अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल: आरसीबी ने सीएसके को 13 रन से हराया, ‘मैन ऑफ द मैच’ बने पटेल

हर्षल पटेल (3/35) और ग्लेन मैक्सवेल (2/22) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत यहां महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में बुधवार को खेले गए आईपीएल 2022 के मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को 13 रनों से हरा दिया। बैंगलोर ने 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 173 रन बनाए थे। वहीं, शानदार गेंदबाजी करने पर हर्षल पटेल को ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार मिला। लक्ष्य का पीछा करने उतरी सीएसके टीम की शुरुआत शानदार रही। टीम के सलामी जोड़ी ऋतुराज गायकवाड़ और डेवोन कॉनवे ने पारी की शुरुआत की। बल्लेबाजों ने आते ही छक्के और चौकों की बरसात कर दी। पहले पॉवरप्ले के दौरान बल्लेबाजों ने टीम में 51 रन जोड़े।
हालांकि, पॉवरप्ले के बाद गेंदबाज शाहबाज अहमद ने अपने दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर गायकवाड़ को कैच आउट कराया। उन्होंने 23 गेंदों पर 28 रन की पारी खेली। उनके बाद रॉबिन उथप्पा क्रीज पर आए और कॉनवे के साथ पारी संभाली।
आरसीबी के ऑलराउंडर खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवल ने सीएसके को दूसरा झटका दिया। उन्होंने पहले ओवर की दूसरी गेंद पर प्रभुदेसाई के हाथों उथप्पा (1) को कैच करा वापस पवेलियन भेज दिया। उनके बाद अंबाती रायडू क्रीज पर आए।
वहीं, ग्लेन मैक्सवेल ने एक और चमत्कारी गेंद फेंककर आरसीबी को तीसरी सफलता दिलाई। उन्होंने रायूडू को क्लीड बोल्ड कर सीएसके को तीसरा झटका दिया। दस ओवर के बाद चेन्नई का स्कोर तीन विकेट पर 77 रन था। उनके आउट होने के बाद मोईन अली क्रीज पर आए और इस दौरान कॉनवे 37 रन बनाकर क्रीज पर बने हुए थे।
एक तरफ विकेट की झड़ी लगी हुई थी, तो दूसरी तरफ डेवोन कॉनवे ने 33 गेंदों पर लगातार अपना दूसरा अर्धशतक जड़ा। कॉनवे ने अपना शानदार फार्म बरकरार रखते हुए मोईन अली के साथ 13वें ओवर पर टीम में 102 रन जोड़ने में मदद की।
वहीं, सीएसके को चौथा झटका हसरंगा ने दिया, जब उन्होंने कॉनवे को शाहबाज अहमद के हाथों कैच कराया। कॉन्वे ने आउट होने से पहले 37 गेंदों में 56 रन बनाए। उनके बाद जडेजा क्रीज पर आए।
जडेजा भी लंबी पारी खेलने में विफल रहे, वह सिर्फ पांच गेंदों में तीन रन बनाकर आउट हुए। उन्हें हर्षल पटेल ने अपने दूसरे ओवर की आखिरी गेंद पर शिकार बनाया और कोहली के हाथों कैच कराया।
मैच अब रोमांचक मोड़ पर था क्योंकि टीम को 24 गेंदों में 52 रन की जरूरत थी और कप्तान धोनी और मोईन अली (34) क्रीज पर थे। लेकिन, पटेल ने सीएसके को एक और झटका देते हुए अली को सिराज के हाथों कैच करा वापस पवेलियन भेज दिया। उनके बाद प्रिटोरियस क्रीज पर आए।
वहीं, अगले ओवर में विकेट के लिए संघर्ष कर रहे गेंदबाज जोश हेजलवुड ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए महेंद्र सिंह धोनी को वापस पवेलियन भेज दिया। उन्होंने रजत पाटीदार के हाथों धोनी को कैच कराया। उनके बाद सिमरजीत सिंह क्रीज पर आए और मैच ने बाजी को पलटते हुए अपना रुख आरसीबी की तरफ मोड़ लिया।
अब दोनों बल्लेबाज क्रीज पर नए थे और आखिरी छह गेंदों में टीम को 31 रन की जरूरत थी। प्रिटोरियस पहली गेंद पर एक छक्का जड़कर दूसरी गेंद पर वापस पवेलियन चले गए। वे हर्षल पटेल के ओवर में कोहली को कैच थमा बैठे। अब टीम को चार गेंदों पर 25 रन की जरूरत थी। दोनों नए बल्लेबाज सिंह और थिकसाना क्रीज पर मौजूद थे। बल्लेबाजों ने आखिरी चार गेंदों पर 11 रन बटोरे लेकिन सीएसके ने मैच को 13 रन से गंवा दिया था। टीम ने 20 ओवर में आठ विकेट खोकर 160 रन बनाए। सीएसके दसवें मैच में मिली हार के साथ अंक तालिका में नौवें स्थान पर काबिज है।
वहीं, आरसीबी 11वें मैच में छठी जीत के साथ अंक तालिका में चौथे स्थान पर बनी हुई है।
अंतरराष्ट्रीय
नेतन्याहू ने दोहराया गाजा पर पूर्ण कब्जे का इरादा, ट्रंप से मतभेद की खबरों को बताया बेबुनियाद

