राष्ट्रीय समाचार
गुजरात पुलिस टैक्स क्रेडिट का झूठा दावा करने वालों की कर रही तलाश

वड़ोदरा (गुजरात), 19 दिसम्बर : स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) फर्जी फर्म बनाकर ट्रेडिंग बिल पेश कर करोड़ों रुपए के गुड्स एंड सर्विस टैक्स इनपुट क्रेडिट का दावा करने वालों की तलाश कर रही है। एसओजी के पुलिस इंस्पेक्टर सी.बी. टंडेल ने आईएएनएस को बताया कि वस्तु एवं सेवा कर अधिकारी ने मोहम्मद रफाई की रफाई नाम की सात कंपनियों, अल्फा इंटरप्राइजेज के मालिक इंद्रीश मकवाना, ए.एस. व्यापार मालिक अकरम सलीम, धवल चौहान के चौहान एंटरप्राइजेज, नितिन मकवाना द्वारा रीडॉन एंटरप्राइजेज, आसिफ यूसुफभाई के अल्फा एंटरप्राइजेज और निखिल मिस्त्री के अल्फा एंटरप्राइजेज द्वारा गलत तरीके से इनपुट क्रेडिट का दावा करने का मामला पकड़ा।
अधिकारी ने कहा कि एसओजी और जीएसटी टीम ने संयुक्त अभियान में नवंबर में इन फर्मों में तलाशी अभियान चलाया था। यह जानकर हैरानी हुई कि उक्त पतों पर उपरोक्त फर्मों में से कोई भी नहीं थी, मालिकों के नाम और फोटो भी मेल नहीं खाते थे। जांच के दौरान पुलिस और जीएसटी टीम को पता चला कि झूठी पहचान पर डमी फर्म बनाई गई थीं और टैक्स इनपुट क्रेडिट लेने के लिए व्यापार लेनदेन बनाए गए थे।
अधिकारी ने चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म और रजिस्ट्रेशन नंबर भी झूठे थे। शनिवार शाम क्राइम ब्रांच पुलिस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई।
प्राथमिकी में कहा गया है, जीएसटी अधिकारियों ने जब मंगल बाजार क्षेत्र में रफाई उद्यम के पते पर तलाशी ली, तो फर्म का मालिक मोहम्मद रफाई नाम का व्यक्ति वहां नहीं था, इसके विपरीत, उक्त परिसर का मालिक महेश मेवाड़ी था। उक्त परिसर से बच्चों के कपड़े की दुकान थी। अन्य फर्मों के मामले में भी ऐसा ही था।
सूत्रों ने कहा कि जीएसटी अधिकारियों को इन फर्मों द्वारा दावा किए गए इनपुट क्रेडिट की कुल राशि का पता लगाना बाकी है।
पुलिस को आशंका है कि इस पैसे का इस्तेमाल अवैध या देश विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
राजनीति
‘वक्फ’ पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद बोले, ‘सुप्रीम कोर्ट के पास शक्ति है कि वह कानून की समीक्षा कर सकता है’

नई दिल्ली, 5 मई। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर फिर से सुनवाई करेगा। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास शक्ति है कि वह कानून का रिव्यू कर सकता है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मिडिया से बात करते हुए कहा, “हम वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं और हमारी तरफ से एक एफिडेविट भी दाखिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई है और सरकार की तरफ से भी हलफनामा दाखिल किया गया है, जो झूठ है और सरकार यह भी कह रही है कि इस कानून को रोक नहीं सकते। मैं बता देना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट को पावर है कि वह कानून का रिव्यू कर सकता है। साथ ही वह उस पर रोक भी लगा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार झूठ बोल रही है और गलत बयानी कर रही है। वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण सरकार का है और यह कभी सरकार से ऊपर नहीं रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या लोकतंत्र में तानाशाही चल रही है, जो भी बना दिया जाएगा, उसे खुदा का आदेश माना जाएगा? सुप्रीम कोर्ट को यह हक है कि वह कानून का रिव्यू करें, अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि यह सही है तो सरकार कैसे कह सकती है कि इस कानून को रोक नहीं सकते।”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर कहा, “बातों से कुछ नहीं होगा, अब सख्त एक्शन लेने की बारी है। पूरा देश देखना चाहता है कि सरकार क्या कर रही है। इस सरकार को वैसा ही करना चाहिए, जैसा इंदिरा गांधी ने किया था। उन्होंने (इंदिरा गांधी) पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। उन्हें (केंद्र सरकार) भी कुछ ऐसा ही करना चाहिए, ताकि दुश्मन को हमारी ताकत का अहसास हो सके।”
कांग्रेस नेता द्वारा लड़ाकू विमान राफेल की तुलना खिलौने वाले विमान से किए जाने पर इमरान मसूद ने कहा, “सरकार को राफेल का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसा करने से उन्हें किसने रोका है। अगर राफेल का इस्तेमाल होगा तो पता चलेगा कि उसमें कितनी ताकत है।”
कर्नाटक में नीट के एग्जाम में छात्रों से जनेऊ उतारने के विवाद पर उन्होंने कहा, “धार्मिक चीजों को पहनने से नहीं रोकना चाहिए। उसे पहनने की अनुमति दीजिए, क्योंकि कोई जनेऊ पहनता है तो कोई क्रॉस पहनता है। उसे ऐसा करने दीजिए और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। यह सब ध्यान भटकाने और जो कुछ नहीं करते हैं, वह इसके जरिए प्रोपगेंडा फैलाने का काम करते हैं।”
अपराध
ग्रेटर नोएडा में धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने वाले युवक के खिलाफ कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा, 3 मई। गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दुजाना गांव में एक युवक के सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक ग्रंथ को जलाने का मामला सामने आया है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित संज्ञान लेते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया। उसकी पहचान दुजाना गांव निवासी देव गुर्जर के रूप में हुई है।
आरोपी युवक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वह एक धर्म विशेष के पवित्र ग्रंथ का नाम कागज पर लिखकर उसे जलाता हुआ नजर आया। यही नहीं, वीडियो में वह धर्म विशेष और उसके अनुयायियों के खिलाफ अशोभनीय और भड़काऊ भाषा का भी प्रयोग कर रहा है।
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और मामले ने तूल पकड़ लिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना बादलपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और आरोपी युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने देव गुर्जर को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने, शांति भंग करने और सोशल मीडिया के माध्यम से नफरत फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में आगे की वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति को धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की भड़काऊ गतिविधियां करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने से बचें और यदि ऐसी कोई जानकारी सामने आए तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।
अपराध
हिंदू कार्यकर्ता सुहास शेट्टी हत्या मामला- : कर्नाटक पुलिस ने 8 संदिग्धों को हिरासत में लिया

