व्यापार
भारत की डेटा सेंटर क्षमता 2030 तक 4,500 मेगावाट को कर जाएगी पार: रिपोर्ट

बेंगलुरु, 28 मई। भारत के टॉप सात शहरों में डेटा सेंटर (डीसी) बाजार की क्षमता 2030 तक 4,500 मेगावाट को पार कर जाने की उम्मीद है, जिससे अगले 5-6 वर्षों में 20-25 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित होगा। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसके कारण अगले 5-6 वर्षों में रियल एस्टेट में लगभग 55 मिलियन वर्ग फीट का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है।
पिछले 6-7 वर्षों में डीसी क्षमता में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और यह अप्रैल तक 1,263 मेगावाट तक पहुंच गई है। यह वृद्धि डिजिटल और क्लाउड सर्विस की मांग में वृद्धि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के बढ़ते इस्तेमाल और अनुकूल सरकारी नीतियों द्वारा समर्थित इंटरनेट की बढ़ती पहुंच की वजह से देखी जा रही है।
शहरी स्तर पर, मुंबई में 41 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ डीसी क्षमता का अधिकांश हिस्सा बना रहा, इसके बाद चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर में क्रमशः 23 प्रतिशत और 14 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
रिपोर्ट में बताया गया है कि क्षमता में तीव्र विस्तार के परिणामस्वरूप पिछले 6-7 वर्षों में देश के टॉप सात डीसी बाजारों में रियल एस्टेट फुटप्रिंट में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है, जो इसे 16 मिलियन वर्ग फीट तक ले गया है।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी जतिन शाह ने कहा, “भारत तेजी से डिजिटलीकरण, डेटा स्थानीयकरण मानदंडों और मजबूत सरकारी समर्थन की मदद से ग्लोबल डीसी होटस्पॉट बन रहा है।”
भारत के रणनीतिक लाभ जैसे कि भूमि की उपलब्धता, इस्तेमाल के लिए बिजली की आपूर्ति और कुशल प्रतिभा की उपलब्धता, एपीएसी क्षेत्र में डेटा केंद्रों के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करती है।
शाह ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि बाजार बड़े पैमाने पर कोलोकेशन सुविधाओं और हाइपरस्केलर्स से आगे बढ़कर एज डेटा सेंटरों तक फैल रहा है, जो लोअर लेटेंसी, रियल-टाइम एनालिसिस और बेहतर ऐप परफॉर्मेंस की बढ़ती जरूरतों की वजह से है।”
भौगोलिक प्रसार के संदर्भ में, 2020 से नई सप्लाई का 44 प्रतिशत मुंबई में केंद्रित था।
इसके बाद चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर का स्थान रहा, जिन्होंने 2020 से क्षमता वृद्धि में 42 प्रतिशत योगदान दिया।
अगले 5-6 वर्षों में भी, अधिकांश प्राथमिक डीसी बाजारों में नई सप्लाई का महत्वपूर्ण प्रवाह देखने को मिलेगा।
मुंबई, चेन्नई और दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों के अलावा, हैदराबाद में विशेष रूप से महत्वपूर्ण गति देखने को मिलेगी और यह एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।
व्यापार
वित्त वर्ष 2026 में भारत के लिए रियल जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : आरबीआई

