राष्ट्रीय समाचार
15 जुलाई तक अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें निलंबित रहेंगी

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर अंतर्राष्ट्रीय यात्री उड़ानों के परिचालन पर लगाई गई रोक को आगामी 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया। यह प्रतिबंध सभी मालवाहक उड़ानों और डीजीसीए द्वारा विशेष रूप से अनुमोदित सेवाओं पर लागू नहीं होगा।
परिपत्र (सकरुलर) में कहा गया है, सक्षम प्राधिकारी ने फैसला किया है कि भारत आने वाली/जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री सेवा 15 जुलाई 2020 की रात 11:59 बजे तक निलंबित रहेगी।
इससे पहले 20 जून को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवाओं का फिर से शुरू होना, आगमन देश में ‘सीमा स्वीकृति’ मानदंडों और यातायात मांग जैसे कारकों पर निर्भर करेगा।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद के कारण यात्री हवाई सेवाओं को 25 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि घरेलू हवाई सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया गया है।
घरेलू उड़ान सेवाएं 25 मई से फिर से शुरू हो चुकी हैं। वर्तमान में एयरलाइंस को केवल अपनी कुल क्षमता का 33 प्रतिशत इस्तेमाल करने की ही अनुमति है।
इससे पहले दिन में पुरी ने ट्वीट करते हुए बताया कि घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू होने के बाद देश भर में 21,316 उड़ानों के जरिए अब तक लगभग 18,92,581 यात्रियों ने उड़ान भरी है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने अंधेरी में 2 करोड़ रुपये के ट्रामाडोल रैकेट का भंडाफोड़ किया; आईएसआईएस ड्रग के साथ 3 गिरफ्तार

CRIME
मुंबई: मुंबई पुलिस के एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) ने अंधेरी जेबी सर्किल क्षेत्र में दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की “आईएसआईएस ड्रग” ट्रामाडोल टैबलेट रखने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मामले के बारे में
सूत्रों ने बताया कि मुंबई एएनसी की आजाद मैदान इकाई को मिली सूचना के आधार पर एएनसी की टीम ने अंधेरी जेबी सर्किल इलाके में छापा मारकर तीन लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 1,11,440 ट्रामाडोल टैबलेट बरामद कीं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रतीक उपाध्याय, योगेश सिंह और भावेश शाह के रूप में हुई है। सूत्रों ने बताया, “ये लोग कूरियर के ज़रिए ड्रग्स की सप्लाई करते थे।”
सूत्रों ने बताया कि जब्त मादक पदार्थ की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो करोड़ रुपये है।
केंद्र सरकार ने 2018 में दर्द निवारक दवा ट्रामाडोल को “मनोरोगी पदार्थ” घोषित किया था। ट्रामाडोल एक ओपिओइड दर्दनाशक दवा है जो ऑक्सीकोडोन और हाइड्रोकोडोन जैसी दवाओं के समान परिवार की दवाओं से संबंधित है, क्योंकि इसका दुरुपयोग नशे के लिए किया जाता है। वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सरकार ने अप्रैल 2018 में इसे एक मनोरोगी पदार्थ घोषित किया था।
इससे पहले 4 जुलाई को, अवैध दवा व्यापार पर सबसे बड़ी कार्रवाई में, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एन्क्रिप्टेड डिजिटल प्लेटफॉर्म, क्रिप्टोकरेंसी और अनाम शिपिंग नेटवर्क का उपयोग करके चार महाद्वीपों में संचालित एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट को ध्वस्त कर दिया था।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सफलता 25 मई, 2025 को दिल्ली में बंगाली मार्केट के पास एक वाहन को रोके जाने के साथ शुरू हुई, जिससे अंततः भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप से जुड़े एक विशाल अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन का पता चला।
सूत्रों के अनुसार, बाद में मिली सुरागों से एनसीबी को रुड़की के एक स्टॉकिस्ट और दिल्ली के मयूर विहार में एक सहयोगी का पता चला। आगे की जाँच में कर्नाटक के उडुपी में एक प्रमुख संपर्क का पता चला, जो निर्यात के लिए थोक ऑर्डर प्रबंधित करता था। उडुपी से जब्त किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से 50 अंतरराष्ट्रीय खेपों का पता चला: 29 अमेरिका में, 18 ऑस्ट्रेलिया में, और एस्टोनिया, स्पेन और स्विट्जरलैंड में एक-एक।
यह खुफिया जानकारी अंतर्राष्ट्रीय समकक्षों और अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) के साथ साझा की गई।
राष्ट्रीय समाचार
डीआरडीओ ने ‘प्रलय’ मिसाइल का लगातार दो सफल परीक्षण किया

