अंतरराष्ट्रीय
फीफा कतर विश्व कप 2022 का भारत में चढ़ा बुखार, एडिडास ने फेडरेशन की जर्सी लॉन्च की

दुनिया का मेगा-इवेंट फुटबॉल विश्व कप कतर 2022 के होने में कुछ महीने बचे हैं। भारतीय प्रशंसक को अपनी पसंदीदा फुटबॉल टीमों को समर्थन करने के लिए एडिडास ने फेडरेशन की जर्सी लॉन्च की है, जिससे वे फीफा विश्व कप का आनंद ले सकें। भारत में फुटबॉल का बुखार अभी से चढ़ने लगा है। भारतीय फुटबॉल प्रशंसक अपनी पसंदीदा टीमों का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं। भले ही भारत विश्व कप का हिस्सा नहीं है, लेकिन प्रशंसकों का समर्थन उतना ही अधिक होगा, जितना पहले देखा गया है।
हाल ही में फीफा विश्व कप 2022 के लिए आधिकारिक मैच बॉल का अनावरण करने वाले प्रतिष्ठित जर्मन स्पोर्ट्स ब्रांड ने आज ब्लू रिबैंड टूर्नामेंट में भाग लेने वाली राष्ट्रीय टीमों के लिए बनाई गई होम एंड अवे फेडरेशन किट का खुलासा किया, जो नवंबर में कतर में शुरू होने वाला है।
भारत के फीफा विश्व कप 2022 का हिस्सा नहीं होने के बावजूद, भारतीय प्रशंसक अभी भी अर्जेंटीना, जर्मनी, मैक्सिको, स्पेन, वेल्स और जापान सहित अपनी पसंदीदा टीमों का समर्थन कर सकते हैं, जो टीमों द्वारा पहनी जाने वाली जर्सी पहनकर चीयर करेंगे।
जर्सी कई रंगों और रचनात्मक डिजाइनों का एक बेजोड़ मिश्रण है, जो प्रमुख सांस्कृतिक स्पर्श बिंदुओं से प्रभावित प्रत्येक देश के महत्व को दर्शाता है। मेक्सिको के स्वदेशी मेसोअमेरिकन लोगों द्वारा बनाई गई मिक्सटेक कला से लेकर ‘यतागारासु’ तक, जापान के पौराणिक तीन पैरों वाले ओरिगेमी कौवा से लेकर अर्जेंटीना के राष्ट्रीय ध्वज के प्रतिष्ठित सन आफ मई तक जर्सी प्रत्येक राष्ट्र की भावना को प्रदर्शित करेगी।
एडिडास में वरिष्ठ डिजाइन निदेशक फुटबॉल जुर्गन रैंक ने कहा, “जब हम फीफा विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए राष्ट्रीय टीम की जर्सी डिजाइन करते हैं, तो हम हमेशा ध्यान में रखते हैं कि ये डिजाइन महान फुटबॉल इतिहास का हिस्सा बन जाएं। हमारे लिए यह जर्सी बनाने के लिए सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है कि खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करें। साथ ही हमेशा अद्वितीय और अविस्मरणीय रूप से प्रतिष्ठित डिजाइन पेश करते हैं जो बोल्ड, आकर्षक होते हैं और दुनिया भर में प्रशंसकों के बीच उत्साह की भावना पैदा करते हैं।”
होम और अवे जर्सी दोनों का उद्देश्य खिलाड़ियों और प्रशंसकों को साझा पहचान के माध्यम से जोड़ना है, ताकि पूरे टूर्नामेंट में अपनापन और आत्मविश्वास की भावना पैदा हो सके। एडिडास फैब्रिक इनोवेशन में नवीनतम, जिसमें लाइटवेट, हीट-एप्लाइड विवरण शामिल हैं। अर्जेंटीना, जर्मनी, जापान, मैक्सिको और स्पेन के लिए किट का निर्माण सामग्री और बनावट का उपयोग करके खिलाड़ियों को एचईएटी आरडीवाई तकनीक के साथ सहज रखने में मदद करने के लिए किया जाता है।
वेल्श किट एरो रेडी तकनीक का उपयोग करती है, जो खिलाड़ियों के पसीना आने के बाद भी सूखा महसूस कराती है।
एथलीटों की तरह, प्रशंसक भी प्लास्टिक कचरे को समाप्त करने के लिए एडिडास के निरंतर अभियान का हिस्सा बन सकते हैं, क्योंकि जर्सी 100 प्रतिशत रिसाइकल पॉलिएस्टर का उपयोग करके बनाई जाती हैं। अर्जेंटीना, जर्मनी, जापान, मैक्सिको और स्पेन की जर्सी में 50 प्रतिशत पार्ले ओशन प्लास्टिक होता है, जो दूरदराज के द्वीपों, समुद्र तटों, तटीय समुदायों और तटरेखाओं से लिया जाता है। यह हमारे महासागरों को प्रदूषित करने से रोकता है- और वातावरण को सांस लेने योग्य रखता है।
अब भारत में प्रशंसक अपनी पसंदीदा टीमों के साथ जुड़ सकते हैं। फीफा विश्व कप 2022 की टीमों की जर्सी पहनकर उन्हें समर्थन देकर खुश हो सकते हैं। फुटबॉल की दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन जल्द शुरू होने वाला है। भारत के सुदूर तटों से इस टूर्नामेंट को देखने वालों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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