अपराध
सारनाथ कछुआ प्रजनन केंद्र धन संकट का कर रहा है सामना

सारनाथ में कछुआ प्रजनन केंद्र तकनीकी खराबी के कारण गंभीर धन संकट का सामना कर रहा है। यह केंद्र 1987 में कछुआ अभयारण्य की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शुरु किया गया था, जिसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 के तहत 1989 में राजघाट से रामनगर तक गंगा नदी के सात किलोमीटर के हिस्से में वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि वे इन जलीय जीवों को खिलाने के लिए उधार लिए गए संसाधनों पर निर्भर हैं। ये जीव गंगा की सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2019 में, सरकार ने कछुआ अभयारण्य को वाराणसी से मिजार्पुर जिले में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था। अभयारण्य को नदी के मिजार्पुर-प्रयागराज खंड में 30 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थानांतरित करने का आदेश जून 2020 में जारी किया गया था, जो कछुओं के लिए एक उपयुक्त निवास स्थान माना गया था।
स्थानांतरण के बाद, कछुआ प्रजनन केंद्र, जो कि काशी वन्यजीव प्रभाग का एक हिस्सा है, अभी तक कछुओं को खिलाने के लिए सरकार से धन प्राप्त नहीं कर पाया है।
वन अधिकारियों के अनुसार, सरकार द्वारा कछुआ अभयारण्य को वाराणसी से स्थानांतरित करने के आदेश के बाद भ्रम के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, क्योंकि उस समय यह स्पष्ट नहीं था कि अभयारण्य के साथ कछुआ प्रजनन केंद्र को भी स्थानांतरित किया जाएगा या नहीं।
हालांकि वन अधिकारियों का दावा है कि अब भ्रम दूर हो गया है और उम्मीद है कि कछुआ प्रजनन केंद्र को जल्द ही राशि मिल जाएगी।
काशी वन्यजीव प्रभाग के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि हमने पिछले साल एक प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दे दी गई है। विधानसभा चुनाव जैसे कुछ और कारणों से धन जारी करने में देरी हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस महीने कछुआ प्रजनन केंद्र के लिए फंड जारी किया जाएगा।
उन्होंने स्वीकार किया कि इस बात को लेकर भ्रम था कि अभयारण्य के साथ कछुआ प्रजनन केंद्र को भी स्थानांतरित किया जाएगा या वाराणसी शहर के बाहरी इलाके में स्थित सारनाथ में अपने मूल स्थान पर रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया गया है कि कछुआ प्रजनन केंद्र सारनाथ में रहेगा और वयस्क कछुओं को पुनर्वासित अभयारण्य में छोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि फिलहाल यहां 887 कछुए हैं, जिनमें से लगभग 250 वयस्क हैं, जो गंगा के अभयारण्य क्षेत्र में छोड़े जाने के लिए तैयार हैं।
कछुओं के अंडे चंबल नदी से सारनाथ प्रजनन केंद्र में विकसित होने के लिए प्राप्त किए गए थे और वयस्क होने के बाद उन्हें गंगा में अभयारण्य क्षेत्र में छोड़ दिया गया था।
काशी वन्यजीव प्रभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, सारनाथ प्रजनन केंद्र में अब तक 42,000 से अधिक कछुओं को पाला गया और गंगा में छोड़ा गया है।
1993 तक, जब गंगा एक्शन प्लान का पहला चरण पूरा हो चुका था, तब 28,920 कछुओं को गंगा में छोड़ा गया था। जीएपी-1 की समाप्ति के साथ, 1993 में कछुआ प्रजनन परियोजना को भी रोक दिया गया था। बाद में, वन विभाग ने 2005 में कार्यक्रम को पुनर्जीवित किया था।
अपराध
ओडिशा: राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

राउरकेला, 10 अप्रैल। ओडिशा के राउरकेला में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राउरकेला पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह “ट्रेड नाउ” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के लोगों को ठग रहा था और उच्च रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था। स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाला राउरकेला अनजाने में इन साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया था, जिनका नेटवर्क भारत से बाहर दुबई जैसे देशों तक फैला हुआ था।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पहला छापा सिविल टाउनशिप इलाके के एक अपार्टमेंट में मारा गया, जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती कॉलोनी में एक अन्य अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप पांच और लोग पकड़े गए। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची, जहां दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। गिरोह से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जिसमें 68 बेनामी सिम कार्ड, 31 हाई-एंड मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 19 एटीएम कार्ड, एक मारुति स्विफ्ट कार और एक स्कूटी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक रैकेट चला रहा था, जो हवाला नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करता था। जांच में खुलासा हुआ कि इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल है, जो दुबई से काम कर रहा है और दक्षिण व पश्चिम एशियाई देशों में इसके कनेक्शन फैले हुए हैं। अब तक की जांच में 23 बैंक खातों से 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 176 अन्य खातों की जांच जारी है।
राउरकेला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन साइबर ठगी के बढ़ते खतरे से निपटने में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। यह लोगों को फर्जी ऐप पर निवेश के लिए लुभाता था और फिर उनके पैसे हवाला के जरिए विदेश भेज देता था। पीड़ितों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जो कमाई के झांसे में आ गए थे।
राउरकेला के निवासियों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, वरना यह गिरोह और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता था।”
पुलिस अब किशन अग्रवाल तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। साथ ही, इस रैकेट से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
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