राजनीति
ठंड और बारिश बारिश के बीच किसान आंदोलन 39वें दिन जारी

कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के आंदोलन का रविवार को 39वां दिन है। बीते दो दिनों से दिल्ली-एनसीआर समेत संपूर्ण उत्तर भारत में सर्दी का सितम बढ़ गया है और जगह-जगह ओलावृष्टि भी हुई है। सर्दी के सितम और बारिश के बीच प्रदर्शनकारी किसान सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत अन्य जगहों पर जमे हुए हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जब तक नये कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान संगठनों के नेता सोमवार को फिर विज्ञान भवन में सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने आईएएनएस को बताया कि कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद किसान प्रदर्शन स्थल को छोड़ने को तैयार नहीं है, बल्कि प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पंजाब से किसानों का एक और जत्था रविवार को पहुंच रहा है।
हरिंदर सिंह ने बताया कि प्रदर्शन स्थलों पर लगे टेंट में पानी जमा हो गया है, फिर भी किसान लौटने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि बारिश से बचाव के लिए वाटरप्रूफ टेंट का बंदोवस्त किया जा रहा है।
इससे पहले किसान संगठनों के नेताओं ने ऐलान किया है कि सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता विफल रहने पर वे आंदालन तेज करेंगे। आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इन्हीं दोनों मांगों पर ही कल (सोमवार) किसान यूनियनों के नेता सरकार के साथ वार्ता करेंगे।
हरियाणा के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने वार्ता विफल होने की सूरत में देश भर में किसान आन्दोलन को तेज करने के लिए पांच जनवरी को जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का एलान किया है जिसमें उनके साथ जम्मू कश्मीर के किसान नेता हामिद मलिक भी मौजूद होंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने शनिवार को यहां प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो दिल्ली के चारों ओर लगे मोचरें से किसान 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश कर ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ ‘किसान गणतंत्र परेड’ करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 26 जनवरी के पहले स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर पर कई कार्यक्रमों की घोषणा भी की गई है।
किसान प्रतिनिधियों ने कहा, ”हमने सरकार को पहले दिन ही बता दिया था कि हम इन तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराए बिना यहां से हटने वाले नहीं है।” उन्होंने कहा कि सरकार या तो जल्द से जल्द इस बिन मांगी सौगात को वापस ले और किसानों को एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी दे या फिर किसानों पर लाठी-गोली चलाए।
प्रेसवार्ता के दौरान किसान नेताओं ने कहा, ”आर पार की लड़ाई में अब हम एक निर्णायक मोड़ पर आ पहुंचे हैं। 26 जनवरी तक हमारे दिल्ली में डेरा डालने के दो महीने पूरे हो जाएंगे। हमने इस निर्णायक कदम के लिए गणतंत्र दिवस को चुना क्योंकि यह दिन हमारे देश में गण यानी बहुसंख्यक किसानों की सर्वोच्च सत्ता का प्रतीक है।”
किसान संगठनों ने चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता विफल होने पर छह जनवरी को केएमपी एक्सप्रेसवे पर मार्च निकालने का ऐलान किया है।
राजनीति
दिल्ली में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में मंगलवार को दिल्ली भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा और भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनके राज में भाजपा नेताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने किया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनीश अब्बासी ने कहा, “ममता बनर्जी ने अपने टीएमसी गुंडों को भेजकर हमारे दो बार के सांसद खगेन मुर्मू पर जानलेवा हमला करवाया। उन्हें इतनी बेरहमी से पीटा गया कि वह लहूलुहान हो गए।”
उन्होंने कहा कि भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता इस बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और देशभर में ममता सरकार की गुंडागर्दी को उजागर किया जाएगा।
सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने ममता सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में दलित समुदाय पर लगातार हमले हो रहे हैं। मैं खुद उस समुदाय से आता हूं, इसलिए इस पीड़ा को समझ सकता हूं। खगरेन मुर्मू हमारे साथी हैं। उन पर इस तरह का हमला करना ममता बनर्जी की तानाशाही और असहिष्णुता को दर्शाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “जब भाजपा के नेता बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए बंगाल जाते हैं, तो उनके साथ मारपीट होती है। ममता बनर्जी न तो काम कर रही हैं और न ही दूसरों को करने दे रही हैं।”
प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ममता बनर्जी द्वारा दिए गए हालिया बयान की भी निंदा की। योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, “ममता बनर्जी का बयान सरासर गलत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सोच के साथ काम करते हैं। वे हर राज्य को समान सुविधा और सम्मान देते हैं, लेकिन ममता बनर्जी सिर्फ तानाशाही शासन चला रही हैं।”
यह हमला सोमवार को उस समय हुआ जब सांसद खगेन मुर्मू, विधायक शंकर घोष और अन्य भाजपा नेता बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करके लौट रहे थे। घटना मालदा के नागराकाटा क्षेत्र की है, जहां उनके काफिले पर भीड़ ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में सांसद मुर्मू के सिर पर गंभीर चोटें आईं और उनका चेहरा लहूलुहान हो गया।
प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ता ‘ममता बनर्जी हाय-हाय’ और ‘ममता बनर्जी शर्म करो’ जैसे नारे लगाते हुए नजर आए। उन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर ममता सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया।
बॉलीवुड
अक्षय कुमार ने सीएम फडणवीस से की अपील, महाराष्ट्र पुलिस के जूतों का डिजाइन अपडेट करें

