राजनीति
गोवा : कांग्रेस के पूर्व विधायकों को अयोग्य ठहराने की अर्जी पर सुनवाई फिर शुरू
कांग्रेस के 10 पूर्व विधायकों के खिलाफ अयोग्य ठहराए जाने संबंधी याचिका पर गोवा के स्पीकर राजेश पाटेकर ने शुक्रवार को फिर से सुनवाई शुरू की। ये विधायक कांग्रेस छोड़कर जुलाई, 2019 में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में सुनवाई कर 26 फरवरी को याचिका का निस्तारण करें। इसी के मद्देनजर स्पीकर ने फिर सुनवाई प्रारंभ की है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के जवाब में पटनेकर ने एक अर्जी दी जिसमें यह कहते हुए कोर्ट के निर्देश के बाबत स्पष्टीकरण मांगा गया कि एक दिन में सुनवाई की कार्यवाही पूरी करना संभव नहीं है।
राज्य विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए याचिकाकर्ता और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए स्पीकर बाध्य हैं।
चोडनकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि स्पीकर आज उस याचिका पर अंतिम फैसला देंगे, जिसे मैंने डेढ़ साल पहले दायर किया था। हम उम्मीद करते हैं कि स्पीकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भारत के संविधान का सम्मान करेंगे और जिस पर पर वह बैठे हैं, उसकी संवैधानिक गरिमा को बरकरार रखेंगे। उन्हें सिर्फ एक आदेश देना है – या हमारे पक्ष में अथवा हमारी याचिका खारिज कर दें, लेकिन आज उन्हें इसका निस्तारण करना होगा।
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: शहर में सुबह धुंध छाई रही; कुल AQI 274 पर अस्वस्थ श्रेणी में, वडाला में सबसे खराब हवा

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मुंबई: मुंबई में मंगलवार की शुरुआत कुरकुरी और सुखद ठंडक के साथ हुई, जहाँ साफ़ आसमान, हल्की हवाएँ और हल्की सर्दी जैसा तापमान शहर के सामान्य गर्म और उमस भरे मौसम से राहत देने वाला रहा। सुबह-सुबह हवा में हल्की ठंडक महसूस हुई, जिससे निवासियों को नवंबर में शायद ही कभी महसूस होने वाले मौसमी सुकून का एहसास हुआ। हालाँकि, आसमान पर छाई धुंध की एक पतली परत ने इस स्वागत योग्य मौसम को आंशिक रूप से ढक दिया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, मंगलवार को मौसम साफ़ और मध्यम गर्म रहने की संभावना है, दिन का तापमान लगभग 33°C तक पहुँचने का अनुमान है। रात और भोर से पहले का तापमान लगभग 19°C तक गिर सकता है, जिससे सुबह-सुबह हल्की सर्दी का दौर जारी रहेगा। सुहावने मौसम के बावजूद, शहर के कई हिस्सों में दृश्यता कम रही क्योंकि सुबह के समय धुंध छाई रही, जिससे एक आदर्श मौसमी सुबह फीकी पड़ गई।
प्रदूषण के स्तर में यह बढ़ोतरी भारी बारिश के कुछ समय बाद ही हुई है, जिसने वातावरण को अस्थायी रूप से साफ़ कर दिया था, जिससे धूल और निलंबित कण बाहर निकल गए थे। कुछ समय के लिए, वायु गुणवत्ता और दृश्यता में उल्लेखनीय सुधार हुआ, जिससे निवासियों को राहत मिली। लेकिन जैसे ही बारिश रुकी, हानिकारक प्रदूषक तेज़ी से फिर से जमा होने लगे, जिससे यह वृद्धि उलट गई और मुंबई की हवा फिर से अस्वस्थ हो गई।
सोमवार सुबह, मुंबई में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 274 दर्ज किया गया, जो इसे ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में रखता है और इस महीने की शुरुआत में देखे गए मध्यम स्तर से बड़ी गिरावट दर्शाता है।
कई जगहों पर बेहद चिंताजनक आँकड़े दर्ज किए गए, खासकर वडाला ट्रक टर्मिनल में, जहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 406 दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। चेंबूर (325) और मझगाँव (321) में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर रहा, जबकि मलाड (315) और कोलाबा (315) भी इसके ठीक पीछे रहे।
उपनगरीय इलाकों में अपेक्षाकृत बेहतर, लेकिन फिर भी असंतोषजनक रीडिंग दर्ज की गईं। कांदिवली पूर्व में 173 और मानखुर्द में 197 दर्ज की गईं, जो दोनों ही खराब श्रेणी में हैं, जबकि बोरीवली पूर्व (207), जोगेश्वरी (207) और भांडुप पश्चिम (217) में अस्वस्थ स्तर दर्ज किए गए, जो पूरे शहर पर असर को दर्शाता है।
