व्यापार
भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में जमकर दांव लगा रहे विदेशी निवेशक, 2025 में करीब 65,000 करोड़ रुपए निवेश किए
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: भारत के फाइनेंशियल सेक्टर पर विदेशी निवेशक बुलिश बने हुए हैं और 2025 में अब तक करीब 65,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
इन विदेशी निवेशकों में ब्लैकस्टोन, अमीरात एनबीडी, इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी का नाम शामिल है, जिन्होंने फेडरल बैंक, आरबीआई बैंक, सम्मान कैपिटल, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक जैसे दिग्गज भारतीय निजी बैंकों में निवेश किया है।
दिग्गज वैश्विक एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकस्टोन ने फेडरल बैंक में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 6,196 करोड़ रुपए का निवेश करने का ऐलान किया है। फेडरल बैंक की ओर से ब्लैकस्टोन को 27.29 करोड़ वारंट्स जारी किए जाएंगे। इनका टिकट प्राइस 227 रुपए प्रति वारंट रखा गया है।
यूएई के दूसरे सबसे बड़े बैंक अमीरात एनबीडी की ओर से आरबीएल बैंक में 26,853 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया गया है। इस डील के तहत अमीरात एनबीडी आरबीएल बैंक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।
इस महीने की शुरुआत में सम्मान कैपिटल ने ऐलान किया था कि अबु धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी , एनबीएफसी में एक अरब डॉलर या 8,850 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है और इसके बदले इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी अबु धाबी को कंपनी में प्रेफरेंशियल इक्विटी शेयर्स और वारंट्स के जरिए 41 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाएगी।
इससे पहले मई में सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एएमबीसी) जापान ने यस बैंक में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। इसके बाद जापानी बैंक ने अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 24.2 प्रतिशत कर लिया था और इस डील का आकार करीब 15,000 करोड़ रुपए था।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अप्रैल में प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबर्ग पिंकस और सॉवरेन फंड अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी से 7,500 करोड़ रुपए का निवेश जुटाने का ऐलान किया था। इसमें करीब 5,000 करोड़ रुपए वारबर्ग पिंकस की ओर से निवेश किए गए, जबकि करीब 2,600 करोड़ रुपए सॉवरेन फंड अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की ओर से निवेश किए गए।
राजनीति
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया कर सकता है दमदार वापसी : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 17 दिसंबर: चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में रुपया दमदार वापसी कर सकता है और डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू में इजाफा देखने को मिल सकता है। यह जानकारी एसबीआई रिसर्च की ओर से बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
एसबीआई रिसर्च ने कहा कि वैश्विक अस्थिरता और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के व्यापार आंकड़ों से पता चलता है कि उसने लंबे समय तक चलने वाली अनिश्चितता, अधिक संरक्षणवाद और श्रम आपूर्ति में आए झटकों से निपटने में काफी मजबूती दिखाई है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ.सौम्या कांती घोष ने कहा, “जियोपोलिटिकल रिस्क इंडेक्स अप्रैल 2025 से कम हुआ है और अप्रैल-अक्टूबर 2025 अवधि के लिए इंडेक्स की मौजूदा औसत वैल्यू अपने दशकीय स्तर से ऊपर है। यह इंडेक्स दिखाता है कि वैश्विक अनिश्चितताएं भारतीय रुपए पर कितना दबाव डाल रही हैं।”
घोष ने आगे कहा कि रुपया अभी अपने गिरावट के दौर में है और जल्द यह इससे बाहर निकलेगा।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला देखा जा रहा है। रुपया अपने मनोवैज्ञानिक स्तर 90 को पार कर चुका है और 91 के स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि, गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूत वृद्धि देखने को मिली है। यह 90.25 पर पहुंच गया है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रुपए में मौजूदा गिरावट (दिनों की संख्या के हिसाब से) सबसे तेज है। एक साल से भी कम समय में, रुपया प्रति डॉलर 85 से गिरकर 90 पर आ गया है।
2 अप्रैल, 2025 को अमेरिका द्वारा दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.7 प्रतिशत (प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक) गिर गया है।
हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के कारण बीच-बीच में इसमें तेजी भी देखने को मिली है।
व्यापार
एमसीएक्स पर चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से मिला सपोर्ट

