व्यापार
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची सोने की कीमत

मुंबई, 25 जनवरी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में नीतिगत अनिश्चितता को लेकर बाजार की चिंताओं के कारण सोने की कीमतों में इस सप्ताह लगातार आठवें दिन तेजी जारी रही। राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आई और यह पहली बार 83,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई।
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना शुक्रवार को 83,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। गुरुवार को यह 82,900 रुपये पर था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें भी शुक्रवार को करीब तीन महीने के उच्च स्तर 2780 डॉलर के आसपास पहुंच गई। यह लगातार चौथे सप्ताह बढ़ी है।
सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारक हैं। इनमें हाजिर बाजार में मजबूत मांग और सकारात्मक वैश्विक संकेत शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता और सुरक्षित-संपत्तियों की ओर पलायन के कारण सोने की मांग में तेजी जारी रह सकती है।
रिटेल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के सीईओ और पीएल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के निदेशक संदीप रायचुरा ने कहा, “बाजार दिशा जानने के लिए ट्रंप के ट्वीट का इंतजार कर रहे हैं और तब तक यह संभावना है कि सोना थोड़ा ऊपर की ओर झुकाव के साथ एक बैंड में बना रहेगा।”
ऑग्मोंट गोल्ड में शोध प्रमुख डॉ. रेनिशा चैनानी ने कहा कि सोने की कीमतें 2,750 डॉलर (79,100 रुपये) से ऊपर बनी हुई हैं, इस सप्ताह हम 2800 डॉलर (80,500 रुपये) की ओर और तेजी देख सकते हैं।
23 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतें 82,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं।
राजनीति
डीबीटी से आई लीकेज में कमी, पिछले 10 वर्षों में भारत ने 3.48 लाख करोड़ रुपये बचाए: रिपोर्ट

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। भारत के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) सिस्टम के तहत लीकेज में कमी आने के साथ कुल 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू किए गए इस सिस्टम के शुभारंभ के बाद से लाभार्थी कवरेज में 11 करोड़ से 176 करोड़ तक 16 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
लीकेज को रोकने के लिए इस सिस्टम के तहत पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाता है। परिणामस्वरूप सब्सिडी आवंटन कुल व्यय के 16 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत हो गया है।
स्टडी में कहा गया है, “डीबीटी ने लीकेज पर अंकुश लगाने और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने के साथ फंड वितरण को लेकर सटीकता सुनिश्चित की है। इसी के साथ डीबीटी के साथ कल्याणकारी वितरण को दोबारा परिभाषित किया गया है।”
यह पॉलिसी डॉक्युमेंट बजट, सब्सिडी और सामाजिक परिणामों पर डीबीटी के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक दशक (2009-2024) के आंकड़ों का मूल्यांकन करता है।
पॉलिसी डॉक्युमेंट में कहा गया है कि वेलफेयर एफिसिएंसी इंडेक्स 2014 में 0.32 से बढ़कर 2023 में 0.91 हो गया है। यह इंडेक्स राजकोषीय और सामाजिक लाभों को मापता है।
डॉक्युमेंट के अनुसार, 2009-10 में कल्याण बजट में 2.1 लाख करोड़ रुपये से 2023-24 में 8.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि के बावजूद सब्सिडी आवंटन में गिरावट दर्ज की गई है, जो कि डीबीटी की सफलता को दर्शाता है।
डॉक्युमेंट के अनुसार, फूड सब्सिडी कुल बचत का 53 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि एमजीएनआरईजीएस और पीएम-किसान जैसे कार्यक्रमों के तहत समय पर मजदूरी हस्तांतरण कर 22,106 करोड़ रुपये की बचत हासिल की गई।
आधार-लिंक्ड ऑथेंटिकेशन ने फेक लाभार्थियों को कम करने में मदद की, जिससे राजकोषीय व्यय के बिना कवरेज का विस्तार हो पाया।
स्टडी में मिक्स्ड-मेथड अप्रोच का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें केंद्रीय बजट डेटा, डीबीटी पोर्टल रिकॉर्ड और सेकेंडरी सोर्स को जांचा गया था।
इसमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और ग्रामीण और अर्ध-शहरी बैंकिंग पहुंच को प्राथमिकता देने की भी सिफारिश की गई है।
स्टडी में कहा गया है कि लीकेज को कम करने के लिए एआई-ड्रिवन फ्रॉड डिटेक्शन को इंटीग्रेट किया जाना चाहिए।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी, सेंसेक्स 1,508 अंक चढ़कर बंद

