खेल
आईपीएल 2023: गेंदबाजों, वार्नर ने केकेआर पर दिल्ली की राजधानियों को 4 विकेट से जीत दिलाई
नई दिल्ली, 21 अप्रैल। गेंदबाजों के प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद कप्तान डेविड वार्नर (41 रन पर 57 रन) के महत्वपूर्ण अर्धशतक ने दिल्ली की राजधानियों को सीजन की पहली जीत दिलाई, कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को बारिश के कारण आईपीएल 2023 मैच में चार विकेट से हराया। गुरुवार को यहां अरुण जेटली स्टेडियम में। अक्षर पटेल (2/13), कुलदीप यादव (2/15), ईशांत शर्मा (2/19) और एनरिक नार्जे (2/20) के शानदार प्रदर्शन की बदौलत डीसी ने केकेआर को 20 ओवरों में 127 रनों पर समेट दिया। जेसन रॉय की 39 गेंद में 43 रन और आंद्रे रसेल की 31 गेंद में नाबाद 38 रन की पारी ने नियमित अंतराल पर विकेट गंवाने वाली केकेआर को बचाया। जवाब में, वार्नर ने डीसी को शानदार शुरुआत दी, फिर केकेआर के स्पिनरों ने बीच के ओवरों में बाजी पलट दी लेकिन आखिरकार मेजबान टीम ने अपना खाता खोलने के लिए तीन गेंद शेष रहते जीत को सील कर दिया।
128 रनों का पीछा करने उतरी दिल्ली की शुरुआत मजबूत रही और कप्तान डेविड वॉर्नर ने पावरप्ले में 12 में से 10 चौके लगाए। पांचवें ओवर में वरुण चक्रवर्ती ने केकेआर के लिए पहला खून बहाया, पृथ्वी शॉ को 13 के लिए फंसाया। वार्नर की हिट्स की बदौलत डीसी ने पावरप्ले में 61/1 पोस्ट किया। मजबूत शुरुआत के बाद, डीसी को रन-रेट में गिरावट का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने बीच के ओवरों में तीन विकेट के नुकसान पर 43 रन बनाए। अनुकुल रॉय के किफायती ओवर के सातवें ओवर में केवल एक रन आने के बाद, केकेआर के कप्तान नितीश राणा ने अगले ओवर में मिचेल मार्श को सस्ते में 2 रन पर आउट कर दिया। नौवें ओवर में फिलिप सॉल्ट को 5 रन पर आउट करके रॉय तब पार्टी में शामिल हो गए। इस बीच, वार्नर ने 11वें ओवर में रॉय की गेंद पर चौका लगाकर सत्र का अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया। कुछ ओवरों के बाद, चक्रवर्ती ने 14वें ओवर में सेट बल्लेबाज़ वार्नर का एक बड़ा विकेट लेकर अपनी 57 रन की पारी का अंत किया।
एक्सर पटेल और मनीष पांडे ने 15वें ओवर में 11 रन लेते हुए दो चौके लगाए और अंतिम चार ओवरों में 30 रन बनाकर समीकरण को ला दिया। फिर, डीसी ने तेजी से दो विकेट गंवाए और केकेआर की ओर गति थोड़ी बढ़ गई। रॉय 16वें ओवर में दो वाइड और एक सिंगल के बाद हमले में आए, उन्होंने अपना दूसरा दावा किया और पांडे को 21 रन पर झोपड़ी में वापस भेज दिया। फिर, राणा ने अमन हाकिम खान को डक के लिए क्लीन बोल्ड किया। जब 18 में से 15 की जरूरत थी, अक्षर चक्रवर्ती के खिलाफ दो बार lbw से बच गया, जिसने 18 ओवर में सिर्फ तीन रन दिए और समीकरण 12 में से 12 पर पहुंच गया। एक्सर तीसरी बार भाग्यशाली रहा क्योंकि लिटन दास ने अंतिम ओवर में स्टंपिंग की। के रूप में वह नीचे नृत्य किया और रेखा को याद किया। कीपर ने बेल मारी लेकिन वह वापस आ गया। जीत के लिए 7 रनों की जरूरत थी, अक्षर ने अंतिम ओवर की शुरुआत दोहरे से की। अगली गेंद पर उन्होंने एक नो बॉल पर दो रन और लिए। इसके बाद एक्सर ने लॉन्ग-ऑन और डीप मिडविकेट के बीच उछाला और दो रन जुटाकर दिल्ली को तीन गेंद बाकी रहते जीत दिला दी।