अंतरराष्ट्रीय
कप्तानी के सभी गुण प्राप्त करने के लिए कुछ कदम दूर हूं : जडेजा

चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के नए कप्तान रवींद्र जडेजा ने मंगलवार को आईपीएल 2022 में टीम की पहली जीत के बाद स्वीकार किया कि वह अभी भी टीम का अच्छे से नेतृत्व करने के लिए कुछ कदम दूर हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वे वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रत्येक खेल की बारीकियों को अच्छे से सीख रहे हैं। आईपीएल 2022 में लगातार चार हार के बाद जडेजा की कप्तानी को लेकर काफी आलोचना की गई। आलोचकों का कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी द्वारा चार बार की आईपीएल चैंपियन टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद सीएसके ने अपनी जीत का रास्ता खो दिया है।
हालांकि, मंगलवार को सीएसके ने पांच मैचों में अपनी पहली जीत दर्ज की, टीम ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) को एक उच्च स्कोरिंग मैच में 23 रन से हराया, जिसमें रॉबिन उथप्पा और शिवम दुबे ने क्रमश: 88 और नाबाद 95 रन की शानदार पारी खेली।
उथप्पा और दुबे के तेज अर्धशतकों की बदौलत, दोनों ने न केवल सीएसके की पारी को संभाला, बल्कि जब सलामी बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ (17) और मोइन अली (3) आउट हो गए तब टीम ने 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 216 रन बनाए और फाफ डू प्लेसिस के नेतृत्व वाली टीम को सीएसके ने 20 ओवर में नौ विकेट लेकर 193 रन पर रोक दिया।
मैच के बाद जडेजा ने कहा, “एक कप्तान के रूप में, मैं अभी भी वरिष्ठ खिलाड़ियों से सीख ले रहा हूं। धोनी भाई से मैं हमेशा कप्तानी के बारे में चर्चा करता हूं। मैं अभी भी सीख रहा हूं और हर खेल के साथ बेहतर होने की कोशिश कर रहा हूं।”
हालांकि, जडेजा ने आरसीबी के खिलाफ चार ओवर में 39 रन देकर तीन विकेट चटकाए। उन्होंने आगे कहा, हमारे पास अनुभव है और अनुभव खेल से आता है, हम जल्दी घबराते नहीं हैं। हम खुद को शांत रखने की कोशिश करते हैं, हम शानदार तरीके से क्रिकेट खेलना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं इस जीत को अपनी पत्नी को समर्पित करना चाहूंगा क्योंकि पहली जीत हमेशा खास होती है। एक बल्लेबाजी के रूप में, सभी ने अच्छा खेला, जिसमें रॉबिन उथप्पा और शिवम दुबे ने शानदार बल्लेबाजी की। वहीं, गेंदबाजों ने गेंद के साथ भी योगदान दिया।”
दुबे ने मैच के बाद कहा, “हम पहली जीत की तलाश में थे और मैं वास्तव में खुश हूं कि मैंने टीम के लिए योगदान दिया। जीत में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं इस बार खेल में और अधिक ध्यान केंद्रित करूंगा। माही भाई ने भी मुझे खेल में सुधार करने में मदद की। उन्होंने कहा, खेल में बस अपना ध्यान केंद्रित करो।”
दुबे ने कहा कि भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह उनके आदर्शो में से एक थे और उन्होंने कहा कि वह टीम की किसी भी स्थिति में हमेशा बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं।
उथप्पा ने 73 गेंदों में 165 रन की रिकॉर्ड साझेदारी के दौरान अपनी रणनीति के बारे में बताते हुए कहा, “दुबे के साथ मेरी ज्यादा बातचीत नहीं हुई, वह गेंद को अच्छी तरह से हिट कर रहे थे, इस दौरान मैंने उनके साथ एक अच्छी साझेदारी निभाई। जब मैक्सवेल अपना तीसरा ओवर फेंकने आए, तो मुझे लगा कि यह रन बनाने का समय है और हम दोनों ने वही किया।”
उन्होंने आगे कहा, “जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे, मैंने दुबे को जितना संभव हो सका उतना स्ट्राइक दिलाने की कोशिश की क्योंकि वह गेंद को छक्के में तब्दील करने की कोशिश कर रहे थे। जब तेज गेंदबाज वापस आ गए, तो मैंने उनसे स्ट्राइक वापस ले ली।”
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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