पर्यावरण
अच्छे मानसून से कृषि उत्पादन में होगी वृद्धि, मंहगाई रहेगी नियंत्रित : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 28 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सामान्य से अधिक मानसून के पूर्वानुमान से कृषि उत्पादन और ग्रामीण मांग में जोरदार वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। यह जानकारी क्रिसिल की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “सामान्य से अधिक मानसून के लगातार दूसरे वर्ष का पूर्वानुमान सच होता है तो स्वस्थ कृषि उत्पादन, ग्रामीण मांग को मजबूत करने और खाद्य कीमतों पर नियंत्रण रखने के अर्थव्यवस्था के एक और वर्ष की उम्मीद की जा सकती है।”
वित्त वर्ष 2025 में, कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 4.6 प्रतिशत बढ़ा, जो वित्त वर्ष 2015-24 के औसत 4.0 प्रतिशत से अधिक है।
इसी तरह, वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) में भारी गिरावट आई, क्योंकि खाद्य आपूर्ति में सुधार हुआ, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति कम हुई।
मुद्रास्फीति पर सकारात्मक संकेत अप्रैल में भी जारी रहे, जब सीपीआई मुद्रास्फीति गिरकर 3.2 प्रतिशत पर आ गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर बारिश पूर्वानुमान के अनुरूप होती है, तो ये सकारात्मक रुझान जारी रहने की संभावना है।
संतुलित कृषि विकास के लिए वर्षा का एक स्वस्थ अस्थायी और क्षेत्रीय वितरण आवश्यक है।
आईएमडी के पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि जून में पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पिछले तीन सत्रों के रुझान को बदल देगा, जिसमें जून में सामान्य से कम बारिश हुई थी, और यह बुवाई गतिविधि और जल संसाधनों की पुनःपूर्ति के लिए अच्छा संकेत है।
आईएमडी ने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, और उत्तर-पश्चिम भारत में समग्र मानसून सीजन के लिए सामान्य है।
केवल पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान और उसके बाद होने वाली प्रतिकूल जलवायु घटनाओं, जैसे कि अत्यधिक, कम या बेमौसम बारिश, हीटवेव, चक्रवात और बाढ़ पर भी कड़ी निगरानी की जरूरत है।
उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2025 में, पर्याप्त वर्षा से खाद्यान्न उत्पादन और मुद्रास्फीति को लाभ हुआ, लेकिन मौसम की अनिश्चितताओं के कारण अधिक संवेदनशील सब्जी उत्पादन को नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति का लगभग 41 प्रतिशत हिस्सा हीटवेव और कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश जैसे प्रतिकूल मौसम घटनाओं से प्रेरित सब्जियों की कीमतों में वृद्धि से उपजा है।
पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर : इस हफ्ते भी बारिश का दौर जारी रहेगा, मौसम रहेगा सुहावना, उमस से राहत नहीं

नई दिल्ली, 25 जून। भारतीय मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 25 जून से लेकर 1 जुलाई तक मौसम में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन उमस से अभी राहत मिलने की संभावना कम है।
हालांकि, मौसम विभाग की ओर से किसी प्रकार की चेतावनी फिलहाल जारी नहीं की गई है, जिससे आम जनजीवन पर गंभीर असर की आशंका नहीं है। 25 जून को बारिश के साथ गरज-चमक (थंडरस्टॉर्म विथ रेन) का दौर रहने की आशंका है और अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। ह्यूमिडिटी भी अधिक रहेगी, जो अधिकतम 81 प्रतिशत और न्यूनतम 75 प्रतिशत रहने की संभावना है।
26 जून को सुबह के समय विशेष चेतावनी जारी की गई है। जिसमें तेज बारिश, बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। इस दिन मौसम सामान्य रूप से बादलों से घिरा रहा और मध्यम बारिश दर्ज की गई। इसके बाद 27 से 30 जून तक लगातार बारिश के आसार हैं। 27 और 29 जून को फिर से गरज-चमक के साथ बारिश होगी, वहीं 28 और 30 जून को बादलों से घिरे आकाश के बीच मध्यम बारिश की संभावना है।
इस दौरान तापमान 33-34 डिग्री अधिकतम और 26-27 डिग्री न्यूनतम के बीच बना रहेगा। 1 जुलाई को भी मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा। गरज-चमक के साथ बारिश और 85 प्रतिशत तक की नमी बनी रहेगी। हालांकि मौसम का मिजाज सुहावना रहेगा, लेकिन हवा में नमी की अधिकता के कारण उमस काफी बनी रहेगी, जिससे लोग परेशान रह सकते हैं। दिनभर बादलों की आवाजाही और रुक-रुक कर होने वाली बारिश से गर्मी से कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन उमस से निजात मिलने में अभी समय लगेगा।
पर्यावरण
दिल्ली से बाली जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से वापस लौटी

