व्यापार
भारत-यूके एफटीए से एआई और स्किलिंग को मिलेगा बढ़ावा: इंडस्ट्री

नई दिल्ली, 7 मई। मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) ब्रिटेन को एआई के क्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों और प्रतिभाओं के लिए भारत को एक प्रमुख गंतव्य के रूप में मान्यता देगा, यह जानकारी इंडस्ट्री लीडर्स की ओर से बुधवार को दी गई।
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौता ऐतिहासिक है। इससे दोनों देशों के बीच साझेदारी में बढ़ोतरी होगी।
सीआईआई यूके इंडिया बिजनेस फोरम के अध्यक्ष केशव मुरुगेश ने कहा, “इस समझौते से तत्काल आर्थिक लाभ मिलेगा। इससे वस्तुओं,सेवाओं और विशेष रूप से टेक्नोलॉजी के व्यापार में वृद्धि होगी। एआई जैसे प्रमुख क्षेत्रों में औपचारिक साझेदारी इनोवेशन को बढ़ावा देगी और उच्च कौशल वाली नौकरियों का सृजन करेगी। इस एआई के क्षेत्र में वैश्विक लीडर्स के रूप में यूके और भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि यह एफटीए विशेष रूप से छात्रों और टेक्नोलॉजी पेशेवरों के लिए डीपटेक और कौशल में गहन सहयोग के लिए एक स्प्रिंगबोर्ड के रूप में काम करेगा। इस साझेदारी की दीर्घकालिक क्षमता बहुत अधिक है।
आईईएसए और सेमी इंडिया के अध्यक्ष अशोक चांडक ने कहा कि एफटीए वैश्विक स्तर पर भारत की छवि और व्यापार के अवसरों को बढ़ाएगा।
इससे सर्विस सेक्टर को भी काफी फायदा होगा। ब्रिटेन की डिजाइन क्षमता और भारत की इंजीनियरिंग प्रतिभा के जरिए ज्वाइंट रिसर्च एवं डेवलपमेंट और पार्टनरशिप से डिजाइन, परीक्षण और एम्बेडेड सॉफ्टवेयर में वृद्धि होगी। इससे स्टार्टअप और इनोवेटर्स को मदद मिलेगी।
चांडक के मुताबिक, “कंपोनेंट, कच्चे माल और पूंजीगत उपकरणों पर टैरिफ घटने से उत्पादन लागत में कमी आएगी और ‘मेड इन इंडिया’ को सपोर्ट मिलेगा।”
भारत-ब्रिटेन एफटीए से देश से यूके होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर जीरो शुल्क लगेगा। इसके बदल में भारत धीरे-धीरे ब्रिटेन के 90 प्रतिशत सामानों से शुल्क हटा देगा और अगले दशक में 85 प्रतिशत सामान टैरिफ मुक्त हो जाएंगे।
माना जा रहा है कि इस समझौते से आने वाले वर्षों में दोनों देश के बीच व्यापार 60 अरब डॉलर से दोगुना होकर 120 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय
‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी

नई दिल्ली, 7 मई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
ये हमले नौ लक्षित स्थानों- मुजफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलकोट, चकस्वरी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल में किए गए। इन हमलों में 60 से अधिक आतंकवादी घायल हो गए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में सरकार ने बुधवार सुबह मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि ये कार्रवाई नपी-तुली और गैर-उत्तेजित प्रकृति की, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी, जो पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद और भारत पर हमलों के निरंतर समर्थन के खिलाफ थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया और इसका उद्देश्य आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना और आतंकियों को बेदम करना था।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सीमा पार आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने के देश के अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है।
मिस्री के अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भी संबोधित किया।
उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और उनके भारत पर हमलों से लक्षित ठिकानों के संबंधों पर प्रकाश डाला।
नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमलों के जरिए भारत ने दिखाया कि वह अब सीमा पार आतंकवाद या इसे बढ़ावा देने वाली सरकारी संस्थाओं की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने ऐतिहासिक अभियान में रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर हमले किए।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर चले ऑपरेशन की लगातार निगरानी कर रहे थे।
भारत ने पाकिस्तान और पीओके में उन ठिकानों पर हमला किया, जहां से आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था।
भारत ने बयान में कहा, “हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित रही। पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्यों के चयन और कार्रवाई के तरीके में काफी संयम दिखाया।”
अंतरराष्ट्रीय
पाक मंत्री भारत के खिलाफ उगल रहे थे जहर, विदेशी मीडिया ने करा दी बोलती बंद, याद दिलाया उनके रक्षा मंत्री का बयान

