व्यापार
एचपी ने ग्रेटर इंडिया बिजनेस के नेतृत्व के लिए केतन पटेल को नियुक्त किया

कंप्यूटर और प्रिंटर के क्षेत्र की बड़ी कंपनी एचपी ने शुक्रवार को केतन पटेल को एचपी ग्रेटर इंडिया का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। उन्होंने विनय अवस्थी की जगह ली है जो अब आपूर्ति श्रृंखला के लिए प्रिंट संचालन प्रमुख के रूप में अपनी नई भूमिका संभालेंगे। कंपनी ने एक बयान में कहा, एक लंबे समय से एचपी से जुड़े पटेल 1 अगस्त से भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में कंपनी के कारोबार की जिम्मेदारी संभालेंगे और वह क्रिस्टोफ स्केल को रिपोर्ट करेंगे जो एचपी के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी हैं।
स्केल कहते हैं, “दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में भारत एक डिजिटल क्रांति के शिखर पर है जहां हमारे काम करने, रहने, खेलने में प्रौद्योगिकी की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे यकीन है कि समृद्ध अनुभव और बाजार की गहरी समझ के साथ एक सिद्ध नेता के रूप में पटेल क्षेत्र में हमारे कस्टमर और पार्टनर ईकोसिस्टम में बेहतरी लेकर आएंगे।”
पटेल पहले ग्रेटर एशिया के लिए पर्सनल सिस्टम कैटगरी के प्रमुख थे जहां उन्होंने जापान, स्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण पूर्व एशिया और कोरिया जैसे देशों में कंप्यूटिंग व्यवसाय का नेतृत्व किया जिसमें हार्डवेयर, सेवाएं और समाधान शामिल थे।
पटेल साल 2005 में एचपी में शामिल हुए और एचपी की व्यक्तिगत प्रणालियों, प्रिंट और ग्राफिक्स समाधान व्यवसायों में विभिन्न नेतृत्व पदों पर रहे।
साल 2013 से 2017 तक वह एचपी इंडिया में पर्सनल सिस्टम के वरिष्ठ निदेशक थे।
एचपी में शामिल होने से पहले पटेल भारत में विप्रो इन्फोटेक, विप्रो पेरिफेरल्स और टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स में काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने उनका प्रिंटिंग बिजनेस का संचालन किया।
राजनीति
उड़ान योजना ने नौ वर्षों में 3.23 लाख फ्लाइट्स के जरिए 1.56 करोड़ से अधिक यात्रियों को दी सुविधा

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना ने नौ वर्षों में 3.23 लाख उड़ान फ्लाइट्स के माध्यम से 1.56 करोड़ से अधिक यात्रियों को सुविधा प्रदान की।
इस योजना के तहत, 649 मार्गों का संचालन शुरू किया गया है, जो 93 अप्रयुक्त और कम सेवा वाले हवाई अड्डों को जोड़ते हैं, जिनमें 15 हेलीपोर्ट और 2 वॉटर एयरोड्रम शामिल हैं।
इस बीच, एयरलाइन ऑपरेटरों और क्षेत्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर को समर्थन देने के लिए सरकार ने वीजीएफ के रूप में 4,300 करोड़ रुपए से अधिक वितरित किए हैं और क्षेत्रीय संपर्क योजनाओं (आरसीएस) के तहत हवाई अड्डे के विकास में 4,638 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
मंत्रालय क्षेत्रीय संपर्क योजना की 9वीं वर्षगांठ मना रहा है।
इस अवसर पर नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति के तहत 21 अक्टूबर, 2016 को शुरू की गई उड़ान एक परिवर्तनकारी पहल रही है, जिसका उद्देश्य आम नागरिक के लिए हवाई यात्रा को किफायती और सुलभ बनाना है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 अप्रैल, 2017 को शिमला और दिल्ली के बीच शुरू की गई पहली उड़ान ने क्षेत्रीय विमानन संपर्क में एक नए युग की शुरुआत की।
सिन्हा ने एक विस्तारित उड़ान फ्रेमवर्क के माध्यम से अप्रैल 2027 के बाद भी इस योजना को जारी रखने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें पहाड़ी, पूर्वोत्तर और आकांक्षी क्षेत्रों के साथ संपर्क और लगभग 120 नए गंतव्यों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में की गई एक प्रमुख पहल अगस्त 2024 में सी-प्लेन संचालन के लिए व्यापक दिशानिर्देशों की शुरुआत और सी-प्लेन और हेलीकॉप्टरों के लिए विशेष बोली दौर, उड़ान 5.5 का शुभारंभ है।
इस दौर के अंतर्गत, विभिन्न तटीय और द्वीपीय क्षेत्रों में 30 वॉटर एयरोड्रम को जोड़ने वाले 150 मार्गों के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी किए गए हैं।
मंत्रालय के अनुसार, उड़ान केवल एक योजना नहीं है; यह परिवर्तन का कैटेलिस्ट है और हवाई यात्रा को समावेशी, सस्टेनेबल और हमारी विकास यात्रा का एक अभिन्न अंग बनाने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
व्यापार
पीएम मोदी के नेतृत्व में किसान तेजी से इनोवेशन और क्लीन एनर्जी को अपना रहे : प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर : केंद्रीय न्यू और रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान तेजी से इनोवेशन और क्लीन एनर्जी को अपना रहे हैं।
इसके साथ केंद्रीय मंत्री ने एक सक्सेस स्टोरी भी साझा की और बताया कि कैसे एक किसान खेत में सोलर पैनल लगाकर 25,000 यूनिट्स बिजली का प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है। इसके साथ ही, इन पैनल्स के नीचे खेती को भी जारी रखा है।
जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’पर लिखा, “ऊपर लगे सौर पैनलों से प्रतिदिन 25,000 यूनिट बिजली पैदा होती है, जबकि नीचे उन्हीं खेतों में हरी-भरी फसलें लहलहाती है। यह इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि कैसे भारत के किसान प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इनोवेशन और स्वच्छ ऊर्जा को अपना रहे हैं।”
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने इस वर्ष अप्रैल-सितंबर की अवधि में रिकॉर्ड 25 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी है और लगभग 125 गीगावाट सौर क्षमता के साथ, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत ने अप्रैल-सितंबर 2025 (वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही) में रिकॉर्ड 25 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़कर स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्जवल और टिकाऊ भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाती है और इसके जरिए देश रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर अपनी यात्रा को गति दे रहा है।”
वर्तमान में देश में स्थापित कुल बिजली क्षमता में गैर-जीवाश्म स्रोतों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है, जिससे भारत ने अपने रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के 8वें सत्र के उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की सफलता की कहानी केवल संख्या की नहीं, बल्कि लोगों की है। यह आयोजन 27 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी में होने वाला है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिका ने 1 लाख डॉलर की एच-1बी वीजा फीस पर दी सफाई, मौजूदा वीजा धारक रहेंगे मुक्त

