व्यापार
भारतीय टेक इंडस्ट्री अमेरिका में स्थानीय कौशल विकास और भर्ती को देगी बढ़ावा : नैसकॉम

नई दिल्ली, 22 सितंबर। भारत में टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए शीर्ष निकाय नैसकॉम ने सोमवार को कहा कि भारतीय आईटी और टेक इंडस्ट्री अमेरिका में लोकल अपस्किलिंग और हायरिंग पर 1 बिलियन डॉलर से भी अधिक खर्च कर रही है और इसी के साथ अमेरिका में स्थानीय लोगों की भर्ती की संख्या में वृद्धि हुई है।
पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका में काम करने वाली भारतीय और भारत से जुड़ी कंपनियों ने एच-1बी वीजा पर अपनी निर्भरता को कम किया है और लोकल हायरिंग को बढ़ाया है।
नैसकॉम के अनुसार, “इसके अलावा, 2026 से फीस लागू होने से कंपनियों को अमेरिका में स्किलिंग प्रोग्राम को बेहतर बनाने और लोकल हायरिंग बढ़ाने का समय मिलेगा।”
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख भारतीय और भारत से जुड़ी कंपनियों को 2015 में कुल 14,792 एच-1बी वीजा जारी किए गए थे, जो कि 2024 में घटकर मात्र 10,162 रह गए हैं।
नैसकॉम ने एक बयान में कहा, “टॉप 10 भारतीय और भारत से जुड़ी कंपनियों में एच-1बी कर्मचारी उनके कुल कर्मचारियों का 1 प्रतिशत से भी कम हैं। इस ट्रेंड को देखते हुए हमें लगता है कि इस सेक्टर पर बहुत कम असर होगा।”
एच-1बी एक हाई-स्किल्ड वर्कर मोबिलिटी और नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो अमेरिका में जरूरी स्किल गैप को पूरा करता है, जिसमें कर्मचारी को सैलरी लोकल कर्मचारियों के बराबर ही दी जाती है। साथ ही, एच-1बी कर्मचारी अमेरिका की कुल वर्कफोर्स का एक छोटा सा हिस्सा हैं।
इंडस्ट्री बॉडी ने कहा, “नासकॉम हमेशा से स्किल वाले लोगों की आवाजाही के लिए भरोसेमंद और स्थिर फ्रेमवर्क की वकालत करता रहा है, जो देश की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है और इसने हमेशा अमेरिका में इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है।”
इसमें आगे कहा गया कि स्किल वाले लोगों की आवाजाही से कंपनियों को भविष्य के लिए निवेश के फैसले लेने, रिसर्च को तेज करने और ग्लोबल इनोवेशन इकोनॉमी में देश की स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
20 सितंबर को व्हाइट हाउस ने एच-1बी वीजा आवेदन पर 1 लाख डॉलर की सालाना फीस लगाने पर सफाई दी।
स्पष्ट किया गया है कि यह नियम मौजूदा वीजा होल्डर्स पर लागू नहीं होगा और केवल नए आवेदनों पर एक बार ही लागू होगा। इससे एलिजिबिलिटी और टाइमलाइन से जुड़ी उलझन दूर हुई है। साथ ही, अमेरिका के बाहर मौजूद एच-1बी होल्डर्स के लिए बिजनेस की निरंतरता और अनिश्चितता की चिंता भी कम हुई है।
व्यापार
नए जीएसटी दरें: तंबाकू, कोल्ड ड्रिंक और विमान समेत इन उत्पादों पर अब लगेगा 40 प्रतिशत का टैक्स

नई दिल्ली, 22 सितंबर। केंद्र सरकार की ओर से नई जीएसटी की दरें सोमवार से लागू कर दी गई हैं। नए जीएसटी फ्रेमवर्क के अंतर्गत सरकार ने टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर दो – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दी है, जो कि पहले चार – 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत थी।
इसके अलावा सिन गुड्स और लग्जरी गुड्स पर 40 प्रतिशत का अलग से टैक्स निर्धारित किया गया है।
सिन गुड्स, उन उत्पादों को कहा जाता है, जो कि सहेत के लिए नुकसानदायक होते हैं और इनके उपभोग को कम करने के लिए सरकार की ओर से इन्हें 40 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा गया है।
नई जीएसटी दरें लागू होने के बाद पान मसाला, गुटका, सिगरेट, तबांकू और जरदा को 40 प्रतिशत प्लस सेस लगेगा। यह सेस तब तक जारी रहेगा, जब तक बकाया सेस लिंक्ड लोन समाप्त नहीं हो जाते हैं।
कोल्ड ड्रिंक या फिर चीनी मिली एरेटेड वाटर आदि अब 40 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आएंगे। हालांकि, पहले इन पर 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ 12 प्रतिशत का सेस लगता था। इस कारण से इनकी कीमत में कोई बदलवा नहीं आएगा।
इसके अलावा रेस क्लब, लीजिंग, कैसीनो, धुड़दौड़ और लॉटरी आदि पर 40 प्रतिशत का टैक्स लगेगा। आईपीएल टिकट पर भी जीएसटी अब बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है। वहीं, सरकार ने निजी उपभोग के लिए उपयोग किए जाने वाले विमानों पर 40 प्रतिशत का टैक्स निर्धारित किया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत प्लस 3 प्रतिशत सेस था।
नई जीएसटी फ्रेमवर्क के तहत सरकार ने 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली बाइकों पर टैक्स बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है। इससे उच्च क्षमता वाली बाइकों की कीमतों में इजाफा होगा।
वहीं, सरकार ने 1,200 सीसी और 4 मीटर से बड़ी पेट्रोल और 1,500 सीसी और 4 मीटर से बड़ी डीजल गाड़ी पर टैक्स को बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि, पहले 28 प्रतिशत जीएसटी सहित सेस मिलाकर इन पर कुल 50 प्रतिशत टैक्स लगता था, ऐसे में नई जीएसटी दरों के आने से बड़ी गाड़ियों की कीमतों में भी कमी देखने को मिलेगी।
जीएसटी सुधार से रोजमर्रा की जरूरी चीजें और लाइफ सेविंग मेडिसिन सहित लगभग 370 प्रोडक्ट पर टैक्स कम हो गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि इस बदलाव का मकसद उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली : दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती से आम आदमी को राहत, लोगों ने जताई खुशी

