व्यापार
भारतीय डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 18 जून। भारत का डिफेंस सेक्टर वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रहा है और देश की डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
आईसीआरए के एनालिसिस में कहा गया कि आय में अच्छी बढ़त की वजह ऑर्डर्स का मजबूत एग्जीक्यूशन होना है। वित्त वर्ष 25 के अंत में डिफेंस कंपनियों का ऑर्डर बुक/ऑपरेटिंग इनकम (ओबी/ओआई) रेश्यो 4.4 गुना था।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और निर्यात का विस्तार करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ को अपने मूल में रखते हुए कई नीतिगत पहलों को लागू किया है।
इनमें डिफेंस सेक्टर में एफडीआई नीतियों का उदारीकरण, डिफेंस ऑफसेट नीति को जारी रखना, दो डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर की स्थापना और पांच ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों’ की अधिसूचना और ऑनलाइन स्वदेशीकरण पोर्टल ‘सृजन’ के माध्यम से स्वदेशीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “इसके अलावा सरकार ने पूंजीगत परिव्यय पर जोर देते हुए इस क्षेत्र के लिए बजट में भी वृद्धि की है, जो पिछले पांच वर्षों में 8.29 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान (बीई) में 1.92 लाख करोड़ रुपए हो गया है।”
रिपोर्ट में बताया गया, “सरकार की पहलों के कारण घरेलू विक्रेताओं से डिफेंस खरीद पर व्यय वित्त वर्ष 17 में 61 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में लगभग 75 प्रतिशत हो गया है, जबकि निर्यात 15 गुना से अधिक और 41 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर के साथ वित्त वर्ष 2017-वित्त वर्ष 2025 की अवधि के दौरान 23,622 करोड़ रुपए हो गया है।”
आईसीआरए के कॉर्पोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा, “वित्त वर्ष 2026 के लिए भारित औसत परिचालन मार्जिन 25-27 प्रतिशत पर मजबूत रहने की उम्मीद है।”
व्यापार
इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस ने 2025 में अब तक इक्विटी में किया रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपए का निवेश

मुंबई, 11 नवंबर: घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2025 में अब तक एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। यह इन दोनों सेगमेंट से आया अब तक का सबसे अधिक निवेश है। यह जानकारी मंगलवार को डेटा से मिली।
इस साल की शुरुआत से इक्विटी में अब तक घरेलू इंश्योरेंस कंपनियों ने 56,821 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जबकि एनपीएस ने 51,308 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह दोनों की ओर से 2024 में क्रमश: 23,062 करोड़ रुपए और 13,328 करोड़ रुपए के निवेश से काफी अधिक है।
बाजार में निवेश ऐसे समय पर देखा गया है, जब इक्विटी ने बीते एक वर्ष में सुस्त प्रदर्शन किया है।
एनालिस्ट का कहना है कि नियमों में लचीलापन बढ़ने और एयूएम में इजाफा होने के कारण इंश्योरेंस कंपनियों और एनपीएस की ओर से अधिक रिटर्न पाने के लिए इक्विटी में निवेश किया गया है।
हाल के वर्षों में, पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने नियमों में संशोधन करते हुए टियर-I एनपीएस खातों के लिए 75 प्रतिशत और टियर-II खातों के लिए 100 प्रतिशत तक इक्विटी निवेश की अनुमति दी है।
इस बीच, आईआरडीएआई द्वारा दी गई छूटों ने इंश्योरेंस कंपनियों को सरकारी और अनुमोदित प्रतिभूतियों में बड़ी हिस्सेदारी बनाए रखते हुए, विवेकपूर्ण निवेश सीमा के भीतर इक्विटी आवंटन बनाए रखने की अनुमति दी।
म्यूचुअल फंड जैसे अन्य घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2025 में इक्विटी में 4.44 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया, जो पिछले वर्ष के 4.15 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। इस बीच, बैंकों और कुछ घरेलू वित्तीय संस्थानों ने इक्विटी में क्रमशः 16,941 करोड़ रुपए और 158 करोड़ रुपए की बिकवाली की।
एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली के बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की शुद्ध खरीदारी इस साल भारतीय बाजारों को सहारा दे रही है।
जानकारों के मुताबिक, भारत में निरंतर बिकवाली और सस्ते बाजारों में पैसा लगाने की एफआईआई रणनीति निकट भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है।
भारतीय कंपनियों की वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही की आय अनुमान से बेहतर रही है, जिसमें प्रमुख क्षेत्रों, खासकर मिड-कैप कंपनियों की आय में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
राष्ट्रीय समाचार
बैंक ऑफ अमेरिका ने अदाणी ग्रुप की कवरेज शुरू की, ‘ओवरवेट’ की दी रेटिंग

