व्यापार
पिछले 10 वर्षों में भारत का अंतरिक्ष बजट लगभग तीन गुना बढ़ा: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली, 8 मार्च। केंद्र सरकार ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत का अंतरिक्ष बजट लगभग तीन गुना बढ़ा है, जो कि 2013-14 में 5,615 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 13,416 करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, ”भारत की अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब केवल रॉकेट के लॉन्च तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पारदर्शिता, शिकायत निवारण और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर शासन में क्रांति लाने में भी प्रमुख भूमिका निभा रही है।”
उन्होंने ‘स्पेस टेक फॉर गुड गवर्नेंस’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “इस प्रक्रिया में भ्रष्ट आचरण की गुंजाइश कम हुई है, समयसीमा का पालन करने में अधिक अनुशासन आया है और लालफीताशाही कम हुई है।”
अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या एक से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है, जिससे भारत वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में प्रमुख राजस्व जनरेटर के रूप में स्थापित हो गया है।
भारत ने 433 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जिनमें से 396 को 2014 से लॉन्च किया गया है, जिससे 192 मिलियन डॉलर और 272 मिलियन यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर जोर देते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि कैसे अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी सुशासन के माध्यम से आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब हर भारतीय घर का अभिन्न अंग बन गई है, जो अंतरिक्ष विभाग के सैटेलाइट द्वारा सक्षम विभिन्न शासन सेवाओं को सशक्त बना रही है।
डॉ. सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी राष्ट्रीय रक्षा, सीमा निगरानी और भू-राजनीतिक खुफिया जानकारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो भारत की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप और आजीविका सृजन के साथ शासन प्रथाओं को बदलने के लिए भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के बढ़ते महत्व को एक आकर्षक अवसर के रूप में रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री ने भारत के कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने, मौसम पूर्वानुमान, संचार, आपदा तैयारी, पूर्व चेतावनी प्रणाली, शहरी नियोजन और सुरक्षा में सुधार करने में एक अमूल्य शक्ति गुणक बन गया है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत-पाक संघर्ष से रोजाना घरेलू हवाई यातायात का 11 प्रतिशत प्रभावित : इंडस्ट्री डेटा

नई दिल्ली, 9 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही देश के 24 हवाई अड्डों के बंद होने से रोजाना घरेलू हवाई यातायात का कम से कम 11 प्रतिशत प्रभावित हुआ है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक डेटा से मिली है।
इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, डेली एवरेज डोमेस्टिक फ्लाइट्स अप्रैल में 3,265 से घटकर 8 मई तक 2,907 रह गईं।
फ्लाइटरडार24 डेटा के अनुसार, 9-10 मई को करीब 670 एयरलाइन रूट प्रभावित होंगे। इसमें बंद किए गए 24 हवाई अड्डों पर 334 इनकमिंग और 336 आउटगोइंग फ्लाइट्स शामिल हैं।
श्रीनगर, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू और लेह के हवाई अड्डे सबसे अधिक प्रभावित रूट हैं। अन्य प्रभावित हवाई अड्डों में पटियाला, भुंतर, पठानकोट, बीकानेर, जैसलमेर, मुंद्रा, केशोद और राजकोट शामिल हैं।
इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई सहित कई शहरों में भी विमानों के आगमन में देरी हो रही है।
फ्लाइटरडार24 के आंकड़ों के अनुसार, इन हवाई अड्डों से विमानों के प्रस्थान में अधिक व्यवधान आ रहा है।
इस बीच, दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शुक्रवार को ऑपरेशनल रहा।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर परिचालन सामान्य बना हुआ है। हवाई क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों और कड़ी सुरक्षा के कारण कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कृपया नवीनतम अपडेट के लिए अपनी एयरलाइन से संपर्क करें।”
डीआईएएल ने कहा, “हम किसी भी असुविधा को कम करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”
लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो को 500 से अधिक उड़ानें रद्द होने का सामना करना पड़ रहा है। एयरलाइन ने एक्स पोस्ट में कहा, “आपकी सुरक्षा सर्वोपरि है और हम आपकी यात्रा को आसान बनाने में मदद करने के लिए यहां हैं।”
नागरिक उड़ानों के बंद होने से उत्तरी और पश्चिमी भारत में कनेक्टिविटी प्रभावित हो रही है और यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले एयरलाइन से संपर्क करें।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने देश के सभी एयरलाइनों और हवाई अड्डों को सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की सलाह दी है।
एयर इंडिया ने कहा, “हवाई अड्डों पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के संबंध में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के आदेश के कारण, देश भर के यात्रियों को चेक-इन और बोर्डिंग के लिए अतिरिक्त समय देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। प्रस्थान से 75 मिनट पहले चेक-इन बंद हो जाएगा।”
दूसरी ओर, फ्लाइटरडार24 के आंकड़ों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय यातायात काफी हद तक स्थिर बना हुआ है, जिसमें दैनिक फ्लाइट्स 616 से मामूली रूप से घटकर 604 रह गई हैं।
व्यापार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान के शेयर बाजार में भी भारी गिरावट, पहलगाम हमले के बाद 14 प्रतिशत फिसला