नई दिल्ली, 29 मई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत के लिए रियल जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।
आरबीआई ने अपनी ‘2024-2025 वार्षिक रिपोर्ट’ में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, वित्तीय क्षेत्र और सस्टेनेबल विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ वित्त वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, भू-राजनीतिक और व्यापार तनाव, सप्लाई चेन व्यवधान, जलवायु से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद यह वृद्धि बनी रहेगी। सभी कारक ‘ग्रोथ आउटलुक’ के लिए डाउनसाइड और ‘मुद्रास्फीति आउटलुक’ के लिए ऊपर की ओर जोखिम पैदा करते हैं।
भारत का आउटलुक 2025-2026 के लिए आशाजनक बना हुआ है। इस आउटलुक को उपभोक्ता मांग में सुधार, बैंकों और कॉरपोरेट्स की हेल्दी बैलेंस शीट, आसान वित्तीय स्थिति, सेवा क्षेत्र की निरंतर मजबूती और उपभोक्ता-व्यावसायिक आशावाद से मजबूती मिलेगी। साथ ही राजकोषीय कंसोलिडेशन के मार्ग पर चलते हुए पूंजीगत व्यय पर सरकार का निरंतर जोर भी इस मजबूत आउटलुक को समर्थन देगा।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्पादकता बढ़ाने वाली कई सरकारी नीतियों की वजह से 2025-26 में कृषि क्षेत्र के लिए संभावनाएं अनुकूल दिख रही हैं। साथ ही केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहलों की घोषणा की गई है।”
इसके अलावा, घरेलू मांग में सुधार, उपयोग की उच्च क्षमता, कॉरपोरेट-बैंकों की हेल्दी बैलेंस शीट और उपभोक्ता-व्यावसायिक आशावाद से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को 2025-26 में और गति मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का ध्यान पीएलआई योजना और नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन घोषणा के साथ मैन्युफैक्चरिंग के बेस को बढ़ाने पर है, जिसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल से और अधिक बढ़ावा मिलेगा।
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को लेकर आशावाद, आरबीआई के फॉर्वर्ड लुकिंग सर्वे में भी दिखाई देता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने भू-राजनीतिक तनावों के बीच वित्त वर्ष 2025 में मजबूत बुनियादों और सक्रिय नीति उपायों के साथ बेहतर प्रदर्शन किया था।
आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “कई वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय वित्तीय बाजारों ने मजबूत और व्यवस्थित चाल दर्ज की है। केंद्र सरकार ने अपने राजकोषीय कंसोलिडेशन प्रयासों को बनाए रखा, जिसे कर राजस्व में उछाल और विवेकपूर्ण व्यय प्रबंधन से सपोर्ट मिला। वहीं, एक्सटर्नल फ्रंट पर, मजबूत सेवा निर्यात और स्थिर प्रेषण प्रवाह ने ट्रेड डेफिसिट की भरपाई की, जिससे करंट अकाउंट डेफिसिट एक स्थायी स्तर पर रहा।”
राष्ट्रीय
दिल्ली : अगले दो दिन तक भारी बारिश और आंधी की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

नई दिल्ली, 29 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों के लिए कई इलाकों में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, 29 मई और 30 मई को तेज बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। ह्यूमिडिटी का स्तर 70 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच रहेगा। इसी प्रकार, 30 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, तापमान वही रहेगा और हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
इन दोनों दिनों के लिए चेतावनी दी गई है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की तलाश करें। 31 मई को मौसम विभाग ने ‘मध्यम वर्षा’ की संभावना जताई है, लेकिन आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी अब भी बनी हुई है।
हालांकि, इसके बाद मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। 1 जून को “थंडरस्टॉर्म विथ रेन” की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 2 जून से मौसम में काफी सुधार देखने को मिलेगा, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 जून को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, लेकिन कोई विशेष चेतावनी नहीं है। 4 जून को मौसम पूरी तरह से सामान्य रहेगा, केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अगले दो दिनों तक सतर्कता बरतें, विशेषकर बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के दौरान। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में यात्रा कर रहे लोग और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारी विशेष सावधानी बरतें।
व्यापार
हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 81,500 स्तर से ऊपर

मुंबई, 29 मई। सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच गुरुवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक हरे निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में आईटी और मेटल सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
सुबह करीब 9.29 बजे, सेंसेक्स 237.56 अंक या 0.29 प्रतिशत बढ़कर 81,549.88 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 57.00 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 24,809.45 पर था
निफ्टी बैंक 86.95 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 55,503.95 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 105.80 अंक या 0.19 प्रतिशत बढ़कर 57,247.20 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 85.20 अंक या 0.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,869.20 पर था।
विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई और फिर भी इंडिया विक्स में भी गिरावट रही। यह नीचे की ओर सुरक्षा के लिए मांग की कमी को दर्शाता है, जिसे लोग तब नहीं देखते जब लोग बियरिश होते हैं।
एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने कहा, “हम 24,462 को महत्वपूर्ण स्तर मानते हैं, जो यह तय करेगा कि यह निकट अवधि में गिरावट है या और गहरी गिरावट की शुरुआत है। वर्तमान में, हम इससे ऊपर बने हुए हैं इसलिए हमारा मानना है कि यह अभी भी खरीदारों का बाजार है।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, सन फार्मा, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड, टीसीएस और एलएंडटी टॉप गेनर्स थे। जबकि, केवल बजाज फाइनेंस टॉप लूजर था।
एशियाई बाजारों में हांगकांग, बैंकॉक, सोल, चीन और जापान हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। जबकि केवल जकार्ता लाल निशान में कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डॉव जोन्स 244.95 अंक या 0.58 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,098.70 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 32.99 अंक या 0.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,888.55 पर बंद हुआ और नैस्डैक 98.23 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,100.94 पर बंद हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ संबंधी खबरों का बाजारों पर असर जारी है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “अमेरिकी संघीय अदालत का रेसिप्रोकल टैरिफ को खारिज करना एक स्पष्ट संदेश है कि राष्ट्रपति अपने फैसलों से बाजारों और अर्थव्यवस्था को प्रभावित नहीं कर सकते।”
संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 28 मई को 4,662.92 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,911.99 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
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