राजनीति
‘बोट हादसे में पिता की गई जान, उन पर ही थी सारी जिम्मेदारी अब कैसे चलेगा परिवार’, बेटी का छलका दर्द
मुंबई, 19 दिसंबर। मुंबई बोट हादसे में जान गंवाने वाले दीपचंद वाघचौरे के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घर के अकेले कमाऊ सदस्य की मौत से परिवार स्तब्ध है। बेटी तन्वी ने उन मुश्किल पलों के बारे में बताया जब उन्हें हादसे की खबर मिली। बेटी ने कहा अब हमारे सामने सवाल एक ही है कि परिवार कैसे चलेगा?
बोट हादसे में जान गंवाने वाले दीपचंद वाघचौरे की बेटी तन्वी ने मिडिया बातचीत में कहा, “मेरे पिता की इस हादसे में जान चली गई। उनका बोट नेवी के शिप से टकरा गया, जिसमें उसकी मौत हो गई। मेरे पिताजी की मृत्यु हो चुकी है। मेरे पिताजी को छोटे मोटे कॉन्ट्रैक्ट मिलते थे। मैं कॉलेज से लौटी, तो मैंने अपने पिता को फोन किया। लेकिन, वहां से कोई रिस्पांस नहीं आया। इसके बाद मैंने उनके दोस्तों को फोन किया। मैं 7 से 9 बजे तक के लिए क्लास में गई थी और जब क्लास करके आई, तो मैंने घर पर देखा कि मेरे पिताजी नहीं आए हैं। इसके बाद मैंने फिर से उनके दोस्तों को फोन किया। इसके बाद मेरे पिताजी के सभी दोस्त आए, और वो उन्हें खोजने गए। इसके बाद हमें इस हादसे के बारे में जानकारी मिली, जिसमें हमें बताया गया कि मेरे पिताजी की मौत हो चुकी है। वो अपने किसी दोस्त के साथ ही यहां आए होंगे। अब हमें इस बारे में जानकारी नहीं है।
तन्वी चाहती हैं कि मुश्किल समय में थोड़ी और मदद सरकार करे और छोटे भाई को नौकरी ऑफर करे। उन्होंने कहा, ” मैं अभी कॉलेज में पढ़ती हूं। मेरे परिवार में मैं, मम्मी और छोटा भाई है। परिवार में कमाने वाला नहीं है। अभी बहुत मुश्किल है। मम्मी को भी कुछ आता नहीं है। वो पढ़ी लिखी नहीं है। सरकार को मुझे नहीं, तो मेरे छोटे भाई को नौकरी देनी चाहिए, ताकि हमारा गुजारा चल सके। हमें पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने की बात की गई है। लेकिन, मुझे नहीं लगता है कि यह राशि हमारे लिए काफी है। हमें नौकरी चाहिए। मेरे पिताजी की जान जा चुकी है। अब तो मेरे पिताजी नहीं रहे। अब हमारा घर कैसे चलेगा। ऐसी स्थिति में हमें नौकरी मिलनी चाहिए।”
रिश्तेदार राधिका ने बताया, “सुबह मेरे भाई के एक दोस्त का फोन आया था, जिसमें मुझे बताया गया था कि उनका एक्सीडेंट हो चुका है। आप जल्दी आ जाओ। बस, हमें इतना ही बताया गया। वो अपने घर में कमाने वाला अकेला था। उनकी पत्नी, दो बच्चे और एक बुजुर्ग महिला है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर ही थी। उनकी सास भी उन्हीं के साथ रहती थी। हमें सिर्फ इतना ही बताया गया था कि हादसा हो चुका है। आप जल्दी से आ जाओ। ”
परिवार के एक अन्य सदस्य दिलीप ने बताया, “उनके परिवार में कोई दूसरा कमाने वाला नहीं है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर थी। हमें सुबह साढ़े चार बजे फोन आया। यहां आने पर पता चला कि वो हादसे का शिकार हो गए हैं।” बता दें कि मुंबई के गोवंडी इलाके में रहने वाले दीपचंद वाघचौरे पेशे से प्लम्बर थे।
अपराध
झारखंड के गिरिडीह में खलिहान में आग लगने से मां-बेटे की जिंदा जलकर मौत
गिरिडीह, 20 दिसंबर। झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत डुमरी प्रखंड के जिलिमटांड़ गांव में पुआल की झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात का है। पुलिस ने मां-बेटे के शवों के अवशेष बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
जानकारी के मुताबिक, नुनिया देवी और उनका 12 वर्षीय पुत्र बाबूचंद मुर्मू धान के खलिहान में पुआल से बनाई गई अस्थायी झोपड़ी में सोए थे। ठंड से बचने के लिए पास में ही अलाव जलाई गई थी। देर रात आग झोपड़ी तक पहुंच गई। मां-बेटे न तो झोपड़ी से बाहर आ सके, न उनकी पुकार गांव और परिवार के लोगों तक पहुंच सकी।
महिला के पति सोमरा मुर्मू ने बताया कि आग लगने की जानकारी मिलते ही उसने पहले गांव के लोगों को और इसके बाद पुलिस को सूचना दी। डुमरी थाने की पुलिस शुक्रवार को मौके पर पहुंची। इसके बाद आग बुझाकर शवों के अवशेष निकाले गए। डुमरी थाना प्रभारी जगन्नाथ पान ने बताया कि ग्रामीणों ने इसे हादसा बताया है। मामले की जांच की जा रही है।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक जयराम महतो गांव पहुंचे। उन्होंने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को सांत्वना और मदद का भरोसा दिया। विधायक ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घटना की जानकारी देते हुए मृतक के परिजनों को अनुग्रह राशि और आग से खलिहान को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
