राष्ट्रीय समाचार
मानवाधिकार आयोग ने आठ परिवारों के बहिष्कार को लेकर मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 6 मार्च। भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक, तमिलनाडु के तेनकासी के सामंबावरवदकरई कस्बे में गांव के प्रधान द्वारा 8 परिवारों के बहिष्कार की रिपोर्ट सामने आई है। यहां एक भूमि विवाद को लेकर इन लोगों का कथित रूप से बहिष्कार किया गया। मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इसका स्वत: संज्ञान लिया है।
आयोग ने तमिलनाडु में तेनकासी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर मामले में दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग को मिली सूचना के मुताबिक, पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों, अन्य सुविधाओं तक पहुंचने और अन्य निवासियों के साथ संवाद करने से रोक दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव के प्रधान ने एक परिवार के सभी सदस्यों को बहिष्कृत कर दिया। इस परिवार ने तमिलनाडु के तेनकासी जिले के सामंबावरवदकरई कस्बे में भूमि अतिक्रमण को लेकर एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की थी। कानूनी लड़ाई लड़ने वाले इस परिवार का समर्थन करने पर सात अन्य परिवारों को भी बहिष्कृत कर दिया गया।
बहिष्कार के खिलाफ जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने पर पुलिस ने कथित तौर पर इन 8 परिवारों के 30 लोगों को गिरफ्तार किया था। आयोग ने पाया है कि उन्हें मिली समाचार रिपोर्ट की सामग्री यदि सच पाई जाती है, तो यह पीड़ित परिवारों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। आयोग ने तमिलनाडु में तेनकासी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग के मुताबिक 20 फरवरी, 2025 को प्रसारित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित परिवारों को स्थानीय दुकानों व आवश्यकता की अन्य सुविधाओं तक पहुंचने और अन्य स्थानीय लोगों के साथ संवाद करने से रोक दिया गया है।
आयोग के मुताबिक, कथित तौर पर, राजस्व प्रभागीय अधिकारी ने ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसके निर्देशों को रद्द करने के लिए उसके साथ शांति वार्ता आयोजित की। हालांकि, इस शांति वार्ता का कोई फायदा नहीं हुआ। अब आयोग ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए पूरे मामले का संज्ञान लिया है और जिला कलेक्टर को इस संदर्भ में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
राजनीति
जम्मू-कश्मीर : पहलगाम आतंकी हमले में एक पर्यटक की मौत, 12 घायल, सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘स्तब्ध हूं’

श्रीनगर, 22 अप्रैल। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई। वहीं पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों सहित 12 अन्य लोग घायल हो गए।
पहलगाम हिल स्टेशन के बैसरन इलाके में आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर हमला कर दिया, जिसमें एक पर्यटक की मौत हो गई और नौ अन्य पर्यटक तथा तीन स्थानीय लोग घायल हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक, सेना की वर्दी पहने 2 से 3 आतंकवादी दोपहर करीब 2.30 बजे बैसरन इलाके में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर गोलियां चलाने लगे। बैसरन पहलगाम बाजार से 3 से 4 किलोमीटर दूर एक छोटा सा घास का मैदान है और पर्यटक यहां तक पहुंचने के लिए घोड़ों का सहारा लेते हैं, क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए कोई मोटर वाहन योग्य सड़क नहीं है।
एक अधिकारी ने बताया, “इस हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई तथा पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित 12 अन्य घायल हो गए। घायलों को पहलगाम अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को विशेष उपचार के लिए श्रीनगर भेज दिया गया।” उन्होंने बताया कि हमलावरों का पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “मैं अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला एक घृणित कार्य है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं। निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैंने अपनी सहकर्मी सकीना इटू से बात की है और वह घायलों के लिए व्यवस्थाओं की देखरेख करने के लिए अस्पताल चली गई हैं। मैं तुरंत श्रीनगर वापस जा रहा हूं।”
सीएम अब्दुल्ला ने एक और पोस्ट में लिखा, “मृतकों की संख्या का अभी पता लगाया जा रहा है, इसलिए मैं उन विवरणों में नहीं जाना चाहता। स्थिति स्पष्ट होने पर उन्हें आधिकारिक रूप से बताया जाएगा। कहने की जरूरत नहीं कि यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए किसी भी हमले से कहीं ज्यादा बड़ा है।”
