पर्यावरण
देश के कई राज्यों में भारी बारिश का कहर, आम जनजीवन प्रभावित
नई दिल्ली/ मुंबई/कोयंबटूर 26 मई। देश के कई हिस्सों में प्री-मॉनसून और मॉनसून की बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी बारिश और तूफान ने तबाही मचाई। बिजली आपूर्ति और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि 30 लाख मेट्रिक टन कचरे की सफाई के कारण नालों से पानी तेजी से निकाला गया। नोडल अधिकारियों को जलभराव बिंदुओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
आईएमडी ने दिल्ली में रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में आज हल्की बारिश और गरज के साथ बौछार पड़ने की आशंका है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। सप्ताह के दौरान तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।
मुंबई में 26 मई को प्री-मॉनसून बारिश ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुबह 9 से 10 बजे के बीच दक्षिण मुंबई में एक घंटे में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 12 घंटों में 254 मिमी बारिश हुई। कोलाबा में 295 मिमी बारिश के साथ मई का सर्वाधिक रिकॉर्ड बना। भारी बारिश से लालबाग, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और अन्य निचले इलाकों में जलभराव हुआ, जिससे यातायात और लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। बीएमसी और एनडीआरएफ की टीमें जल निकासी और राहत कार्य में जुटी हैं।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने नागरिकों से अपील की कि आवश्यक कार्य के बिना घर से न निकलें, खासकर दोपहर 2 से 4 बजे तक, क्योंकि तेज हवाओं (60-70 किमी/घंटा) के साथ और बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और रायगढ़ के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
रायगढ़ में मूसलाधार बारिश के कारण यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। नेरल-कलंब मार्ग पर पुल के ऊपर पानी भरने से यातायात बंद कर दिया गया। म्हसाला-श्रीवर्धन मार्ग जलमग्न होने और सपोली-हेतावने-गोंडव फाटा मार्ग पर तटबंध टूटने से सड़कें बंद हैं।
वहीं, तमिलनाडु के कोयंबटूर में लगातार दूसरे दिन बारिश ने कहर बरपाया। उप्पिली पलायम रोड पर एक तेज रफ्तार कार ने एक ऑटो को टक्कर मार दी और खाई में पलट गई। स्थानीय लोगों और पीलामेडु अग्निशमन दल ने मणिकंदन को सुरक्षित निकाला और अस्पताल पहुंचाया। सिंगनल्लूर पुलिस ने क्रेन की मदद से कार को निकाला और दुर्घटना की जांच शुरू की। जिले में बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव और यातायात बाधित हुआ।
तमिलनाडु में भारतीय मौसम विभाग ने कोयंबटूर, नीलगिरी जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट और चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम जैसे क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश और तूफान के कारण जलभराव, यातायात बाधित, और स्कूल-कॉलेज बंद हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
गुजरात के अरवल्ली जिले स्थित मोडासा में भी भीषण तूफान ने तबाही मचाई। पड़ोसी राज्य राजस्थान के साकरिया गांव में 8-10 मिनट तक चली आंधी में पेड़ गिर गए, बिजली के खंभे उखड़ गए और घरों को भी खासा नुकसान हुआ। साकरिया स्टेशन पर वर्षों पुराना पीपल का पेड़ गिर गया, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में एक्यूआई 400 पार, आने वाले दिनों में और बिगड़ेगी स्थिति

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नोएडा, 27 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लोगों को फिलहाल प्रदूषण से कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है। आंकड़ों के अनुसार कई स्थानों पर एक्यूआई 400 के पार पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से अत्यंत खतरनाक माना जाता है।