स्थापित AQI मानकों के अनुसार, 0-50 के बीच के मानों को अच्छा, 51-100 को मध्यम, 101-150 को खराब, 151-200 को अस्वास्थ्यकर तथा 200 से अधिक के मानों को गंभीर या खतरनाक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
महाराष्ट्र
मुंबई लोकल ट्रेन अपडेट: विक्रोली और कांजुरमार्ग के बीच रेल लाइन में दरार, सीएनजी संकट के बीच ट्रेनें देरी से

LOCAL TRAIN
मुंबई: मुंबई में पहले से ही तनावपूर्ण यात्रा की स्थिति मंगलवार सुबह और बिगड़ गई जब विक्रोली और कांजुरमार्ग स्टेशनों के बीच पटरी में दरार आने के बाद मध्य रेलवे की मुख्य लाइन पर लोकल ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित रहीं। अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह घटना सुबह लगभग 7.32 बजे डाउन स्लो लाइन पर हुई, जिसके बाद रेलवे अधिकारियों को किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए तुरंत गति प्रतिबंध लगाने और सेवाओं का मार्ग बदलने पर मजबूर होना पड़ा।
मुंबई की जीवन रेखा मानी जाने वाली उपनगरीय ट्रेनों की गति काफ़ी धीमी हो गई, जिसके परिणामस्वरूप व्यस्त समय में ऑफिस जाने वाले यात्रियों को लगभग 10-20 मिनट की देरी हुई। रखरखाव कर्मी बिना किसी देरी के मौके पर पहुँचे और सुबह 7.58 बजे तक ट्रैक को आवाजाही के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया, हालाँकि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी रूप से गति सीमा 30 किमी प्रति घंटा तय की गई थी।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने पीटीआई के हवाले से बताया कि इस दौरान भीड़भाड़ कम करने और सेवा की निरंतरता बनाए रखने के लिए कई धीमी ट्रेनों को माटुंगा स्टेशन से फास्ट लाइन पर स्थानांतरित किया गया ।
प्रभावित खंड मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण मुख्य गलियारे का हिस्सा है जो दक्षिण मुंबई को घनी आबादी वाले पूर्वी उपनगरों से जोड़ता है और आगे ठाणे और रायगढ़ के विस्तारित क्षेत्रों से भी जुड़ता है। मध्य रेलवे के उपनगरीय नेटवर्क पर प्रतिदिन 35 लाख से ज़्यादा यात्री निर्भर हैं, इसलिए छोटी-मोटी तकनीकी खराबी भी ट्रेनों में देरी का कारण बन सकती है, जिससे सभी सेवाओं में समय की पाबंदी बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।
यह रेल पटरी ऐसे दिन टूटी है जब शहर पहले से ही चल रहे सीएनजी संकट के बीच व्यापक परिवहन समस्याओं से जूझ रहा है, जो अब अपने दूसरे दिन में है। राष्ट्रीय रसायन एवं उर्वरक (आरसीएफ) परिसर में गेल की मुख्य आपूर्ति पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से ईंधन की भारी कमी हो गई है और मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में कई सीएनजी स्टेशन बंद हो गए हैं। नतीजतन, हजारों ऑटोरिक्शा, काली-पीली टैक्सियों और कैब एग्रीगेटर्स ने अपना परिचालन काफी कम कर दिया है, जिससे यात्रियों के पास सड़क परिवहन के सीमित विकल्प और बढ़े हुए किराए रह गए हैं।
सड़क-आधारित सार्वजनिक परिवहन पर भारी दबाव के कारण, बड़ी संख्या में यात्रियों ने उपनगरीय रेल सेवाओं और मेट्रो लाइनों का रुख किया, जिससे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या बढ़ गई। माँग को पूरा करने के लिए 1,273 से ज़्यादा इलेक्ट्रिक बेस्ट बसें और चार मेट्रो कॉरिडोर तैनात किए गए हैं, फिर भी सुबह की भीड़-भाड़ के दौरान लंबा इंतज़ार और भीड़भाड़ बनी रही।
यद्यपि महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने आश्वासन दिया है कि मंगलवार दोपहर तक गैस आपूर्ति बहाल हो जाएगी, लेकिन समयसीमा को लेकर अनिश्चितता के कारण निवासियों में चिंता बनी हुई है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली ब्लास्ट के बाद कश्मीरी छात्रों की चिंता को लेकर पीएम को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग

PM MODI
नई दिल्ली, 17 नवंबर : दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना में कई बेगुनाह लोगों की जान चली गई, जिससे हर भारतीय का दिल दुखा है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
चिट्ठी में जेकेएसए ने सबसे पहले इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में हुआ धमाका सिर्फ राजधानी पर हमला नहीं था, बल्कि पूरे भारत की भावनाओं पर गहरी चोट थी। कश्मीर के लोग भी उतने ही दुखी हैं जितना देश का बाकी हिस्सा। पीड़ित परिवारों का दर्द पूरे जम्मू-कश्मीर का भी दर्द है।