झारखंड में हाल के दिनों में धान के खलिहानों में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं। गत 18 दिसंबर को गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत विश्वासखानी गांव में चंदेश्वरी यादव नामक किसान के खलिहान में आग लगने से तीन एकड़ क्षेत्र में उपजाई गई धान की फसल नष्ट हो गई थी। एक सप्ताह के दौरान हजारीबाग जिले के टाटीझरिया प्रखंड अंतर्गत झरपो, रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र अंतर्गत चकला गांव में भी खलिहानों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं।
अपराध
भोपाल के जंगल में एक कार में मिला 52 किलो सोना
भोपाल, 20 दिसंबर। मध्य प्रदेश में आयकर विभाग की जारी कार्रवाई के दौरान राजधानी भोपाल के करीब स्थित मेडोरा के जंगल में एक कार से 52 किलोग्राम सोना बरामद हुआ है। यह सोना किसका है और कहां से लाकर कहां ले जाया जा रहा था, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
राज्य में इन दिनों आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आयकर विभाग ने बिल्डर के भोपाल, ग्वालियर के अलावा इंदौर में कई ठिकानों पर दबिश दी। इसके साथ परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक के यहां भी तलाशी का अभियान चला। यह कार्रवाई चल रही थी कि गुरुवार की देर रात राजधानी के करीब रातीबड़ क्षेत्र में स्थित मेंडोरा के जंगल में एक लावारिस कार मिली। इस कार का कांच तोड़कर देखा गया तो उसमें 52 किलोग्राम सोना मिला।
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग के दल ने पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह कार ग्वालियर नंबर की है। इतना ही नहीं इस कार पर सायरन लगे हुए हैं और पुलिस का निशान भी अंकित है। पता चला है कि इस कार का पंजीकरण किसी महिला के नाम पर है।
कार के भीतर एक महिला का शॉल और मेकअप का सामान भी मिला है। इस आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि जब कार को लावारिस हालत में छोड़ा गया, उस वक्त कोई महिला भी कार में रही होगी। इसके साथ ही जिस क्षेत्र में यह कार मिली है, उस क्षेत्र में कई वरिष्ठ अधिकारियों के फार्म हाउस भी हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कार्रवाई की जा रही है। इंदौर में कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री के यहां प्रवर्तन निदेशालय ने दबिश दी थी। वहीं, एक कारोबारी उमेश शाहरा के ठिकानों पर भी प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की थी।
राजनीति
महाराष्ट्र : संजय राउत के बंगले पर रेकी करते दिखे बाइक सवार, सीसीटीवी खंगालने में जुटी पुलिस
मुंबई, 20 दिसंबर। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत के बंगले की रेकी करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे एक बाइक पर सवार दो व्यक्तियों ने मुंबई के भांडुप स्थित उनके घर की रेकी की।
सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर सवार दो लोग बंगले की रेकी करने हुए देखे गए। संजय राउत के सुरक्षा कर्मियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सुरक्षा कर्मियों ने देखा कि बाइक पर सवार दो लोग बंगले के आसपास चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की।
सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि दो लोग बाइक रोक कर खड़े हैं। थोड़ी देर बाद वह यू-टर्न लेकर चले जाते हैं। दो में से एक शख्स ने हेलमेट पहन रखा था। वहीं, बाइक पर पीछे बैठे शख्स ने अपना चेहरा पूरी तरह से ढक रखा था।
पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिये रेकी करने वालों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। अभी तक किसी भी प्रकार का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस अब दोनों संदिग्धों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस के अधिकारी इन सवालों के जवाब तलाश रहे हैं कि वे कौन लोग हैं, जिन्होंने राउत के बंगले की रेकी की और उनका इरादा क्या था।
संजय राउत के भाई और शिवसेना (यूबीटी) विधायक सुनील राउत ने कहा कि मुंबई के भांडुप में उनका घर है, जहां हेलमेट और मास्क पहने दो बाइक सवारों ने उनके घर की रेकी की। वहीं, राउत के परिवार का दावा है कि बाइक सवार युवकों ने उनके घर की तस्वीरें भी लीं।
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