नई दिल्ली, 29 जुलाई। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 28 और 29 जुलाई को ओडिशा के तट से सटे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से देश में विकसित की गई ‘प्रलय’ मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए। इस बात की जानकारी रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से दी गई।
रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से एक्स पोस्ट करते हुए लिखा गया, “डीआरडीओ ने 28 और 29 जुलाई को ओडिशा तट से दूर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रलय मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए हैं।”
यूजर इवैलुएशन टेस्टिंग का उद्देश्य इस मिसाइल प्रणाली की अधिकतम और न्यूनतम मारक क्षमता को परखना था। मिसाइल ने परीक्षण के दौरान निर्धारित मार्ग का सटीकता से अनुसरण किया और अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदा। परीक्षण में मिसाइल के सभी सबसिस्टम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया। यह जानकारी इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) की ओर से तैनात किए गए विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर और लक्ष्य क्षेत्र के पास तैनात जहाज पर लगे उपकरणों से मिली।
‘प्रलय’ एक स्वदेशी रूप से विकसित ठोस ईंधन आधारित क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल है, जो आधुनिक तकनीकों से लैस है। इसमें उन्नत गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है, जिससे यह बेहद सटीकता से लक्ष्य को भेद सकती है। यह मिसाइल विभिन्न प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है और इसे कई प्रकार के लक्ष्यों के खिलाफ उपयोग में लाया जा सकता है।
इस प्रणाली को हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं जैसे कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (डीआरडीएल), एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (एएसएल), आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एआरडीई), और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर विकसित किया है।
इसके अलावा भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और कई अन्य उद्योग व एमएसएसई इकाइयों ने भी इस परियोजना में योगदान दिया है। परीक्षणों के दौरान डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ भारतीय वायुसेना, थल सेना के अधिकारी और संबंधित उद्योग प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है और इससे हमारी सेनाओं की ताकत में और अधिक वृद्धि होगी। डीआरडीओ प्रमुख और रक्षा अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने इसे “प्रथम चरण के सफल परीक्षण” की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि अब यह प्रणाली जल्द ही भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार है।
राजनीति
संसद में अमित शाह का ऐलान,’ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के 3 आतंकी किए ढेर’

नई दिल्ली, 29 जुलाई। पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है। इसका ऐलान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में किया। बताया कि कैसे ‘ऑपरेशन महादेव’ ने आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया। सदन में शाह ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के जरिए तीन आतंकवादियों को मारा है, जिनमें सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान शामिल हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था, जो गगनगीर आतंकी हमले में शामिल था। इसके सारे सबूत एजेंसियों के पास हैं। आतंकी अफगान और जिबरान, लश्कर के ‘ए’ श्रेणी के आतंकी थे। अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तीनों आतंकवादी बैसरन घाटी हमले में शामिल थे।
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई। सबसे पहले फैसला लिया गया कि आतंकी देश छोड़कर पाकिस्तान भाग न पाएं। इसकी पूरी पुख्ता व्यवस्था की और आतंकियों को भागने नहीं दिया।
गृह मंत्री ने बताया कि 22 मई को आईबी के पास सूचना आई थी। डाचीगाम क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। सेना और आईबी ने सिग्नल कैप्चर करके 22 आतंकवादियों के बारे में जानकारी पुख्ता की। 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों के मौजूद होने की पुष्टि हुई। सेना के 4 पैरा के जवान, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान एक साथ आतंकियों को घेरने का काम किया। सोमवार को ऑपरेशन हुआ, उसमें पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी मौत के घाट उतार दिए गए।
अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि पहलगाम हमले के दौरान मिले कारतूस के खोखे और आतंकवादियों की राइफल के खोखे का मिलान हुआ है। आतंकवादियों के पास से एक एम-9 अमेरिकन और दो एके-47 राइफल बरामद की गई थीं। गृह मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि चंडीगढ़ एफएसएल की रिपोर्ट में कारतूस के मिलान हुए हैं। 6 वैज्ञानिकों ने क्रॉस चेक किया है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं।
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