अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘हैलो फ्रॉम टीम मेलोडी’: इटालियन पीएम जियोर्जिया मेलोनी और पीएम मोदी का दिल छू लेने वाला वीडियो इंटरनेट पर छाया
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक भावुक वीडियो साझा किया है। यह वीडियो शुक्रवार को इटली में संपन्न हुए G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर शूट किया गया था।
वीडियो की शुरुआत उनके कहने से होती है, “मेलोडी टीम की ओर से नमस्ते”। वीडियो में मोदी को उनके पीछे हंसते हुए देखा जा सकता है। मेलोनी ने एक्स पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर वीडियो को कैप्शन के साथ साझा किया, “हाय दोस्तों, #मेलोडी की ओर से।” दुनिया भर में मेलोडी प्रशंसकों की कई प्रतिक्रियाओं के साथ वीडियो तुरंत इंटरनेट पर छा गया है।इससे पहले आज पीएम मोदी और इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी की जी7 समिट के दौरान ली गई सेल्फी वायरल हो गई थी। G7 आउटरीच शिखर सम्मेलन के मौके पर ली गई यह तस्वीर दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन और दुबई में COP28 में पिछली बातचीत के बाद ली गई थी। उनकी सेल्फी पर कई ऑनलाइन मीम्स बने हैं और हैशटैग “मेलोडी” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से ट्रेंड हुआ है।
पीएम मोदी और इतालवी पीएम मेलोनी ने द्विपक्षीय वार्ता की
G7 शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी और पीएम मेलोनी ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक द्विपक्षीय बैठक की। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दोनों नेताओं ने रक्षा औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की और इतालवी नौसैनिक जहाजों आईटीएस कैवोर और आईटीएस वेस्पुची की भारत की आगामी यात्रा का स्वागत किया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए इटली का आभार व्यक्त किया और इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे मेमोरियल को अपग्रेड करने की योजना की घोषणा की।
नेताओं ने चल रही राजनीतिक बातचीत पर संतोष व्यक्त करते हुए भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी की भी समीक्षा की। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने औद्योगिक संपत्ति अधिकारों पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हाल ही में हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क पर सहयोग बढ़ाना है।
भारत-इटली संबंधों को मजबूत करना
इसके अलावा, पीएम मोदी और पीएम मेलोनी ने ऊर्जा परिवर्तन में सहयोग के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य ‘वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन’ के तहत स्वच्छ और हरित ऊर्जा में द्विपक्षीय प्रयासों को बढ़ावा देना है। पीएम मेलोनी ने प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पीएम मोदी को बधाई दी और दोनों नेताओं ने 2025-27 के लिए सहयोग के नए कार्यकारी कार्यक्रम के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा।
पीएम मोदी ने G7 शिखर सम्मेलन में ‘आउटरीच कंट्री’ आमंत्रित सदस्य के रूप में भाग लिया, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, जापान, फ्रांस और यूरोपीय संघ सहित सदस्य देशों के साथ भाग लिया। G7 शिखर सम्मेलन में यह भारत की 11वीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी थी।
पीएम मोदी ने निमंत्रण के लिए पीएम मेलोनी को धन्यवाद दिया और शिखर सम्मेलन के लिए की गई तैयारियों की सराहना की। उन्होंने वाणिज्य, ऊर्जा, रक्षा और दूरसंचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और जैव ईंधन, खाद्य प्रसंस्करण और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे भविष्य के क्षेत्रों में सहयोग पर प्रकाश डाला।
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अमेरिका में बड़ा विमान हादसा, इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उड़ान भरते ही कार्गो प्लेन हुआ क्रैश; 4 की मौत और 11 घायल

