अंतरराष्ट्रीय
इंटेल ने 13वीं जेनरेशन के इंटेल कोर फैमिली डेस्कटॉप प्रोसेसर का किया अनावरण
चिप निर्माता इंटेल ने 13वीं जेनरेशन इंटेल कोर आई9-13900के के नेतृत्व में 13वीं जेनरेशन के इंटेल कोर प्रोसेसर परिवार का अनावरण किया है।
कंपनी ने कहा कि नए 13वीं पीढ़ी के इंटेल कोर परिवार में 24 कोर और 32 थ्रेड्स के साथ छह नए अनलॉक किए गए डेस्कटॉप प्रोसेसर और बेहतरीन गेमिंग, स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिग अनुभव के लिए 5.8 गीगाहट्र्ज तक की धमाकेदार क्लॉक शामिल है।
इंटेल में क्लाइंट कंप्यूटिंग ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक मिशेल जॉनस्टन होल्थॉस ने एक बयान में कहा, “हम अपनी नई पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसेसर के साथ पीसी प्रदर्शन के मानकों को एक बार फिर से बढ़ा रहे हैं।”
इंटेल कोर ‘के’ प्रोसेसर के लॉन्च के नेतृत्व में, 13वीं पीढ़ी के इंटेल कोर डेस्कटॉप परिवार में 22 प्रोसेसर और 125 से अधिक पार्टनर सिस्टम डिजाइन शामिल होंगे, जो एप्लिकेशन प्रदर्शन और प्लेटफॉर्म संगतता दोनों में एक समझौताहीन अनुभव प्रदान करते हैं।
उत्साही लोग मौजूदा इंटेल 600 या नए इंटेल 700 सीरीज चिपसेट मदरबोर्ड के साथ 13वीं पीढ़ी के इंटेल कोर प्रोसेसर के प्रदर्शन में सुधार का लाभ उठा सकते हैं।
लेटेस्ट डीडीआर5 मेमोरी सपोर्ट और निरंतर डीडीआर4 मेमोरी सपोर्ट दोनों के साथ संयुक्त, उपयोगकर्ता अपनी सुविधा और बजट वरीयताओं के आधार पर अपने सेटअप को अनुकूलित करते हुए 13वीं पीढ़ी के इंटेल कोर के लाभों का आनंद ले सकते हैं।
इंटेल ने कहा कि इसका प्रदर्शन हाइब्रिड आर्टेक्चर कुशल-कोर (ई-कोर) की संख्या को दोगुना करने के साथ-साथ अब तक बनाए गए सबसे तेज प्रदर्शन-कोर (पी-कोर) को एक साथ लाता है।
व्यापार
भारत ने चालू वित्त वर्ष में अपनी अब तक की सबसे अधिक गैर-जीवाश्म क्षमता वृद्धि 31.25 गीगावाट दर्ज की

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: भारत क्लीन एनर्जी को लेकर महत्वपूर्ण विस्तार कर रहा है। हाल ही में केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक इवेंट में जानकारी देते हुए कहा कि देश ने चालू वित्त वर्ष में अपनी अब तक की सबसे अधिक गैर-जीवाश्म क्षमता वृद्धि 31.25 गीगावाट दर्ज की है, जिसमें 24.28 गीगावाट सौर क्षमता शामिल है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, 2022 में 1 टेरावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता तक पहुंचने में लगभग 70 वर्षों का समय लगने के बाद विश्व ने 2024 तक 2 टेरावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल कर ली है, जो दिखाता है मात्र दो वर्षों में 1 अतिरिक्त टेरावाट क्षमता जोड़ी गई है। वहीं, भारत रिन्यूएबल एनर्जी में इस तीव्र वैश्विक उछाल का एक प्रमुख चालक है।
पिछले 11 वर्षों में देश की सौर क्षमता 2.8 गीगावाट से बढ़कर लगभग 130 गीगावाट हो गई है, जो 4500 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि है। अकेले 2022 और 2024 के बीच भारत ने वैश्विक सौर ऊर्जा वृद्धि में 46 गीगावाट का योगदान दिया, जो तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया।
ओडिशा के पुरी में हाल ही में आयोजित ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट 2025 में केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा के लिए पीएम सूर्य घर के अंतर्गत 1.5 लाख रूफटॉप सोलर यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन मॉडल की घोषणा की, जिसे राज्यभर में 7–8 लाख लोगों को लाभान्वित और सशक्त करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि ओडिशा पहले से ही क्लीन एनर्जी को अपनाने में मजबूत प्रदर्शन दिखा रहा है। 3.1 गीगावाट से अधिक स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के साथ, क्लीन एनर्जी अब राज्य की कुल स्थापित पावर क्षमता का 34 प्रतिशत से अधिक है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के तहत 1.6 लाख परिवारों ने रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन किया है, 23,000 से अधिक स्थापनाएं पूरी हो चुकी हैं और 19,200 से अधिक परिवारों को सीधे उनके बैंक खातों में 147 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी प्राप्त हुई है।
व्यापार
