राजनीति
भारत में 9 अप्रैल के बाद सबसे कम 1.52 लाख कोरोना मामले सामने आए

भारत में लगातार तीसरे दिन कोविड के 2 लाख से कम मामले सामने आए हैं। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,52,734 नए संक्रमित सामने आए। इसके साथ ही 3,128 और लोगों ने महामारी के कारण दम तोड़ दिया। इसकी जानकारी सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी। 9 अप्रैल के बाद से यह सबसे कम संक्रमितों का आंकड़ा है, जब भारत में 1,45,384 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 10 अप्रैल को भारत में 1,52,879 नए मामले दर्ज किए गए।
अधिकांश मेट्रो शहर अभी भी महामारी की भारी लहरों से जूझ रहे हैं। हालांकि मुंबई और दिल्ली ने इस उछाल को रोक दिया है। दिल्ली में रविवार को 946, मुंबई में 1,066 और बेंगलुरु 4,734 में कोरोना के नए मामले सामने आए। इसके बाद चेन्नई में 2,689 और कोलकाता में 1,830 मामले सामने आए।
राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन के उपायों को कम करने के लिए निर्धारित किया गया है, पश्चिम बंगाल ने सख्त उपायों को 15 और दिनों के लिए बढ़ा दिया है। साथ ही तमिलनाडु श्रृंखला को तोड़ने के लिए हर स्तर पर सूक्ष्म प्रबंधन कर रहा है।
47 दिनों में पहली बार दिल्ली में शनिवार को 100 से कम करोरोना के मामले सामने आए। आंध्र प्रदेश ने रविवार को रिकवरी के आंकड़े में 15 लाख का आंकड़ा पार कर लिया।
28 मई को, देश में 1,86,364 मामले दर्ज किए गए, अगले दिन यह 1,73,790 और 30 मई को 1,65,553 थे।
मौतें भी लगातार चार दिनों से 4,000 से कम हुई हैं।
भारत में कोविड -19 मामलों की कुल संख्या अब 2,80,47,534 है, जिसमें 20,26,092 सक्रिय मामले हैं और अब तक 3,29,100 मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल 2,38,022 लोगों को छुट्टी दी गई है, जिससे अब तक कोविड से कुल 2,56,92,342 लोग डिस्चार्ज हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कुल 21,31,54,129 लोगों को टीका लगाया गया है, जिनमें 10,18,076 लोगों को पिछले 24 घंटों में टीका लगाया गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, कोविड-19 के लिए 30 मई तक 34,48,66,883 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। इनमें से 16,83,135 नमूनों की रविवार को जांच की गई।
पिछले 20 दिनों में, भारत में 75,000 से अधिक मौतें हुई हैं। 24 मई को, भारत में कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण तीन लाख मौतों हुई, इस तरह से अमेरिका और ब्राजील के बाद तीन लाख मौतों को पार करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया।
भारत ने 21 मई को 4,529 मौतों के साथ कोविड के कारण रिकॉर्ड घातक परिणाम दर्ज किए गए। ये दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में कोरोनोवायरसके प्रकोप की सूचना के बाद से किसी भी देश में कोविड संक्रमण से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
यह 12 जनवरी को अमेरिका में 4,468 और इससे पहले ब्राजील में 6 अप्रैल को 4,211 मौतों को पार कर गया।
हफ्तों तक दूसरी लहर से जूझने के बाद, ताजा कोविड मामले 17 मई को पहली बार तीन लाख अंक से नीचे आ गए। यह 7 मई को 4,14,188 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने के बाद सामने आये।
राजनीति
राजद और कांग्रेस को पहचान चुकी बिहार की जनता, बनेगी एनडीए की सरकार: केशव प्रसाद मौर्य

