अंतरराष्ट्रीय समाचार
फ़्रांस में पुलिस की गोली से मारे गए किशोर की दादी ने की दंगा रोकने की अपील
पेरिस, 3 जुलाई : पेरिस के एक उपनगर में पुलिस की गोली लगने से मारे गए एक किशोर की दादी ने लोगों से दंगा रोकने की गुहार लगाते हुए शांति की अपील की है। जबकि अधिकारियों ने मेयर के घर को निशाना बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की।
मृतक किशोर की नाहेल की दादी नादिया ने फ्रांसीसी समाचार प्रसारक बीएफएम टीवी के साथ एक टेलीफोन साक्षात्कार में कहा, “खिड़कियां, बसें…स्कूलों को न तोड़ें। हम चीजों को शांत करना चाहते हैं।”
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार किशोर की दादी ने कहा कि “मैं उन्हें (दंगाइयों को) रुकने के लिए कह रही हूं।”
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को सेंट्रल पेरिस से 15 किलोमीटर दूर एक मजदूर वर्ग के उपनगर नैनटेरे में ट्रैफिक स्टॉप से दूर जाते समय कथित तौर पर उत्तर अफ्रीकी मूल के किशोर को गोली मार दी गई थी, इसके बाद से पूरे फ्रांस में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
नाहेल की दादी ने कहा कि उन्हें उस अधिकारी पर नाराजगी है, जिसने उनके पोते को मार डाला, लेकिन सामान्य तौर पर पुलिस पर नहीं। उन्होंने न्याय प्रणाली में विश्वास व्यक्त किया।
नाहेल की हत्या के आरोपी अधिकारी पर स्वैच्छिक हत्या का प्रारंभिक आरोप लगाया गया है।
गौरतलब है कि यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले तेरह लोगों को पिछले साल फ्रांसीसी पुलिस ने गोली मार दी थी, और इस साल तीन लोगों को गोली मार दी गई, जिससे अधिक जवाबदेही की मांग उठने लगी।
रविवार को, दक्षिणी उपनगर के मेयर विंसेंट जीनब्रून ने कहा कि दंगाइयों के हमले में उनकी पत्नी और उनके बच्चे, जिनकी उम्र पांच और सात साल है, घायल हो गए।
अपने घर पर हमले के दौरान रूढ़िवादी लेस रिपब्लिकन पार्टी के जीनब्रून, टाउन हॉल में हिंसा की निगरानी कर रहे थे। जीनब्रून ने सरकार से आपातकाल की स्थिति लागू करने का आग्रह किया।
स्थानीय अभियोजक ने संवाददाताओं को बताया कि हत्या के प्रयास की जांच शुरू कर दी गई है। सीबीसी न्यूज ने बताया कि मामले में किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
उत्तरी पेरिस के एक इलाके में, प्रदर्शनकारियों ने पटाखे छोड़े और बैरिकेड्स में आग लगा दी, इसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड से गोलीबारी की।
आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, भूमध्यसागरीय शहर मार्सिले में झड़पें हुईं, लेकिन पिछली रात की तुलना में कम तीव्र दिखाई दीं। सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने वहां 55 लोगों को गिरफ्तार किया। आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने बताया कि पुलिस ने रविवार तड़के तक 719 गिरफ्तारियां कीं।
डर्मैनिन ने कहा कि पेरिस के उपनगर नैनटेरे में शनिवार को नाहेल के अंतिम संस्कार के बाद देश में 45,000 पुलिस तैनात किए जाने के बाद रात भर हुए ताजा दंगे कम तीव्र थे।
अशांति के बीच, नाहेल को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुवार को एक मौन मार्च के मौके पर नैनटेरे में होलोकॉस्ट पीड़ितों और फ्रांसीसी प्रतिरोध के सदस्यों की याद में द्वितीय विश्व युद्ध के स्मारक को तोड़ दिया गया। नाहेल की मौत के बाद से कुल मिलाकर 3,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती का भयभीत निवासियों और दुकान मालिकों ने स्वागत किया, जिनकी दुकानों में तोड़फोड़ की गई है।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने रविवार रात एक विशेष सुरक्षा बैठक की। इसीलिए मैक्रॉन ने रविवार शाम से शुरू होने वाली 23 वर्षों में किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की जर्मनी की पहली राजकीय यात्रा में देरी कर दी।
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‘ट्रंप ने यौन पीड़िता के साथ घंटों बिताए,’ डेमोक्रेट्स ने जारी किया ईमेल, व्हाइट हाउस ने आरोपों को किया खारिज

नई दिल्ली, 13 नवंबर: जेफरी एपस्टीन से दोस्ती अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारी पड़ रही है। बुधवार को एपस्टीन फाइल से जुड़े दस्तावेज को सार्वजनिक किया गया, जिसे लेकर अमेरिका के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
डेमोक्रेट्स ने यौन अपराधी जेफरी की ओर से भेजे गए ईमेल जारी किए। इस ईमेल में दावा किया गया है कि ट्रंप जेफरी के साथ काफी करीब से संपर्क में थे और उसके घर में यौन पीड़िता के साथ घंटों समय भी बिताया था। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, “ये ईमेल इस फैक्ट के अलावा कुछ भी साबित नहीं करते कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ भी गलत नहीं किया।” लेविट ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि ईमेल में एपस्टीन ने कहा था कि ट्रंप ने एक पीड़िता के साथ “मेरे घर पर घंटों बिताए।”
