राजनीति
भारत का रक्षा उत्पादन वित्त वर्ष 25 में 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा, पीएसयू का योगदान 70 प्रतिशत से अधिक
नई दिल्ली, 10 नवंबर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2024-25 में, भारत ने 1.51 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन हासिल किया, जिसमें डीपीएसयू का योगदान कुल 71.6 प्रतिशत रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रक्षा निर्यात 6,695 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो भारत की स्वदेशी प्रणालियों में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है। इससे यह स्पष्ट है कि ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा उत्पाद वैश्विक सम्मान प्राप्त कर रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में डिफेंस पीएसयू के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने देश के रक्षा विनिर्माण इको-सिस्टम को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में डीपीएसयू के निरंतर योगदान की सराहना की। उन्होंने सरकारी कंपनियों को उनके निरंतर समर्पण और उत्कृष्टता के लिए बधाई देते हुए कहा कि हमारे सभी 16 डीपीएसयू देश की आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन हमारे स्वदेशी प्लेटफार्मों की विश्वसनीयता और क्षमता का प्रमाण है।
केंद्रीय मंत्री ने इस गति को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी डीपीएसयू से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के तीव्र स्वदेशीकरण, समग्र अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद गुणवत्ता संवर्धन, समय पर डिलीवरी और निर्यात बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने डीपीएसयू को निर्देश दिया कि वे मापनीय लक्ष्यों के साथ स्पष्ट स्वदेशीकरण और अनुसंधान एवं विकास रोडमैप तैयार करें और अगली समीक्षा बैठक में प्रस्तुत करें।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की ओर से, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जहां भी विशेष हस्तक्षेप या सहायता की आवश्यकता होगी, वह तुरंत प्रदान की जाएगी।
इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री ने स्टेट-ऑफ-द-आर्ट डीपीएसयू भवन का उद्घाटन किया और जहां डिफेंस पीएसयू के प्रदर्शन की समीक्षा भी की गई।
इस आयोजन के एक भाग के रूप में, डीपीएसयू के बीच तीन प्रमुख समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया, जो सहयोग और आत्मनिर्भरता की भावना को दर्शाता है।
महाराष्ट्र
फिल्म आइकॉन धर्मेंद्र वेंटिलेटर सपोर्ट पर: सूत्र

मुंबई, 10 नवम्बर: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र (89 वर्ष) को सांस लेने में तकलीफ़ के बाद मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के अनुसार, अभिनेता की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी स्थिति पर नज़र रख रही है।
जानकारी के मुताबिक, धर्मेंद्र को कुछ दिन पहले सांस फूलने की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती करने का निर्णय लिया। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि उनके स्वास्थ्य पैरामीटर फिलहाल सामान्य हैं, लेकिन उम्र को देखते हुए उन्हें निगरानी में रखा गया है।
अभिनेता के बेटे सनी देओल और बॉबी देओल लगातार अस्पताल में मौजूद हैं, जबकि परिवार के अन्य सदस्य और फिल्म इंडस्ट्री के करीबी लोग भी उनका हाल जानने पहुंचे हैं।
धर्मेंद्र के अस्पताल में भर्ती होने की खबर के बाद देशभर में उनके प्रशंसकों और चाहने वालों में चिंता की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर फैन्स और बॉलीवुड हस्तियाँ उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।
धर्मेंद्र, जिन्हें “ही-मैन ऑफ बॉलीवुड” कहा जाता है, ने अपने छह दशकों के फिल्मी करियर में कई सुपरहिट और यादगार फिल्मों में काम किया है। उनकी सादगी और लोकप्रियता आज भी लोगों के दिलों में बरकरार है।
फिलहाल अस्पताल प्रशासन और परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है, और आने वाले दिनों में उनकी तबीयत में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
राजनीति
बड़े नेताओं का कांग्रेस से मोहभंग, पार्टी की दुर्गति आगे और बढ़ेगी : रामकदम