पटना, 21 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा एक ढांचा है और उसकी समर्थक कांग्रेस ने पूरे देश का शोषण किया है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस की संस्कृति ही शोषण और भ्रष्टाचार पर आधारित है। ये दोनों पार्टियां लुटेरी हैं, जो गरीबों, किसानों, गांवों, देश और बिहार का शोषण करती हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार और कांग्रेस ने देश को लूटा। इनकी यही परिपाटी है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष पिछले 20 साल से सत्ता से बाहर है और 2047 तक सत्ता में वापसी की उनकी कोई संभावना नहीं है। एनडीए ने पहले प्रचार अभियान रोक दिया था, लेकिन अब जनता के उत्साह और समर्थन के साथ हम जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि जनता का समर्थन लगातार बढ़ रहा है और एनडीए सुशासन और रामराज की स्थापना की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बिहार की जनता ने इस बार के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनने का मन बना लिया है और यह बिहार के इतिहास में एनडीए की सबसे बड़ी जीत होगी।
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, “बिहार की जनता इन दलों को सबक सिखा रही है। राहुल गांधी 2029 और तेजस्वी यादव 2030 की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता ने 2025 में एनडीए को चुन लिया है।”
केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि वह एनडीए के सर्वोच्च नेता हैं और बिहार उनकी सभाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम जोरों पर हैं और तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बिहार में सुशासन के साथ-साथ रामराज की स्थापना हो रही है। एनडीए का लक्ष्य बिहार में विकास और सुशासन को और मजबूत करना है।”
राजनीति
बिहार चुनाव 2025: निर्वाचन आयोग ने प्रिंट विज्ञापनों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर : भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 और आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं।
यह कदम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। आयोग ने मतदान की तारीखें 6 नवंबर (गुरुवार) और 11 नवंबर (मंगलवार) तय की हैं, जो दो चरणों में होंगे। इन दिशानिर्देशों के तहत प्रचार के दौरान अनुचित प्रभाव को रोकने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
आयोग के अनुसार, कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं कर सकता, जब तक कि उसकी सामग्री को राज्य या जिला स्तर की मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणन न मिले। बिहार में यह प्रतिबंध पहले चरण के लिए 5 और 6 नवंबर को, जबकि दूसरे चरण के लिए 10 और 11 नवंबर 2025 को लागू होगा। यह कदम मतदाताओं को गलत जानकारी से बचाने और निष्पक्ष माहौल बनाने के लिए उठाया गया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जो लोग प्रिंट विज्ञापनों के लिए पूर्व-प्रमाणन चाहते हैं, उन्हें विज्ञापन प्रकाशन की प्रस्तावित तारीख से कम से कम दो दिन पहले एमसीएमसी में आवेदन करना होगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई विज्ञापन 6 नवंबर को छपना है, तो 4 नवंबर तक आवेदन जमा करना जरूरी है।
आयोग ने बताया कि राज्य और जिला स्तर पर एमसीएमसी को सक्रिय कर दिया गया है। ये समितियां विज्ञापनों की जांच तेजी से करेंगी और जल्द से जल्द निर्णय लेंगी ताकि प्रक्रिया में देरी न हो।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से इन नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिहार में आगामी चुनावों को स्वच्छ और निष्पक्ष बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस भी इन दिशानिर्देशों को लागू करने में सहयोग करेंगे। मतदाताओं से अपील की गई है कि वे जागरूक रहें और किसी भी अनुचित प्रचार की शिकायत तुरंत निर्वाचन आयोग से करें।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिका ने 1 लाख डॉलर की एच-1बी वीजा फीस पर दी सफाई, मौजूदा वीजा धारक रहेंगे मुक्त

वॉशिंगटन, 21 अक्टूबर: विदेशी पेशेवरों को बड़ी राहत देते हुए अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने एच-1बी वीजा की 1 लाख डॉलर आवेदन फीस पर नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कई छूटें और अपवाद शामिल किए गए हैं।
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो लोग एफ-1 (छात्र) वीजा से एच-1बी वीजा श्रेणी में स्विच कर रहे हैं, उन्हें यह भारी शुल्क नहीं देना होगा। इसी तरह, अमेरिका के भीतर रहकर वीजा में संशोधन, स्थिति परिवर्तन या अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करने वाले एच-1बी वीजा धारकों पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।
इसके अलावा, मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों को देश में आने-जाने पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। यह शुल्क केवल उन नए आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका के बाहर हैं और जिनके पास मान्य एच-1बी वीजा नहीं है। नई आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन भुगतान लिंक भी जारी किया गया है।
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब अमेरिकी वाणिज्य मंडल ने इस फैसले के खिलाफ ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है। संगठन ने इस फीस को “गैरकानूनी” बताते हुए कहा कि इससे अमेरिकी व्यवसायों पर “गंभीर आर्थिक असर” पड़ेगा और कंपनियों को या तो अपने श्रम खर्च में भारी बढ़ोतरी करनी पड़ेगी या फिर कुशल विदेशी कर्मचारियों की भर्ती कम करनी होगी।
ट्रंप प्रशासन के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कानूनी चुनौती है। इससे पहले, श्रमिक संघों, शिक्षा विशेषज्ञों और धार्मिक संस्थाओं के समूह ने भी 3 अक्टूबर को मुकदमा दायर किया था।
ट्रंप ने 19 सितंबर को हस्ताक्षरित इस घोषणा पर कहा था कि इसका उद्देश्य “अमेरिकी नागरिकों को रोजगार का प्रोत्साहन देना” है। हालांकि, इस फैसले से मौजूदा वीजा धारकों में भ्रम की स्थिति बन गई थी कि क्या वे अमेरिका लौट पाएंगे या नहीं।
व्हाइट हाउस ने 20 सितंबर को आईएएनएस से कहा था कि यह “एक बार लिया जाने वाला शुल्क” है, जो केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा, न कि नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर।
बता दें कि 2024 में भारतीय मूल के पेशेवरों को कुल स्वीकृत एच-1बी वीजाओं में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी मिली थी। इसका कारण था वीजा स्वीकृति में लंबित मामलों का भारी बैकलॉग और भारत से आने वाले उच्च कौशल वाले आवेदकों की बड़ी संख्या।
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