मुंबई, 17 दिसंबर: पिछले कुछ समय से उतार-चढ़ाव के बाद भी कीमती धातुओं (गोल्ड और सिल्वर) की कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं। इस बीच मजबूत अंतरराष्ट्रीय संकेतों और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते बुधवार को चांदी की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड बनाया।
बुधवार के कारोबारी सत्र में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सिल्वर की कीमतें 4 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,06,111 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गईं, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। हालांकि खबर लिखे जाने तक (दोपहर 12.30 बजे) मार्च डिलीवरी वाला सिल्वर 7,417 रुपए (3.75 प्रतिशत) की तेजी के साथ 2,05,172 रुपए प्रति किलोग्राम पर था।
वहीं अगर सोने की बात करें, तो कारोबारी सत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। खबर लिखे जाने तक एमसीएक्स पर फरवरी डिलीवरी वाला गोल्ड 65 रुपए यानी 0.05 प्रतिशत गिरकर 1,34,344 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करते हुए दिखाई दिया।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सोने की कीमत 1,35,500 रुपए से ऊपर टिकती है, तो इसमें और तेजी आ सकती है और इसके दाम 1,36,000 से 1,38,000 रुपए तक जा सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली। स्पॉट सिल्वर 2.8 प्रतिशत बढ़कर 65.63 डॉलर प्रति औंस हो गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
सोने की कीमत भी थोड़ी बढ़कर 4,321.56 डॉलर प्रति औंस हो गई, जिसकी वजह अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना था।
अमेरिका के कमजोर रोजगार आंकड़ों के बाद सिल्वर की कीमतों में तेज उछाल आया, जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें मजबूत हुईं।
आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई, जिससे पता चलता है कि वहां की अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी हो रही है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोग ऐसे उपकरणों में निवेश करना पसंद करते हैं जिन पर ब्याज नहीं मिलता, जैसे सोना और चांदी।
दुनिया में बढ़ते राजनीतिक तनाव ने भी चांदी की कीमत बढ़ाने में मदद की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला से जुड़े तेल जहाजों पर रोक लगाने का आदेश दिया, जिससे वहां हालात और तनावपूर्ण हो गए। इस वजह से लोग सुरक्षित निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, सरकारी बैंकों में खरीदारी

मुंबई, 17 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। सुबह 9:23 पर सेंसेक्स 188 अंक या 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,868 और निफ्टी 61 अंक या 0.24 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,921 पर था।
शुरुआती सत्र में बाजार में तेजी का नेतृत्व सरकारी बैंक कर रहे थे। निफ्टी पीएसयू बैंक एक प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। इसके अलावा ऑटो, आईटी, मेटल, एनर्जी, इन्फ्रा और पीएसई हरे निशान में थे। एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और मीडिया लाल निशान में थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप हरे निशान में बंद हुए। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 71 अंक या 0.12 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,807 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 34 अंक या 0.17 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,298 पर था।
सेंसेक्स पैक में इटरनल, एसबीआई, एक्सिस बैंक, टीसीएस, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर पैसेंजर व्हीकल, एचसीएल टेक, टाटा स्टील, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, भारती एयरटेल और आईटीसी गेनर्स थे। आईसीआईसीआई बैंक, ट्रेंट, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा, सन फार्मा, बीईएल और टाइटन लूजर्स थे।
सभी एशियाई बाजारों में तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक, सोल और जकार्ता हरे निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार मिलेजुले बंद हुए थे। डाओ जोन्स 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ और नैस्डेक 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ था।
कमोडिटी मार्केट में तेजी देखी जा रही है। खबर लिखे जाने तक कॉमेक्स पर सोना 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,351 डॉलर प्रति औंस और चांदी 4.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 66.015 डॉलर प्रति औंस पर थी।
कीमती धातुओं के साथ डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 55.82 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 1.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59.61 डॉलर प्रति बैरल पर था।
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