व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हुआ धड़ाम, निवेशकों के डूबे 9 लाख करोड़ रुपये
मुंबई, 27 जनवरी। भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 824 अंक या 1.08 प्रतिशत गिरकर 75,366 और निफ्टी 263 अंक या 1.14 प्रतिशत गिरकर 22,829 पर था।
बाजार में गिरावट का नेतृत्व मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,467 अंक या 2.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,795 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 651 अंक या 3.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,304 पर था।
भारी गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप करीब 9 लाख करोड़ रुपये गिरकर 410 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
बाजार के करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटी, ऑटो, फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट थी।
बाजार का रुझान भी नकारात्मक था। पर 3,519 शेयर लाल निशान में, 597 शेयर हरे निशान में और 118 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, एमएंडएम, एसबीआई, मारुति सुजुकी और एलएंडटी टॉप गेनर्स थे। एचसीएल टेक, जोमैटो, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, टाइटन, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स थे।
बाजार में गिरावट की वजह ट्रंप की अस्पष्ट व्यापारिक नीतियों को माना जा रहा है। हाल ही में अमेरिका द्वारा दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अनिश्चितता बढ़ी है।
बाजार के जानकारों ने कहना है कि गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को कोलंबिया में डिपोर्ट करने से रोकने के जवाब में लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ चिंता पैदा करते हैं। ट्रंप एक फरवरी से कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप चीन और अन्य देशों पर भी सख्त टैरिफ लागू करेंगे। इसे लेकर बाजार में चिंताएं पैदा हो रही हैं।
भारतीय बाजारों के गिरने की एक वजह वैश्विक बाजार में कमजोरी का होना है। अमेरिकी बाजारों में कमजोरी देखी जा रही है। इसकी वजह चीन के कम लागत वाले एआई मॉडल डीपसीक के आने से दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे एनवीडिया, ओपनएआई और गूगल का बिजनेस मॉडल प्रभावित होने की संभावना है।
व्यापार
टीवीएस मोटर का मुनाफा तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत गिरा, आय भी हुई कम
मुंबई, 28 जनवरी। टीवीएस मोटर कंपनी ने मंगलवार को वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए। अक्टूबर-दिसंबर अवधि में कंपनी का मुनाफा तिमाही आधार पर 6.66 प्रतिशत गिरकर 618.48 करोड़ रुपये रहा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी को 662.62 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में कंपनी की आय 1.48 प्रतिशत गिरकर 11,134.63 करोड़ रुपये रह गई है, जो कि पिछली तिमाही में 11,301.68 करोड़ रुपये थी।
हालांकि, कंपनी के शुद्ध मुनाफे में सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी वजह अधिक बिक्री और परिचालन दक्षता होना है।
टीवीएस मोटर की ऑपरेशंस से आय सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ी है, जो कि वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 9,097 करोड़ रुपये थी।
टीवीएस मोटर का ऑपरेटिंग ईबीआईटीडीए वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 1,081 करोड़ रुपये हो गया, जो कि पिछले साल इसी अवधि में यह 924 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी का ईबीआईटीडीए मार्जिन 11.2 प्रतिशत से बढ़कर 11.9 प्रतिशत हो गया है।
तिमाही के दौरान कंपनी की कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 12.12 लाख इकाई रही है, जिसमें स्कूटर की बिक्री में 22 प्रतिशत और मोटरसाइकिल की बिक्री में 6 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है।
हालांकि, तिपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर गिरावट देखी गई, जो एक साल पहले की तिमाही के आंकड़े 0.38 लाख इकाई से घटकर 0.29 लाख इकाई रह गई है।
कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 0.76 लाख इकाई हो गई है।
दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाले नौ महीनों के लिए टीवीएस मोटर की दोपहिया वाहनों की बिक्री (निर्यात सहित) सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 34.29 लाख इकाई हो गई है।
इसके विपरीत तिपहिया वाहनों की बिक्री पिछले वर्ष की 1.16 लाख इकाई से घटकर 0.98 लाख इकाई रह गई।
नौ महीने की अवधि के दौरान दोपहिया वाहनों का निर्यात 19 प्रतिशत बढ़कर 7.78 लाख इकाई पर पहुंच गया। इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 40 प्रतिशत बढ़कर 2.03 लाख इकाई हो गई।
