राष्ट्रीय समाचार
अप्रैल से अगस्त के पांच महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा 38.1 प्रतिशत पहुंचा
नई दिल्ली, 30 सितंबर : मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के पांच महीनों के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 5.98 लाख करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 26 के लिए सरकार के पूरे वर्ष के लक्ष्य का 38.1 प्रतिशत है।
इस आंकड़े से संकेत मिलते हैं कि देश का राजकोषीय घाटा नियंत्रण में बना हुआ है इसमें लगातार कमी आ रही है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था स्थिर रूप से बढ़ रही है।
पांच महीनों की इस अवधि में शुद्ध कर संग्रह 8.1 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 8.7 लाख करोड़ रुपए की तुलना में कम दर्ज किया गया है। हालांकि, अप्रैल-अगस्त के दौरान गैर-कर राजस्व बढ़कर 4.4 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3.3 लाख करोड़ रुपए था।
इसके अलावा, कुल सरकारी खर्च बढ़कर 18.8 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 16.5 लाख करोड़ रुपए था।
राजमार्ग, बंदरगाह और रेलवे क्षेत्रों में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर सरकार का पूंजीगत व्यय पिछले वर्ष की इसी अवधि में 3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 4.3 लाख करोड़ रुपये हो गया।
भू-राजनीतिक घटनाक्रम और अमेरिका टैरिफ विवाद से पैदा हुई आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच देश में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
घटता राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करता है और मूल्य स्थिरता के साथ वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। इससे सरकार का उधार कम होता है, जिससे बैंकिंग सेक्टर के पास कॉर्पोरेट और उपभोक्ताओं को ऋण देने के लिए अधिक धन बचता है, जिससे अधिक आर्थिक वृद्धि होती है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 में मजबूत राजकोषीय स्थिति के साथ, सरकार के पास रक्षा संबंधी अप्रत्याशित खर्च को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त धन उपलब्ध हो सकता है।
अप्रैल-जुलाई में भारत का राजकोषीय घाटा 4.68 लाख करोड़ रुपए या 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अनुमान का 29.9 प्रतिशत रहा, जबकि इस अवधि के लिए अगली कर प्राप्तियां 6.6 लाख करोड़ रुपए रहीं, जो दर्शाता है कि देश की राजकोषीय स्थिति मजबूत बनी हुई है।
राष्ट्रीय समाचार
अनिल अंबानी पूछताछ के लिए ईडी के मुख्यालय नहीं पहुंचे, वर्चुअल पेशी की भी नहीं मिली अनुमति

नई दिल्ली, 14 नवंबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस एडीएजी ग्रुप के चेयरमैन अनिल डी.अंबानी को किसी भी तरह की वर्चुअल पेशी की अनुमति नहीं दी है। यह जानकारी शुक्रवार को सूत्रों की ओर से दी गई।
अनिल डी.अंबानी को बैंक फ्रॉड मामले में दूसरे दौर की पूछताछ के लिए शुक्रवार (14 नवंबर) को ईडी के दिल्ली मुख्यालय में पेश होना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। हालांकि, उन्होंने वर्चुअल पेशी का प्रस्ताव रखा है।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी को ईमेल के माध्यम से वर्चुअल रूप से पेश होने की उनकी इच्छा की जानकारी मिली थी, लेकिन ईडी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी है।
अनिल डी. अंबानी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि वह सभी मामलों में ईडी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है और वे वर्चुअल माध्यम से पेश हो सकते हैं।
बयान में आगे कहा गया, “अनिल डी. अंबानी को ईडी की ओर से भेजा गया समन फेमा जांच से संबंधित है, न कि पीएमएलए के किसी मामले से इसका जुड़ाव है।”
बयान में आगे कहा गया,”अनिल डी. अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह वर्षों तक कंपनी में केवल एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया और कंपनी के डे-टू-डे मैनेजमेंट में कभी शामिल नहीं रहे।”
ईडी ने समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को 14 नवंबर को फिर से तलब किया था। अगस्त में ईडी मुख्यालय में कथित 17,000 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में उनसे लगभग नौ घंटे तक कड़ी पूछताछ हुई थी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब ईडी ने सोमवार को नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 4,462.81 करोड़ रुपए मूल्य की 132 एकड़ से अधिक जमीन को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
ईडी ने इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 3,083 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 42 संपत्तियां जब्त की थीं।
राजनीति
बिहार चुनाव: एनडीए ने बढ़त बनाई, मोकामा से अनंत सिंह आगे, मंगल पांडेय पीछे

पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए ने बढ़त बना रखी है।
शुरुआती रुझानों में चर्चित सीट मोकामा से जदयू के प्रत्याशी अनंत सिंह ने बढ़त बना ली है, जबकि सीवान से मंत्री मंगल पांडेय पीछे चल रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, शुरुआती रुझानों में एनडीए में शामिल भाजपा जहां 48 सीटों पर आगे बढ़ चुकी है, वहीं जदयू ने 47 सीटों पर बढ़त बना ली है।
लोजपा (रामविलास) 13 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने तीन सीटों पर बढ़त बनाई है। महागठबंधन की ओर से राजद 23 सीटों पर बढ़त बना चुकी है, जबकि कांग्रेस सात सीटों पर आगे चल रही है। एआईएमआईएम और वीआईपी ने भी एक सीट पर बढ़त बना ली है।
शुरुआती रुझानों में बेतिया से पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी आगे चल रही हैं, जबकि अलीनगर से मैथिली ठाकुर बढ़त बनाए हुए हैं। राघोपुर से तेजस्वी यादव और तारापुर से सम्राट चौधरी भी आगे चल रहे हैं। शुरुआती रुझानों में एनडीए आगे दिख रही है, हालांकि यह शुरुआती रुझान है।
243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और 243 मतगणना पर्यवेक्षकों की सहायता से, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और उनके अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 122 सीटों के लिए मतदान हुआ था, जिसके साथ ही 243 सीटों के लिए मतदान का कार्य समाप्त हो गया था। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है।
प्रदेश में इस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच माना जा रहा है।
राजनीति
बिहार चुनाव : 243 सीटों के लिए काउंटिंग शुरू, एनडीए नेताओं ने कहा- जीत पक्की

पटना, 14 नवंबर: बिहार में वोटों की गिनती शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होने के साथ ही सियासी तापमान तेज हो गया है। शुरुआती रुझानों में एनडीए बढ़त बनाए हुए है, जबकि राजद दूसरे स्थान पर दिखाई दे रहा है। इस बीच एनडीए खेमे में उत्साह और आत्मविश्वास दोनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
पटना से जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से कहा, “गिनती के पहले ही राउंड से यह साफ हो जाएगा कि एनडीए जबरदस्त जीत की ओर बढ़ रही है। एक बार फिर बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे और विपक्ष पूरी तरह परास्त होगा।”
इसी बीच भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने भी जीत का दावा किया। उन्होंने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि एनडीए 160 से ज्यादा सीटें लाएगी। हमें पूरा भरोसा है कि इस बार एनडीए के पक्ष में बंपर मतदान हुआ है। महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में वोट डालकर हमारी जीत को और मजबूत किया है।”
आगे उन्होंने यह भी जोड़ा कि ‘विकसित भारत के संकल्प की नींव विकसित बिहार ही रखेगा।’
इधर कटोरिया विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार पुरन लाल टुडू ने भी कार्यकर्ताओं के योगदान को सलाम करते हुए कहा, “हमारे समर्थकों ने पूरी निष्ठा और दिल से मेहनत की है। मुझे पूरा भरोसा है कि यह योगदान पूरी तरह ईमानदार और सार्थक साबित होगा।”
पटना से भाजपा नेता संजीव चौरसिया ने भी सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, “हर तरह का नतीजा सकारात्मक, रचनात्मक और प्यार से भरा होगा।”
शुरुआती रुझान एनडीए को बढ़त देते दिख रहे हैं और एनडीए नेताओं के चेहरों पर साफ तौर पर आत्मविश्वास नजर आ रहा है। अब सबकी निगाहें अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि बिहार की सत्ता की बागडोर एक बार फिर किसके हाथों में जाएगी।
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