राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में आयकर कार्यालय में आग लगने के बाद 7 लोग बचाए गए
नई दिल्ली, 14 मई। राष्ट्रीय राजधानी में आयकर कार्यालय (आईटीओ) की इमारत में मंगलवार को आग लगने के बाद दो महिलाओं सहित सात लोगों को बचाया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत में काम कर रहे कई लोगों को सीढ़ियों की मदद से खिड़कियों के जरिए बाहर निकाला गया।
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि पुरानी दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने आईटीओ स्थित सीआर बिल्डिंग में आग लगने की सूचना दोपहर 2.25 बजे मिली।
उन्होंने कहा, ”कुल 21 दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं।”
उन्होंने बताया कि शाम 4 बजे मौके से संदेश प्राप्त हुआ कि सात लोगों (5 पुरुष और 2 महिलाएं) को डीएफएस कर्मियों ने तीसरी मंजिल से सुरक्षित बचा लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस ने चारा घोटाला जांच को प्र भावित करने की कोशिश की थी : शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को पूर्व सीबीआई अधिकारी यूएन विश्वास के उस बयान को सही ठहराया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस की तरफ से चारा घोटाला जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी।
भाजपा प्रवक्ता ने मिडिया से बातचीत में कहा कि सीबीआई के पूर्व अधिकारी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। निसंदेह कांग्रेस ने चारा घोटाले से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस घोटाले में संलिप्त आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से भरसक प्रयास किए गए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस मामले में कई सबूत थे। इस वजह से कांग्रेस का एक भी पैंतरा सफल नहीं हो पाया, हालांकि उस वक्त यूएन विश्वास पर शीर्ष स्तर की तरफ से कई तरह के दबाव बनाए गए थे, लेकिन कोई भी दबाव सफल नहीं हो पाया।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मतदाता पुनरीक्षण का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर का पिछले लंबे समय से समर्थन करते हुए आ रहे हैं। हम लगातार इस बात पर जोर देते हुए आ रहे हैं कि एसआईआर होना चाहिए। इसे जमीन पर उतारा जाना चाहिए ताकि मौजूदा वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी साफ हो सके।
उन्होंने कहा, “वोट का वेरिफिकेशन होना चाहिए। साथ ही मैं कहना चाहूंगा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह बहुत ही जरूरी प्रक्रिया बन गई थी, जिसे संपन्न करना चुनाव आयोग के लिए जरूरी हो चुका था।”
उन्होंने कहा कि हम लोग वैसे भी शुरू से ही बिहार में एसआईआर की पैरवी करते हुए आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश में फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सकेगा, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
आज से तीन दिवसीय भारत दौरे पर रहेगा यूरोपीय संसद के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति के सात सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: यूरोपीय संसद की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति (आईएनटीए) के सात सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल 27 अक्टूबर को भारत की यात्रा पर दिल्ली पहुंचेगा। आईएनटीए सदस्यों का यह दौरा 27 से 29 अक्टूबर 2025 तक होगा, जिसमें यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार, आर्थिक और निवेश संबंधों पर चर्चा होगी।
वहीं, इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत के लिए आईएनटीए की स्थायी प्रतिवेदक क्रिस्टीना मैस्ट्रे और एसएंडडी आईएनटीए समन्वयक ब्रैंडो बेनिफी करेंगे।
बता दें, इस मिशन के दौरान, आईएनटीए सदस्य अलग-अलग स्टेकहोल्डरों के साथ बातचीत करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यापार वार्ता में क्या-क्या अवसर और चुनौतियां हैं। आईएनटीए सदस्य मंत्रिस्तरीय और संसदीय दोनों स्तरों पर अलग-अलग बैठकें आयोजित करेंगे।
आईएनटीए सदस्य यूरोपीय व्यापार महासंघ और भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ बैठक करेंगे, और इसके अलावा सिविल सोसायटी के साथ विशिष्ट बैठकें आयोजित की जाएंगी।