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, “मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें दुखद रूप से पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। ऐसी हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। ऐतिहासिक रूप से, कश्मीर ने पर्यटकों का गर्मजोशी से स्वागत किया है, जिससे यह दुर्लभ घटना बेहद चिंताजनक है। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और संभावित सुरक्षा चूक की जांच करने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है। आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है, और भविष्य में हमलों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया और हमले को “कायरतापूर्ण” बताया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने डीजीपी और सुरक्षा अधिकारियों से बात की है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें इलाके में पहुंच गई हैं और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी और सुरक्षा अधिकारियों से बात की है। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें इलाके में पहुंच गई हैं और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को पहलगाम में भर्ती लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है। एक घायल पर्यटक को जीएमसी अनंतनाग पहुंचाया गया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
कश्मीर घाटी में 2025 में पर्यटकों पर यह पहला आतंकवादी हमला है, जबकि इस समय घाटी में पर्यटन का मौसम काफी तेजी से बढ़ रहा है।
श्रीनगर शहर के सभी होटल और पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग के पर्यटक रिसॉर्ट पूरी तरह से भरे हुए हैं।
इस साल जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है और आधिकारिक अनुमानों के अनुसार इस साल करीब दो करोड़ पर्यटक केंद्र शासित प्रदेश में आएंगे।
मंगलवार का हमला ऐसे समय में हुआ है जब इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए देशभर में पंजीकरण चल रहा है।
इस साल यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो क्रमशः श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन के त्योहारों के साथ है।
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी, जहां उन्होंने जम्मू संभाग पर विशेष ध्यान देते हुए आतंकवाद के पूर्ण उन्मूलन के आदेश दिए थे।
उन्होंने घुसपैठ के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए थे। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी निदेशक, सेना प्रमुख, जम्मू-कश्मीर में सभी कोर के जीओसी, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और खुफिया अधिकारी शामिल हुए।
बीते दिनों उपराज्यपाल मनोज सिन्हा इस बात पर जोर दिया था कि जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के अभिशाप से पूरी तरह मुक्त करने के लिए आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों सहित आतंकवाद के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र से निपटना होगा।
राष्ट्रीय समाचार
‘विकसित भारत’ की यात्रा एक साझा राष्ट्रीय मिशन : वित्त मंत्री सीतारमण

नई दिल्ली, 22 अप्रैल। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने की देश की यात्रा महज एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि समावेशी, सस्टेनेबल और इनोवेशन से जुड़े विकास के दृष्टिकोण से संचालित एक साझा ‘राष्ट्रीय मिशन’ है।
अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के हूवर इंस्टीट्यूशन में अपने संबोधन के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो हमारी बढ़ती ताकत को दिखाता है।
उन्होंने ‘विकसित भारत की नींव रखना, 2047 तक विकसित भारत’ शीर्षक से अपने मुख्य भाषण के दौरान उपस्थित लोगों से कहा, “कोरोना महामारी और बैंकिंग संकट के बावजूद, पिछले एक दशक में हमारी प्रगति, मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादों और स्थिर सुधारों पर आधारित है, जो हमें आगे की राह के लिए आत्मविश्वास और दिशा प्रदान करती है।”
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत में किए गए कुछ काम शानदार रहे हैं, जिसका एक उदाहरण डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) और इसकी सफलता है।
वित्त मंत्री ने कहा, “डीपीआई का इस्तेमाल कर एक अरब से अधिक डिजिटल पहचान बनाई गई हैं। इन डिजिटल पहचानों का इस्तेमाल कर लोगों के बैंक खाते बनाए गए और कोविड-19 महामारी के दौरान एक बटन क्लिक करने के साथ सरकार ने पैसे ट्रांसफर किए। इसके अलावा, डीपीआई कोविड 19 महामारी के दौरान वैक्सीनेशन में भी मददगार साबित हुई।”
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, “अगले दो दशकों में भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों, मजबूत घरेलू क्षमताओं, नए संस्थागत साझेदारियों और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल रणनीतियों पर आधारित एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे हम विकसित भारत की नींव रख रहे हैं, हमें वर्तमान वास्तविकताओं को नजरअंदाज किए बिना दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए। वैश्विक व्यवस्था बदल रही है। चुनौतियों के साथ अवसर भी बने हुए हैं। हमें चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और इन चुनौतियों का लाभ उठाना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा, “विकसित भारत का निर्माण न केवल सरकार द्वारा बल्कि प्रत्येक नागरिक के सामूहिक प्रयास से होगा।”
