अंतरराष्ट्रीय
भूकंप प्रभावित म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजेगा भारत
नई दिल्ली, 29 मार्च। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को भूकंप ने भारी तबाही मचाई। इस तबाही में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। इस बीच, भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की मदद को हाथ बढ़ाया है। सूत्रों ने बताया कि भारत म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा, क्योंकि वहां कई शक्तिशाली भूकंपों ने 144 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि भारत राहत सामग्री को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान से म्यांमार भेजेगा, जो वायुसेना स्टेशन हिंडन से रवाना होगा।
सूत्रों के अनुसार, राहत पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां जैसी आवश्यक दवाएं शामिल हैं।
इस बीच, भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और उसने कहा कि अभी तक किसी भी भारतीय के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य भागों में आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद भारतीय दूतावास थाई अधिकारियों के साथ स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। अब तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। किसी भी आपात स्थिति में थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक में भारतीय दूतावास और चियांग माई में वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत शुक्रवार को आए बड़े भूकंप के बाद म्यांमार को मदद भेजने के लिए तैयार है।”
पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर कहा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
बता दें कि भारत और बांग्लादेश के अधिकारियों ने म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से कोई बड़ा प्रभाव नहीं होने की सूचना दी। भूकंप के बाद आए झटकों ने म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में दहशत पैदा कर दी है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, शुक्रवार को रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया।
एनसीएस के अनुसार, नवीनतम भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है। एनसीएस ने बताया कि भूकंप अक्षांश 22.15 एन और देशांतर 95.41 ई पर दर्ज किया गया था।
शुक्रवार को आया शक्तिशाली भूकंप बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में महसूस किया गया, प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट और स्थानीय मीडिया के अनुसार बैंकॉक में हिलती हुई इमारतों से सैकड़ों लोग बाहर निकल आए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, शुक्रवार को म्यांमार में छह भूकंप आए।
व्यापार
भारत में बढ़ती आय के चलते घर खरीदना बन रहा अफोर्डेबल : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 3 दिसंबर: भारत में तेजी से बढ़ती आय के कारण घर खरीदना पिछले 1.5 दशक के मुकाबले काफी अफोर्डेबल हो गया है। इस दौरान देश का प्राइस-टू-इनकम रेश्यो 2025 में 45.3 हो गया है, जो कि 2010 में 88.5 पर था। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देश में औसत आय में चार गुना की वृद्धि हुई है और यह करीब 10 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रही है और हालांकि, समीक्षा अवधि में घरों की कीमत में 5-7 प्रतिशत का ही इजाफा हुआ है, जो दिखाता है कि घर पहले के मुकाबले काफी किफायती हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार आवासीय क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तनों, आर्थिक झटकों और नए नियमों के कारण कई उतार-चढ़ावों के बावजूद आया है।
पिछले दो दशकों में, बाजार ने पीएमएवाई, विमुद्रीकरण, रेरा, एनबीएफसी संकट, एसडब्ल्यूएएमआईएच फंडिंग सपोर्ट और जीएसटी कार्यान्वयन जैसे प्रमुख घटनाक्रमों का सामना किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में घरों की बिक्री भी मजबूत बनी हुई है। कोरोना महामारी के बाद घरों की वार्षिक बिक्री बढ़कर 3-4 लाख यूनिट्स हो गई है। इसकी वजह बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, अफोर्डेबिलिटी में इजाफा होना, अच्छी मौद्रिक नीति और आय का बढ़ना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिक्री की मजबूत गति को आय में लगातार वृद्धि का समर्थन प्राप्त है, जो संपत्ति की कीमतों में वृद्धि से कहीं अधिक है।
कोलियर्स इंडिया के सीईओ और एमडी बादल याज्ञनिक के अनुसार, अनुकूल ब्याज दरों और उच्च आय स्तरों के कारण आवास की मांग मजबूत बनी हुई है।
याज्ञनिक ने आगे कहा, “हालांकि कच्चे माल की लागत ने हाल के वर्षों में आवास की कीमतों को बढ़ा दिया है, लेकिन आय में तेज वृद्धि ने खरीदारों को गति बनाए रखने में मदद की है।”
आठ प्रमुख टियर-I शहरों में, 2010 के बाद से अफोर्डेबिलिटी के स्तर में तेजी से सुधार हुआ है।
अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे शहर सबसे किफायती आवासीय बाजारों में से एक बनकर उभरे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख निर्माण सामग्रियों पर जीएसटी दरों के कम होने से विशेष रूप से किफायती और मध्यम आय वर्ग के आवास क्षेत्रों में सेंटीमेंट में और सुधार होने की उम्मीद है।
व्यापार
भारत में मजबूत आउटपुट ग्रोथ से सर्विसेज पीएमआई नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर: एसएंडपी ग्लोबल द्वारा बुधवार को जारी एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सर्वे के अनुसार, नए बिजनेस में तेज बढ़ोतरी आउटपुट ग्रोथ को बढ़ाने में प्रभावी रही और नवंबर में भारत की सर्विस एक्टिविटी को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर के 58.9 से नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया, जो कि आउटपुट में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विस्तार को दिखाता है।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “नए बिजनेस के बढ़ने से आउटपुट ग्रोथ बढ़ी और इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया। रोजगार में बढ़ोतरी मामूली रही और अधिकतर कंपनियों ने पेरोल नंबर में किसी तरह के बदलाव न होने की जानकारी दी। इस बीच, भारत का कंपोजिट पीएमआई मजबूत रहा, हालांकि नवंबर में यह थोड़ा कम होकर 59.7 पर आ गया, जो फैक्ट्री प्रोडक्शन की ग्रोथ में कमी को दिखाता है।”
रिपोर्ट के अनुसार, असल में भारतीय सर्विसेज की मांग लगातार मजबूत बनी रही, जो कि नए बिजनेस में बढ़ोतरी से स्पष्ट होता है। वृद्धि की यह दर इससे पिछले महीने अक्टूबर से तेज थी और इसके लॉन्ग-रन एवरेज से भी अधिक थी।
दूसरी ओर, तीसरी तिमाही के बीच नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। वृद्धि की दर अच्छी थी, लेकिन आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई।
जहां एक्सटर्नल सेल्स बढ़ीं, वहीं एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट में कंपनियों ने लाभ की जानकारी दी।
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय सर्विसेज कंपनियों ने अपने खर्चों में मामूली बढ़ोतरी का संकेत दिया है, जिसमें इलेक्ट्रिसिटी, फूड, रेंट और सॉफ्टवेयर सब्सक्रिप्शन पर खर्च बढ़ने की जानकारी दी गई है। हालांकि, महंगाई की दर अगस्त 2020 के बाद सबसे कम हो गई है और यह अपने लंबे समय के औसत से नीचे है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों को अच्छी मांग, सोशल मीडिया पर अधिक मौजूदगी, मार्केटिंग पहलों और कीमतों में बढ़ोतरी को कम से कम रखने की योजनाओं से जुड़ी पॉजिटिव भावना के साथ अभी भी आउटपुट ग्रोथ की उम्मीद है।
व्यापार
भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने दर्ज करवाई शानदार बढ़त

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर: भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री शानदार बढ़त का एक और दौर दर्ज करवाने में सफल रही और कुल नए ऑडर्स और आउटपुट ट्रेंड से अधिक रेट पर बढ़े। सोमवार को जारी एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर में 50.0 के न्यूट्रल मार्क और इसके लॉन्ग-रन एवरेज 54.2 से काफी ऊपर रहा।
एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी डेटा के अनुसार, नवंबर में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.6 दर्ज किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में 59.2 दर्ज किया गया था। नवंबर के नए आंकड़ों ने फरवरी के बाद से ऑपरेटिंग कंडीशन में सबसे धीमे सुधार को दिखाया।
नए एक्सपोर्ट ऑर्डर एक वर्ष से अधिक समय में सबसे कम रफ्तार से बढ़े। सेल्स में हल्की बढ़ोतरी ने खरीदारी की मात्रा और नई नौकरियों में वृद्धि को कम कर दिया, जबकि आउटपुट की संभावनाओं को लेकर पॉजिटिव सेंटिमेंट 2022 के मध्य के बाद अपने सबसे निचले लेवल पर आ गया। नवंबर में महंगाई दर कम हुई, जबकि इनपुट लागत 9 महीनों और सेलिंग चार्ज आठ महीनों में सबसे धीमी दर से बढ़े।
एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा, “भारत के फाइनल नवंबर पीएमआई ने दर्शाया कि अमेरिकी टैरिफ की वजह से मैन्युफैक्चरिंग विस्तार की गति धीमी हुई। नए एक्सपोर्ट ऑर्डर पीएमआई 13 महीनों के निचले स्तर पर आ गए।”
उन्होंने आगे कहा कि फ्यूचर आउटपुट के लिए अनुमान बताते हैं कि बिजनेस कॉन्फिडेंस में नवंबर में बड़ी गिरावट आई, जो कि टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं को दिखाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मैन्युफैक्चरर्स ने ऑर्डर बुक वॉल्यूम में काफी बढ़ोतरी दर्ज की, जिसकी वजह प्रतिस्पर्धी कीमतें, मांग का सकारात्मकर ट्रेंड और क्लाइंट्स की बढ़ती दिलचस्पी रहे। हालांकि, मार्केट की चुनौतीपूर्ण स्थितियों, प्रोजेक्ट शुरू होने में देरी और फर्मों के बीच प्रतिस्पर्धा की रिपोर्ट्स के बीच ओवरऑल ग्रोथ रेट नौ महीने के सबसे निचले लेवल पर आ गई।
हालांकि कंपनियों का कहना है कि इंटरनेशनल सेल्स का ट्रेंड अच्छा बना हुआ है, जो अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट में क्लाइंट्स को अच्छी सेल्स दिखाता है।
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