दो सह-अध्यक्षों क्रिस्टीना मैस्ट्रे (एस एंड डी, स्पेन) और ब्रैंडो बेनिफेई (एस एंड डी, इटली) के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में जुआन इग्नासियो जोइदो (ईपीपी, स्पेन), वाल्डेमर बुडा (ईसीआर, पोलैंड), बैरी कोवेन (रिन्यू, आयरलैंड), विसेंट मार्जा इबानेज (स्पेन, ग्रीन्स/ईएफए), और भारत के साथ संबंधों के लिए ईपी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष एंजेलिका नीबलर (ईपीपी, जर्मनी) शामिल हैं।
इससे पहले 18 से 20 दिसंबर 2023 में एमईपी के प्रतिनिधिमंडलों ने भारत का दौरा किया था। इस प्रतिनिधिमंडल में यूरोपीय संसद की दो समितियों, भारत के साथ संबंधों हेतु प्रतिनिधिमंडल (डी-आईएन) और सुरक्षा और रक्षा संबंधी उप-समिति (एसईडीई) के एमईपी सम्मिलित थे।
दोनों प्रतिनिधिमंडल ने लोकतंत्र, कानून के शासन का पालन, बहुपक्षवाद, नियमों पर आधारित व्यापार और नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था आदि जैसे साझा मूल्यों पर आधारित भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी, भू-राजनीतिक कन्वर्जेन्स, आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा, डिजिटल संवेद्यता, एआई और सामुद्रिक सुरक्षा पर सार्थक चर्चाएं की थीं।
यूरोपीय संसद के सदस्यों के इस दौरे ने भारत-यूरोपीय संघ संबंधों, हमारे साझा संसदीय मूल्यों और आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को गहन बनाने की प्रतिबद्धता को मजबूत बनाया।
राजनीति
दुर्व्यवहार मामले में सीजेआई ने राकेश किशोर को किया माफ तो अवमानना की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

suprim court
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वकील राकेश किशोर के खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई के खिलाफ अभद्र व्यवहार के मामले में अपराधी अवमानना की कार्रवाई शुरू करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि सीजेआई ने उदारता दिखाते हुए राकेश किशोर को माफ कर दिया है, इसलिए इस मामले को समाप्त माना जाएगा। हालांकि, अदालत ने ऐसे कृत्यों के महिमामंडन और भविष्य में रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश जारी करने पर विचार जारी रखने का संकेत दिया।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि शुरुआत में मामला समाप्त हो गया था. जब सीजेआई ने किशोर को माफ कर दिया था, लेकिन राकेश किशोर ने मीडिया से कहा कि ‘भगवान ने मुझसे ऐसा करवाया’ और इस पर सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं, जिससे न्यायपालिका का मजाक बन रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ एससीबीए की याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना और सोशल मीडिया पर महिमामंडन रोकने के लिए आदेश की मांग की गई थी। विकास सिंह ने बताया कि राकेश किशोर ने मीडिया को इंटरव्यू देते हुए अपने कृत्य को दोहराने की कसम भी खाई।
इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने स्वीकार किया कि राकेश किशोर का व्यवहार ‘गंभीर आपराधिक अवमानना’ जैसा है, लेकिन जब सीजेआई ने माफ कर दिया, तो यह मामला आगे नहीं बढ़ सकता। जस्टिस बागची ने स्पष्ट किया कि न्यायालय की अवमानना के मामलों में अवमानना कार्रवाई का निर्णय संबंधित जज पर निर्भर होता है।
विकास सिंह ने तर्क दिया कि सीजेआई की माफी उनकी व्यक्तिगत क्षमता में थी और इसे संस्थागत कार्रवाई के रूप में नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि राकेश किशोर के बाद के आचरण, जैसे मीडिया में दिए बयान, एक नया अपराध है।
जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर सहमति जताई और कहा कि ऐसे कृत्यों के महिमामंडन को रोकने के लिए निवारक दिशानिर्देश जारी करने पर विचार किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी व्यक्ति को अनावश्यक महत्व देने से बचा जा सके।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की चिंता का समर्थन करते हुए कहा कि नोटिस जारी करने से राकेश किशोर को पीड़ित की भूमिका निभाने का अवसर मिल सकता है और विवाद भड़का सकता है।
आखिर में बेंच ने अपराधी अवमानना मामले में आगे न बढ़ाने का फैसला किया और सुनवाई को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। साथ ही, धर्मोपदेशक डॉ. केए पॉल द्वारा दायर रिट याचिका को भी सुनवाई योग्य न मानते हुए खारिज कर दिया।
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