गुरुवार को टीवीएस मोटर्स का शेयर 5.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,350 रुपये पर बंद हुआ।
राष्ट्रीय समाचार
भारत के डिजिटल पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 83 प्रतिशत हुई : आरबीआई रिपोर्ट
मुंबई, 28 जनवरी। भारत के डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2019 में 34 प्रतिशत थी। इस दौरान यूपीआई 74 प्रतिशत के चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है। यह जानकारी आरबीआई द्वारा एक रिपोर्ट में दी गई।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट में बताया गया कि समीक्षा अवधि में अन्य पेमेंट सिस्टम्स जैसे आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत से गिरकर 17 प्रतिशत रह गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई देश के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसकी वजह यूपीआई का उपयोग में आसान होना है।
व्यापक स्तर पर यूपीआई लेनदेन की वॉल्यूम बढ़कर 2024 में 17,221 करोड़ हो गई है, जो कि 2018 में 375 करोड़ थी। इस दौरान कुल लेनदेन की वैल्यू 5.86 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 246.83 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई की वॉल्यूम और वैल्यू बीते पांच वर्षों में 89.3 प्रतिशत और 86.5 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ी है।
पी2पी (पर्सन-टू-पर्सन) और पी2एम (पर्सन-टू-मर्चेंट) दोनों ही लेनदेन यूपीआई की सुरक्षित और रियल टाइम भुगतान क्षमताओं का लाभ उठाते हैं, जिससे व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए पारंपरिक और समय लेने वाले तरीकों पर निर्भर हुए बिना वित्तीय लेनदेन करना आसान हो जाता है।
यूपीआई पी2एम लेनदेन की वॉल्यूम, यूपीआई पी2पी लेनदेन की वॉल्यूम से अधिक हो गई है। हालांकि, वैल्यू में यूपीआई पी2पी लेनदेन अभी भी यूपीआई पी2एम लेनदेन से अधिक है।
पिछले कुछ वर्षों में यूपीआई की शानदार प्रगति और उपलब्ध डिजिटल भुगतान के अधिक विकल्पों से भारत में डिजिटल भुगतान में मजबूत वृद्धि देखी गई है। अकेले 2024 में भारत में 208.5 अरब डिजिटल भुगतान लेनदेन दर्ज किए गए हैं।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार में तेजी, आईटी और फाइनेंस शेयरों में खरीदारी
मुंबई, 28 जनवरी। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार के मुख्य सूचकांकों में खरीदारी का ट्रेंड देखा जा रहा है। सुबह 9:45 पर सेंसेक्स 384 अंक या 0.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 75,750 और निफ्टी 78 अंक या 0.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,907 पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 661 अंक या 1.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,134 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 453 अंक या 2.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,850 पर था।
आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंसियल सर्विस और रियल्टी इंडेक्स में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। ऑटो, मेटल, फार्मा और एनर्जी इंडेक्स में बिकवाली बनी हुई है।
सेंसेक्स पैक में एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, जोमैटो, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक और टाटा स्टील टॉप गेनर्स हैं। सन फार्मा, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एलएंडटी, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप लूजर्स हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, 23,000 और 23,050 के स्तर निफ्टी के लिए रुकावट के रूप में काम करेंगे, जबकि 22,800 और 22,750 समर्थन क्षेत्र के रूप में कार्य कर सकते हैं।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, “यदि यह 22,750 से नीचे गिरता है, तो बिक्री दबाव बढ़ सकता है, जो बाजार को 22,600 के स्तर पर पहुंचा सकता है। रणनीति 23000-23050 के स्तर के आसपास कमजोर लॉन्ग पोजीशन को कम करने की होनी चाहिए। हालांकि, सप्ताह के दौरान, यदि यह 22600 तक गिरता है, तो हमें मध्यम से लंबी अवधि के दृष्टिकोण के साथ चुनिंदा स्टॉक खरीदने पर विचार करना चाहिए।”
एशिया के बाजार में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो और बैंकॉक लाल निशान में हैं। वहीं, हांगकांग में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। अमेरिकी बाजार सोमवार को मिलेजुले बंद हुए थे।
कच्चे तेल में तेजी देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत की तेजी के साथ 76.50 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.48 डॉलर प्रति बैरल पर था।
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