उन्होंने कहा, “घरेलू विनिर्माण के विकास के लिए छोटे और मध्यम उद्यमों का एक संपन्न नेटवर्क जरूरी है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री के अनुसार, “सरकार ने एमएसएमई को समर्थन देने के लिए कई पहल की हैं, जिसमें ऋण तक पहुंच को आसान बनाना, बड़े खरीदारों से शीघ्र भुगतान की सुविधा प्रदान करना और अनुपालन बोझ को सरल बनाना शामिल है।”
अप्रैल 2022 में लॉन्च ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ ने 616 शहरों में 7,64,000 से अधिक विक्रेताओं को सफलतापूर्वक जोड़ा है।
वित्त मंत्री ने कहा, “हमारा अगला ध्यान विनियामक बोझ को कम करना, अप्रूवल को डिजिटल बनाना और एमएसएमई को ग्लोबल वैल्यू चैन में इंटीग्रेट करना है। महिलाओं के नेतृत्व वाले और ग्रामीण उद्यमों को विशेष समर्थन आर्थिक अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगा।”
वित्त मंत्री ने आगे कहा, “पिछले एक दशक में, हमने स्ट्रक्चर से जुड़े सुधार किए हैं, व्यावसायिक कानूनों को अपराधमुक्त किया है और सार्वजनिक सेवाओं को डिजिटल बनाया है। विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा व्यवसाय सुधार कार्य योजना को लागू करने के हमारे अनुभव ने प्रदर्शित किया है कि विनियमन में ढील औद्योगिक विकास के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है।”
इंडियास्पोरा और बीसीजी की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के पहली पीढ़ी के प्रवासियों ने 2018 और 2023 के बीच 72 यूनिकॉर्न की स्थापना की। इनकी वैल्यूएशन कम से कम 195 बिलियन अमरीकी डॉलर थी और इनमें लगभग 55,000 लोग कार्यरत थे।
वित्त मंत्री ने कहा, “भारत के 65 प्रतिशत से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) का मुख्यालय अमेरिका में है। ये जीसीसी आरएंडडी, मैनेजमेंट, कंसल्टिंग और ऑडिटिंग में हाई-वैल्यू एडेड और बेस्ट सर्विस देते हैं। जबकि, अमेरिका एक मैच्योर स्टार्टअप हब है, जो 50-60 वर्षों में विकसित हुआ है, वहीं, भारत की स्टार्टअप यात्रा अभी शुरुआती दौर में है।”
अपराध
आईपीएल 2025 : दिल्ली पुलिस ने किया सट्टेबाज को गिरफ्तार, सट्टेबाजी नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच जारी

नई दिल्ली, 22 अप्रैल। दिल्ली पुलिस की रोहिणी टीम ने ऑपरेशन “पैंथर-क्लॉ” के तहत एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। टीम ने दिल्ली कैपिटल्स और गुजरात टाइटंस के बीच खेले गए आईपीएल क्रिकेट मैच के दौरान ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक सट्टेबाज को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान 42 वर्षीय अमित अरोड़ा, रोहिणी के सेक्टर 1 निवासी के रूप में हुई है। पुलिस ने मौके से एक लैपटॉप, सात मोबाइल फोन, एक एलईडी टीवी और एक चार्जर बरामद किया है।
पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) अमित गोयल के अनुसार, रोहिणी की विशेष टीम संगठित अपराधों पर नकेल कसने के लिए लगातार काम कर रही थी। 19 अप्रैल 2025 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि विजय विहार इलाके में कुछ लोग आईपीएल मैच के दौरान अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी में लिप्त हैं। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर अमित दहिया के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम में एसीपी ईश्वर सिंह की देखरेख में सब-इंस्पेक्टर विजय कुमार, राजीव कुमार, हेड कांस्टेबल राजेंद्र, आनंद, दीपक, नवीन और कांस्टेबल सुमित व सलेश शामिल थे।
टीम ने विजय विहार इलाके में छापेमारी की, जहां अमित अरोड़ा को आईपीएल मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगाते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया और सट्टेबाजी में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जब्त किए। इस मामले में विजय विहार थाने में दिल्ली जुआ अधिनियम की धारा 3, 4 और 9 के तहत एफआईआर नंबर 265/25 दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है और अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि अमित अरोड़ा का कोई आपराधिक रिकॉर्ड पहले से नहीं मिला है, लेकिन वह ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए अवैध कमाई कर रहा था। बरामद उपकरणों की जांच की जा रही है, ताकि सट्टेबाजी के नेटवर्क का पता लगाया जा सके। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से अवैध सट्टेबाजी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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