यरूशलम, 22 मई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने के अपने इरादे को दोहराया और युद्ध समाप्ति के लिए किसी भी प्रकार के समझौते की संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि “गाजा में 20 बंधक अब भी जीवित हैं, जबकि 38 अन्य के मारे जाने की आशंका है।”
पश्चिम यरूशलम स्थित अपने कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने अपनी मंशा जाहिर की।
फिलिस्तीनी संगठन हमास ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह युद्ध समाप्ति, गाजा से इजरायली सेना की वापसी और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में इजरायली बंदियों को एकमुश्त रिहा करने के लिए तैयार है।
नेतन्याहू ने इन शर्तों को खारिज कर दिया है। इसके बजाय उन्होंने फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के निरस्त्रीकरण की मांग की है और गाजा पर पूरी तरह से फिर से कब्जा करने पर जोर दिया है।
नेतन्याहू ने दावा किया कि एक बार ये लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद, इजरायल तथाकथित ट्रंप योजना को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगा -जिसे व्यापक रूप से गाजा से फिलिस्तीनियों के पुनर्वास की रूपरेखा के रूप में देखा जाता है।
नेतन्याहू ने ट्रंप की खाड़ी यात्रा के बाद अमेरिकी प्रशासन के साथ मतभेद की अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें इजरायल को शामिल नहीं किया गया था।
ट्रंप की सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा ने कई बड़े व्यापारिक सौदे किए। इसे लेकर मीडिया में कई तरह की बातें उठीं। खासकर वाशिंगटन के सबसे करीबी सहयोगी इजरायल को शामिल न किए जाने को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए।
यह यात्रा ट्रंप के यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी बमबारी अभियान को समाप्त करने के निर्णय के बाद हुई।
नेतन्याहू, जिन्होंने पहले इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी, ने एक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि: ” मैं इजरायल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।'”
इजरायल पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच, ट्रंप ने गाजा में युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने और मानवीय सहायता सामग्री की राह बाधित न करने का आग्रह किया था।
कुछ दिनों पहले एक अलग बातचीत में, नेतन्याहू ने कहा था कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने उनसे कहा था: “हमारे बीच पड़ रही दरार को लेकर उठ रही सभी फर्जी खबरों पर ध्यान न दें’।
अंतरराष्ट्रीय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सच्चाई बताने संजय झा के नेतृत्व में जापान पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

टोक्यो, 22 मई। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सांसद संजय झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंचा है। यह दौरा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार के कदमों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा करने के उद्देश्य से किया गया है। संजय झा ने इस संबंध में जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा की।
इसमें उन्होंने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जापान पहुंच चुका है। हमें यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आम लोगों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम का हम समर्थन करते हैं।
जेडीयू सांसद ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर कहा कि इस ऑपरेशन से आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति साफ जाहिर होती है। जापान और भारत आतंकवाद के खिलाफ एक साथ हैं और हम शांति की पैरोकारी करते हैं।
संजय झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजदूत मोहन कुमार, भाजपा सांसद डॉ. हेमांग जोशी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, भाजपा सांसद बृज लाल और भाजपा सांसद प्रदान बरुआ शामिल हैं।
यह वैश्विक अभियान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करेगा। जापान के बाद, सभी दक्षिण कोरिया (24 मई), सिंगापुर (27 मई), इंडोनेशिया (28 मई) और मलेशिया (31 मई) जाएंगे।
उनके आगमन पर, जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज ने नेताओं का स्वागत किया, जिन्होंने जापानी नेतृत्व और नागरिक समाज के साथ जुड़ाव के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा बताई।
बता दें कि भारत ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब करने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। यह सभी प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में जाएंगे। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जेडीयू सांसद संजय झा कर रहे हैं, जो अब जापान पहुंच चुके हैं, जबकि दूसरे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे कर रहे हैं, जो अबु धाबी पहुंच चुके हैं।
विदेश मंत्रालय ने इसके लिए प्रतिनिधिमंडल को 150 पन्नों का डोजियर भी सौंपा है, जिसमें पाकिस्तान के काले कारनामों का पूरा लेखा-जोखा है।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय9 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार3 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें