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कोरोना काल में चीनी निर्यात में नया रिकॉर्ड बनाएगा भारत

कोरोना काल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में नरमी आने के बावजूद भारत चीनी निर्यात में नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। चालू सीजन में करीब 50 लाख टन निर्यात के सौदे हो चुके हैं जबकि करीब 45 लाख टन निर्यात हो चुका है। यह जानकारी घरेलू चीनी उद्योग संगठनों से मिली है।
उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस को बताया कि 2007-08 में भारत ने 49 लाख चीनी निर्यात किया था जोकि अब तक का रिकॉर्ड है, लेकिन चालू सीजन के आखिर तक करीब 55 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है जोकि एक नया रिकॉर्ड होगा।
उन्होंने कहा कि ब्राजील में कोरोना महामारी का प्रकोप गहराने के चलते वहां से चीनी निर्यात की रफ्तार सुस्त पड़ गई है जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम को सपोर्ट रहने की उम्मीद है और वैश्विक बाजार में चीनी का दाम बढ़ने से चीनी निर्यात करने में मिलों को मुनाफा मिलेगा।
सबसे ज्यादा कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर ब्राजील है। नाइकनवरे ने बताया कि ब्राजील के पोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होने व मजदूरों की किल्लत के कारण पहले जहां जहाज के लदान में 12-13 दिन लगते थे वहां अब 45-50 दिन लगने लगे हैं जिसके कारण निर्यात की गति सुस्त पड़ गई है। उन्होंने बताया कि ब्राजील में इस साल चीनी का उत्पादन करीब 360 लाख टन रहने का अनुमान है जोकि पिछले साल से करीब 100 लाख टन ज्यादा है।
देश के प्रमुख चीनी निर्यातक संगठन इंडियन शुगर एक्जिम कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईजेक) के प्रबंध निदेशक व सीईओ अधीर झा ने कहा कि भारत चीनी निर्यात में नया रिकॉर्ड कायम करने के करीब है क्योंकि 50 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हो चुके हैं और यह चीनी देश के बाहर जाने के साथ निर्यात का नया रिकॉर्ड बन जाएगा।
आईएएनएस से बातचीत में झा ने भी कहा कि 55 लाख टन तक चीनी निर्यात होने के आसार हैं। उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्राजील हमारा प्र्रतिस्पर्धी नहीं क्योंकि उसका अलग बाजार और भारत का बाजार अलग है, लेकिन सप्लाई बढ़ने से चीनी की वैश्विक कीमतों में गिरावट आती है तो भारत के लिए चीनी निर्यात करना मुश्किल होता है।” उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव जब 13 सेंट प्रति पौंड (कच्ची चीनी का भाव) तभी भारतीय मिलों को निर्यात करने में मुनाफा होता है। हालांकि कच्ची चीनी का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को 12 सेंट प्रति पौंड के करीब है जबकि सफेद चीनी (लंदन शुगर) का भाव करीब 364 डॉलर प्रति टन था।
झा ने कहा कि दाम थोड़ा कम होने पर भी भारतीय चीनी मिलें निर्यात कर सकती हैं क्योंकि घरेलू मांग तो सीमित है और निर्यात होने से नकदी की समस्या का समाधान होगा।
बता दें कि चीनी निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने चालू शुगर सीजन 2019-20 अक्टूबर-सितंबर में अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण (एमएईक्यू) के तहत कुल 60 चीनी के निर्यात का कोटा तय किया है जिस पर सरकार 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी देती है।
इस बीच घरेलू बाजार में चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को लेकर उद्योग की मांग पर सरकार विचार रही है। इस समय चीनी की एमएसपी 31 रुपये प्रति किलो है। बंबई शुगर मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अशोक जैन ने बताया कि चीनी की एमएसपी में बढ़ोतरी की संभावना से बीते 10 दिनों में चीनी के एक्स मिल रेट में 100 रुपये प्रतिक्विंटल से ज्यादा का इजाफा हो गया है।
निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) से मिली जानकारी के अनुसार, चालू सीजन में करीब 45 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है।
एनएफसीएसएफ के अनुसार, चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 272 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत जो पहले 240 लाख टन रहने की उम्मीद की जाती थी वह बढ़कर 245 लाख टन के करीब रह सकती है। हालांकि सीजन के आखिर में 30 सितंबर को बकाया स्टॉक 115 लाख टन के आसपास ही रहेगा। बता दें कि पिछले साल का बकाया स्टॉक 145 लाख टन था।
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सेंसेक्स आज: विदेशी निवेश से बाजार में तेजी, आईटी और रिलायंस ने बढ़त का नेतृत्व किया

मुंबई: विदेशी पूंजी प्रवाह के बीच आईटी कंपनियों और ब्लू-चिप रिलायंस इंडस्ट्रीज में लिवाली से शेयर बाजारों में गुरुवार को तेजी आई और बेंचमार्क सेंसेक्स 398 अंक चढ़ गया।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 398.44 अंक या 0.49 प्रतिशत चढ़कर 82,172.10 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 474.07 अंक या 0.57 प्रतिशत बढ़कर 82,247.73 अंक पर पहुंच गया।
50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 135.65 अंक या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 25,181.80 अंक पर पहुंच गया।
तिमाही आय से पहले एचसीएल टेक, टीसीएस, इंफोसिस और टेक महिंद्रा जैसे आईटी शेयरों में तेजी दर्ज की गई। आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टीसीएस ने बाजार बंद होने के बाद वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ में 1.39 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,075 करोड़ रुपये और राजस्व में 2.39 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 65,799 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की।
सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा स्टील में सबसे ज़्यादा 2.65 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, क्योंकि कंपनी ने घरेलू कच्चे इस्पात उत्पादन में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। एचसीएल टेक, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, सन फार्मा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के शेयरों में सबसे ज़्यादा बढ़त दर्ज की गई।
इंफोसिस में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में 0.78 प्रतिशत की बढ़त हुई, जिससे पिछले दिन की गिरावट के बाद प्रमुख सूचकांकों में सुधार को समर्थन मिला।
हालांकि, एक्सिस बैंक, टाइटन, मारुति और टाटा मोटर्स पिछड़ने वालों में शामिल रहे।
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, “घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों ने गुरुवार को शानदार रिकवरी दर्ज की, जिससे पिछले सत्र की गिरावट की भरपाई हो गई, क्योंकि सभी क्षेत्रों में जोखिम उठाने की क्षमता वापस लौट आई। निफ्टी-50 ने सत्र का समापन मज़बूती के साथ किया और प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर खरीदारी के दम पर 25,200 के स्तर से बस कुछ ही दूर रहा।”
उन्होंने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों और संस्थागत खरीद के रुझान से बाजार को समर्थन मिला।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “दूसरी तिमाही के नतीजों के बीच घरेलू बाजार में बढ़त देखी गई, जबकि बेस मेटल की कीमतों में तेजी के कारण धातु सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया।”
नायर ने कहा कि आय की उम्मीद कम होने के बावजूद आईटी सूचकांक में तेजी आई, क्योंकि निवेशकों को आकर्षक मूल्यांकन में राहत मिली – जो फिलहाल दीर्घावधि औसत से नीचे है।
बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.75 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 0.18 प्रतिशत चढ़ गया।
सभी क्षेत्रीय सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। धातु में 2.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसके बाद कमोडिटी (1.34 प्रतिशत), बीएसई फोकस्ड आईटी (1.13 प्रतिशत), आईटी (1.02 प्रतिशत), सेवाएं (0.87 प्रतिशत), स्वास्थ्य सेवा (0.84 प्रतिशत) और पूंजीगत वस्तुएं (0.78 प्रतिशत) का स्थान रहा।
बीएसई पर 2,099 शेयरों में तेजी रही, जबकि 2,080 में गिरावट रही तथा 171 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 81.28 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
एशियाई बाजारों में, जापान का निक्केई 225 सूचकांक और शंघाई का एसएसई कम्पोजिट सूचकांक काफी ऊपर बंद हुआ, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक नीचे बंद हुआ।
यूरोप के बाज़ारों में मिला-जुला रुख रहा। बुधवार को अमेरिकी बाज़ार ज़्यादातर बढ़त के साथ बंद हुए।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 प्रतिशत गिरकर 66.08 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बुधवार को सेंसेक्स 153.09 अंक या 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,773.66 पर बंद हुआ, जिससे चार दिनों से जारी तेजी का सिलसिला थम गया। निफ्टी 62.15 अंक या 0.25 प्रतिशत गिरकर 25,046.15 पर बंद हुआ।
व्यापार
टीसीएस का मुनाफा दूसरी तिमाही में 5 प्रतिशत कम होकर 12,131 करोड़ रुपए रहा

मुंबई, 9 अक्टूबर : टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 5 प्रतिशत कम होकर 12,131 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछली तिमाही में 12,819 करोड़ रुपए था।
