अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल टर्निग पॉइंट : हैदराबाद की हार का सिलसिला जारी, बेंगलुरु ने पछाड़ा

करीब डेढ़ हफ्ते पहले सनराइजर्स हैदराबाद ऊंची उड़ान भर रही था। अपने आईपीएल 2022 अभियान में लगातार पांच जीत के साथ, ऐसा लग रहा था कि प्लेऑफ की दौड़ में केन विलियम्सन की अगुवाई वाली टीम के लिए सब कुछ आसान होता जा रहा है।
रविवार को, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु ने उन्हें पछाड़ दिया, जिससे हैदराबाद को वानखेड़े स्टेडियम में 67 रन से हार का सामना करना पड़ा। यह एक ऐसा मैच था जिसमें विलियम्सन टॉस हार गए और अंत में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
मैच के बाद विलियम्सन ने कहा, “हमें थोड़ा और रचनात्मक होना होगा और गति को बदलने के तरीकों के साथ आना होगा। हम बाहर थे, आरसीबी वास्तव में एक मजबूत पक्ष है, वास्तव में सभी टीमें मजबूत हैं। हमें सुधार करने की जरूरत है, लेकिन अधिक सोचने की जरूरत नहीं है। मार्जिन हमेशा ठीक होता है, लेकिन हमें सुधार के संकेत दिखाने की जरूरत है।”
जब विराट कोहली मैच की पहली ही गेंद पर गोल्डन डक पर आउट हुए तो उम्मीद की एक हल्की सी किरण दिखाई दी। लेकिन वहां से फाफ डु प्लेसिस और दिनेश कार्तिक ने रजत पाटीदार और ग्लेन मैक्सवेल के साथ मिलकर हैदराबाद के गेंदबाजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
चोटों के कारण टी नटराजन और वाशिंगटन सुंदर नहीं खेल सके थे। कार्तिक त्यागी और उमरान मलिक ने अपने शुरुआती ओवर में क्रमश: 17 और 20 रन दिए।
हैदराबाद ने अपने पिछले तीन मैचों में 199, 202 और 207 रन बनाए। रविवार को भी यह सिलसिला जारी रहा। रविवार को बेंगलुरू ने हैदराबाद के खिलाफ 192 रन बनाए। पिछली बार दोनों टीमें जब आमने-सामने थी तो हैदराबाद ने बेंगलुरू को 68 रन पर आउट कर दिया था।
मैदान में, हैदराबाद ने महत्वपूर्ण समय पर कैच छोड़े और कई बार वह बाउंड्री तक गए।
एक चुनौतीपूर्ण स्कोर की दबाव कके साथ शुरुआत हुई, जब विलियमसन चेज की शुरूआती गेंद पर रन आउट हो गए । राहुल त्रिपाठी ने 37 गेंदों में 58 रनों की अकेली लड़ाई लड़ी।
अंतरराष्ट्रीय
ग्रेटा थनबर्ग और ‘सेल्फी यॉट’ पर मौजूद सभी एक्टिविस्ट को किया जा रहा डिपोर्ट: इजरायल

तेल अवीव, 10 जून। राहत सामग्री के साथ गाजा जाने वाली एक नौका पर सवार जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित 12 यात्रियों को डिपोर्ट करने के लिए बेन गुरियन हवाई अड्डे पर लाया गया है। इस नौका को इजरायली बंदरगाह अशदोद में जब्त कर लिया गया था।
निर्वासन प्रक्रिया इजरायली बलों के समुद्र में इस जहाज को रोके जाने के बाद की गई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “‘सेल्फी यॉट’ के यात्री इजरायल से प्रस्थान करने और अपने देश लौटने के लिए बेन गुरियन हवाई अड्डे पर पहुंचे। वहीं, जो लोग निर्वासन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और इजरायल छोड़ने से इनकार करेंगे, उन्हें न्यायिक प्राधिकारी के समक्ष लाया जाएगा।”
एक्टिविस्ट्स का यह समूह, फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन (एफएफसी) द्वारा आयोजित एक मिशन का हिस्सा है, जो चावल और शिशु आहार सहित गाजा को महत्वपूर्ण सहायता पहुंचाने के लिए यात्रा पर निकला था।
मैडलीन नामक नाव को कथित तौर पर गाजा के तट से लगभग 185 किलोमीटर पश्चिम में रोका गया था।
समूह द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में इजरायली सेना को जहाज पर चढ़ते हुए दिखाया गया है, जबकि कार्यकर्ता अपने हाथ ऊपर उठाए खड़े हैं, उनमें से एक ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान कोई भी घायल नहीं हुआ।
जब्ती के बाद, इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि कार्यकर्ताओं को सोमवार शाम को चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया और उन्हें हमास के हमले से जुड़ी (7 अक्टूबर के नरसंहार पर बनी डॉक्युमेंट्री) दिखाई गई।
गैलेंट ने दावा किया कि “जब उन्होंने देखा कि यह किस बारे में है, तो उन्होंने इसे देखना जारी रखने से इनकार कर दिया,” उन्होंने थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं पर हमास के अत्याचारों को अनदेखा करने और “सच्चाई से अपनी आंखें बंद करने” का आरोप लगाया।
एफएफसी ने ऑपरेशन की कड़ी निंदा की। उन्होंने इजरायली सेना पर “हमला” करने और जहाज पर “अवैध रूप से चढ़ने” का आरोप लगाया।
गठबंधन ने कहा कि सहायता मिशन पूरी तरह से मानवीय था, जिसका उद्देश्य गाजा को राहत पहुंचाना था। जहाज पर सवार लोगों में ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और तुर्की के नागरिक शामिल थे।
ग्रेटा के अलावा, समूह में यूरोपीय संसद की फ़्रांसीसी सदस्य रीमा हसन और अल जजीरा के फ्रांसीसी पत्रकार उमर फयाद जैसे लोग शामिल थे।
फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने दृढ़ता से आवाज उठाते हुए हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने का इजरायल से आग्रह किया।
मैक्रों ने विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए फ़्रांस की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि देश “सतर्क” है और “जब भी वे खतरे में होते हैं, तो अपने सभी नागरिकों के साथ खड़ा रहता है।”
फ़्रांसीसी सरकार ने इजरायल से कार्यकर्ताओं की “सुरक्षा” सुनिश्चित करने की भी मांग की, मैक्रों ने गाजा पर मानवीय नाकेबंदी को “एक घोटाला” और “अपमान” करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय
लॉस एंजिल्स प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए करीब 700 अमेरिकी मरीन होंगे तैनात

