व्यापार
आम बजट से भारत की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत, विकास को मिलेगा बढ़ावा: रिपोर्ट
नई दिल्ली, 3 फरवरी। आम बजट 2024-25 में उठाए गए कदमों से भारत आर्थिक रूप से मजबूत होगा और मध्यम से लंबी अवधि के विकास को बढ़ावा मिलेगा, यह जानकारी सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।
आम बजट 2025-26 काफी संतुलित है। इसमें सरकार ने एक तरफ वित्तीय अनुशासन का ध्यान रखा है। वहीं, दूसरी तरफ आर्थिक गति को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित रखते हुए उपभोग को प्रोत्साहित करने और राजकोषीय समेकन की दिशा में तेजी से कदम उठाने का विकल्प चुना है।
केयरएज के प्रबंध निदेशक और समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेहुल पंड्या ने कहा, “विनियमन के माध्यम से व्यापार करने में आसानी में सुधार लाने के उपाय, एमएसएमई को समर्थन, निवेश और निर्यात, 2047 में विकसित भारत को प्राप्त करने के लिए एक स्पष्ट रणनीति की रूपरेखा तैयार करते हैं।”
व्यक्तिगत आयकर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने, टीडीएस और टीसीएस प्रावधानों सहित प्रमुख कर सुधारों का उद्देश्य अनुपालन को सरल बनाना और खर्च करने योग्य आय को बढ़ाना और उपभोक्ताओं के विश्वास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने आगे कहा कि 12 लाख रुपये तक इनकम टैक्स नहीं होने से कंज्यूमर सेंटीमेंट और खर्च में बड़ा बदलाव आएगा।
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना भी सही दिशा में उठाया गया कदम है। विनियामक सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति की स्थापना की घोषणा सिद्धांत-आधारित, लाइट-टच रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के लिए प्रतिबद्धता दर्शाती है।
बजट में पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर जोर दिया गया है, जिससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। वित्त वर्ष 26 के लिए 4.4 प्रतिशत के बजटीय राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के साथ राजकोषीय समेकन में निरंतरता से देश को ऋण स्थिरता की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ये उपाय व्यापक आर्थिक माहौल को स्थिर करने, निजी क्षेत्र की भागीदारी और निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।
व्यापार
ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की आय 2024 में 18 प्रतिशत बढ़ी: रिपोर्ट
नई दिल्ली, 3 फरवरी। ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में 2024 में मजबूती देखी गई है और इसकी आय सालाना आधार पर 18.1 प्रतिशत बढ़कर 626 अरब डॉलर हो गई है, यह जानकारी सोमवार को रिपोर्ट में दी गई।
गार्टनर की रिपोर्ट के अनुसार, यह सकारात्मक गति जारी रहने की उम्मीद है और अनुमान है कि 2025 में सेमीकंडक्टर कंपनियों की कुला आय 705 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।
पिछले साल कुल इंडस्ट्री की आय में मेमोरी सेमीकंडक्टर की हिस्सेदारी 74.8 प्रतिशत थी। इसके अलावा गैर-मेमोरी सेमीकंडक्टर सेगमेंट की आय में 6.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया कि शीर्ष 25 सेमीकंडक्टर कंपनियों में 11 ने दोहरे अंक में आय वृद्धि दर्ज की है, जबकि आठ कंपनियों की आय में गिरावट दर्ज की गई है।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने इंटेल को पछाड़कर दुनिया के शीर्ष सेमीकंडक्टर विक्रेता के रूप में अपना स्थान पुनः प्राप्त किया।
दक्षिण कोरियाई तकनीकी दिग्गज को मेमोरी की कीमतों में तेज सुधार का लाभ मिला, जिससे 2024 में इसकी आय 66.5 अरब डॉलर हो गई है।
इस बीच इंटेल दूसरे स्थान पर खिसक गई क्योंकि कंपनी के एआई पीसी और कोर अल्ट्रा चिपसेट कोई खास प्रभाव डालने में विफल रहे हैं।
2024 में इंटेल की सेमीकंडक्टर से आय 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग स्थिर रही है।
एनवीडिया के कारोबार में तेजी देखी गई। कंपनी की सेमीकंडक्टर से आय 84 प्रतिशत बढ़कर 46 अरब डॉलर हो गई है और आय के मामले में एनवीडिया इस क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।
सेमीकंडक्टर उद्योग के विस्तार में मेमोरी सेगमेंट ने अहम भूमिका निभाई है। 2024 में आय में 71.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। डीआरएएम आय में 75.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एनएएनडी राजस्व में भी सालाना आधार पर 75.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इस वृद्धि के पीछे एक प्रमुख कारक हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) की बढ़ती मांग थी, जिसने डीआरएएम की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2024 में कुल डीआरएएम में एचबीएम का हिस्सा 13.6 प्रतिशत था, और 2025 में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 19.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