लेविट ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर ट्रंप को बदनाम करने का आरोप लगाया। लेविट ने आगे कहा कि ट्रंप ने जेफरी एपस्टीन को अपने फ्लोरिडा क्लब से “पीडोफाइल (बाल यौन अपराधी)” और “घिनौना” कहकर बाहर निकाल दिया।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने आगे कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा यही कहते रहे हैं कि वे और जेफरी पाम बीच से थे। जेफरी एपस्टीन तब तक मार-ए-लागो के सदस्य थे जब तक कि राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें बाहर नहीं निकाल दिया, क्योंकि जेफरी एपस्टीन एक पीडोफाइल और घिनौना इंसान था।”
बता दें, यह मेल अप्रैल 2011 से जुड़ा है, जो जेफरी ने अपनी पुरानी सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल को भेजा था। इस मेल में एपस्टीन ने दावा किया कि ट्रंप ने एक महिला के साथ काफी समय बिताया, जिसकी पहचान बाद में व्हाइट हाउस ने एपस्टीन की मुख्य अभियुक्त वर्जीनिया गिफ्रे के रूप में की।
एपस्टीन ने मैक्सवेल को लिखा, “मैं चाहता हूं कि आप यह समझें कि यह पीड़िता मेरे घर में ट्रंप के साथ कई घंटे रही… लेकिन उनका नाम कभी सामने नहीं आया।”
इसपर एपस्टीन की मौत के बाद यौन तस्करी की दोषी ठहराए गई मैक्सवेल ने इसका जवाब दिया, “मैं इसके बारे में सोच रही थी।”
इसके अलावा, लेखक माइकल वोल्फ को 31 जनवरी, 2019 को लिखे एक अन्य ईमेल में, एपस्टीन ने कथित तौर पर लिखा, “बेशक उन्हें लड़कियों के बारे में पता था, इसलिए उन्होंने गिस्लेन को ऐसा करने से मना किया था।”
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पीएम मोदी का भूटान दौरा : चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती पर होंगे शामिल, पुनात्सांगछू-II परियोजना का करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली, 11 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह भूटान के लिए रवाना हो गए। यह दो दिवसीय आधिकारिक दौरा 11-12 नवंबर तक चलेगा, जो भारत-भूटान मैत्री के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।
प्रस्थान से पहले जारी पीएम मोदी ने कहा, “मैं 11-12 नवंबर तक भूटान साम्राज्य का दौरा करूंगा। महामहिम चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती के अवसर पर भूटान के लोगों के साथ शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”
इस यात्रा का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भूटान इस वर्ष अपने चतुर्थ नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती मना रहा है, जिन्हें ‘ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस’ (जीएनएच) सूचकांक का जनक माना जाता है।
यात्रा के दौरान वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव का आयोजन हो रहा है, जिसमें भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। पीएम मोदी ने इसे दोनों देशों के ‘सभ्यतागत और गहरे आध्यात्मिक संबंधों’ का प्रतीक बताया।
पिपरहवा (उत्तर प्रदेश) से प्राप्त ये अवशेष बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र हैं और इनकी भूटान में प्रदर्शनी दोनों राष्ट्रों की सांस्कृतिक निकटता को रेखांकित करेगी।
इसके अलावा, पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव होगा। यह 1020 मेगावाट की परियोजना भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी का नया मील का पत्थर साबित होगी। भारत ने इस परियोजना के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की है, जो भूटान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ भारत को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएगी।
पीएम मोदी ने कहा, “मैं महामहिम भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, महामहिम चतुर्थ नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा हमारी मित्रता के बंधन को और गहरा करेगी और साझा प्रगति एवं समृद्धि की दिशा में हमारे प्रयासों को सशक्त बनाएगी।”