नई दिल्ली, 22 सितंबर। जीएसटी 2.0 के लागू होने के पहले ही दिन दिल्ली में दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का असर दिखने लगा है। सरकार ने पनीर, छेना, अल्ट्रा-हीट ट्रीटमेंट (यूएचटी) दूध और अन्य डेयरी आइटम्स पर टैक्स को शून्य कर दिया है, जिसे लेकर स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है।
स्थानीय निवासियों ने जीएसटी 2.0 को आम आदमी के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “आज कीमतें कम हुई हैं और मुझे लगता है कि इसमें और भी राहत मिलनी चाहिए क्योंकि महंगाई बढ़ती ही जा रही है और ऐसे में हर कोई चाहता है कि सरकार इस पर फैसला ले। मेरा मानना है कि डेयरी उत्पादों में कमी अच्छी है और इससे ज्यादा फर्क पड़ेगा।”
एक अन्य निवासी ने कहा, “केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत करने के लिए एक अच्छा कदम लिया है। जीएसटी की नई दरों से आम लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही, व्हीकल और डेली प्रोडक्टस पर जीएसटी दरें कम होने से जनता को फायदा होगा।”
बता दें कि भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।
राष्ट्रीय समाचार
जीएसटी 2.0 आज से लागू : जानें क्या सस्ता और क्या हुआ महंगा?

नई दिल्ली, 22 सितंबर। भारत के टैक्स सिस्टम में आज एक ऐतिहासिक बदलाव लागू हो गया है। नया गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी 2.0) पूरे देश में प्रभावी हो चुका है, जो टैक्स ढांचे को सरल बनाने और आम नागरिकों को राहत प्रदान करने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है।
जीएसटी परिषद ने सितंबर की शुरुआत में इसकी मंजूरी दी थी और अब इसका सीधा असर बाजारों पर दिखने लगा है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के रूप में इसे प्रचारित किया जा रहा है, जो स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस नई व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैबों को सरल बनाया गया है, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं पर बोझ कम होगा। एक नजर डालते हैं टैक्स सिस्टम पर।
जीएसटी फैसलों के अनुसार, पनीर, दूध, ब्रेड, स्टेशनरी, जीवन रक्षक दवाएं और शैक्षिक सेवाओं समेत कई आइटम्स पर जीएसटी दर शून्य हो गई है। ये बदलाव तत्काल प्रभावी आज से ही लागू होंगे, जिससे खुदरा कीमतों में कमी आएगी।
नई जीएसटी दर के तहत पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड), दूध, रोटी, चपाती, पराठा, जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार), स्वास्थ्य/जीवन बीमा और शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग) पर जीरो टैक्स रहेगा। पहले इन सामानों पर 5 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था।
इसके अलावा, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन और स्टेशनरी आइटम्स (शार्पनर, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल और अन्य उत्पाद), वोकेशनल प्रशिक्षण संस्थान, कौशल विकास पाठ्यक्रम, चैरिटेबल अस्पताल सेवाएं और ट्रस्ट (स्वास्थ्य, शिक्षा) पर 12 से 18 प्रतिशत लगने वाला टैक्स घटकर शून्य हो गया है।
साथ ही, एसी और फ्रिज आदि पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। वहीं, गाड़ियों पर टैक्स में कटौती की गई है। 350 सीसी और उससे कम की बाइक पर अब जीएसटी घटकर 18 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 28 प्रतिशत था।
इसके अलावा, 1,200 सीसी और 4 मीटर से कम की पेट्रोल गाड़ियों और 1,500 सीसी और 4 मीटर से कम की डीजल गाड़ियों पर टैक्स घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। इससे ऊपर के सेगमेंट और क्षमता वाली गाड़ियों पर अब 40 प्रतिशत का टैक्स लगेगा, जो कि पहले करीब 50 प्रतिशत होता था।
वहीं, तंबाकू, बीड़ी और पान मसाला पर 40% टैक्स बरकरार रखा गया है, जबकि पेट्रोल-डीजल पर कोई बदलाव नहीं हुआ क्योंकि ये अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
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