राष्ट्रीय
चंडीगढ़ एयरपोर्ट के पास पक्षी टकराव की घटनाएं रोकने के लिए हाई-लेवल मीटिंग
चंडीगढ़, 25 अक्टूबर : चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (सीएचआईएएल) ने हवाई सुरक्षा से जुड़े एक अहम मुद्दे पर बड़ी बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों के टकराव की बढ़ती घटनाओं को रोकना और इसके लिए ठोस कदम तय करना था। इस बात की जानकारी सीएचआईएएल ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए दी है।
इस उच्चस्तरीय बैठक में ट्राइसिटी के नगर निगमों, पुलिस प्रशासन, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए। एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया कि खुले में कचरा फेंकने, अवैध डंपिंग और मांस की दुकानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों की वजह से आसपास पक्षियों की संख्या बढ़ रही है, जिससे उड़ानों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई कि इन जगहों पर पक्षियों का झुंड अक्सर उड़ानों के टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान खतरनाक स्थिति पैदा कर देता है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ विमानों के इंजन और उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि यात्रियों की जान के लिए भी गंभीर खतरा साबित हो सकती हैं।
बैठक में अब तक किए गए चल रहे उपायों की समीक्षा की गई। एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने और खुले में कचरा फेंकने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम को ऐसे स्थानों की पहचान कर तत्काल साफ-सफाई और मलबा हटाने का आदेश दिया गया है।
एयरपोर्ट के निकट स्थित मीट की दुकानों और स्लॉटर पॉइंट्स पर भी निगरानी बढ़ाने का फैसला हुआ है। प्रशासन ने इन दुकानों से निकलने वाले अपशिष्ट को सुरक्षित तरीके से निपटाने के लिए कड़े मानक तय करने की बात कही है ताकि गिद्धों और अन्य पक्षियों को वहां आकर्षित होने से रोका जा सके।
बैठक में उपस्थित पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के अधिकारियों ने हवाई क्षेत्र में पक्षियों की गतिविधियों को ट्रैक करने और रिपोर्ट साझा करने के लिए एक संयुक्त मैकेनिज्म तैयार करने का सुझाव दिया।
बैठक के अंत में तय किया गया कि अगली स्थिति समीक्षा बैठक 1 नवंबर को आयोजित की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता सांसद मनीष तिवारी और मलविंदर सिंह कांग करेंगे।
राष्ट्रीय
उत्तर प्रदेश : संभल में शुरू हुई पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा

लखनऊ, 25 अक्टूबर : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभल एक बार फिर अपनी पौराणिक पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में जगमगा उठा है। शुक्रवार रात्रि 2 बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ।
शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली यह परिक्रमा 46 वर्षों बाद पुनः आरंभ हुई है। 1978 में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी यह परंपरा 2024 में योगी सरकार के प्रयासों से फिर से जीवित हो उठी। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो सम्भल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।
1978 के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाई। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। परंतु 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद परिदृश्य पूरी तरह बदल गया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को व्यक्तिगत रूप से गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन सच्चाइयों को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक दबाया गया।
सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की कोशिशें हुईं और हिंदुओं को सुनियोजित रूप से पलायन के लिए विवश किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कार्रवाई की। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया।
योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा-67 के तहत 495 वाद दर्ज हुए, जिनमें से 243 मामलों का निस्तारण कर 1067 अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में 68.94 हेक्टेयर भूमि कब्जा मुक्त कराई गई। यही नहीं, धार्मिक स्थलों पर हुए अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई हुई। विशेष अभियान के तहत 37 अवैध कब्जे हटाए गए, जिनमें 16 मस्जिदें, 12 मजारें, 7 कब्रिस्तान और 2 मदरसे शामिल थे। कुल 2.623 हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही 68 पौराणिक तीर्थ स्थल और 19 प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य चल रहे हैं।
संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में 2 नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था की गई है। अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक विश्वास की नींव रखी गई है। बिजली चोरी रोकने के लिए चलाए गए अभियानों से लाइन लॉस 82 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जिससे 84 करोड़ रुपए की राजकीय धनराशि की बचत हुई। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत संभल के मेटैलिक, वुडन और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
क्या रेयर अर्थ मिनरल्स और एलिमेंट्स को लेकर ट्रंप और जिनपिंग में बनेगी बात? मलेशिया पर टिकी सबकी नजर

