व्यापार
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच मामूली गिरावट के साथ खुला भारतीय शेयर बाजार
मुंबई, 20 मई। मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच मंगलवार को घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में ऑटो, पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.31 बजे, सेंसेक्स 40.79 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,018.63 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 22.10 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,923.35 पर कारोबार कर रहा था।
निफ्टी बैंक 51.40 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,369.30 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 162.45 अंक या 0.28 प्रतिशत की गिरावट के बाद 56,943.00 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 42.75 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के बाद 17,606.90 पर था।
विश्लेषकों के अनुसार, तकनीकी दृष्टिकोण से, निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक बियरिश कैंडल फॉर्म की, जबकि इनसाइड बार पैटर्न के भीतर कारोबार करते हुए, महत्वपूर्ण 25,000 के स्तर से थोड़ा नीचे बंद हुआ।
चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजने ने कहा, “निफ्टी इंडेक्स पूरे सेशन के दौरान एक नैरो इंट्राडे रेंज के भीतर ऊपर-नीचे होता रहा। यह निर्णय न ले पाने का संकेत देता है, जिसका मतलब है कि निवेशक स्पष्ट दिशा नहीं तय कर पा रहे थे। तत्काल समर्थन 24,900-24,800 पर देखा जाता है, जबकि प्रतिरोध स्तर 25,100 और 25,235 पर रखा गया है। 25,235 से ऊपर एक निर्णायक ब्रेकआउट 25,500-25,743 की ओर ऊपर बढ़ने का रास्ता खोल सकता है।”
भारतीय रुपया मजबूत हुआ और डॉलर के मुकाबले 10 पैसे बढ़कर 85.40 पर बंद हुआ।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च हेड देवर्ष वकील ने कहा, “रुपए में यह तेजी कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अमेरिकी डॉलर में नरमी के कारण आई।”
इस बीच, सेंसेक्स में शामिल शेयरों में टाटा स्टील, सन फार्मा, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, आईटीसी, अदाणी पोर्ट्स, एलएंडटी और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स रहे। पावर ग्रिड, नेस्ले इंडिया, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, एमएंडएम और एचडीएफसी बैंक टॉप लूजर्स रहे।
एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग, जापान, बैंकॉक, सोल और जकार्ता हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डॉव जोन्स 137.33 अंक या 0.32 प्रतिशत की बढ़त के साथ 42,792.07 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 5.22 अंक या 0.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 5,963.60 पर बंद हुआ और नैस्डैक 4.36 अंक या 0.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,215.46 पर बंद हुआ।
संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी और घरेलू दोनों निवेशक सतर्क हो गए, जिससे एक महीने से अधिक समय में पहली बार एक साथ बिकवाली देखी गई।
एनएसई के प्रोविजनल डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 19 मई को 525.95 करोड़ रुपए मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 237.93 करोड़ रुपए के शुद्ध विक्रेता थे।
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भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ खुला, मेटल शेयरों में तेजी

मुंबई, 13 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में हल्की गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:24 पर सेंसेक्स 116 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,349 और 34 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,851 पर था।
शुरुआती सत्र में लार्जकैप के उलट मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 74 अंक या 0.12 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,977 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 39 अंक या 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,290 पर था।
सेक्टरोल आधार पर मेटल, रियल्टी, मीडिया, फार्मा, फाइनेंशियल सर्विसेज, इन्फ्रा, कमोडिटीज और कंजप्शन इंडेक्स हरे निशान में थे। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, एनर्जी और प्राइवेट बैंक लाल निशान में थे।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, ट्रेंट, पावर ग्रिड, अदाणी पोर्ट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट और सन फार्मा टॉप गेनर्स थे। इन्फोसिस, इटरनल (जोमैटो), कोटक महिंद्रा बैंक, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, टीसीएस,एचडीएफसी बैंक और आईटीसी लूजर्स थे।
एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, शंघाई, बैंकॉक और जकार्ता हरे निशान में थे। हांगकांग और सोल लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को मिलेजुले बंद हुए थे।
बाजार के जानकारों ने कहा कि बाजार को नया ऑल-टाइम हाई लगाने के लिए और कारकों की आवश्यकता है। फिलहाल बाजार ने बिहार चुनाव में एनडीए की जीत की संभावना को फैक्टर-इन कर लिया है। शेयर बाजार के लिए आने वाले समय में अमेरिका और भारत ट्रेड डील अहम फैक्टर होगी।
संस्थागत मोर्चे पर, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 12 नवंबर को लगातार तीसरे सत्र में अपनी बिकवाली जारी रखी और 1,750 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) लगातार खरीदार बने रहे और उन्होंने 5,100 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर खरीदे, जिससे बाजार को लगातार समर्थन मिला है।
कच्चे तेल एक सीमित दायरे में बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड 62.67 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 58.40 डॉलर प्रति बैरल पर है।
व्यापार
डीमर्जर के बाद टाटा मोटर्स कमर्शियल के शेयर 28 प्रतिशत प्रीमियम पर हुए लिस्ट