मंगलुरु (कर्नाटक), 3 मई। हिंदू कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या मामले में कर्नाटक पुलिस ने आठ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विभाग द्वारा गिरफ्तारियों को औपचारिक रूप देने और शनिवार को बाद में इसकी आधिकारिक घोषणा किए जाने की संभावना है।
इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पांच विशेष टीमें बनाई थीं। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उन्हें मंगलुरु के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं ने घटना की वीडियो फुटेज हासिल की है, जिससे संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में मदद मिली।
हालांकि, विपक्ष के नेता आर अशोक ने आरोप लगाया कि हत्या से एक सप्ताह पहले, सुहास शेट्टी को पुलिस ने अपने वाहन में हथियार न रखने की चेतावनी दी थी और उनके वाहन की तलाशी ली गई थी।
उन्होंने सवाल किया कि यह संदेश हत्यारों तक कैसे पहुंचा? अगर उसके पास हथियार होता तो शायद वह बच जाता। हत्या पुलिस की मौजूदगी से आधे किलोमीटर की दूरी पर हुई, फिर भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। एक हफ्ते पहले हत्यारों ने एक संदेश दिया था कि सुहास शेट्टी को खत्म कर दिया जाएगा। हत्या के बाद उन्होंने हत्या का जश्न मनाते हुए एक और संदेश दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और मंगलुरु के भाजपा सांसद कैप्टन बृजेश चौटा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि वह इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को हस्तांतरित करें।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने सुहास शेट्टी के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। भाजपा एमएलसी सीटी रवि और पार्टी के अन्य नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही तो मंगलुरु में बदले की कार्रवाई चलती रहेगी।
शेट्टी की हत्या के बाद कर्नाटक क्षेत्र के मंगलुरु और उडुपी जिलों में चाकूबाजी की कई घटनाएं सामने आई हैं तथा स्थिति तनावपूर्ण और अस्थिर बनी हुई है।
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर स्थिति का आकलन करने और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए शनिवार को मंगलुरु में होंगे। मंगलुरु पुलिस आयुक्तालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वह बैठक भी कर सकते हैं।
आरोपियों ने पहले एक मालवाहक वाहन से सुहास शेट्टी की कार को टक्कर मारी। फिर स्विफ्ट में सवार हमलावरों का एक गिरोह हथियारों के साथ आया और बेरहमी से उसकी हत्या कर दी।
बता दें कि सुहास शेट्टी बजरंग दल का कार्यकर्ता था और सुरथकल निवासी मोहम्मद फाजिल की हत्या का मुख्य आरोपी था। शेट्टी और उसके साथियों ने कथित तौर पर भाजपा युवा कार्यकर्ता प्रवीण कुमार नेट्टारू की हत्या का बदला लेने के लिए 28 जुलाई, 2022 को सार्वजनिक स्थान पर फाजिल की हत्या कर दी थी।
भाजपा कार्यकर्ता नेट्टारू की ‘हिजाब’ विवाद के दौरान हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या के बाद कर्नाटक में बदला लेने के लिए हत्याओं और चाकू घोंपने की कई घटनाएं हुईं।
हाल ही में मंगलुरु में केरल के एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान मोहम्मद अशरफ के रूप में हुई, जिसे कथित तौर पर एक क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सुना गया था।
पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि सुहास शेट्टी की हत्या और हाल ही में हुई लिंचिंग की घटना के बीच कोई संबंध है या नहीं।
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