अपराध
कोई ‘करीबी’ओटीपी मांगे तो तुरंत कर दें मना, फेसबुक के बाद अब वॉट्सऐप फ्रॉड!
मालाड के पुष्पा पार्क में रहने वाले 45 वर्षीय कारोबारी के वॉट्सऐप पर दामाद के वॉट्सऐप नंबर से एक सप्ताह पहले एक कॉल आया। कॉल रिसीव करते ही सामने वाले ने कहा, ‘ससुर जी, आपके वॉट्सऐप पर जल्दबाजी में एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) चला गया है। उसे कॉपी कर मुझे आप वॉट्सऐप कर दीजिए।’ कारोबारी को लगा कि कॉल करने वाला उनका दामाद विवेक ही है। उन्होंने भरोसा कर ओटीपी को कॉपी कर उसे वॉट्सऐप कर दिया। कारोबारी कुछ समझ पता, इससे पहले ही उसके पास 3 ट्रांजेक्शन से 80 हजार रुपये निकासी का मेसेज आया। कारोबारी ने जब दामाद से फोन कर पूछा, तो दामाद का जवाब था कि उसने न तो कोई फोन किया था, न ही ओटीपी भेजा। उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ और साइबर पुलिस का रुख किया।
साइबर अपराध विशेषज्ञ अभिषेक मित्रा और डॉक्टर प्रशांत माली के अनुसार, ऑनलाइन फेसबुक अकाउंट फ्रॉड की तरह इन दिनों वॉट्सऐप से भी ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। जैसे फेसबुक का अकाउंट हैक कर साइबर क्राइम किया जाता था, उसी तरह अब करीबी या रिश्तेदार बनकर वॉट्सऐप नंबर से ऑनलाइन ठगी की जा रहीं है। इसीलिए, अगर आपके किसी करीबी का वॉट्सऐप कॉल आए, तो सावधान रहें, क्योंकि हर कॉलर करीबी नहीं होगा।
अगर आप वॉट्सऐप कॉल रिश्तेदार या करीबी समझकर रिसीव करते हैं, तो सामने वाला पहले सॉरी बोलेगा। फिर वह बातों में उलझाकर आपको ओटीपी भेजेगा, जिसे वह भूलवश फॉरवर्ड हो जाने का बहाना कर ओटीपी मांगेगा। जैसे ही आप उसे ओटीपी बताएंगे, वैसे ही आपके खाते से ट्रांजेक्शन हो जाएगा। इसके बाद या तो वह साइबर क्रिमिनल्स निजी डाटा के आधार पर आपको ब्लैकमेल करेगा या फिर ऑनलाइन फ्रॉड का खेल खेलेगा। इसीलिए, जब ऐसा कोई कॉल्स आए, तो हड़बड़ी में उसे कतई रिसीव नहीं करें, क्योंकि कॉल रिसीव करते ही आप साइबर क्राइम का शिकार हो सकते हैं।
ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए किसी के साथ ओटीपी शेयर न करें। साथ ही, इस तरह की किसी भी गड़बड़ी में फंसने से बचने के लिए वॉट्सऐप टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑप्शन को ऑन कर लें। इससे आपका वॉट्सऐप नंबर सुरक्षित रहेगा और साइबर हैकर्स किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आपका वॉट्सऐप नंबर इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। रिश्तेदारों के नाम और उनका नंबर उनके डीपी के साथ ही मोबाइल में सेव करें। महाराष्ट्र की साइबर पुलिस के एसपी बालसिंग राजपूत कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को ओटीपी या महत्वपूर्ण जानकारी कतई नहीं दें और अपने वॉट्सऐप में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑप्शन को ऑन कर लें।
अपराध
मुंबई आर्थिक अपराध शाखा ने वडाला के स्काई 31 हाउसिंग प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया

मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने वडाला (पश्चिम) में स्काई 31 परियोजना से जुड़े बड़े पैमाने पर आवास धोखाधड़ी के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डेवलपर्स ने फ्लैट खरीदारों से एकत्र किए गए लगभग 100 करोड़ रुपये का गबन किया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच के बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
यह शिकायत कांदिवली (पश्चिम) निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट अनिल मोहनलाल द्रोण (62) ने दर्ज कराई है। आरोपियों की पहचान सुब्बारामन आनंद विलयनुर, उमा सुब्बारामन, बीपी गंगर कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के रूप में हुई है।
एफआईआर के अनुसार, कथित धोखाधड़ी 2018 से अब तक हुई है। ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने आपस में मिलीभगत करके वडाला (पश्चिम) के कटरक रोड स्थित स्काई 31 परियोजना में फ्लैट बनाने के नाम पर 102 घर खरीदारों से लगभग ₹100 करोड़ वसूले।
हालांकि, निर्माण के लिए धन का उपयोग करने के बजाय, आरोपियों ने कथित तौर पर धन का एक बड़ा हिस्सा अपने निजी लाभ के लिए और अपनी संबद्ध कंपनियों के खातों में स्थानांतरित कर दिया।
जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि परियोजना में एक ही फ्लैट दो अलग-अलग खरीददारों को बेचा गया था, तथा दोनों से अलग-अलग भुगतान लिया गया था, जिससे उनके साथ धोखाधड़ी हुई।
इस मामले की जांच वर्तमान में आर्थिक अपराध शाखा की बैंकिंग यूनिट-3, सेल 11 द्वारा की जा रही है।
अपराध