नई दिल्ली, 8 मई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के कैंप को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए तबाह कर दिया। भारत के एक्शन से पाकिस्तानी सरकार और सेना में खलबली मची है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान के खिलाफ लगातार जारी भारत के एक्शन से वहां की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा असर देखने को मिल रहा है। यहां तक कि पड़ोसी देश के शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखी गई है।
पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंजों में गुरुवार को 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई और जिसके कारण ट्रेडिंग को भी रोक दिया गया है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है। मुख्य सूचकांक कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 इंडेक्स (केएसई-100) 22 अप्रैल के बाद से करीब 13 प्रतिशत फिसल चुका है।
22 अप्रैल को केएसई-100 इंडेक्स 1,18,430 पर था, जो अब गिरकर 1,03,060 पर आ गया है। इसके अलावा, अन्य पाकिस्तानी स्टॉक इंडेक्स केएसई-30 भी अब तक 14.3 प्रतिशत लुढ़क चुका है।
पाकिस्तान का शेयर बाजार वहां की अर्थव्यवस्था की बदहाली की तस्वीर दिखा रहा है। पाकिस्तान के पास केवल 15 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है और देश आर्थिक पतन की कगार पर है।
इसके साथ ही, पाकिस्तान अपनी जीडीपी को चलाने के लिए आईएमएफ से भी लोन के लिए गिड़गिड़ा रहा है।
आतंकी हमले के बाद से भारत सैन्य के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के एक्शन भी पड़ोसी देश पर ले रहा है, जिसमें सिंधु जल समझौता को स्थगित करना शामिल है, जिससे पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर काफी चोट पहुंची है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समझौते को रद्द करने से बड़ी संख्या में पाकिस्तान की इंडस्ट्री को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पड़ोसी देश पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय सेना के शौर्य से पूरे पाकिस्तान में आतंकवादियों में दहशत का माहौल है।
राष्ट्रीय समाचार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद 430 उड़ानें हुईं रद्द, 10 मई तक बंद रहेंगे 27 एयरपोर्ट्स

नई दिल्ली, 8 मई। भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफलतापूर्वक किए जाने के बाद गुरुवार को करीब 430 नागरिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। यह देश की कुल शेड्यूल उड़ानों का करीब 3 प्रतिशत है। इसके साथ ही 27 एयरपोर्ट्स 10 मई तक बंद रहेंगे।
फ्लाइटराडर24 प्लेटफॉर्म के फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे का एयरस्पेस का ज्यादातर हिस्सा नागरिक विमानों से फ्री था।
फ्लाइट को ट्रैक करने वाले पोर्टल के मुताबिक, पाकिस्तान के ऊपर हवाई क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर एवं गुजरात के बीच भारत के पश्चिमी क्षेत्र में नागरिक हवाई यातायात नहीं था। इसकी वजह एयरलाइनों द्वारा संवेदनशील क्षेत्र से दूरी बनाए रखना है।
जिन एयरपोर्ट्स को बंद रखा गया है, उनमें श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंतर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केशोद, भुज, ग्वालियर और हिंडन शामिल हैं।
बुधवार को 300 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया था। इस दौरान उत्तर और पश्चिमी भारत के 21 एयरपोर्ट्स बंद थे।
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उसके संपर्क केंद्रों पर वर्तमान में बहुत अधिक कॉल आ रही हैं।
एयरलाइन ने कहा, “हमारे सभी प्रतिनिधि सक्रिय रूप से ग्राहकों की सहायता कर रहे हैं, कुछ मामलों में संपर्क होने में अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है। कृपया निश्चिंत रहें, हम आपकी सहायता के लिए यहां हैं।”
एयरलाइन ने कहा, “जिन ग्राहकों की उड़ानें वर्तमान व्यवधानों से प्रभावित हैं, उनके लिए एयर इंडिया कैसिंलेशन पर फुल रिफंड और रीशेड्यूलिंग पर वन-टाइम छूट की पेशकश कर रही है। यह 10 मई, 2025 तक प्रभावित उड़ानों पर बुक की गई टिकटों के लिए मान्य है।”
एयर इंडिया ने कहा कि हम हमारे सैन्य और रक्षा कर्मियों की निस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए आभारी है।
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