वॉशिंगटन, 21 अक्टूबर: विदेशी पेशेवरों को बड़ी राहत देते हुए अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने एच-1बी वीजा की 1 लाख डॉलर आवेदन फीस पर नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें कई छूटें और अपवाद शामिल किए गए हैं।
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, जो लोग एफ-1 (छात्र) वीजा से एच-1बी वीजा श्रेणी में स्विच कर रहे हैं, उन्हें यह भारी शुल्क नहीं देना होगा। इसी तरह, अमेरिका के भीतर रहकर वीजा में संशोधन, स्थिति परिवर्तन या अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करने वाले एच-1बी वीजा धारकों पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।
इसके अलावा, मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों को देश में आने-जाने पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। यह शुल्क केवल उन नए आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका के बाहर हैं और जिनके पास मान्य एच-1बी वीजा नहीं है। नई आवेदन प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन भुगतान लिंक भी जारी किया गया है।
यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब अमेरिकी वाणिज्य मंडल ने इस फैसले के खिलाफ ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है। संगठन ने इस फीस को “गैरकानूनी” बताते हुए कहा कि इससे अमेरिकी व्यवसायों पर “गंभीर आर्थिक असर” पड़ेगा और कंपनियों को या तो अपने श्रम खर्च में भारी बढ़ोतरी करनी पड़ेगी या फिर कुशल विदेशी कर्मचारियों की भर्ती कम करनी होगी।
ट्रंप प्रशासन के खिलाफ यह दूसरी बड़ी कानूनी चुनौती है। इससे पहले, श्रमिक संघों, शिक्षा विशेषज्ञों और धार्मिक संस्थाओं के समूह ने भी 3 अक्टूबर को मुकदमा दायर किया था।
ट्रंप ने 19 सितंबर को हस्ताक्षरित इस घोषणा पर कहा था कि इसका उद्देश्य “अमेरिकी नागरिकों को रोजगार का प्रोत्साहन देना” है। हालांकि, इस फैसले से मौजूदा वीजा धारकों में भ्रम की स्थिति बन गई थी कि क्या वे अमेरिका लौट पाएंगे या नहीं।
व्हाइट हाउस ने 20 सितंबर को आईएएनएस से कहा था कि यह “एक बार लिया जाने वाला शुल्क” है, जो केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होगा, न कि नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर।
बता दें कि 2024 में भारतीय मूल के पेशेवरों को कुल स्वीकृत एच-1बी वीजाओं में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी मिली थी। इसका कारण था वीजा स्वीकृति में लंबित मामलों का भारी बैकलॉग और भारत से आने वाले उच्च कौशल वाले आवेदकों की बड़ी संख्या।
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