भारत और भूटान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध का आधार दोनों देशों के बीच गहरा आपसी विश्वास, समझ और सद्भावना है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भूटान के लिए प्रस्थान, जहां मैं विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भूटान चतुर्थ नरेश का 70वां जन्मदिन मना रहा है। मैं भूटान नरेश, महामहिम चतुर्थ नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के साथ वार्ता करूंगा। हमारी ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा देते हुए, पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया जाएगा। यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरेगी।”
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राष्ट्रपति ट्रंप भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शामिल

TRUMP
वाशिंगटन, 10 नवंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को भारत में नए अमेरिकी राजदूत और उनके करीबी सहयोगी सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे।
बता दें कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अक्टूबर में सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया।
रविवार को व्हाइट हाउस की तरफ से जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत में अमेरिकी राजदूत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद गोर के नई दिल्ली में कार्यभार संभालने की उम्मीद है।
अक्टूबर में सीनेट के मतदान द्वारा पुष्टि किए गए, 38 वर्षीय गोर भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत होंगे। गोर के बारे में कहा जाता है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक हैं। वह व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक भी रहे थे। इन्हें ट्रंप सरकार के दूसरे कार्यकाल में 4,000 से अधिक पदों की जांच का दायित्व सौंपा गया था।
इससे पहले, राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर 22 अगस्त को गोर को लेकर किए इस पोस्ट में लिखा था, “दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि मेरे पास कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस पर मैं अपने एजेंडे को पूरा करने और अमेरिका को फिर से महान बनाने में हमारी मदद करने के लिए पूरी तरह भरोसा कर सकूं। सर्जियो एक अद्भुत राजदूत साबित होंगे।”
अपनी नियुक्ति के बाद सर्जियो गोर 9 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर तक भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद, गोर ने एक्स पर लिखा था, “आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होना सम्मान की बात है। आने वाले महीनों में भारत के साथ हमारे संबंध और भी मज़बूत होंगे!”
वहीं, पीएम मोदी ने भी लिखा, “सर्जियो गोर का स्वागत करके खुशी हुई… मुझे विश्वास है कि उनका कार्यकाल भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि गोर दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए एक विशेष दूत के रूप में भी काम करेंगे। सितंबर में, सीनेट में अपनी पुष्टिकरण सुनवाई के दौरान, गोर ने भारत को “एक रणनीतिक साझेदार” बताया था, जिसका मार्ग इस क्षेत्र और उससे आगे की दिशा तय करेगा।
भारत में अमेरिकी राजदूत ने कहा था, “भारत की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक विकास और सैन्य क्षमताएं इसे क्षेत्रीय स्थिरता की आधारशिला और समृद्धि को बढ़ावा देने और हमारे राष्ट्रों के साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं। भारत दुनिया में हमारे राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। मैं राष्ट्रपति के एजेंडे को पूरा करने और हमारे रक्षा सहयोग को बढ़ाकर, निष्पक्ष और लाभकारी व्यापार को गहरा करके, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाकर अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा।”
वहीं, भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने को लेकर उन्होंने कहा, “मैं भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने को प्राथमिकता दूंगा। इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यासों का विस्तार, रक्षा प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन को आगे बढ़ाना और महत्वपूर्ण रक्षा बिक्री को पूरा करना शामिल है।”
इस दौरान गोर ने कहा कि भारत की 1.4 अरब की आबादी और “तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग” अमेरिका के लिए “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों तक, अपार अवसर है और दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाएं अपार हैं।”
इससे पहले सितंबर में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी। बैठक के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा कि दोनों नेता “अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।”
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