लॉस एंजिल्स, 10 जून। अमेरिका के लॉस एंजिल्स में चार दिनों से हिंसक प्रदर्शन जारी है, जिससे निपटने के लिए अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े शहर में करीब 700 अमेरिकी मरीन तैनात किए गए हैं।
यूएस मरीन कॉर्प्स के एयर ग्राउंड कॉम्बैट सेंटर में स्थित सेकेंड बटालियन, सेवंथ मरीन (2/7) एक लाइट इन्फैंट्री बटालियन है। इसे कैलिफोर्निया के ट्वेंटीनाइन पाम्स में उन नेशनल गार्ड सैनिकों के साथ शामिल किया जाएगा, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कैलिफोर्निया के गवर्नर या लॉस एंजिल्स के मेयर की सहमति के बिना सप्ताह के अंत में वहां तैनात किया था।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल गार्ड सैनिकों की तरह, मरीन्स को भी कानून प्रवर्तन गतिविधियों जैसे गिरफ्तारी करने से रोका गया है, जब तक कि ट्रंप विद्रोह अधिनियम को लागू नहीं करते। यह अधिनियम राष्ट्रपति को विद्रोह या संघीय शक्ति के खिलाफ बगावत खत्म करने के लिए सैन्य उपयोग करने की अनुमति देता है।
ट्वेंटीनाइन पाम्स लॉस एंजिल्स शहर के पूर्व में लगभग 220 किलोमीटर दूर है।
‘एनबीसी न्यूज’ ने दो अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया कि लॉस एंजिल्स में तैनात मरीन को फेडरल प्रॉपर्टी और कर्मियों की रक्षा का काम सौंपा जाएगा। वहीं, ‘एबीसी न्यूज’ ने बताया कि उनके अगले 24 घंटों में पहुंचने की उम्मीद है।
ट्रंप ने शनिवार को लॉस एंजिल्स रीजन में इमिग्रेशन प्रोटेस्ट को कुचलने के लिए दो हजार नेशनल गार्ड सैनिकों को बुलाकर कार्रवाई की। उन्होंने फेडरल पावर का उपयोग किया और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम के अधिकार को दरकिनार कर दिया।
करीब 300 नेशनल गार्ड सैनिक रविवार की सुबह लॉस एंजिल्स शहर पहुंचे। रविवार को कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन रेड्स के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों ने शहर में नेशनल गार्ड के जवानों के साथ झड़प की। वीकेंड में कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन रेड्स मारी गई थीं।
डोनाल्ड ट्रंप लॉस एंजिल्स में फैली हिंसा और तोड़फोड़ के बाद वहां तैनात किए गए नेशनल गार्ड के जवानों की तारीफ कर चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय
चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग ने ब्रिटिश वित्त मंत्री से भेंट की

बीजिंग, 9 जून। स्थानीय समयानुसार 8 जून को लंदन में चीनी उपप्रधान मंत्री ह लीफंग ने ब्रिटिश वित्त मंत्री रेचल रीव्स से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने चीन-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय सहयोग और समान चिंता वाले मुद्दों पर रायों का गहन आदान-प्रदान किया।
ह लीफंग ने कहा कि चीन और ब्रिटेन को समान कोशिश कर दोनों देशों के नेताओं के बीच संपन्न अहम समानताएं लागू कर चीन-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की उपलब्धियों के कार्यांवयन को बढ़ाना, पारस्परिक लाभ और समान जीत बढ़ाना और चीन-ब्रिटेन संबंधों के स्वस्थ तथा स्थिर विकास को बनाए रखना चाहिए।
रीव्स ने कहा कि ब्रिटेन चीन के साथ सहयोग को बड़ा महत्व देता है और चीन के साथ संपर्क मजबूत कर इस वार्ता की उपलब्धियों को अमल में लाने को तैयार है ताकि ब्रिटेन-चीन आर्थिक सहयोग को नई ऊर्जा मिले।
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