मुंबई, 12 नवंबर: टाटा मोटर्स की कमर्शियल इकाई के शेयर बुधवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 335 रुपए प्रति यूनिट पर लिस्ट हुए, जो कि डिस्कवरी प्राइस 260.75 रुपए प्रति यूनिट से 28.5 प्रतिशत अधिक है।
वहीं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल के शेयर 330.25 रुपए प्रति यूनिट पर लिस्ट हुए, जो कि डिस्कवरी प्राइस 261.90 रुपए प्रति शेयर से 26.09 प्रतिशत था।
हालांकि, लिस्टिंग के बाद शेयरों में करीब 2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। सुबह करीब 11:35 बजे, एनएसई पर शेयर 1.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 328.65 रुपए पर कारोबार कर रहा था। वहीं, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल के शेयर 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 404.75 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
टाटा मोटर्स के बोर्ड ने पिछले साल अपने कमर्शियल वाहन और पैसेंजर वाहन कारोबार को बेहतर ऑपरेशनल एफिशिएंसी के लिए 1:1 के अनुपात में अलग-अलग लिस्ट करने का ऐलान किया था।
यह डीमर्जर एक अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है। इसकी रिकॉर्ड डेट 14, अक्टूबर, 2025 थी।
इसके तहत, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (टीएमपीवी) के शेयरों ने 14 अक्टूबर को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में शेयर बाजार में कारोबार करना शुरू किया था , जिसका मूल्य रिकॉर्ड डेट पर समायोजन के बाद लगभग 400 रुपए प्रति शेयर था। यह 660.75 के डीमर्जर के पहले की डेट के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर था, जबकि टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन इकाई के शेयर का मूल्य 260 रुपए से प 270 रुपए प्रति शेयर के बीच होने का अनुमान था।
अलग-अलग होने के बाद टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड का मार्केट कैप 1.51 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन इकाई का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।
व्यापार
एआई का वर्कलोड बढ़ने के साथ 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय कंपनियां डेटा सेंटर क्षमता में कर रही हैं निवेश

मुंबई, 12 नवंबर: भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियों का मानना है कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) वर्कलोड आने वाले तीन से पांच वर्षों में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकता है और इसे संभालने के लिए 51 प्रतिशत कंपनियां अगले 12 महीनों में नई डेटा सेंटर क्षमता में निवेश कर रही हैं। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
नेटवर्किंग उपकरण बनाने वाली कंपनी सिस्को की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि 91 प्रतिशत भारतीय कंपनियां अपने सिस्टम में ऑटोनॉमस एआई एजेंट्स की तैनाती कर रही हैं और केवल 37 प्रतिशत ही उसे पूरी तरह से सुरक्षित रख पाने में सक्षम हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक स्तर पर, एआई को लागू करने वाले 13 प्रतिशत संगठन फंडामेंटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकल्प चुनकर अपने समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे चक्रवृद्धि लाभ प्राप्त हो रहे हैं।
सिस्को ने रिपोर्ट में ऐसे संगठनों को “पेससेटर” कहते हुए, कहा कि 97 प्रतिशत ग्लोबल पेससेटर्स ने यूस केस को अनलॉक करने और अधिक रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (आरओआई) प्राप्त करने के लिए एआई का उपयोग किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “वे नेटवर्क-फर्स्ट नींव का निर्माण करते हैं, पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता देते हैं, निरंतर अनुकूलन करते हैं और पहले दिन से ही सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।”
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर्मचारियों के लिए भी वर्कप्लेस में उनके काम करने के तरीकों को बदलने को लेकर एक अहम फैक्टर बन रहा है।
जॉब साइट इनडीड की एक लेटेस्ट स्टडी बताती है कि 71 प्रतिशत कर्मचारी एआई का इस्तेमाल करियर को प्लान करने और प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 75 प्रतिशत कर्मचारियों ने माइक्रो-रिटायरमेंट, मूनलाइटिंग, फ्लेक्सिबल शेड्यूल और बेयर-मिनिमम मंडे जैसे कम से कम एक नए वर्कप्लेयर बिहेवियर को अपनाना शुरू कर दिया है।
इसके अलावा, 68 प्रतिशत एंट्री-टू-जूनियर लेवल कर्मचारी सीखने और करियर प्लानिंग को लेकर नई अप्रोच को ट्राई कर रहे हैं। 10 में से 4 कर्मचारी यानी लगभग 40 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि वे मूनलाइटिंग, फ्लेक्सिबल शेड्यूल और शॉर्ट करियर ब्रेक्स के साथ वर्क-लाइफ दोनों को बैलेंस करते हैं।
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