न्यूयॉर्क, 25 अक्टूबर : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने एशिया दौरे के पहले चरण में शनिवार को कुआलालंपुर पहुंचेंगे। वे मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान जाएंगे, जबकि दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जारी है।
पूरे क्षेत्र में व्यापार और निवेश समझौते होने की उम्मीद है, लेकिन इस दौरे का सबसे ज्यादा ध्यान दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात पर होगा।
दरअसल, हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच टैरिफ, रेयर अर्थ एलिमेंट, तकनीक और दवाओं को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। ऐसे में दोनों नेताओं की मुलाकात पर दुनिया की नजर होगी।
30 अक्टूबर को ट्रंप की मुलाकात दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक शहर ग्योंगजू में 21 सदस्यीय एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग समिट के दौरान होगी। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की इस क्षेत्र की पहली यात्रा रविवार और सोमवार को कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन से शुरू होगी।
मलेशिया में आयोजित आसियान समिट में इसके दस सदस्यों के नेताओं और ट्रंप के अलावा, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, और चीन के प्रधान मंत्री ली कियांग, जापान की पीएम साने ताकाइची, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज और कनाडा के माइक कार्नी शामिल होंगे।
वहीं ट्रंप की टीम में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर शामिल होंगे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस समिट में आने के लिए आमंत्रित किया गया था। हालांकि, वह वर्चुअल माध्यम से समिट में भाग लेंगे। वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर पीएम मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो टैरिफ बम फोड़ा है, उससे कई आसियान सदस्य परेशान हैं। खासकर लाओस और म्यांमार की बात करें तो उन पर 40 फीसदी टैरिफ चिंता का विषय है।
हाल ही में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक छोटी झड़प हुई थी, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी मध्यस्थता से सुलझा दिया था। ऐसे में संभव है कि राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में दोनों देश एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
एपीईसी शिखर सम्मेलन से इतर ट्रंप-शी की बैठक होने वाली है। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी नेता वास्तविक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे, बल्कि समिट से इतर द्विपक्षीय बैठकों में शिरकत करेंगे।
एक तरफ चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स पर व्यापक निर्यात नियंत्रण की धमकी दी। दूसरी तरफ अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह पहले से लगाए गए शुल्कों में 100 प्रतिशत शुल्क जोड़ देगा, जिससे चीन पर कुल शुल्क 157 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
ट्रंप ने मांग की है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल्स और चुम्बकों पर प्रतिबंध हटाए, सोयाबीन खरीदना शुरू करे, और फेंटेनाइल दवा और उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर रोक लगाए।
हालात देखते हुए समिट में होने वाली इस मुलाकात के दौरान चीन-अमेरिका में समझौता केवल इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रंप और शी इन सभी लंबित व्यापार मुद्दों पर कोई समझौता कर पाते हैं या नहीं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “दक्षिण कोरिया में हमारी बैठकें समाप्त होने के बाद, चीन और मैं एक बहुत ही निष्पक्ष और बेहतरीन व्यापार समझौता करेंगे।”
दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति ट्रंप को सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ग्रैंड ऑर्डर ऑफ मुगुनघ्वा, से सम्मानित कर सकता है। समिट के दौरान ट्रंप और किम जोंग उन की मुलाकात की चर्चाएं भी तेजी से हो रही थीं। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
दोनों शिखर सम्मेलनों के बीच ट्रंप सोमवार से बुधवार तक जापान दौरा भी करेंगे। यह यात्रा व्यापार और निवेश के मुद्दों पर केंद्रित होगी और इसमें सम्राट नारुहितो से मुलाकात के लिए शाही महल का दौरा भी शामिल होगा।
राष्ट्रीय
टीवीके प्रमुख विजय 27 अक्टूबर को ममल्लापुरम में करूर भगदड़ पीड़ितों के परिवारों से मिलेंगे

ममल्लापुरम, 25 अक्टूबर : तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के प्रमुख और अभिनेता विजय 27 अक्टूबर को ममल्लापुरम में करूर भगदड़ हादसे में मारे गए 41 लोगों के परिवारों से मुलाकात करेंगे।
यह मुलाकात करूर में हुई दुखद घटना के एक महीने बाद हो रही है। विजय का उद्देश्य पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना और समर्थन व्यक्त करना है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, विजय ने पहले करूर में ही पीड़ित परिवारों से मिलने की योजना बनाई थी। लेकिन, स्थान की उपलब्धता से जुड़ी समस्याओं के कारण उन्होंने ममल्लापुरम में यह बैठक आयोजित करने का फैसला किया। इस मुलाकात में विजय प्रभावित परिवारों से व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। टीवीके पार्टी ने इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं, ताकि पीड़ित परिवारों को कोई असुविधा न हो।
पिछले महीने करूर में एक आयोजन के दौरान भगदड़ मचने से 41 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। इस घटना ने पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ा दी थी। स्थानीय प्रशासन और सरकार ने पीड़ितों की मदद के लिए कई कदम उठाए, लेकिन इस हादसे ने सभाओं में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। विजय की इस पहल को पीड़ित परिवारों के लिए भावनात्मक और नैतिक समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं, टीवीके पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, विजय इस मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवारों की आर्थिक और सामाजिक जरूरतों को समझने की कोशिश करेंगे। साथ ही, वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग भी उठा सकते हैं।
टीवीके के मुताबिक, इस मुलाकात से न केवल पीड़ितों को सहारा मिलेगा। स्थानीय लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे पीड़ित परिवारों को कुछ राहत मिलेगी।
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