नई दिल्ली, 5 नवंबर: अमेरिका के केंटकी में लुईविल मुम्मद अली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्लेन क्रैश का खौफनाक मंजर सामने आया है। मंगलवार शाम को लुईविल मुम्मद अली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यूपीएस कार्गो प्लेन टेकऑफ करने के कुछ ही सेकेंड बाद क्रैश हो गया और इस दुर्घटना में तीन क्रू मेंबर्स की जान चली गई।
प्लेन क्रैश के बाद आग की लपटें ऊपर उठने लगीं और आसपास की जगहों तक फैल गईं। प्लेन में करीब 2.5 लाख गैलन फ्यूल था, इस वजह से क्रैश होते ही आग इतनी तेजी से फैल गई। संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) के अनुसार, यूपीएस एमडी-11 विमान केंटकी के लुइसविले हवाई अड्डे के पास उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
एफएए के एक बयान के अनुसार, यूपीएस उड़ान संख्या 2976 स्थानीय समयानुसार शाम 5 बजे के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान होनोलूलू के डैनियल के. इनौये अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जा रहा था। एफएए राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) के साथ मिलकर इस दुर्घटना की जांच कर रहा है। एफएए ने मंगलवार को कहा कि एनटीएसबी जांच की जिम्मेदारी संभालेगा।
लुइसविले हवाई अड्डे के जन सूचना अधिकारी, जोनाथन बिवेन ने बताया कि मंगलवार की दुर्घटना में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। बिवेन ने कहा, “मैं कुल चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर सकता हूं। कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं और उन्हें स्थानीय अस्पतालों में ले जाया गया है।”
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, यूपीएस विमान के हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, लुइसविले मुहम्मद अली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली सभी उड़ानें मंगलवार रात रद्द कर दी गईं।
लुइसविले हवाई अड्डे के जन सूचना अधिकारी जोनाथन बिवेन ने कहा, “हम उन सभी लोगों से अनुरोध कर रहे हैं जो आज रात और कल एसडीएफ हवाई अड्डे से यात्रा कर रहे हैं कि वे उड़ान की अपडेट के लिए अपनी एयरलाइन से संपर्क करें।”
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भारतीय मूल के जोहरान ममदानी बने न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर, हुए ट्रंप के गुस्से का शिकार

नई दिल्ली, 5 नवंबर: अमेरिका में डेमोक्रेट उम्मीदवार भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने बुधवार को न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार एंड्रयू कुओमो को हराकर ममदानी शहर के पहले मुस्लिम मेयर बन गए हैं। ममदानी 1 जनवरी, 2026 को अमेरिका के सबसे बड़े महानगर का नेतृत्व करने के लिए पदभार ग्रहण करेंगे।
जोहरान ममदानी युगांडा के विद्वान महमूद ममदानी और प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं। उनका जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा के कंपाला में हुआ था। जोहरान का बचपन युगांडा से दक्षिण अफ्रीका और आखिर में न्यूयॉर्क शहर में बीता।
अपनी जीत के बाद अपनी पहली एक्स पोस्ट में ममदानी ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें सिटी हॉल में एक न्यूयॉर्क मेट्रो ट्रेन खुलती दिखाई दे रही थी और दीवार पर “जोहरान फॉर न्यू यॉर्क सिटी” लिखा हुआ था। सिटी हॉल वह जगह है, जहां मेयर कार्यालय स्थित है।
