राजनीति
सरकार ने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम लागू करने के लिए जारी किए दिशा निर्देश

केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम लागू करने के लिए नए दिशा निर्देश लागू कर दिए हैं। ये निर्देश 21 जून से लागू होंगे। केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को मुफ्त में प्रदान की जाने वाली कोविड 19 वैक्सीन की खुराक जनसंख्या, बीमारी के बोझ और टीकाकरण की प्रगति जैसे मानदंडों के आधार पर आबंटित की जाएगी।
इन तत्वों को राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नए दिशानिदेशरें में शामिल किया गया है। 21 जून से लागू होने वाले संशोधित दिशानिर्देश की समय समय पर समीक्षा की जाएगी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी दिशा निदेशरें में यह स्पष्ट किया गया है कि “वैक्सीन की बबार्दी आवंटन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।”
नए दिशानिदेशरें में इस बात पर जोर दिया गया है कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों, (जिनकी दूसरी खुराक देय है) और 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नागरिकों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी।
18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के जनसंख्या समूह के भीतर, उल्लिखित दिशा निर्देश, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टीके की आपूर्ति अनुसूची में अपनी प्राथमिकता तय कर सकते हैं।
नए दिशानिर्देश प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 जून से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को मुफ्त टीके घोषित करने के एक दिन बाद आए हैं, जिसमें केंद्र सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मुफ्त वैक्सीन खुराक प्रदान कर रहा है।
दिशानिदेशरें के मुख्य बिंदुओं में यह उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार देश में निमार्ताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे 75 प्रतिशत टीकों की खरीद करेगी।
खरीदे गए टीके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते रहेंगे, जैसा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के शुरू होने से होता रहा है। ये खुराक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सभी नागरिकों को सरकारी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से प्राथमिकता के अनुसार मुफ्त में दी जाएगी।
केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उन्हें आपूर्ति की जाने वाली वैक्सीन की खुराक की अग्रिम जानकारी प्रदान करेगी। दिशानिर्देश में कहा गया है, “राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों को इसी तरह, आगे जिलों और टीकाकरण केंद्रों को अग्रिम रूप से खुराक आवंटित करना चाहिए।”
उन्हें जिला और टीकाकरण केंद्र स्तर पर उपरोक्त उपलब्धता के बारे में जानकारी सार्वजनिक डोमेन में डालनी चाहिए। इसे स्थानीय आबादी के बीच व्यापक रूप से प्रसारित करना चाहिए, जिससे नागरिकों की ²श्यता और सुविधा को अधिकतम किया जा सके।
वैक्सीन निमार्ताओं द्वारा उत्पादन को प्रोत्साहित करने और नए टीकों को प्रोत्साहित करने के लिए, घरेलू वैक्सीन निमार्ताओं को भी निजी अस्पतालों को सीधे टीके उपलब्ध कराने का विकल्प दिया गया है।
“यह उनके मासिक उत्पादन के 25 प्रतिशत तक सीमित होगा। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बड़े और छोटे निजी अस्पतालों और क्षेत्रीय संतुलन के बीच समान वितरण को ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों की मांग को एकत्रित करेंगे।”
इस समग्र मांग के आधार पर, केंद्र सरकार निजी अस्पतालों को इन टीकों की आपूर्ति और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनके भुगतान की सुविधा प्रदान करेगी।
यह छोटे और दूरस्थ निजी अस्पतालों को टीकों की समय पर आपूर्ति, और आगे समान पहुंच और क्षेत्रीय संतुलन प्राप्त करने में सक्षम करेगा।
दिशानिदेशरें में कहा गया है कि निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की खुराक की कीमत प्रत्येक वैक्सीन निमार्ता द्वारा घोषित की जाएगी। बाद में किसी भी बदलाव को पहले से अधिसूचित किया जाएगा।
केंद्र सरकार के अनुसार, संशोधित कार्यक्रम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्त पोषण, खरीद और रसद में अतिरिक्त केंद्र सरकार का समर्थन प्रदान करता है। यह वैज्ञानिक प्राथमिकता, व्यापक पहुंच, निजी क्षेत्र की क्षमता का दोहन और राज्य और स्थानीय स्तर पर लचीलेपन की सुविधा भी देता है।
इस साल 1 मई को जारी गाइडलाइन से अनुभव हासिल कर बदलाव किए गए हैं। भारत द्वारा इस साल 16 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से सरकार द्वारा समय समय पर टीकाकरण के दिशा निदेशरें में बदलाव किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों की भारतीय बंदगाहों में ‘नो एंट्री’, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली, 3 मई। पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही भारतीय झंडे वाले जहाजों के पाकिस्तान के बंदरगाहों पर जाने पर रोक लगा दी है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए नवीनतम आदेश इसी सिलसिले की एक कड़ी है।
ये प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 की धारा 411 के तहत भारतीय परिसंपत्तियों, कार्गो और बंदरगाह अवसंरचना की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं।
मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया, “अधिनियम का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों की पूर्ति के लिए सर्वोत्तम तरीके से भारतीय व्यापारिक नौवहन के विकास को बढ़ावा देना और उसका कुशल रखरखाव सुनिश्चित करना है।”
सुरक्षा को मजबूत करने और भारत के समुद्री हितों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत यह आदेश अगली सूचना तक लागू रहेगा।
आदेश के मुताबिक, “पाकिस्तान का झंडा लगे जहाज को किसी भी भारतीय बंदरगाह पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और भारतीय झंडा लगे जहाज को पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।”
इसमें यह भी कहा गया कि आदेश से किसी भी छूट की “जांच की जाएगी और मामले-दर-मामला आधार पर निर्णय लिया जाएगा।”
इससे पहले भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी देश के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान से सभी प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर प्रतिबंध लगा दिया।
वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, “पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यातित सभी वस्तुओं का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हों या अन्यथा अनुमत हों, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा।”
अधिसूचना में कहा गया, “यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है। इस प्रतिबंध में किसी भी अपवाद के लिए भारत सरकार की पूर्व स्वीकृति आवश्यक होगी।”
2 मई की अधिसूचना में कहा गया कि इस संबंध में विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में एक प्रावधान जोड़ा गया है, ताकि ‘पाकिस्तान में उत्पन्न या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन पर रोक लगाई जा सके।’
अपराध
ग्रेटर नोएडा में धार्मिक ग्रंथ का अपमान करने वाले युवक के खिलाफ कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा, 3 मई। गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दुजाना गांव में एक युवक के सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक ग्रंथ को जलाने का मामला सामने आया है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित संज्ञान लेते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया। उसकी पहचान दुजाना गांव निवासी देव गुर्जर के रूप में हुई है।
आरोपी युवक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वह एक धर्म विशेष के पवित्र ग्रंथ का नाम कागज पर लिखकर उसे जलाता हुआ नजर आया। यही नहीं, वीडियो में वह धर्म विशेष और उसके अनुयायियों के खिलाफ अशोभनीय और भड़काऊ भाषा का भी प्रयोग कर रहा है।
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में आक्रोश फैल गया और मामले ने तूल पकड़ लिया। घटना की गंभीरता को देखते हुए थाना बादलपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और आरोपी युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
पुलिस ने देव गुर्जर को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने, शांति भंग करने और सोशल मीडिया के माध्यम से नफरत फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में आगे की वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति को धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की भड़काऊ गतिविधियां करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने से बचें और यदि ऐसी कोई जानकारी सामने आए तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।
महाराष्ट्र
सपा नेता रईस शेख ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी विष्णु को पत्र लिखकर यूपी और बिहार के लिए विशेष ट्रेनों की मांग की

मुंबई: उत्तर प्रदेश और बिहार से उत्तर भारतीयों के लिए ट्रेन टिकट की अनुपलब्धता के मद्देनजर समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने शनिवार को मांग की कि रेलवे मुंबई से इन राज्यों के लिए विशेष ट्रेनें चलाए। शेख ने यह मांग तब की जब ट्रेन लाइनों और रेलवे प्लेटफार्मों पर लोगों की भीड़ और बुनियादी नागरिक सुविधाओं की कमी की खबरें सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गईं। उत्तर भारतीय समुदाय के बड़ी संख्या में लोग उचित रेल सेवाओं की कमी से चिंतित हैं।
रेल मंत्री अश्विनी विष्णु को लिखे पत्र में शेख ने कहा कि बांद्रा टर्मिनस, लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) और दादर जैसे रेलवे स्टेशनों पर टिकटों के लिए यात्रियों की भीड़ रहती है। गर्मियों के दौरान, जो कि शादियों का मौसम भी होता है, बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय उत्तर प्रदेश और बिहार की यात्रा करते हैं। विधायक रईस शेख ने कहा कि मुंबई में उत्तर भारतीय समुदाय को पर्याप्त ट्रेनों की कमी और भीड़भाड़ के कारण गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने मांग की कि रेलवे मुंबई से गोरखपुर, पटना और पूर्वांचल के अन्य स्थानों के लिए तुरंत विशेष ट्रेनें चलाए, जो बांद्रा, एलटीटी और सीएसटी स्टेशनों से रवाना हों। शेख ने कहा, “रेलवे को भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सहायता के लिए मुंबई के प्रमुख स्टेशनों पर उचित सहायता डेस्क और जीआरपी सहायता बूथ भी स्थापित करने चाहिए।”
उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश जाने वाली सभी ट्रेनों में अतिरिक्त सामान्य और स्लीपर कोच जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रेलवे से संबंधित प्राधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह किया।
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