अनन्य
हाईकोर्ट ने डीएसएई विधेयक को लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका की खारिज

नई दिल्ली, 3 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली स्कूल शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2015 को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें स्कूलों के नर्सरी या पूर्व-प्राथमिक स्तर तक प्रवेश के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का प्रस्ताव है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने 17 मई को आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत एनजीओ सोशल ज्यूरिस्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
मामले के वकील अशोक अग्रवाल ने पहले दिल्ली एनसीटी सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 24 का हवाला दिया था और तर्क दिया था कि बाल-समर्थक विधेयक को अंतिम रूप देने में सात साल की देरी अनुचित है।
2 मई को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बिल पास करने या लागू करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था। पीठ ने अग्रवाल से इस मामले पर निर्देश लेने को भी कहा था।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने तुरंत यह दावा करते हुए आपत्ति जताई थी कि अग्रवाल ने इस विधेयक का तब विरोध किया था जब इसे पहली बार 2015 में पेश किया गया था और अब इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि, अग्रवाल ने कहा था कि विरोध दो विधेयकों के खिलाफ किया गया था जो “शिक्षकों के अधिकार को छीन लेते हैं” न कि उस विधेयक के खिलाफ जो जनहित याचिका का विषय है।
पीठ ने कहा था कि याचिका में मांग के अनुसार किसी विधेयक को लागू करने के लिए सरकार को कोई निर्देश या आदेश नहीं दिया जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की थी, “आप धरना आदि कर रहे हैं और फिर यह जनहित याचिका दायर कर रहे हैं, आप एक इच्छुक व्यक्ति हैं। हम परमादेश पारित नहीं कर सकते। हमें एक निर्णय दिखाएं। जनहित याचिका के तहत, आप हम पर कोई भी कागज का टुकड़ा फेंक दें! हम परमादेश जारी नहीं कर सकते सरकार, हम किस प्रावधान के तहत सरकार को परमादेश जारी कर सकते हैं?”
याचिका के अनुसार, 2015 का विधेयक, जिसे याचिका में “बाल-हितैषी विधेयक” कहा गया था, पिछले सात वर्षों से बिना किसी स्पष्टीकरण के केंद्र और दिल्ली सरकारों के बीच “लटका हुआ” था और यह सार्वजनिक हित और सार्वजनिक नीति के विपरीत भी है।
इसके अतिरिक्त, एनजीओ ने दावा किया था कि उसने 21 मार्च को अधिकारियों से विधेयक को शीघ्र अंतिम रूप देने की अपील की थी। हालांकि, 11 अप्रैल को, भारत संघ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों सरकारें अभी भी विधेयक को अंतिम रूप देने पर काम कर रही हैं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि 2015 में दिल्ली विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित होने के सात साल बाद भी बाल-हितैषी विधेयक क्यों प्रकाश में नहीं आया। यह प्रस्तुत किया गया है कि यह बाल-हितैषी विधेयक स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगाता है। याचिका में कहा गया है कि नर्सरी दाखिले का मामला पिछले सात वर्षों से केंद्र और दिल्ली सरकारों के बीच बिना किसी औचित्य के और जनहित के खिलाफ लटका हुआ है।
यह तर्क दिया गया कि दिल्ली के निजी स्कूलों में सालाना 1.5 लाख से अधिक नर्सरी स्तर के प्रवेश होते हैं और 2009 के सूचना के अधिकार अधिनियम की भावना और कानून का उल्लंघन करते हुए, तीन साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्क्रीनिंग प्रक्रिया लागू की जाती है।
याचिका में कहा गया है, “नर्सरी स्तर पर स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं पर रोक नहीं लगाने का कोई औचित्य नहीं है और इसलिए, उत्तरदाताओं को देश के छोटे बच्चों के साथ न्याय करने के लिए जल्द से जल्द विधेयक को अंतिम रूप देने की आवश्यकता है।”
अनन्य
झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।
याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।
मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।
इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।
अनन्य
तमिलनाडु: पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा

तिरुनेलवेली, 16 जून। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने से तमिलनाडु के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। इसके कारण तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इन बांधों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुंच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
पिछले तीन दिनों में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट पर पहुंच गया। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट पर है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो है।
इसके पहले बारिश के चलते तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित होने वाला लोकप्रिय इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। ये कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम के जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम रखा जाता है, जो 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया।
इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य पेश करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खूब लुभाती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना के चलते एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।
अनन्य
मुंबई पुलिस के डीसीपी का आंतरिक तबादला: दत्ता नलावडे को जोन 10 और असलम शेख को जोन 6 में तैनात किया गया

मुंबई: मुंबई पुलिस में आंतरिक तबादले किए गए हैं, जिसके तहत कृष्णकांत उपाध्याय को जोन 3 में स्थानांतरित किया गया है, वे पहले पुलिस मुख्यालय 1 में थे। डीसीपी डिटेक्शन दत्ता नलावड़े को जोन 10 और सचिन गंजाल को प्रिवेंटिव में स्थानांतरित किया गया है। महेश चामटे को प्रोटेक्शन से जोन 12, जोन 6 नुनाथ धुले को एंटी नारकोटिक्स सेल, जोन 7 विजय कांत सागर को सी प्रोटेक्शन पोर्ट जोन, प्रशांत परदेसी मंत्रालय से ट्रैफिक साउथ, निमित गोयल को एलए से एसटीएफ ईओडब्ल्यू, जोन 3 दत्तात्रे कांबले को एसबी 1, पुरुषोत्तम कराड साइबर क्राइम, असलम शेख को जोन 6 में स्थानांतरित किया गया है। राकेश ओला को जोन 7, राज तिलक रोशन को डिटेक्शन क्राइम ब्रांच, डीसीपी.
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र1 week ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय11 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
राष्ट्रीय समाचार5 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा