राष्ट्रीय समाचार
मोटापे के खिलाफ लड़ाई : पीएम मोदी ने जागरूकता फैलाने के लिए 10 प्रमुख हस्तियों को किया आमंत्रित
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नई दिल्ली, 24 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दस प्रमुख हस्तियों को मोटापे के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल होने और स्वस्थ भोजन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आमंत्रित किया।
यह पहल उनकी फिट इंडिया मुहिम के साथ जुड़ी हुई है। नामित हस्तियों में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, व्यवसायी आनंद महिंद्रा, अभिनेता से राजनेता बने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ, ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर और मीराबाई चानू, अभिनेता मोहनलाल और आर. माधवन, गायिका श्रेया घोषाल, राज्यसभा सांसद और समाजसेवी सुधा मूर्ति और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन हस्तियों से आग्रह किया कि वह लोग इस मूवमेंट की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए दस व्यक्तियों को नामांकित करें।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, “जैसा कि कल के मन की बात में बताया गया था, मैं मोटापे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और भोजन में खाद्य तेल की खपत को कम करने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए निम्नलिखित लोगों को नामित करना चाहूंगा। मैं उनसे दस-दस लोगों को नामित करने का भी अनुरोध करता हूं ताकि हमारा आंदोलन और बड़ा हो सके! सामूहिक रूप से, आइए हम भारत को और अधिक स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाएं।”
रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने भारत के खेल क्षेत्र में प्रगति की सराहना की और स्वस्थ जीवन जीने के महत्व पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने मोटापे की बढ़ती समस्या पर भी चर्चा की।
उन्होंने देहरादून में राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में इस विषय पर हुई चर्चा का उल्लेख किया और भारत में मोटापे की गंभीर स्थिति पर चिंता जताई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से प्रभावित है और हाल के वर्षों में इसके मामले दोगुने हो गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बचपन में भी मोटापे मामले चार गुना बढ़ गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगाह किया कि अत्यधिक वजन हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि जीवनशैली में छोटे-छोटे लेकिन सार्थक बदलाव इस समस्या से निपटने में मदद कर सकते हैं।
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, मुक्केबाज निखत जरीन और प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी को अपने रेडियो कार्यक्रम में आमंत्रित किया, ताकि वे मोटापे से निपटने पर अपने विचार साझा कर सकें। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से स्वस्थ खान-पान की आदतें अपनाने का आग्रह किया, खासतौर पर तेल की अत्यधिक खपत को कम करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, “खाने में कम तेल का इस्तेमाल करना और मोटापे से निपटना केवल व्यक्तिगत पसंद नहीं है, बल्कि परिवार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है। खाने में तेल का अत्यधिक इस्तेमाल हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी कई बीमारियों का कारण बन सकता है। अपनी खान-पान की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करके हम अपने भविष्य को मजबूत, फिट और रोग मुक्त बना सकते हैं।”
इसलिए, बिना देर किए हमें इस दिशा में अपने प्रयासों को बढ़ाना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में लागू करना चाहिए। हम सभी मिलकर इसे बहुत ही मजेदार और प्रभावी तरीके से कर सकते हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
अदाणी ग्रुप मध्य प्रदेश में 1.10 लाख करोड़ रुपये करेगा निवेश, 1.2 लाख नौकरियां होंगी पैदा
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भोपाल, 24 फरवरी। भारत के लीडिंग इंटीग्रेटेड व्यापार समूह अदाणी ग्रुप की ओर से मध्य प्रदेश में पंप स्टोरेज, सीमेंट, खनन, स्मार्ट मीटर और थर्मल ऊर्जा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में 1.1 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश का ऐलान किया गया।
सोमवार को राज्य की राजधानी में शुरू हुए दो दिवसीय ‘मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025’ में गई इस घोषणा से दशक के अंत तक 1,20,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस समिट का उद्घाटन किया गया।
गौतम अदाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्य प्रदेश के निवेश केंद्र में तब्दील होने की प्रशंसा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ये निवेश वित्तीय लेन-देन से कहीं बढ़कर हैं।
गौतम अदाणी ने कहा, “ये साझा यात्रा में मील का पत्थर है, जो मध्य प्रदेश को भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य में सबसे आगे ले जाएंगे।”
अदाणी ग्रुप ने पहले ही मध्य प्रदेश के पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और कृषि-व्यवसाय क्षेत्रों में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे 25,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।
नया निवेश राज्य के औद्योगिक इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए तैयार है, जो भारत की आत्मनिर्भरता और इनोवेशन की महत्वाकांक्षाओं के साथ जुड़ा है।