जोहरान ममदानी ने जून में हुए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में भी पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को हरा दिया था। वहीं रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लीवा ने कुओमो के खेमे के बढ़ते दबाव के बावजूद नाम वापस लेने से इनकार कर दिया था। इस चुनाव ने पूरे देश का ध्यान खींचा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की भारी आलोचना के बावजूद डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को चुनाव में सफलता मिली। चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर ममदानी को कम्युनिस्ट उम्मीदवार बताते हुए उनकी निंदा की थी और चेतावनी दी थी कि अगर वह चुने गए तो न्यूयॉर्क शहर के लिए फंडिंग कम की जा सकती है।
ट्रूथ पर ट्रंप ने लिखा, “अगर कम्युनिस्ट उम्मीदवार जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत जाते हैं तो बहुत कम संभावना है कि मैं फेडरल फंड में न्यूनतम आवश्यक राशि के अलावा कोई और योगदान दूं।” उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई यहूदी व्यक्ति जोहरान ममदानी को वोट देता है, वह मूर्ख है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें यहूदी विरोधी बताया।
एक अन्य पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा, “कम्युनिस्ट उम्मीदवार जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीतते हैं, तो यह बेहद असंभव है कि मैं अपने प्यारे पहले घर के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि के अलावा संघीय निधि का योगदान करूं, क्योंकि एक कम्युनिस्ट मेयर होने के नाते इस महान शहर के आगे बढ़ने की भी कोई संभावना नहीं है। एक कम्युनिस्ट के नेतृत्व में यह स्थिति और भी बदतर हो सकती है और मैं बतौर इस पर पैसा बर्बाद नहीं करना चाहता।”
वहीं एलन मस्क ने भी ममदानी की काफी आलोचना की थी। मस्क ने सवाल उठाया कि बैलेट पेपर पर ममदानी का दो बार नाम छपा है। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क सिटी का बैलेट पेपर स्कैम है। आईडी की कोई जरूरत नहीं है और दूसरे मेयर उम्मीदवारों का नाम दो बार है।
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गनपाउडर प्लॉट: जब तहखाने से बरामद हुआ ‘बारूद’ और हुआ एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश

नई दिल्ली, 4 नवंबर: ‘गनपाउडर प्लॉट’ ब्रिटेन के इतिहास का ऐसा अध्याय है जो अगर सफल होता तो संसद धूल में मिल गई होती। ये घटना 1605 की है। 5 नवंबर की सुबह लंदन की सर्द हवा में एक साजिश की बू थी। ब्रिटिश संसद के तहखाने से अचानक 36 बैरल बारूद बरामद हुए और उसी के साथ ब्रिटेन के इतिहास की दिशा बदल गई। यह था गनपाउडर प्लॉट, यानी “बारूद की साजिश”-एक ऐसा प्रयास जिसने इंग्लैंड के राजा, सरकार और कैथोलिक धर्म के संबंधों को हमेशा के लिए बदल दिया।
यह षड्यंत्र किंग जेम्स प्रथम के खिलाफ रची गई थी। उस दौर में इंग्लैंड में कैथोलिक्स पर अत्याचार हो रहे थे और देश पर प्रोटेस्टेंट शासन था। कई कैथोलिक गुट यह मानते थे कि अगर संसद को उड़ा दिया जाए और राजा की हत्या हो जाए, तो देश में दोबारा उनका शासन लौट सकता है। इस योजना का नेतृत्व रॉबर्ट केट्सबी ने किया था, जबकि जिस नाम ने इतिहास में जगह बनाई वह था ‘गाइ फॉक्स’ , जो बारूदों की रखवाली करने वाला सैनिक था।
4 नवंबर की रात, फॉक्स संसद के नीचे स्थित तहखाने में तैयारियों में लगा था। लेकिन गुप्त सूचना मिलने पर वहां छापा पड़ा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने साथियों के नाम बताए, और जल्द ही पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया। अगर यह साजिश सफल होती, तो उस दिन इंग्लैंड की संसद, राजा और अभिजात वर्ग सब खत्म हो सकते थे।
फॉक्स और उसके साथियों को राजद्रोह के आरोप में मौत की सजा दी गई। लेकिन उनकी असफलता ने ब्रिटेन को एक प्रतीक दे दिया — हर 5 नवंबर को बोनफायर नाइट या गाई फॉक्स नाइट के रूप में मनाया जाता है, जब लोग आतिशबाजी करते हैं और “रिमेम्बर, रिमेम्बर द फिफ्थ ऑफ नवंबर…” की पंक्तियां गाते हैं। यह न केवल उस साजिश की याद है, बल्कि सत्ता, धर्म और विद्रोह के उस संघर्ष की भी याद दिलाती है जिसने इंग्लैंड के राजनीतिक इतिहास को आकार दिया।
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