मुंबई, 17 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,508 अंक या 1.96 प्रतिशत की तेजी के साथ 78,553 और निफ्टी 414 अंक या 1.77 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,851 पर था।
बाजार में तेजी का नेतृत्व बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी बैंक 1,172 अंक या 2.21 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,290 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में इटरनल, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, सन फार्मा, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स, एमएंडएम, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और एनटीपीसी टॉप गेनर्स थे। केवल मारुति सुजुकी और टेक महिंद्रा ही लाल निशान में बंद हुए ।
सभी सेक्टरोल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, फार्मा, एनर्जी, इन्फ्रा, सर्विसेज और निजी बैंक सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी खरीदारी हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 312 अंक या 0.60 प्रतिशत की तेजी के साथ 52,657 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 60 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,410 पर बंद हुआ।
मोतीलाल ओसवाल में टेक्निकल रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट रुचित जैन के अनुसार, यह तेजी महज एक शॉर्ट-टर्म पुलबैक से कहीं अधिक प्रतीत होती है, क्योंकि इसे सभी की व्यापक भागीदारी है, जिसमें खासकर बड़ी कंपनियों के नामों के साथ बैंकिंग और वित्तीय शेयरों से सपोर्ट भी शामिल हैं।
शेयर बाजार में व्यापक स्तर पर तेजी थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,427 शेयर हरे निशान में, 1,522 शेयर लाल निशान में और 157 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। इस बढ़त के कारण बीएसई का मार्केट कैप बढ़कर 419 लाख करोड़ रुपये हो गया।
कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई थी। सुबह करीब 9.27 बजे सेंसेक्स 338.13 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,706.16 पर था, जबकि निफ्टी 120.75 अंक या 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,316.45 पर था।
व्यापार
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने वारबर्ग, एडीआईए से 7,500 करोड़ रुपये का फंड जुटाने की मंजूरी दी

मुंबई, 17 अप्रैल। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच गुरुवार को वारबर्ग पिंकस और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) से 7,500 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने की मंजूरी दी।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने ग्लोबल ग्रोथ इन्वेस्टर वारबर्ग पिंकस की सहयोगी कंपनी करंट सी इन्वेस्टमेंट्स से लगभग 4,876 करोड़ रुपये जुटाने और एडीआईए की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी प्लेटिनम इन्विक्टस लिमिटेड से लगभग 2,624 करोड़ रुपये का इक्विटी फंड जुटाने की मंजूरी दी है। इसके बदले बैंक द्वारा दोनों निवेश फर्मों को प्रेफरेंशियल इश्यू जारी किए जाएंगे।
प्रस्तावित इश्यू शेयरधारक और रेगुलेटर्स की मंजूरी के अधीन हैं। बैंक ने एक इन्वेस्टर प्रजेंटेशन में कहा कि इस फंड का उपयोग बैंक अपने मुनाफे को बढ़ाने में करेगा और बैंक की योजना अगले कुछ वर्षों में लोन बुक को 20 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
पिछले छह वर्षों में, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने एक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित डीएफआई की अपनी विरासत से एक आधुनिक, टेक्नोलॉजी आधारित, यूनिवर्सल बैंक बनने में सफल रहा है।
इस दौरान जमा राशि में 6 गुना की वृद्धि हुई है, लोन और एडवांस राशि दोगुनी हो गई है। साथ ही, सीएएसए अनुपात 8.7 प्रतिशत से बढ़कर 47.7 प्रतिशत हो गया। वित्त वर्ष 19 में कर के बाद मुनाफा 1,944 करोड़ रुपये के घाटे से उबरकर वित्त वर्ष 24 में 2,957 करोड़ रुपये के लाभ में पहुंच गया है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ वी वैद्यनाथन ने कहा, “बैंक मुनाफे में आ गया है और अब एक निर्णायक चरण में है, जहां हमारी आय वृद्धि लगातार ओपीईएक्स वृद्धि से अधिक रहने की उम्मीद है, जिससे परिचालन लाभ में सुधार होगा। हमें उम्मीद है कि निवेश चरण में बैंक के कई व्यवसाय बड़े पैमाने पर लाभ में आ जाएंगे।”
बैंक ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री में चुनौतियों के कारण वित्त वर्ष 25 में 9 महीने में मुनाफे में गिरावट आई, जिसका बैंक ने बखूबी सामना किया है। इस फंड जुटाने से, बैंक का कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो 16.1 प्रतिशत से बढ़कर 18.9 प्रतिशत हो जाएगा।
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