RAM KADAM
मुंबई, 10 नवंबर: भाजपा नेता राम कदम ने सोमवार को लाल कृष्ण आडवाणी की तारीफ करके कांग्रेस के निशाने पर आए शशि थरूर का समर्थन किया। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर शशि थरूर या कोई भी दूसरा नेता लाल कृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर उनकी तारीफ करता है और उनके अमूल्य योगदान की सराहना करता है, तो कांग्रेस को इससे दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
मिडिया से बातचीत में रामकदम ने कहा कि शशि थरूर एक विद्वान नेता हैं। उनका मूल्यांकन सिर्फ राजनीतिक स्तर पर करना अनुचित रहेगा। वे बहुत ही प्रतिभावान नेता हैं। ऐसी स्थिति में अगर उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी की तारीफ कर ही दी, तो इससे कांग्रेस को क्या एतराज है? मुझे लगता है कि कांग्रेस को इस पर खुलकर अपनी बात कहनी चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी की सोच ही बहुत ही छोटी है। इसने मन बना लिया है कि ये नाली से बाहर नहीं आएगी। इसने अब नाली को ही पूरी दुनिया समझ ली है और यही इसके पतन का कारण बन रहा है। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता है कि आगामी दिनों में भी कांग्रेस के लिए कुछ सकारात्मक संभावनाएं पैदा होंगी। शायद यही वजह है कि आज की तारीख में जितने भी दिग्गज नेता हैं, उन सभी लोगों का कांग्रेस से मोहभंग होता जा रहा है। कांग्रेस की दुर्गति आने वाले दिनों में इसी तरह से बढ़ती रहेगी।
भाजपा नेता रामकदम ने बिना नाम लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इनकी स्थिति ऐसी हो चुकी है कि ये अपनी पार्टी की दुर्गति ठीक करने में बिल्कुल भी रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके इतर मनगढ़ंत मुद्दों का जिक्र कर रहे हैं, जो मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में बिल्कुल भी प्रासंगिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि कभी राहुल गांधी हाइड्रोजन बम का जिक्र करते हैं, तो कभी एटम बम का जिक्र करते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि इनके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। ये कभी ब्राजील की महिला को ले आते हैं, तो कभी बिहार की महिला को लेकर आते हैं। बाद में पता चलता है कि यह पूरी तरह से झूठ है, जिसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि ये कांग्रेस के नेता देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं ताकि अपने लिए राजनीतिक लाभ अर्जित कर सकें। लेकिन, अब इन लोगों को किसी भी प्रकार का फायदा राजनीतिक स्तर पर होने वाला नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
राष्ट्रपति ट्रंप भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

TRUMP
वाशिंगटन, 10 नवंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को भारत में नए अमेरिकी राजदूत और उनके करीबी सहयोगी सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे।
बता दें कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अक्टूबर में सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया।
रविवार को व्हाइट हाउस की तरफ से जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत में अमेरिकी राजदूत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद गोर के नई दिल्ली में कार्यभार संभालने की उम्मीद है।
अक्टूबर में सीनेट के मतदान द्वारा पुष्टि किए गए, 38 वर्षीय गोर भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत होंगे। गोर के बारे में कहा जाता है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं। वह व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक भी रहे थे। इन्हें ट्रंप सरकार के दूसरे कार्यकाल में 4,000 से अधिक पदों की जांच का दायित्व सौंपा गया था।
इससे पहले, राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर 22 अगस्त को गोर को लेकर किए इस पोस्ट में लिखा था, “दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस पर मैं अपने एजेंडे को पूरा करने और अमेरिका को फिर से महान बनाने में हमारी मदद करने के लिए पूरी तरह भरोसा कर सकूं। सर्जियो एक अद्भुत राजदूत साबित होंगे।”
अपनी नियुक्ति के बाद सर्जियो गोर 9 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर तक भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद, गोर ने एक्स पर लिखा था, “आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होना सम्मान की बात है। आने वाले महीनों में भारत के साथ हमारे संबंध और भी मज़बूत होंगे!”
वहीं, पीएम मोदी ने भी लिखा, “सर्जियो गोर का स्वागत करके खुशी हुई… मुझे विश्वास है कि उनका कार्यकाल भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि गोर दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए एक विशेष दूत के रूप में भी काम करेंगे। सितंबर में, सीनेट में अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, गोर ने भारत को “एक रणनीतिक साझेदार” बताया था, जिसका मार्ग इस क्षेत्र और उससे आगे की दिशा तय करेगा।
भारत में अमेरिकी राजदूत ने कहा था, “भारत की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक विकास और सैन्य क्षमताएं इसे क्षेत्रीय स्थिरता की आधारशिला और समृद्धि को बढ़ावा देने और हमारे राष्ट्रों के साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं। भारत दुनिया में हमारे राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। मैं राष्ट्रपति के एजेंडे को पूरा करने और हमारे रक्षा सहयोग को बढ़ाकर, निष्पक्ष और लाभकारी व्यापार को गहरा करके, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाकर अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा।”
वहीं, भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने को लेकर उन्होंने कहा, “मैं भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने को प्राथमिकता दूंगा। इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यासों का विस्तार, रक्षा प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन को आगे बढ़ाना और महत्वपूर्ण रक्षा बिक्री को पूरा करना शामिल है।”
इस दौरान गोर ने कहा कि भारत की 1.4 अरब की आबादी और “तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग” अमेरिका के लिए “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों तक, अपार अवसर है और दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं अपार हैं।”
इससे पहले सितंबर में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी। बैठक के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा कि दोनों नेता “अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।”
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