नई दिल्ली, 18 जून। इंडोनेशिया के रिसॉर्ट द्वीप बाली से आने-जाने वाली दर्जनों उड़ानें बुधवार को माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के फटने के बाद रद्द कर दी गईं, जिसके बाद एयर इंडिया की दिल्ली से बाली जाने वाली फ्लाइट एआई2145 को यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वापस दिल्ली लौटने की सलाह दी गई।
यह विस्फोट फ्लोरेस के पूर्वी द्वीप पर हुआ। 1,584 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी को देखते हुए अधिकारियों को इंडोनेशिया के चार-स्तरीय पैमाने पर इसके अलर्ट स्टेटस को उच्चतम स्तर तक बढ़ाना पड़ा।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “एआई2145 फ्लाइट सुरक्षित रूप से दिल्ली वापस लौट गई है और सभी यात्री उतर गए हैं।”
प्रवक्ता ने कहा, “यात्रियों को हुई असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। प्रभावित यात्रियों को होटल में ठहरने की सुविधा प्रदान कर उन्हें हुई परेशानी को दूर करने का हर संभव प्रयास किया गया है। अगर यात्री चाहें तो कैंसलेशन या कॉम्प्लीमेंट्री रिशेड्यूलिंग पर उन्हें पूरा रिफंड भी ऑफर किया जा रहा है।”
बाली एयरपोर्ट ऑपरेटर अंगकासा पुरा इंडोनेशिया के अनुसार, “पूर्वी नुसा तेंगारा में लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी के कारण गुस्ती नगुराह राय एयरपोर्ट पर कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।”
एयरएशिया द्वारा संचालित कई घरेलू उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। जेटस्टार ने कहा कि बाली से आने-जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, लेकिन राख का बादल साफ होने की उम्मीद के कारण दोपहर की कुछ उड़ानें शाम तक के लिए टाल दी गई हैं।
बाली के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वेब पोर्टल पर एयर न्यूजीलैंड, सिंगापुर की टाइगरएयर और चीन की जुनेयाओ एयरलाइंस की उड़ानें भी रद्द दिखाई गई हैं।
इंडोनेशिया डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी ने कहा कि मंगलवार देर रात ज्वालामुखी के आसपास के गांवों पर इसकी राख गिरनी शुरू हो गई थी, जिसे देखते हुए एक बस्ती को खाली करवाना पड़ा।
पूर्वानुमानों के अनुसार, ज्वालामुखी राख का बादल आज रात तक साफ होने की उम्मीद है।
‘लेवोटोबी’ इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप के दक्षिणपूर्वी भाग में स्थित एक ट्विन ज्वालामुखी है। इसकी लेवोटोबी लाकी-लाकी और लेवोटोबी पेरेम्पुआन स्ट्रेटोवोलकैनो दो चोटियां हैं। अधिक सक्रिय लेवोटोबी लाकी-लाकी, ऊंचे लेवोटोबी पेरेम्पुआन से लगभग 2.1 किमी उत्तर-पश्चिम में है।
पर्यावरण
दिल्ली में जारी है मौसम विभाग का अलर्ट, दो दिन और रहेगी गर्मी से राहत, फिर बढ़ेगा तापमान

नई दिल्ली, 3 जून। मौसम विभाग ने राजधानी समेत उत्तर भारत के कई इलाकों के लिए आज 3 जून को भी अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि आज गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है, साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
मंगलवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि ह्यूमिडिटी का स्तर 70 से 50 प्रतिशत के बीच रहा। मौसम विभाग के अनुसार 4 जून को भी मौसम सुहावना बना रहेगा और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। तापमान लगभग 35 (अधिकतम) और 23 डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) के आस-पास बना रहेगा, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
हालांकि 5 जून से मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिलेगा। इस दिन आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे और तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 25 डिग्री तक पहुंच सकता है। इसके बाद 6 जून से 8 जून तक तापमान में और इजाफा होगा। इन दिनों अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री तक दर्ज किया जा सकता है। इस अवधि में मौसम सामान्य रहेगा और किसी प्रकार की कोई चेतावनी नहीं दी गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्री-मानसून गतिविधियों के कारण जून की शुरुआत में तापमान में थोड़ी गिरावट देखी गई है, लेकिन यह राहत ज्यादा दिनों तक टिकेगी नहीं। अगले कुछ दिनों में गर्मी दोबारा अपना असर दिखा सकती है। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग के अपडेट पर नजर रखें और आवश्यकता पड़ने पर सावधानी बरतें।
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