कश्मीरी छात्रों ने लिखा कि वे भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर पूरा भरोसा रखते हैं। वे हमेशा अलगाववाद, कट्टरपंथ और किसी भी तरह की देश-विरोधी विचारधारा के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया। न कभी अलगाववादी सोच को स्वीकार किया। वे हमेशा देश की एकता, शांति और सद्भाव के पक्ष में खड़े रहे हैं।
जेकेएसए ने लिखा कि कश्मीर के लोगों ने हमेशा देश की सेवा में योगदान दिया है। हमारे परिवारों ने सीमाओं पर खड़े होकर देश की रक्षा की है। कई पीढ़ियों ने मुश्किलें झेली हैं, लेकिन भारत के भविष्य में विश्वास कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि आज का कश्मीरी युवा खेल, तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, राजनीति, उद्यमिता और हर क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का नाम रोशन कर रहा है।
प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना का भी उन्होंने खास ज़िक्र किया। इस स्कीम ने हजारों कश्मीरी छात्रों को देशभर के कॉलेजों में पढ़ने का मौका दिया। संगठन ने कहा कि यह योजना कश्मीर और बाकी भारत के बीच विश्वास और जुड़ाव का पुल बनी है, लेकिन सिर्फ अवसर देना काफी नहीं। अवसर के साथ सुरक्षा, गरिमा, बराबरी, और सम्मान भी जरूरी हैं। तभी असली राष्ट्रीय एकीकरण संभव है।
संगठन ने बताया कि दिल्ली धमाके के बाद देशभर में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों में डर का माहौल बन गया है। उन्होंने लिखा कि कई छात्रों को प्रोफाइलिंग, सवाल-जवाब, अचानक हुई जांच और संदेह की नजर का सामना करना पड़ा है, वो भी उन जगहों पर जिनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। कई छात्र डर के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर कश्मीर वापस आ गए हैं। बच्चे क्लास, एग्जाम, लैब, इंटर्नशिप सबकुछ छोड़कर वापस आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें गलत समझा जाएगा।
जेकेएसए ने कहा कि उन्हें देश की जांच एजेंसियों की क्षमता और ईमानदारी पर पूरा भरोसा है, पर साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच निष्पक्ष, संवेदनशील और संतुलित होनी चाहिए ताकि मासूम छात्रों को सामूहिक सजा न भुगतनी पड़े। किसी समुदाय को पहले ही अपराधी मान लेना उचित नहीं। हर युवा को अपने देश में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।
चिट्ठी में प्रधानमंत्री से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दें कि कश्मीरी छात्र भी भारत के समान नागरिक हैं और उन्हें वही अधिकार और सुरक्षा मिलेगी जो किसी और नागरिक को मिलती है। उन्होंने कहा कि छात्रों के परिवारों को यकीन होना चाहिए कि उनके बच्चे घर से दूर भी सुरक्षित हैं। आपकी एक अपील या बयान उन परिवारों को दिल से सुकून देगा। उन्होंने सरकार से कहा कि देशभर के कॉलेजों और पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि किसी भी छात्र के साथ भेदभाव, डराने-धमकाने या गलत व्यवहार की गुंजाइश न रहे।
जेकेएसए ने लिखा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली धमाके के असली अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए। उन्होंने सरकार के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध होगी और दोषी किसी भी हाल में बच नहीं पाएंगे।
संगठन ने कहा कि हजारों कश्मीरी छात्र भारत के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ रहे हैं और अपने लिए एक दूसरा घर बना चुके हैं। वे देश के हर कोने में दोस्ती, भरोसा और भाईचारे की मिसाल बन रहे हैं। इसलिए हम ऐसी घटनाओं के लिए शक की नजर से न देखे जाएं, जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं।
पत्र के अंत में जेकेएसए ने देश की एकता, सद्भाव और सांझी संस्कृति पर अपना भरोसा दोहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की असली ताकत उसकी सीमाओं में नहीं, बल्कि अपने बच्चों के प्रति सम्मान और भरोसे में होती है।
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