने के बाद लक्ष्य की ओर नेविगेट करने की अनुमति देता है।
ईरानी सैन्य अधिकारियों के बयानों के आधार पर, मिसाइल में अपने लक्ष्य तक पहुँचने तक खुद को निर्देशित और नियंत्रित करने की क्षमता है, जो ईरान की पहली सटीक-निर्देशित मिसाइल है। इमाद मिसाइल तरल ईंधन पर चलती है, 15.5 मीटर लंबी है, इसका वजन 1,750 किलोग्राम है, यह 1,700 किमी की दूरी तक पहुँच सकती है, और इसकी परिपत्र त्रुटि संभावित 50 मीटर है।
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता बताने मास्को पहुंची कनिमोझी, क्योटो में संजय झा ने खोली पाकिस्तान की पोल

नई दिल्ली, 23 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान में जड़ जमा चुके आतंकवाद की सच्चाई से दुनिया के दूसरे देशों को अवगत कराने के लिए निकला कनिमोझी का प्रतिनिधिमंडल मास्को पहुंच चुका है। वहीं, क्योटो पहुंचे संजय झा ने भारत की सोच से जापानी राजनयिकों को अवगत कराया।
कनिमोझी के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल 23 मई की सुबह मास्को पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद राजीव राय, भाजपा सांसद कैप्टन ब्रिजेश, प्रेमचंद गुप्ता, आप के राज्यसभा सांसद डॉ. राजीव मित्तल, नेशनल कांफ्रेंस के मिया अल्ताफ अहमद, नेपाल, यूरोपीय संघ, बेल्जियम, लक्जमबर्ग में भारत के राजदूत रहे मंजीव पूरी और पूर्व विदेश सेवा अधिकारी और रूस में भारत के राजदूत रहे विनय कुमार शामिल हैं। रूस स्थित भारतीय दूतावास ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से प्रतिनिधिमंडल के मास्को पहुंचने की तस्वीरें शेयर की हैं।
22 मई को जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर जापान के क्योटो पहुंचा। दौरे के दूसरे दिन भारत का पक्ष रखते हुए संजय झा ने कहा, “हम दुनिया को यह बताने के लिए आए हैं कि आज भारत आतंकवाद से जूझ रहा है, कल आपका नंबर हो सकता है इसलिए तटस्थ मत रहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी के लिए है। पाकिस्तान आतंकवादियों को फंड देता है, उन्हें प्रशिक्षित करता है और फिर भारत में भेजता है इसलिए आतंक के खिलाफ लड़ाई सबको लड़नी होगी।”
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजदूत मोहन कुमार, भाजपा सांसद डॉ. हेमांग जोशी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, भाजपा सांसद बृज लाल और भाजपा सांसद प्रदान बरुआ और कांग्रेस के सलमान खुर्शीद शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने गोलीबारी करते हुए 26 लोगों की हत्या कर दी थी। 7 मई को भारतीय सेना ने इस हमले का बदला लेते हुए जवाबी कार्रवाई की थी और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। हालांकि पाकिस्तान की जनता और सैन्य क्षमता को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन पाकिस्तानी सेना ने सीमावर्ती क्षेत्र में ड्रोन से हमले शुरू कर दिए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सभी ड्रोन विफल कर दिए। भारत ने अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
पाकिस्तान इस नुकसान और अपने यहां आतंकवाद के अस्तित्व को स्वीकार करने से इनकार कर रहा है और भारत से संबंधित गलत और भ्रामक खबरें दुनियाभर में फैला रहा है। भारत का हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हुआ था। इसकी सफलता से दुनिया को अवगत कराने के लिए और पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है और ग्रुप में अलग-अलग देशों में भेज रही है। कनिमोझी और संजय झा का प्रतिनिधिमंडल इसी के तहत मास्को और क्योटो में हैं।
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‘नफरत और कट्टरता की अमेरिका में कोई जगह नहीं’, इजरायली कर्मियों की हत्या पर बोले डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन, 22 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात (अमेरिकी समयानुसार) वाशिंगटन में कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे यहूदी विरोधी कृत्य बताया है।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, पीड़ित इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी हैं, जिनको अज्ञात हमलावर ने म्यूजियम से बाहर निकलते समय गोली मार दी।