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी केकेआर ने पावरप्ले में तीन विकेट गंवाए। ईशांत शर्मा ने आक्रमण की अच्छी शुरुआत की और पहले ओवर में सिर्फ पांच रन दिए दूसरे ओवर में जेसन रॉय को दो चौके लगाने के बाद, मुकेश कुमार ने लिटन दास के विकेट के साथ ओवर का अंत किया, जो एक हुक के लिए गए लेकिन स्क्वेयर लेग की तरफ ऊपरी छोर मिला और क्षेत्ररक्षक ने इसे आसानी से थमा दिया। एक ओवर बाद, एनरिक नार्जे ने आखिरी मैच के शतकवीर वेंकटेश अय्यर को डक के लिए जल्दी पवेलियन भेज दिया। फिर, ईशांत ने कप्तान नितीश राणा को चार रन पर सस्ते में आउट कर दिया और केकेआर ने पावरप्ले को 33/3 पर समाप्त कर दिया, जो इस सीजन के पहले छह ओवरों में सबसे कम स्कोर था। मार्श ने आठवें ओवर में जेसन रॉय को आउट करने का बोल्ड मौका गंवाने के बाद अगले ओवर में अक्षर पटेल को मंदीप सिंह का शिकार बनाया। पारी के आधे रास्ते में, केकेआर 64/4 था। 11वें ओवर में अक्षर ने फिर से प्रहार किया क्योंकि उसने फार्म में चल रहे बल्लेबाज रिंकू सिंह का बड़ा विकेट चटकाया, जो डीप स्क्वायर लेग की ओर बह गया जहां ललित यादव ने बाकी किया। इशांत ने दुखों को ढेर करना जारी रखा क्योंकि उन्होंने सुनील नरेन को 4 रन पर आउट कर केकेआर को 12 ओवर में 70-6 पर छोड़ दिया।
विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे और डॉट बॉल के साथ केकेआर पर दबाव बनता रहा, लेकिन जेसन रॉय 15वें ओवर में कुलदीप यादव के हाथों 43 रन पर आउट होने से पहले पारी को कुछ गति प्रदान करने के लिए दृढ़ रहे। अगले ही ओवर में कुलदीप ने दूसरा विकेट लिया। गेंद, इम्पैक्ट खिलाड़ी अनुकुल रॉय को अपनी गुगली में फंसाकर। फिर, नोर्त्जे ने 16वें ओवर में उमेश यादव को आउट कर केकेआर को 96-9 पर ला दिया। इस बीच, 18वें ओवर में रसेल सीधे नॉर्टजे के टखने में जा टकराया और तेज गेंदबाज दर्द में लग रहा था। उन्हें मैदान पर फिजियो ने अटेंड किया और अपना ओवर पूरा किया। मुकेश द्वारा फेंके गए आखिरी ओवर में आंद्रे रसेल ने बैक-टू-बैक छक्के मारे और केकेआर को लड़ने के लिए कुछ अतिरिक्त मिले। रसेल पारी की आखिरी गेंद पर डबल के लिए गए लेकिन वरुण चक्रवर्ती रन आउट हो गए क्योंकि केकेआर 127/10 पर आउट हो गया।
संक्षिप्त स्कोर: कोलकाता नाइट राइडर्स 20 ओवर में 127/10 (जेसन रॉय 39 रन पर 43, आंद्रे रसेल 31 रन पर नाबाद 38; अक्षर पटेल (2/13), कुलदीप यादव (2/15) इशांत शर्मा (2/19) बनाम दिल्ली की राजधानियाँ
संक्षिप्त स्कोर: 19.3 ओवर में दिल्ली कैपिटल्स 128-6 (डेविड वार्नर 57, मनीष पांडे 21; वरुण चक्रवर्ती 2/16, अनुकुल रॉय 2/19, नितीश राणा 2/17) ने कोलकाता नाइट राइडर्स को 20 ओवर (जेसन) में 127/10 से हराया रॉय ने 39 रन पर 43, आंद्रे रसेल ने 31 रन पर नाबाद 38, अक्षर पटेल ने 2/13, कुलदीप यादव ने 2/15, इशांत शर्मा ने 4 विकेट से जीत दर्ज की।
खेल
आईसीसी रैंकिंग: दीप्ति शर्मा बनी नंबर वन टी20 गेंदबाज, मंधाना को एक स्थान का नुकसान

SPORT
नई दिल्ली, 23 दिसंबर: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा टी20 फॉर्मेट की नई नंबर वन गेंदबाज बन गई हैं।
दीप्ति शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड को पछाड़ते हुए नंबर वन का ताज हासिल किया है। शीर्ष दस में दीप्ति एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं। दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड, तीसरे स्थान पर पाकिस्तान की सादिया इकबाल हैं। दोनों को 1-1 स्थान का नुकसान हुआ है। चौथे स्थान पर इंग्लैंड की सोफी एक्लेस्टन और पांचवें स्थान पर लॉरेन बेल हैं। छठे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका की एन मल्बा, सातवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की जॉर्जिया वॉरहेम, आठवें पर इंग्लैंड की चॉर्ली डेन, नौवें स्थान पर वेस्टइंडीज की एफी फ्लेचर और दसवें स्थान पर पाकिस्तान की नशरा संधु हैं।
महिलाओं की नई वनडे रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट एक बार फिर से स्मृति मंधाना को पछाड़ते हुए नंबर वन स्थान पर काबिज हो गई हैं। उन्हें एक स्थान का फायदा हुआ है। मंधाना दूसरे स्थान पर हैं, उन्हें एक स्थान का नुकसान हुआ है।
तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एश्ले गार्डनर, चौथे स्थान पर नट सेवियर ब्रंट, पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी, छठे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एलीसा हिली, सातवें स्थान पर न्यूजीलैंड की सोफी डिवाइन, आठवें स्थान पर ऑस्ट्रेलिया की एल्सी पेरी, नौवें स्थान पर हेली मैथ्यूज और दसवें स्थान पर भारत की जेमिमा रोड्रिग्ज हैं।
महिलाओं की वनडे रैंकिंग में सिर्फ मंधाना और वोल्वॉर्ड्ट की रैंकिंग में ही बदलाव दिखा है।
महिलाओं की टी20 बल्लेबाजों की रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी पहले, वेस्टइंडीज की हेली मैथ्यूज दूसरे, भारत की स्मृति मंधाना तीसरे, ऑस्ट्रेलिया की ताहिला मैकग्राथ चौथे, दक्षिण अफ्रीका की लौरा वोल्वार्ड्ट पांचवें, श्रीलंका की चमारी अट्टपट्टू छठे, दक्षिण अफ्रीका की तंजिम ब्रिट्स सातवें, न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स आठवें और भारत की जेमिमा रोड्रिग्स नौवें स्थान पर हैं। रोड्रिग्स को पांच स्थान का फायदा हुआ है। शेफाली वर्मा दसवें स्थान पर हैं। उन्हें एक स्थान का नुकसान हुआ है।
खेल
24 दिसंबर विशेष: विश्वनाथन आनंद पहली बार विश्व चैंपियन बने

नई दिल्ली, 23 दिसंबर: शतरंज की दुनिया में विश्वनाथन आनंद का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। आनंद ने शह और मात के इस खेल में दुनिया के धुरंधरों को पछाड़ते हुए वैश्विक स्तर पर भारत और अपनी प्रतिष्ठा कायम की थी। विश्वनाथन आनंद पांच बार विश्व चैंपियन रहे। उन्होंने पहला विश्व चैंपियन खिताब 2000 में जीता था।
11 दिसंबर 1969 को तमिलनाडु के मयिलादुथुराई में जन्मे आनंद को बचपन से ही शतरंज में रुचि थी। 6 साल की उम्र में ही आनंद अपने से बड़े बच्चों पर भारी पड़ने लगे थे। 14 साल की उम्र में वे सब-जूनियर शतरंज चैंपियनशिप बने और 15 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने का गौरव हासिल कर लिया। 1988 में 19 साल की उम्र में विश्वनाथन आनंद देश के पहले ग्रैंडमास्टर बन गए।
शतरंज की दुनिया में लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते विश्वनाथन आनंद के लिए साल 2000 बेहद गौरवपूर्ण था। यह वह साल था, जब पूरी दुनिया को हैरान करते हुए विश्वनाथन आनंद ने पहली बार विश्व चैंपियन का खिताब जीता। 2000 में फिडे विश्व कप का आयोजन 27 नवंबर से 24 दिसंबर तक नई दिल्ली और तेहरान में किया गया था। विश्वनाथन आनंद ने अलेक्सी शिरोव को हराकर खिताब जीता था। यह खिताब अगले एक दशक में शतरंज में आनंद युग के शुरुआत का शंखनाद था। आनंद ने 2007, 2008, 2010 और 2012 में भी विश्व चैंपियन का खिताब जीता।
56 साल के आनंद ने शतरंज से पूरी तरह संन्यास नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने शीर्ष स्तर के टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना कम कर दिया है। वह अपनी अकादमी और युवा खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान लगाए हुए हैं। कभी-कभी वह टूर्नामेंट खेलते हैं और फिडे के उपाध्यक्ष भी हैं।
शतरंज की दुनिया में वैश्विक स्तर पर भारत को प्रतिष्ठित करने वाले विश्वनाथन आनंद को भारत सरकार ने 1985 में अर्जुन पुरस्कार, 1988 में पद्मश्री, 1991-92 में खेल रत्न, 2001 में पद्मभूषण और 2008 में पद्मविभूषण से नवाजा था।
राजनीति
‘वंदे मातरम’ केवल गीत नहीं, राष्ट्र की चेतना और साहस का मंत्र है : सीएम योगी