दिल्ली : चार साइबर आपराधिक गिरोहों का भंडाफोड़, छह आरोपी गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली, 6 नवंबर: दिल्ली पुलिस की साइबर पश्चिम इकाई ने सप्ताह भर चले विशेष अभियान में चार अंतरराज्यीय साइबर आपराधिक गिरोहों का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है।
इस कार्रवाई में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे कुल 34 लाख रुपए से अधिक की ठगी की राशि बरामद करने के सुराग मिले। अभियान के दौरान 7 मोबाइल फोन, 3 एटीएम कार्ड, 2 चेक बुक, 1 पासबुक और 2 सिम कार्ड बरामद हुए।
यह कार्रवाई इंस्पेक्टर विकास कुमार (थाना प्रभारी, साइबर वेस्ट) और एसीपी ऑप्स विजय सिंह के नेतृत्व में डीसीपी पश्चिम शरद भास्कर दाराडे (आईपीएस) के पर्यवेक्षण में संपन्न हुई।
शिवा (19 वर्ष, बेरोजगार, 8वीं पास) और पुनीत कुमार उर्फ साहिल (22 वर्ष, बेरोजगार, 12वीं पास) को गिरफ्तार किया गया। 8 जुलाई 2024 को एक शिकायत में पीड़ित ने बताया कि फर्जी व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी बताकर ‘मनी लॉन्ड्रिंग जांच’ के बहाने 11,75,228 रुपए की ठगी की गई। एसआई अरविंद सिंह, हेड कांस्टेबल नरेश और कांस्टेबल कपिल की टीम ने तकनीकी विश्लेषण से हरिजन बस्ती, बल्लभगढ़ से दोनों को पकड़ा। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी खच्चर बैंक खातों का संचालन कर ठगी की राशि ट्रांसफर करते थे।
अंकित सोनकरिया (19 वर्ष, फूल विक्रेता, 8वीं पास) को उदयपुरिया गांव से गिरफ्तार किया। पीड़ित से गूगल मैप्स रिव्यू के नाम पर 2,74,520 रुपए ठगे गए। एसआई तरुण राणा, हेड कांस्टेबल अमर और कांस्टेबल दीपेंद्र की टीम ने छापेमारी की। आरोपी कमीशन आधारित बैंक खाते चलाता था।
लवलेश कुमार (22 वर्ष, फार्मेसी डिप्लोमा, दवा पैकिंग फैक्ट्री कर्मी) और हरभजन (24 वर्ष, बीएससी स्नातक, निजी अस्पताल सहायक) को पकड़ा गया। शिकायतकर्ता गुरजीत सिंह से मीटर सत्यापन की फर्जी एपीके इंस्टॉल कर 16,52,000 रुपए ठगे, जिसमें 6 लाख रुपए नकली खातों से ट्रांसफर हुए।
एसआई अंकुर ओहलान, हेड कांस्टेबल दीपक और कांस्टेबल भूपेंद्र की टीम ने गुड़गांव, नोएडा व अलीगढ़ में छापे मारे। आरोपी कई बैंकों में कमीशन आधारित खाते संचालित करते थे।
अपराध
मुंबई पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने ₹12.8 लाख मेफेड्रोन जब्ती मामले में आदतन अपराधी अकबर खाऊ को ओडिशा से गिरफ्तार किया

मुंबई: मुंबई पुलिस के एंटी-नारकोटिक्स सेल (एएनसी) ने मेफेड्रोन (एमडी) मामले में ओडिशा से एक वांछित और आदतन अपराधी अहमद मोहम्मद शफी शेख उर्फ अकबर खाऊ को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों के अनुसार, एएनसी की घाटकोपर इकाई ने लगभग ₹12.8 लाख मूल्य की 64 ग्राम मेफेड्रोन जब्त करने के बाद एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 8(सी), 22(3), 22(सी) और 29 के तहत पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। इस मामले में, आरोपी फ़रीद रहमतुल्ला शेख उर्फ़ फ़रीद चूहा को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि अहमद शेख उर्फ़ अकबर खाऊ की पहचान सह-साजिशकर्ता के रूप में हुई।
जांच से पता चला कि अकबर खाऊ, जो पहले ठाणे जिले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज एक मामले में जमानत पर बाहर था, ने मादक पदार्थों की तस्करी में अपनी संलिप्तता फिर से शुरू कर दी थी और जब्त किए गए नशीले पदार्थों की आपूर्ति सह-आरोपी फरीद को कर दी थी।
गोपनीय जानकारी के आधार पर, एएनसी ने उसे ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर में खोज निकाला, जहाँ वह छिपा हुआ था। वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से तुरंत एक पुलिस दल भेजा गया। दल ने 1 नवंबर, 2025 को राजगांगपुर के रब्बानी चौक पर उसका पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उसे मुंबई के लिए ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया।
बुधवार को अकबर खाऊ को मुंबई सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जिसने उसे 7 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। घाटकोपर एएनसी इकाई अपनी जांच जारी रखे हुए है।
अब तक इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 12.8 लाख रुपये मूल्य की 64 ग्राम एमडी जब्त की गई है।
पुलिस ने बताया कि अहमद शेख उर्फ अकबर खाऊ एक आदतन अपराधी है जिसका चोरी, मारपीट और कई एनडीपीएस व मकोका मामलों सहित गंभीर अपराधों का लंबा इतिहास रहा है। उसके रिकॉर्ड में कुर्ला, वीबी नगर और मुंबई भर की एंटी-नारकोटिक्स सेल इकाइयों में दर्ज 18 पूर्व अपराध शामिल हैं। अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी को उन अपराधियों पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है जो कई गिरफ्तारियों के बाद भी मादक पदार्थों की तस्करी जारी रखते हैं।
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