अधिकारियों ने हत्या की पुष्टि की और इसे यहूदी-विरोधी भावना से प्रेरित अपराध मानकर एक बहु-एजेंसी जांच शुरू की।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “डीसी में ये भयानक हत्याएं, जो स्पष्ट रूप से यहूदी-विरोधी हैं, इन्हें अब खत्म होना चाहिए। नफरत और कट्टरता का अमेरिका में कोई स्थान नहीं है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। बहुत दुख की बात है कि ऐसी चीजें भी हो सकती हैं, भगवान आप सभी का भला करे।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी हत्याओं की निंदा की और कहा, “यह कायराना, यहूदी-विरोधी हिंसा का एक निंदनीय कृत्य था। कोई गलती न करें, हम जिम्मेदार लोगों का पता लगाएंगे और उन्हें न्याय के कटघरे में लाएंगे।”
इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने भी घटना पर गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने इसे “आतंक का भयानक कृत्य” बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी शूटिंग के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंची थीं।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने इस घातक हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवाद का जघन्य कृत्य” करार दिया और कहा कि यहूदी समुदाय को नुकसान पहुंचाना खतरे के लाल निशान को पार करना है। उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया और इजरायल की अपने नागरिकों व प्रतिनिधियों की वैश्विक स्तर पर रक्षा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट करते रहेंगे।”
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अगर भारत पीछे हटेगा तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

इस्लामाबाद, 7 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि अगर भारत अपने आक्रामक रुख से पीछे हटता है, तभी यह तनाव खत्म हो सकता है।
यह बयान तब आया जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ जगहों पर हवाई हमले किए। भारत का कहना है कि ये हमले आतंकवादी ठिकानों पर किए गए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास जवाबी कार्रवाई का दावा किया है।
ब्लूमबर्ग से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमला शुरू नहीं किया, बल्कि केवल भारत के हमले का जवाब दिया है।
उन्होंने कहा, “यह सब भारत ने शुरू किया है। अगर भारत पीछे हटेगा तो हम भी तनाव खत्म कर देंगे। लेकिन जब तक हम पर हमला होता रहेगा, हमें अपनी रक्षा करनी होगी।”
पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) के प्रमुख जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि इन हवाई हमलों में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई और 46 घायल हुए हैं। ये हमले पीओके और पंजाब प्रांत के उन इलाकों में हुए जहां भारत के अनुसार आतंकियों के ठिकाने थे।
इस स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रहने को कहा गया है, देश की हवाई सीमाएं 24 से 36 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं, इस्लामाबाद और पंजाब के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है।
इन हमलों और जवाबी कार्रवाई से आम लोग डरे हुए हैं। उन्हें चिंता है कि कहीं यह हालात दो देशों के बीच बड़े युद्ध का रूप न ले लें।
भारत ने पाकिस्तान के अंदर छह अलग-अलग जगहों पर हमले किए। जिनमें मस्जिद सुभानअल्लाह भी शामिल है – जो पाकिस्तान के दक्षिण पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर के अहमदपुर शरकिया इलाके में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का ठिकाना बताया गया है।
इसके अलावा मुरिदके में भी हमले हुए, जिसे लश्कर-ए-तैयबा और जमात उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद का मुख्यालय माना जाता है। अन्य हमले मुजफ्फराबाद, कोटली और बाग शहरों में भी किए गए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने स्थिति पर चर्चा के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। इसमें सुरक्षा स्थिति और भारत को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
यह बैठक यह भी तय करेगी कि अमेरिका समेत बाकी देशों द्वारा दिए गए शांति और संयम के संदेशों पर पाकिस्तान क्या रुख अपनाएगा, ताकि दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़ता तनाव रोका जा सके।
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