भारत में बढ़ती आय के चलते घर खरीदना बन रहा अफोर्डेबल : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 3 दिसंबर: भारत में तेजी से बढ़ती आय के कारण घर खरीदना पिछले 1.5 दशक के मुकाबले काफी अफोर्डेबल हो गया है। इस दौरान देश का प्राइस-टू-इनकम रेश्यो 2025 में 45.3 हो गया है, जो कि 2010 में 88.5 पर था। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देश में औसत आय में चार गुना की वृद्धि हुई है और यह करीब 10 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रही है और हालांकि, समीक्षा अवधि में घरों की कीमत में 5-7 प्रतिशत का ही इजाफा हुआ है, जो दिखाता है कि घर पहले के मुकाबले काफी किफायती हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार आवासीय क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तनों, आर्थिक झटकों और नए नियमों के कारण कई उतार-चढ़ावों के बावजूद आया है।
पिछले दो दशकों में, बाजार ने पीएमएवाई, विमुद्रीकरण, रेरा, एनबीएफसी संकट, एसडब्ल्यूएएमआईएच फंडिंग सपोर्ट और जीएसटी कार्यान्वयन जैसे प्रमुख घटनाक्रमों का सामना किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में घरों की बिक्री भी मजबूत बनी हुई है। कोरोना महामारी के बाद घरों की वार्षिक बिक्री बढ़कर 3-4 लाख यूनिट्स हो गई है। इसकी वजह बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, अफोर्डेबिलिटी में इजाफा होना, अच्छी मौद्रिक नीति और आय का बढ़ना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिक्री की मजबूत गति को आय में लगातार वृद्धि का समर्थन प्राप्त है, जो संपत्ति की कीमतों में वृद्धि से कहीं अधिक है।
कोलियर्स इंडिया के सीईओ और एमडी बादल याज्ञनिक के अनुसार, अनुकूल ब्याज दरों और उच्च आय स्तरों के कारण आवास की मांग मजबूत बनी हुई है।
याज्ञनिक ने आगे कहा, “हालांकि कच्चे माल की लागत ने हाल के वर्षों में आवास की कीमतों को बढ़ा दिया है, लेकिन आय में तेज वृद्धि ने खरीदारों को गति बनाए रखने में मदद की है।”
आठ प्रमुख टियर-I शहरों में, 2010 के बाद से अफोर्डेबिलिटी के स्तर में तेजी से सुधार हुआ है।
अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे शहर सबसे किफायती आवासीय बाजारों में से एक बनकर उभरे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख निर्माण सामग्रियों पर जीएसटी दरों के कम होने से विशेष रूप से किफायती और मध्यम आय वर्ग के आवास क्षेत्रों में सेंटीमेंट में और सुधार होने की उम्मीद है।
व्यापार
भारत में मजबूत आउटपुट ग्रोथ से सर्विसेज पीएमआई नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर: एसएंडपी ग्लोबल द्वारा बुधवार को जारी एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सर्वे के अनुसार, नए बिजनेस में तेज बढ़ोतरी आउटपुट ग्रोथ को बढ़ाने में प्रभावी रही और नवंबर में भारत की सर्विस एक्टिविटी को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर के 58.9 से नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया, जो कि आउटपुट में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विस्तार को दिखाता है।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “नए बिजनेस के बढ़ने से आउटपुट ग्रोथ बढ़ी और इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया। रोजगार में बढ़ोतरी मामूली रही और अधिकतर कंपनियों ने पेरोल नंबर में किसी तरह के बदलाव न होने की जानकारी दी। इस बीच, भारत का कंपोजिट पीएमआई मजबूत रहा, हालांकि नवंबर में यह थोड़ा कम होकर 59.7 पर आ गया, जो फैक्ट्री प्रोडक्शन की ग्रोथ में कमी को दिखाता है।”
रिपोर्ट के अनुसार, असल में भारतीय सर्विसेज की मांग लगातार मजबूत बनी रही, जो कि नए बिजनेस में बढ़ोतरी से स्पष्ट होता है। वृद्धि की यह दर इससे पिछले महीने अक्टूबर से तेज थी और इसके लॉन्ग-रन एवरेज से भी अधिक थी।
दूसरी ओर, तीसरी तिमाही के बीच नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। वृद्धि की दर अच्छी थी, लेकिन आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई।
जहां एक्सटर्नल सेल्स बढ़ीं, वहीं एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट में कंपनियों ने लाभ की जानकारी दी।
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय सर्विसेज कंपनियों ने अपने खर्चों में मामूली बढ़ोतरी का संकेत दिया है, जिसमें इलेक्ट्रिसिटी, फूड, रेंट और सॉफ्टवेयर सब्सक्रिप्शन पर खर्च बढ़ने की जानकारी दी गई है। हालांकि, महंगाई की दर अगस्त 2020 के बाद सबसे कम हो गई है और यह अपने लंबे समय के औसत से नीचे है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों को अच्छी मांग, सोशल मीडिया पर अधिक मौजूदगी, मार्केटिंग पहलों और कीमतों में बढ़ोतरी को कम से कम रखने की योजनाओं से जुड़ी पॉजिटिव भावना के साथ अभी भी आउटपुट ग्रोथ की उम्मीद है।
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