नई दिल्ली, 7 मई। भारत के एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार विदेशी मीडिया के सामने गिड़गिड़ाते दिखे। अपना पक्ष रखने की कोशिश में भारत पर अनर्गल आरोप लगाने लगे, लेकिन उन्हें करारा जवाब दिया गया। एंकर ने उन्हें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान याद दिला दिया।
तरार ने दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ाई की है।
उनसे सवाल किया गया कि भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कर रहा है, हमारे यहां ऐसा नहीं है। इस पर एंकर ने रोकते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हाल ही में दिए बयान का जिक्र किया।
याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सप्ताह पहले इसी शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी इस नीति की सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। यहां तक कि बिलावल भुट्टो भी स्वीकार कर चुके हैं।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहते हुए बंद कर दी थी कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं’ कहना आपके ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है। आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देना पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रहा है और यह अब भी है।”
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं। हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े शिकार हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं। आज भी बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।” पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टेट है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ा है।
एंकर ने फिर इतिहास याद दिलाया तो मंत्री ने कहा, ‘जो रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि उनका मतलब गलत समझा गया है। 9/11 के बाद, पाकिस्तान आज भी आतंकवाद के खात्मे में लगा सबसे अग्रणी देश है। हम दुनिया की शांति के गारंटर हैं, क्योंकि हम आतंकवादियों और बाकी दुनिया के बीच दीवार के रूप में खड़े हैं। आपको, मैं आपको पाकिस्तान आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, आकर देखिए।’
इस पर एंकर ने कहा, “मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था।”
एंकर ने प्रश्न किया कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया था। उस हमले में सुरक्षाबलों पर घातक हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। इस पर पाक मंत्री ने कहा, “भारत के पास कोई सबूत नहीं है। हम जांच के लिए तैयार थे, हमने यहां तक कहा कि यूएन, यूके जैसे देशों को शामिल करें लेकिन भारत ने जांच से इनकार कर दिया और सीधे हमला कर दिया।”
व्यापार
चौथी तिमाही के कमजोर नतीजों के कारण बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयर में 11 प्रतिशत की गिरावट

नई दिल्ली, 6 मई। सार्वजनिक क्षेत्र के ‘बैंक ऑफ बड़ौदा’ का वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए कमजोर वित्तीय प्रदर्शन रहा, जिसके कारण मंगलवार को बैंक के शेयरों में 10.91 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 5,048 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो कि सालाना आधार पर 3.3 प्रतिशत की वृद्धि रही। बैंक का शुद्ध लाभ तीसरी तिमाही में 4,886 करोड़ रुपए था।
बैंक ऑफ बड़ौदा के चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में मामूली वृद्धि उच्च प्रावधानों और कमजोर शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) के कारण हुई।
बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 11,020 करोड़ रुपए का शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) दर्ज किया, जो एक साल पहले की समान अवधि में दर्ज 11,793 करोड़ रुपए से 6.6 प्रतिशत कम है।
तिमाही आधार पर भी एनआईआई कमजोर रहा क्योंकि यह वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 11,417 करोड़ रुपए से कम रहा।
बैंक का घरेलू शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) तिमाही आधार पर 3.11 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गया। बैंक का परिचालन लाभ वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में दर्ज 8,106 करोड़ रुपए की तुलना में वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 8,132 करोड़ रुपए पर स्थिर रहा।
वित्त वर्ष 2025 में बैंक का ग्रॉस एनपीए 12.6 प्रतिशत घटकर 27,835 करोड़ रुपए हो गया और ग्रॉस एनपीए अनुपात वित्त वर्ष 2024 के 2.92 प्रतिशत से सुधरकर वित्त वर्ष 2025 में 2.26 प्रतिशत हो गया।
वित्त वर्ष 2024 में 0.68 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात 0.58 प्रतिशत रहा।
बैंक ऑफ बड़ौदा के पास मार्च 2025 के अंत में 14.72 ट्रिलियन रुपए की कुल जमा राशि थी, जो पिछले साल की तुलना में 10.3 प्रतिशत और तिमाही दर तिमाही 4.9 प्रतिशत अधिक थी।
ग्लोबल एडवांस सहित कुल अग्रिम 12.30 ट्रिलियन रुपए थे, जो पिछले साल की तुलना में 12.8 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 4.9 प्रतिशत अधिक थे।
बोर्ड ने अपेक्षित अप्रूवल के अधीन 418 प्रतिशत का लाभांश घोषित करने की सिफारिश की है।
बीओबी के ग्लोबल एडवांसेस में पिछले साल की तुलना में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और मजबूत रिटेल लोन बुक वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2025 में डोमेस्टिक एडवांसेस में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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