व्यापार
भारत का कोयला उत्पादन 6 प्रतिशत बढ़कर 830 मिलियन टन हुआ
नई दिल्ली, 3 फरवरी। भारत का कोयला उत्पादन चालू वित्त वर्ष की अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 की अवधि में 5.88 प्रतिशत बढ़कर 830.66 मिलियन टन (एमटी) हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 784.51 मिलियन टन था। यह जानकारी सोमवार को कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई।
जनवरी 2025 के दौरान कुल कोयला उत्पादन बढ़कर 104.43 एमटी हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान दर्ज किए गए आंकड़े 100.05 एमटी से 4.38 प्रतिशत अधिक है।
बीते महीने कैप्टिव, कमर्शियल और अन्य जगहों से निकाले जाने वाले कोयले में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है और उत्पादन 31.07 प्रतिशत बढ़कर 19.68 एमटी हो गया है, जो कि इससे पिछली अवधि में 15.01 एमटी था।
थर्मल प्लांट्स तक पहुंचने वाले कोयले में भी जनवरी में बढ़त देखने को मिली है और जनवरी में यह 6.31 प्रतिशत बढ़कर 92.40 एमटी हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 86.92 एमटी था।
कैप्टिव और अन्य जगहों से थर्मल प्लांट्स में पहुंचने वाला कोयला जनवरी 2025 में बढ़कर 17.72 एमटी हो गया है, जो कि पिछले साल की सामन अवधि में 13.64 एमटी था। यह सालाना आधार पर 29.94 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाता है।
संचयी रूप से जनवरी 2025 में थर्मल प्लांट्स तक 843.75 एमटी कोयला पहुंचा है, जो कि सालाना आधार पर 5.73 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 798.02 एमटी था।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि जनवरी 2025 तक वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कुल कोयला उत्पादन बढ़कर 150.25 एमटी हो गया है, पिछले पूरे वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 147.12 एमटी था। यह उत्पादन में मजबूत वृद्धि को दिखाता है।
बयान में आगे कहा गया कि कोयला मंत्रालय ने तीन नई खदानों – भास्करपारा, उत्कल ई, और राजहरा उत्तर (मध्य और पूर्वी) के लिए खदान खोलने की अनुमति प्रदान की है। फेयरमाइन कार्बन प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित राजहरा उत्तर (मध्य और पूर्वी) झारखंड की पहली वाणिज्यिक कोयला खदान है। यह कदम कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने और क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन की भूमिका को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
व्यापार
केंद्र सरकार 6 फरवरी को पेश कर सकती है न्यू इनकम टैक्स बिल
नई दिल्ली, 3 फरवरी। बजट 2025-26 में टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है, जिससे आम आदमी के हाथ में पहले के मुकाबले अधिक धन बचेगा। वहीं, टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अब सरकार 6 फरवरी को नया इनकम टैक्स बिल पेश कर सकती है।
नए इनकम टैक्स बिल का उद्देश्य वर्तमान आयकर अधिनियम में व्यापक सुधार लाना है और संभावित रूप से इससे इनकम टैक्स बिल में वर्तमान में लगभग 6 लाख शब्दों में से 3 लाख शब्द कम हो सकते हैं।
सोमवार को एनडीटीवी प्रॉफिट की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया कि नए इनकम टैक्स ड्राफ्ट बिल में टैक्स बेस बढ़ाने के उपाय किए जा सकते हैं, जो कि नए इनकम टैक्स स्लैब आने के कारण कम हुआ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के बाद की प्रेस-कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई इनकम टैक्स रिजीम के स्लैब में बदलाव से सीधे तौर पर एक करोड़ से अधिक लोगों को फायदा होगा।
सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स लिमिट 7 लाख रुपये से लेकर 12 लाख रुपये करने से एक करोड़ से अधिक लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा।
बजट 2025-26 में प्रस्तावित नए स्लैब के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कोई आयकर नहीं देना होगा।
मौजूदा कर दरों और वित्त वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित नई दरों के बीच तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग 8 लाख रुपये कमा रहे हैं, उनकी जेब में 30,000 रुपये अधिक बचेंगे होंगे, क्योंकि उनकी कर देनदारी शून्य कर दी गई है।
नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये (पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय के अलावा प्रति माह 1 लाख रुपये की औसत आय) तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये होगी।
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