व्यापार
तीसरी तिमाही के नतीजों से पहले लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार
मुंबई, 9 जनवरी। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के नतीजों के साथ गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में, ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.27 बजे सेंसेक्स 268.77 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,879.72 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 78.40 अंक या 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,610.55 पर कारोबार कर रहा था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,177 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 958 शेयर लाल निशान में थे।
निफ्टी बैंक 202.90 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,632.15 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 98.20 अंक या 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,172.40 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 7.70 अंक या 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,357.95 पर था।
बाजार के जानकारों के अनुसार, आज से तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन शुरू होने के साथ ही, नतीजों पर बाजार की प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।
टीसीएस के नतीजों के साथ संकेत मिलेगा कि आईटी सेक्टर के लिए आगे क्या उम्मीदें रहेंगी। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती और रुपये में गिरावट आईटी सेक्टर के लिए अनुकूल संकेत होंगे।
जानकारों ने आगे कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नीतिगत फैसलों और भारतीय केंद्रीय बजट प्रस्तावों से आने वाले दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।”
इस बीच, एसबीआई, जोमैटो, सन फार्मा, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले इंडिया, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस और पावर ग्रिड टॉप लूजर्स थे। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा मोटर्स, एमएंडएम, एशियन पेंट्स, टीसीएस, इंफोसिस और हिंदुस्तान यूनिलीवर टॉप गेनर्स थे।
अमेरिकी बाजारों में बीते कारोबारी दिन डाउ जोन्स 0.25 प्रतिशत चढ़कर 42,635.20 पर बंद हुआ।
एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.16 प्रतिशत बढ़कर 5,918.30 पर और नैस्डैक 0.06 प्रतिशत गिरकर 19,478.88 पर बंद हुआ। एशियाई बाजारों में जकार्ता, हांगकांग और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि चीन, बैंकॉक और जापान लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
जानकारों ने कहा, “जनवरी में अब तक एफआईआई ने 10,419 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है। डॉलर इंडेक्स 109 पर और 10 साल के बॉंड पर यील्ड 4.67 प्रतिशत पर होने के कारण एफआईआई अपनी बिक्री रणनीति जारी रख सकते हैं, जिससे निकट भविष्य में बाजार पर दबाव पड़ेगा।”
एफआईआई ने 8 जनवरी को 3,362.18 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 2,716.28 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
राष्ट्रीय
सोने की कीमतों में तेजी, अपने एक हफ्ते के निचले स्तर से उबरी

मुंबई, 6 नवंबर : सोने की कीमतों में गुरुवार के कारोबारी दिन तेजी दर्ज की गई। पीली धातु कमजोर होते डॉलर और सेफ- हेवन की बढ़ती खरीदारी के बीच अपने एक हफ्ते के निचले स्तर से ऊपर आ गई है। अमूमन वेडिंग सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है।
सोने की कीमतों में यह तेजी उम्मीद से बेहतर यूएस जॉब डेटा के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा आगामी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें खत्म होने के कारण भी दर्ज की गई।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, इंट्रा-डे ट्रेडिंग के दौरान 24 कैरेट के सोने की कीमत 1,20,100 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।
वहीं, दूसरी ओर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम शाम 3 बजकर 50 मिनट पर 0.56 प्रतिशत बढ़कर 121479.00 रुपए पर पहुंच गया, जबकि चांदी के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.66 प्रतिशत बढ़कर 1,48,300 रुपए पर पहुंच गया है।
उधर, दूसरी ओर डॉलर इंडेस्क भी 0.20 प्रतिशत की गिरावट में रहा, लेकिन 100 मार्क के ऊपर बना हुआ है। इस बीच, यूएस 10-ईयर यील्ड बुलियन पर दबाव डालते हुए अपने करीब एक महीने के हाई लेवल के नीचे रहा।
मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि गोल्ड अपना महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल 3,870 डॉलर पर बनाए हुए है, वहीं सिल्वर का सपोर्ट लेवल 46.50 डॉलर पर ट्रॉय औंस पर बना हुआ है।
उम्मीद की जा रही है कि डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव, ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट और यूएस नॉन-फार्म रोज़गार डेटा से पहले कीमतों धातुओं की कीमतों को लेकर इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलांत्री ने कहा, “सोना-चांदी की कीमतों में एक हफ्ते के निचले स्तर से ऊपर की ओर तेजी देखी जा रही है, जिसे अमेरिका में राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच सेफ-हेवन बाईंग का सपोर्ट मिल रहा है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की पार्टी का न्यूयॉर्क सिटी मेयर इलेक्शन हार जाने से मिड-टर्म चुनावों से पहले चिंताएं बढ़ गई हैं।”
व्यापार
वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर, मिड कैप का अच्छा रहा प्रदर्शन

मुंबई, 6 नवंबर : भारतीय कंपनियों का वित्त वर्ष 26 का दूसरी तिमाही का अर्निंग सीजन उम्मीद से बेहतर रहा। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, अधिकतर मिड कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। हालांकि, स्मॉलकैप सेगमेंट में कुछ कमजोरी भी दर्ज की गई।
ब्रोकरेज मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में दी जानकारी अनुसार, जिन कंपनियों द्वारा अभी तक तिमाही नतीजे जारी किए जा चुके हैं, उनके प्रदर्शन को लेकर अब तक सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि उम्मीद के अनुसार रहे।
लार्ज कैप की अर्निंग में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, मिड कैप सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करवाई है, जिसे टेक्नोलॉजी, सीमेंट, मेटल, पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और नॉन-लीडिंग एनबीएफसी का समर्थन मिला।
डेटा के अनुसार, स्मॉलकैप सेगमेंट के प्रदर्शन में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। प्राइवेट बैंक, नॉन-लीडिंग एनबीएफसी, टेक्नोलॉजी, रिटेल और मीडिया की वजह से सेगमेंट का परफॉर्मेंस प्रभावित रहा। 69 प्रतिशत स्मॉल कैप कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहा। वहीं, दूसरी ओर लार्जकैप में 84 प्रतिशत कंपनियों और मिडकैप में 77 प्रतिशत कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार रहा।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस की बात करें तो ऑयल और गैस सेक्टर में सबसे तेज बढ़त दर्ज की गई। सरकारी फ्यूल रिटेलर्स ने अपने मुनाफे में लगभग नौ गुना बढ़ोतरी दर्ज की, जिसके कारण सेक्टर में 79 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। सीमेंट में 17 प्रतिशत और कैपिटल गुड्म में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी में 8 प्रतिशत और मेटल्स में 7 प्रतिशत की वृद्धि रही। सभी ने मिलकर कुल प्रॉफिट ग्रोथ में 86 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक निफ्टी की 27 कंपनियों ने अपनी तिमाही नतीजों की घोषणा की है, जिनमें से एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंफोसिस आदि की वजह से अर्निंग में बीते वर्ष के मुकाबले 5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा, कुल 7 निफ्टी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कम रहे, पांच कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर और पंद्रह कंपनियों के नतीजे उम्मीद जितने रहे।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