गौतम अदाणी ने 1 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश के बारे में राज्य सरकार के साथ चल रही बातचीत के बारे में भी बताया।
इसमें एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, एक हवाई अड्डा परियोजना और एक महत्वाकांक्षी कोयला गैसीकरण पहल की योजनाएं शामिल हैं।
मध्य प्रदेश ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025 ने नए आर्थिक अवसरों की खोज करने और अंतर-क्षेत्रीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया है।
गौतम अदाणी ने हाल ही में अपने बेटे जीत की शादी के उपलक्ष्य में सामाजिक कार्यों के लिए 10,000 करोड़ रुपये दान करने की घोषणा की थी।
इस उदार दान का उद्देश्य वंचितों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास में किफायती और सुलभ विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।
राजनीति
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और 6 मंत्रियों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली
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नई दिल्ली, 24 फरवरी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। विधानसभा का पहला सत्र सोमवार सुबह शुरू हुआ और सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ लेंगे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मंत्री प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, कपिल मिश्रा, रविंदर सिंह इंद्राज, पंकज कुमार सिंह और मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी शपथ ली। विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी सहित आम आदमी पार्टी (आप) के 22 विधायकों ने भी पहले सत्र के दौरान शपथ ली।
इससे पहले भाजपा के विधायक अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने गांधी नगर के विधायक को राज निवास में शपथ दिलाई। अरविंदर सिंह चार बार विधायक रह चुके हैं। वह नए अध्यक्ष के चुने जाने तक अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे।
दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र तीन दिनों तक चलेगा। सत्र की शुरुआत भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ लेकर की। उपराज्यपाल (एल-जी) विनय कुमार सक्सेना ने राज निवास पर लवली को शपथ दिलाई।
विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव दोपहर 2 बजे होगा। विधानसभा बुलेटिन के अनुसार, उपराज्यपाल सक्सेना 25 फरवरी को सदन को संबोधित करेंगे। इसके बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की जाएगी।
बता दें कि रेखा गुप्ता ने गुरुवार को रामलीला मैदान में एक बड़े समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे। रेखा गुप्ता, शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी के बाद दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। वह मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने वाली चौथी भाजपा नेता हैं।
राजनीति
ममता बनर्जी की डॉक्टरों के साथ बैठक पर विवाद, मरीजों की देखभाल पर उठे सवाल
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कोलकाता, 24 फरवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सोमवार को 675 सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के साथ होने वाली बैठक को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
विवाद इस बात पर है कि इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की बैठक में भागीदारी से राज्य के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में रोगी देखभाल सेवाओं पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं।
इस बैठक को “डॉक्टरों का सम्मेलन” और “चिकित्सा सेवा ही मानव सेवा है” नाम दिया गया है, जिसमें राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के डॉक्टर शामिल होंगे। राज्य स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के अनुसार, विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओएच) को अपने अधीनस्थ “संकाय, छात्र, रेजिडेंट डॉक्टर और चिकित्सा अधिकारियों” को बैठक के लिए नामित करने को कहा गया है।
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि यह नामांकन तभी किया जाए जब यह सुनिश्चित हो कि रोगी देखभाल सेवाएं प्रभावित न हों।
हालांकि, सवाल उठ रहे हैं कि इतने डॉक्टरों की गैरमौजूदगी में जिलों की स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य रूप से कैसे संचालित होंगी। यह बैठक कोलकाता में एक सरकारी ऑडिटोरियम में सुबह 11.30 बजे से शुरू होगी।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा, “जब 675 डॉक्टरों को सम्मेलन में भाग लेने का निर्देश दिया गया है, तो मरीजों की देखभाल प्रभावित कैसे नहीं होगी?” उन्होंने इस पर भी सवाल उठाया कि “क्या यह सम्मेलन वास्तव में एक राजनीतिक भाषण का मंच है?”
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह सम्मेलन “राज्य सरकार के वेतनभोगी डॉक्टरों पर नियंत्रण दिखाने का प्रयास है।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई जघन्य घटना के बाद डॉक्टरों ने राज्यव्यापी आंदोलन किया था और स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को उजागर किया था।
अधिकारी के अनुसार, “इस सम्मेलन के जरिए सरकार डॉक्टरों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।”
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