हालांकि, सालाना आधार पर कंपनी के मुनाफे में बढ़त देखी गई है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11,955 करोड़ रुपए था।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि जुलाई-सितंबर तिमाही में ऑपरेशंस से आय 65,799 करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछली तिमाही (अप्रैल-जून) की ऑपरेशंस से आय 63,437 करोड़ रुपए से 3.7 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी का कुल खर्च जुलाई-सितंबर अवधि में तिमाही आधार पर 1,345 करोड़ रुपए बढ़कर 49,463 करोड़ रुपए हो गया है । इसमें सालाना आधार पर 507 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है और यह वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 48,956 करोड़ रुपए था।
सितंबर तिमाही के नतीजों के साथ कंपनी ने 11 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की है। लाभांश की रिकॉर्ड तिथि 15 अक्टूबर होगी और इसका भुगतान 4 नवंबर को किया जाएगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के.कृतिवासन ने कहा, “मैं अपने सभी कर्मचारियों को उनके समर्पण और उत्कृष्टता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हम दुनिया की सबसे बड़ी एआई-आधारित टेक्नोलॉजी सर्विस कंपनी बनने की राह पर हैं।”
कृतिवासन ने कहा, “हमारी यात्रा टैलेंट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इकोसिस्टम पार्टनरशिप और कस्टमर वैल्यू में साहसिक परिवर्तन पर आधारित है। विश्व स्तरीय एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनेस के निर्माण सहित निवेश इस परिवर्तन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।”
टाटा समूह की कंपनी ने भारत में 1 गीगावाट क्षमता वाले एआई डेटासेंटर सहित विश्व स्तरीय एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए एक नई व्यावसायिक इकाई में रणनीतिक निवेश की घोषणा की है।
टीसीएस बोर्ड ने सेल्सफोर्स में डीप कैपेबिलिटी के साथ लिस्टएंगेज के अधिग्रहण को भी मंजूरी दे दी है।
खेल
भारत के खिलाफ टी20 सीरीज में ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल कर सकते हैं वापसी

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर : ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेली जाएगी। पहले दो मैचों के लिए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल का चयन नहीं हुआ है, लेकिन बाकी तीन मैचों में यह स्टार खिलाड़ी वापसी कर सकता है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मैच 29 अक्टूबर को कैनबरा में खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने दो टी-20 मैचों के लिए टीम की घोषणा कर दी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने भरोसा जताया है कि वे बाकी मैचों में वापसी करेंगे। अपनी कलाई की फ्रैक्चर सर्जरी के बाद उन्होंने रिकवरी अपडेट देते हुए कहा कि वह 29 अक्टूबर से भारत के खिलाफ शुरू होने वाली टी20 सीरीज के आखिरी तीन मैचों में वापसी का लक्ष्य बना रहे हैं।
पिछले हफ्ते हुई सर्जरी के बाद वह रिकवरी की राह पर हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे उनकी वापसी में तेजी आएगी।
मैक्सवेल ने मेलबर्न में पत्रकारों से कहा, “सर्जरी के बाद मुझे भारत के खिलाफ टी20 सीरीज के आखिरी मैचों में खेलने की उम्मीद है, बशर्ते मैं समय पर फिट हो जाऊं। मेरे सामने दो विकल्प थे—या तो सीरीज को पूरी तरह छोड़ दूं और सर्जरी से बचूं या सर्जरी करवाकर थोड़ी-सी संभावना बनाए रखूं। मैंने सर्जरी का विकल्प चुना ताकि बिग बैश लीग (बीबीएल) से पहले तैयार हो सकूं और अपने शरीर को पूरी तरह ठीक कर सकूं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने भारत के विरुद्ध वनडे सीरीज के तीनों मुकाबलों और टी20 सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। दोनों ही फॉर्मेट में मिचेल मार्श ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमान संभालेंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन वनडे मुकाबलों के बाद 29 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच कैनबरा, मेलबर्न, होबार्ट, गोल्ड कोस्ट और ब्रिस्बेन में पांच टी20 मुकाबले खेले जाने हैं।
ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से खास पहचान बनाई है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 124 टी20 मैचों की 114 पारियों में 2833 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 145 रन है।
मैक्सवेल ने 240 चौके और 148 छक्के लगाए हैं, जिसमें 12 अर्धशतक और 5 शतक शामिल हैं। गेंदबाजी में भी मैक्सवेल ने अपनी उपयोगिता साबित की है। उन्होंने 49 विकेट हासिल किए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 रन देकर 3 विकेट रहा है।
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