नोएडा की बात करें तो सेक्टर-1 में एक्यूआई 410 दर्ज किया गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं, सेक्टर-116 में एक्यूआई 386, सेक्टर-125 में 367 और सेक्टर-62 में 347 रिकॉर्ड किया गया। ये सभी आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि नोएडा के अधिकांश हिस्से गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इस स्तर का प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए अत्यधिक जोखिम भरा है। दिल्ली में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। विवेक विहार में एक्यूआई 422 दर्ज किया गया, जो सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाकों में शामिल है। इसके अलावा, शादिपुर में एक्यूआई 408, रोहिणी में 406, वजीरपुर में 398, आर.के. पुरम में 367, सोनिया विहार में 366, सिरीफोर्ट में 364, पूसा (डीपीसीसी) में 361, पूसा में 327 और श्री अरबिंदो मार्ग में 315 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी के लगभग सभी प्रमुख इलाकों में हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है। गाजियाबाद में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वसुंधरा क्षेत्र में एक्यूआई 428 दर्ज किया गया है, जो गंभीर श्रेणी से भी ऊपर है। लोनी में एक्यूआई 391, संजय नगर में 375 और इंदिरापुरम में 349 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। इससे साफ है कि पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर एक समान रूप से खतरनाक बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में हालात और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। 27 और 28 दिसंबर को सुबह के समय घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है। इन दिनों अधिकतम तापमान लगभग 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। नमी का स्तर 95 प्रतिशत तक पहुंच सकता है, जिससे प्रदूषण और कोहरे का असर और गहरा होगा।
29 दिसंबर को भी मध्यम स्तर का कोहरा छाए रहने का अनुमान है, हालांकि उस दिन फिलहाल कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की गई है। घना कोहरा, कम हवा की गति और गिरता तापमान मिलकर प्रदूषकों को वातावरण में ही फंसा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तेज हवा या बारिश नहीं होती, तब तक प्रदूषण से राहत मिलना मुश्किल है।
पर्यावरण
मुंबई मौसम अपडेट: शहर में सर्दी का मौसम शुरू हुआ, लेकिन खराब वायु गुणवत्ता ने स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला; कुल वायु गुणवत्ता 277 रही।

WETHER
मुंबई, 26 दिसंबर, 2025: शुक्रवार की सुबह मुंबई में ठंडक भरी ठंडक का अनुभव हुआ। साफ आसमान, ठंडी हवाओं और सुहावने तापमान ने निवासियों को दिन की सुखद शुरुआत दी। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि तापमान न्यूनतम लगभग 18°C और अधिकतम 33°C के बीच रहने की संभावना है, जिससे यह इस मौसम के सबसे सुहावने शीतकालीन दिनों में से एक होगा।
हालांकि, देखने में बिल्कुल सुहावना लग रहा था, लेकिन इसके पीछे पर्यावरण संबंधी बढ़ती चिंता छिपी हुई थी। शहर के बड़े हिस्से में धुंध की एक पतली परत छाई हुई थी, जो मुंबई के वायु प्रदूषण से जूझने की समस्या को उजागर कर रही थी। वायु गुणवत्ता निगरानी प्लेटफॉर्म AQI.in के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार तड़के शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक रूप से 277 था, जो इसे ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में रखता है।
हालांकि हाल के हफ्तों में दर्ज किए गए कुछ चरम स्तरों की तुलना में AQI में मामूली सुधार हुआ है, फिर भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है, खासकर बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और श्वसन या हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों जैसे संवेदनशील समूहों के लिए।
मुंबई में लगातार हो रहे बुनियादी ढांचे के विस्तार से उत्पन्न धूल और महीन कणों के कारण वायु गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। मेट्रो रेल कॉरिडोर, तटीय सड़क निर्माण, फ्लाईओवर, पुल और व्यापक सड़क चौड़ीकरण कार्यों सहित चल रही सरकारी परियोजनाएं, साथ ही आक्रामक निजी रियल एस्टेट विकास, वायुमंडल में भारी मात्रा में धूल छोड़ रहे हैं। व्यस्त यातायात के समय वाहनों से निकलने वाला धुआं इस समस्या को और भी बढ़ा देता है।