नई दिल्ली, 11 नवंबर: बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) ग्लोबल रिसर्च ने अदाणी ग्रुप की कवरेज शुरू कर दी है, साथ ही कुछ यूएस डॉलर बॉन्ड्स को ‘ओवरवेट’ की रेटिंग दी है। इसकी वजह समूह का मजबूत आधार और एसेट बेस और कठिन बाजार चुनौतियों के बावजूद फंड जुटाने की क्षमता है।
बोफा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक जांच के बीच समूह ने मजबूत प्रदर्शन, विस्तार और बाजार पहुंच को प्रदर्शित किया है। पोर्ट्स, यूटिलिटीज और रिन्यूएबल बिजनेस में मजबूत संपत्ति आधार अच्छा कैश फ्लो और क्रेडिट प्रोफाल को मजबूत रखने में समूह की मदद कर रहा है।
बोफा की ओर से अदाणी ग्रुप के कई बॉन्ड्स पर ओवरवेट की राय दी गई है, जिनमें अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एडीएसईजेड) 2031एस और 2032एस बॉन्ड्स, अदाणी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (एनडीआईएनसीओ) 2031एस, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (एडीटीआईएन) 2036एस और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (एडीएएनईएम) 2030एस का नाम शामिल है।
बोफा के मुताबिक, ग्रुप की यूएसडी बॉन्ड इश्यू करने वाली कंपनियों का प्रदर्शन बीते दो वर्षों में अच्छा रहा है , जो कि क्षमता विस्तार के चलते ईबीआईटीडीए में बढ़त से संचालित था।
अदाणी ग्रुप देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह में से एक है और ग्रुप की 12 कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, जिनका मार्केट कैप 200 अरब डॉलर के करीब है।
बोफा ने नोट में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एडीटीआईएन) और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (एडीएएनईएम) अपने विविध परिचालनों और लंबी अवधि के फिक्स्ड-प्राइस कॉन्ट्रैक्ट द्वारा समर्थित स्थिर क्रेडिट प्रोफाइल बनाए रखेंगे।”
बोफा ने कहा कि उनका अनुमान है कि एडीटीआईएन और एडीएएनईएम दोनों अगले तीन वर्षों में 6 गुना से कम लीवरेज और 2गुना से अधिक कवरेज बनाए रखेंगे, जबकि एडीएएनईएम को मॉड्यूलर आउटले जैसे रखरखाव से और अधिक लाभ होगा।
अदाणी ग्रुप के यूएसडी बॉन्ड ने 2023 की शुरुआत से काफी उतार-चढ़ाव का अनुभव किया है। हालांकि, लगातार बाजार पहुंच और घरेलू नियामकों से प्रतिकूल निष्कर्षों की कमी ने पूरे समूह की मजबूत वापसी का समर्थन किया है।
व्यापार
मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में खुला शेयर बाजार, फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 11 नवंबर: मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:32 पर सेंसेक्स 191 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,332 और निफ्टी 55 अंक या 0.22 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,518 पर था।
शुरुआती सत्र में गिरावट का नेतृत्व फाइनेंशियल और बैंकिंग शेयर कर रहे थे। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.85 प्रतिशत, निफ्टी पीएसयू बैंक 0.71 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी 0.31 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 0.25 प्रतिशत, निफ्टी कमोडिटीज 0.25 प्रतिशत और निफ्टी पीएसई 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 174 अंक या 0.29 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 59,907 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 41 अंक या 0.23 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 18,097 पर था।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, एमएंडएम, भारती एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, सन फार्मा, एचयूएल,अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल, मारुति सुजुकी और आईटीसी गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एनटीपीसी और कोटक महिंद्रा बैंक लूजर्स थे।
ज्यादातर एशियाई बाजारों में लाल निशान में कारोबार हो रहा था। टोक्यो और सोल हरे निशान में थे। शंघाई, बैंकॉक, हांगकांग और जकार्ता लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ था।
जानकारों के मुताबिक, मिलेजुले वैश्विक संकेतों और कोई मजबूत घरेलू संकेत न होने के कारण निवेशक सतर्क बने हुए हैं। छोटी अवधि में निवेशकों की निगाहें वैश्विक बाजार के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और संस्थागत इनफ्लो पर होंगी।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 10 नवंबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 4,114 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखते हुए 5,805 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयर खरीदे।
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