राजनीति
मध्य प्रदेश में ‘भूखे-नंगे’ के बाद ‘आइटम’ पर गरमाई सियासत

मध्य प्रदेश में तल्ख होती बयानबाजी ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। पहले कांग्रेस नेता द्वारा शिवराज सिंह चौहान के परिवार को भूखा नंगा बताए जाने और फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ द्वारा कथित तौर पर इमरती देवी को आइटम कहे जाने से सियासत गरमा गई है। भाजपा जहां हमलावर हो गई है तो कांग्रेस को सफाई देनी पड़ रही है कि भाजपा शब्दों का अनर्थ निकाल रही है।
राज्य के 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं और यहां मतदान तीन नवंबर को होना है। नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजनेताओं के बयान तल्ख हो चले हैं। ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा क्षेत्र में रविवार को प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इशारों-इशारों में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को आइटम कह दिया था। कमलनाथ के इस बयान के बाद से ही भाजपा हमलावर है और कमल नाथ को घेरने में लग गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमल नाथ के बयान को ओछी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए कहा है कि, इमरती देवी उस गरीब किसान की बेटी का नाम है, जिसने गांव में मजदूरी करने से शुरूआत की और आज जनसेवक के रूप में राष्ट्रनिर्माण में सहयोग दे रही हैं। पहले कांग्रेस ने मुझे ‘भूखा-नंगा’ कहा और अब एक महिला के लिए ‘आईटम’ जैसे शब्द का उपयोग कर कमल नाथ ने अपनी सामंतवादी सोच फिर उजागर कर दी।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमल नाथ की टिप्पणी पर रोष प्रकट करते हुए कहा, एक गरीब और मजदूर परिवार से आगे आईं दलित नेता इमरती देवी को आइटम और अजय सिंह द्वारा जलेबी कहना अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है। कमलनाथ की यह टिप्पणी महिलाओं और दलितों के प्रति उनकी मानसिकता को भी दर्शाती है। दिग्विजय सिंह ने भी इसी तरह की टिप्पणी कांग्रेस की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन पर की थी।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कमलनाथ की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि नवदुर्गा पर्व के दौरान कमल नाथ ने भाजपा की प्रत्याशी बहन इमरती देवी जो अनुसूचित जाति की हैं, के बारे में जिस तरह का बयान दिया है, वह शर्मनाक है। कमलनाथ ने इमरती देवी को ‘आइटम’ कहकर समूची नारी शक्ति का अपमान करने का काम किया है।
आइटम वाले बयान के तूल पकड़ने और भाजपा के हमलावर होने पर कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर और भाजपा पर दुष्प्रचार करने का आरेाप लगाते हुए कहा कि, यह सही है कि मैंने आइटम कहा है क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है। मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम हैं और इस अर्थ में हम सभी आइटम हैं। लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में भी आइटम नंबर लिखा जाता है। क्या यह असम्मानजनक है? मध्य प्रदेश की जनता जब खून के घूंट पी रही है तो उसके आंसू पोंछने की बजाय आपकी पार्टी मेरे कोक पीने को मुददा बना रही है। क्या यह कोई मुद्दा है? क्या इससे जनता का जीवन जुड़ा है?
ज्ञात हो कि पिछले दिनों ही कांग्रेस के नेता दिनेश गुर्जर ने शिवराज सिंह चौहान को भूखे नंगे परिवार और कमल नाथ को देश का दूसरे नंबर का उद्योगपति बताया था। इस मसले को भाजपा ने किसान व गरीब बनाम उद्योगपति का मुकाबला बनाने की केाशिश की और अब आइटम आ गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के विधानसभा चुनाव आमजन से जुड़े मुददों पर ज्यादा चर्चा नहीं है बल्कि उन मुददों ने सियासी रंग ले लिया है जिनका आमजन से कोई वास्ता नहीं है। यह सही है कि कांग्रेस ने बैठे बैठाए भाजपा को हमला करने का हथियार दे दिया है। कांग्रेस अभी तक दिनेश गुर्जर के उस बयान के असर को कम नहीं कर पाई थी जिसमें शिवराज को भूखे नंगे परिवार का कहा गया था और अब कमल नाथ का ऐसा बयान आया है, जिसका जवाब आसान नहीं होगा। भाजपा इसे आगामी दिनों में दलित महिला का अपमान प्रचारित करने में पीछे नहीं रहेगी और चुनावी लाभ लेने का हर संभव प्रयास करेगी।
राजनीति
हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।
राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।
उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।
उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस आधुनिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी से लैस है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने खुद को आधुनिक तकनीक से लैस कर लिया है। तदनुसार, मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों एक फोरेंसिक लैब, एक विशेष वैन, एक इंटरसेप्ट वैन और अन्य आधुनिक उपकरणों सहित तीन साइबर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को आधुनिक बनाया गया है और पुलिस साइबर धोखाधड़ी से लेकर अन्य अपराधों को सुलझाने के लिए इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगी।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से आज लोगों को ऑनलाइन बेवकूफ बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हो रही हैं, उसी तरह पुलिस ने इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जांच के तरीकों से लेकर अन्य चीजों में महत्वपूर्ण क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस थानों में विशेष सहायता कक्ष भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक विशेष वैन भी तैयार की गई है ताकि उन्हें तुरंत मदद मिल सके। इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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