क्षेत्रवार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) डेटा ने शहर भर में भारी अंतर दिखाया। वडाला ट्रक टर्मिनल सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र के रूप में उभरा, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर चौंका देने वाला 384 दर्ज किया गया, जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। इस स्तर पर वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है। चेंबूर (332) और वर्ली (328) में भी वायु गुणवत्ता गंभीर पाई गई, जबकि बांद्रा पूर्व और देवनार में क्रमशः 324 और 321 का वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।
उपनगरीय क्षेत्रों की स्थिति थोड़ी बेहतर थी, हालांकि वायु गुणवत्ता अभी भी स्वीकार्य स्तर से काफी दूर थी। कांदिवली पूर्व और बोरीवली पूर्व में वायु गुणवत्ता का स्तर क्रमशः 143 और 157 दर्ज किया गया, जबकि बोरीवली पश्चिम में यह 167 रहा। मलाड पश्चिम (180) और मुलुंड पश्चिम (183) को भी ‘खराब’ श्रेणी में रखा गया, जो महानगर क्षेत्र में व्यापक प्रदूषण को दर्शाता है।
जानकारी के लिए बता दें कि 0-50 के बीच वायु गुणवत्ता (AQI) को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘मध्यम’, 101-150 को ‘खराब’, 151-200 को ‘अस्वास्थ्यकर’ और 200 से ऊपर के मानों को ‘खतरनाक’ माना जाता है। मुंबई की वायु गुणवत्ता लगातार अस्वास्थ्यकर सीमा को पार कर रही है, जिससे सर्दियों के बढ़ने और प्रदूषण की घटनाओं के अधिक बार होने के साथ-साथ दीर्घकालिक जन स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
पर्यावरण
एनसीआर में तेज हवा का असर, वायु गुणवत्ता में सुधार; दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद ऑरेंज जोन में पहुंचे

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नोएडा, 25 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तेज हवा चलने का साफ असर वायु गुणवत्ता पर देखने को मिला है। लंबे समय बाद दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में सुधार दर्ज किया गया और क्षेत्र ऑरेंज जोन में पहुंच गया।
25 दिसंबर की सुबह लोगों को घनी धुंध का सामना नहीं करना पड़ा, जिससे आम जनजीवन को बड़ी राहत मिली। मौसम विभाग और स्थानीय मौसम रिपोर्ट के अनुसार 25 दिसंबर को अधिकतम तापमान लगभग 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं 26 और 27 दिसंबर के लिए तापमान 20 से 6 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
इन दोनों दिनों में सुबह और दोपहर के समय “डेंस फॉग” की संभावना जताई गई है। 27 दिसंबर को आर्द्रता 75 से 100 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है। अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो दिल्ली के कई निगरानी केंद्रों पर एक्यूआई ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया। नरेला (डीपीसीसी) में एक्यूआई 245, नेहरू नगर 275, नॉर्थ कैंपस डीयू 201, एनएसआईटी द्वारका 279, ओखला फेज-2 में 222, पटपड़गंज 227, पंजाबी बाग 235, पूसा 250, आर.के. पुरम 227 और रोहिणी 259 दर्ज किया गया।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भले ही प्रदूषण पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन पहले की तुलना में स्थिति में स्पष्ट सुधार हुआ है। नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला। सेक्टर-125 में एक्यूआई 225, सेक्टर-62 में 216, सेक्टर-1 में 252 और सेक्टर-116 में 206 दर्ज किया गया। गाजियाबाद के इलाकों में इंदिरापुरम में एक्यूआई 212, लोनी में 262, संजय नगर में 243 और वसुंधरा में 265 रहा। इन सभी क्षेत्रों में एक्यूआई ऑरेंज जोन की श्रेणी में दर्ज हुआ है।
तेज हवा के चलते प्रदूषक कणों का फैलाव हुआ, जिससे स्मॉग की परत पतली हुई और दृश्यता बेहतर हुई। इसका सीधा फायदा यह हुआ कि ग्रैप-4 की सख्त पाबंदियां हटाई गईं। इसके बाद निर्माण कार्य, औद्योगिक गतिविधियों और अन्य जरूरी कामों में लोगों को राहत मिली है।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुधार अस्थायी हो सकता है। आने वाले दिनों में यदि हवा की गति कम हुई और धुंध या कोहरा बढ़ा तो प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है। इसलिए लोगों को सतर्क रहने, स्वास्थ्य का ध्यान रखने और प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
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