लखनऊ, 22 दिसंबर : राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेष चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। इस चर्चा सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की चेतना, क्रांतिकारियों के साहस और राष्ट्र के आत्मसम्मान का मंत्र है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में संभवतः उत्तर प्रदेश पहली विधानसभा है, जहां इस ऐतिहासिक विषय पर विस्तार से चर्चा हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, यह चर्चा किसी गीत की वर्षगांठ भर नहीं है, बल्कि भारत माता के प्रति राष्ट्रीय कर्तव्यों की पुनर्स्थापना का अवसर है। ‘वंदे मातरम’ का सम्मान केवल एक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि यह हमारे संवैधानिक मूल्यों और राष्ट्रीय दायित्वों का बोध कराता है। यह राष्ट्र की आत्मा, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है। यह केवल काव्य नहीं था, बल्कि मातृभूमि की आराधना, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रवाद की अभिव्यक्ति का माध्यम है।
सीएम योगी ने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ अपनी रजत जयंती मना रहा था, तब देश ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था। 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर की विफलता के बाद अंग्रेजी शासन दमन और अत्याचार की पराकाष्ठा पर था। काले कानूनों के माध्यम से जनता की आवाज को दबाया जा रहा था, यातनाएं दी जा रही थीं, लेकिन ‘वंदे मातरम’ ने देश की सुप्त चेतना को जीवित रखा। जब देश इसकी रजत और स्वर्ण जयंती मना रहा था, तब भी ब्रिटिश शासन कायम था। उस समय स्वतंत्रता की चेतना को आगे बढ़ाने का मंच कांग्रेस के अधिवेशन रहे, जहां वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार इसे स्वर दिया। यह पूरे देश के लिए एक मंत्र बन गया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब ‘वंदे मातरम’ की शताब्दी आई, तब वही कांग्रेस सत्ता में थी, जिसने कभी देश की आत्मा जगाने वाले इस गीत को अपने मंच पर स्थान दिया था, मगर उसने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान का गला घोंटने का कार्य किया। यह इतिहास का एक ऐसा कालखंड था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। आज जब ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, तब भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मविश्वास के साथ ‘विकसित भारत’ की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रगीत के अमर रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जो सपना था, उसे नया भारत साकार करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। इसी कारण यह चर्चा सदन में अत्यंत सामयिक है।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर का उल्लेख करते हुए कहा कि बैरकपुर में मंगल पांडेय, गोरखपुर में शहीद बंधु सिंह, मेरठ में धन सिंह कोतवाल और झांसी में रानी लक्ष्मीबाई के नेतृत्व में देशभर में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष हुआ। स्वातंत्र्य समर की विफलता के बाद उपजी हताशा के दौर में ‘वंदे मातरम’ ने देश की सोई हुई आत्मा को जगाने का काम किया। उस समय डिप्टी कलेक्टर के रूप में ब्रिटिश शासन में कार्यरत बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने आम जनमानस की भावनाओं को ‘वंदे मातरम’ के माध्यम से स्वर दिया।
उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम’ औपनिवेशिक मानसिकता के प्रतिकार का प्रतीक बना। भारत माता केवल भूभाग नहीं थी, बल्कि हर भारतीय की भावना थी। स्वाधीनता राजनीति नहीं, बल्कि साधना थी। ‘सुजलाम, सुफलाम् मलयज-शीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्’ की पंक्तियों ने भारतीय मानस में चेतना का संचार किया और भारत की प्रकृति, समृद्धि, सौंदर्य और शक्ति को एक साथ मूर्त रूप दिया।
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