मुंबई, 7 अक्टूबर: मुंबई में इन दिनों भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग का एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘फिक्की फ्रेम्स’ का 25वां संस्करण चल रहा है। इस दौरान बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुलाकात की।
इस बातचीत में अक्षय कुमार ने महाराष्ट्र पुलिस के जूतों के डिजाइन में बदलाव का सुझाव दिया।
अक्षय कुमार ने जूतों के चलते पुलिसवालों को होने वाली समस्याओं को गिनाते हुए कहा, “सर, यह फिल्म इंडस्ट्री से संबंधित नहीं है, लेकिन मैंने मुंबई पुलिस के जूतों पर ध्यान दिया है। उनमें ऊंची एड़ी होती है और उनमें दौड़ना आसान नहीं होता। एक एथलीट और खिलाड़ी होने के नाते, मैं समझता हूं कि इससे पुलिस को दौड़ते समय पीठ की समस्या या स्लिप डिस्क की समस्या भी हो सकती है। अगर उनके जूतों को फिर से डिजाइन किया जा सके, तो यह महाराष्ट्र पुलिस के लिए बहुत फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे वे किसी भी अपराधी से तेज दौड़ सकेंगे।”
महाराष्ट्र पुलिस के जूतों पर गौर करने वाले संभवत: अक्षय कुमार पहले अभिनेता हैं। इस कार्यक्रम में अक्षय ने अपनी आने वाली फिल्म ‘हैवान’ में एक नकारात्मक किरदार निभाने के बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की राय भी ली।
अक्षय कुमार ने पूछा, “मैं एक ऐसी फिल्म कर रहा हूं जिसमें मैं एक नकारात्मक किरदार निभा रहा हूं। मैं सोच रहा था कि मुझे यह करना चाहिए या नहीं। फिल्म का नाम ‘हैवान’ है, लेकिन फिल्म के अंत में मैं, यानी ‘हैवान’, हार जाता हूं।”
इस पर सीएम फडणवीस ने जवाब दिया, “हां, आपको जरूर यह फिल्म करनी चाहिए। आप जैसे बहुमुखी अभिनेता को हर तरह की भूमिकाएं निभानी चाहिए। यह आपके लिए एक उपलब्धि ही साबित होगी। लेकिन नायक के किरदार वाली और फिल्में भी करते रहिए।”
बता दें कि ‘फिक्की फ्रेम्स’ का 25वां संस्करण 7-8 अक्टूबर तक मुंबई में चलेगा। इस दौरान एकता कपूर, सिद्धार्थ रॉय कपूर, हंसल मेहता, शूजित सरकार, प्रतीक गांधी, हुमा कुरैशी, कोंकणा सेन शर्मा, दिव्या दत्ता और किरण राव जैसी मशहूर हस्तियां इसमें शामिल होंगी। वे यहां पर अलग-अलग सत्रों में फिल्म उद्योग से जुड़ी चर्चाओं में हिस्सा लेंगे।
‘हैवान’ की बात करें तो, इस फिल्म में अक्षय 17 साल बाद अभिनेता सैफ अली खान के साथ फिर से काम कर रहे हैं। प्रियदर्शन इस फिल्म को डायरेक्ट कर रहे हैं। यह फिल्म 2016 की मलयालम थ्रिलर ‘ओप्पम’ का हिंदी रीमेक है।
राजनीति
केजरीवाल को मिला सरकारी बंगला, हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हुआ आवंटन

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर : लंबी कानूनी लड़ाई और केंद्र सरकार के साथ चली तनातनी के बाद आखिरकार आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 95 लोधी एस्टेट स्थित टाइप-VII बंगला आवंटित कर दिया गया है। यह आवास उन्हें बतौर राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख के नाते दिया गया है।
यह आवंटन तब हुआ जब दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आवास आवंटन में की जा रही देरी पर सख्त टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा था कि सरकारी आवासों के वितरण में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित की जानी चाहिए। कोर्ट ‘आप’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पार्टी ने अपने राष्ट्रीय संयोजक के लिए केंद्र सरकार से आवास की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के रवैये को “टालमटोल” करार देते हुए कहा था कि आवास आवंटन की प्रक्रिया किसी विशेष व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि समान अवसर की प्रणाली होनी चाहिए। अदालत ने केंद्र को स्पष्ट किया था कि सरकारी आवास किसी भी व्यक्ति या पद के प्रति भेदभाव के आधार पर नहीं दिया जा सकता।
इससे पहले, आम आदमी पार्टी ने 35 लोधी एस्टेट स्थित टाइप-VII बंगला अरविंद केजरीवाल को देने का प्रस्ताव किया था। यह वही बंगला था जो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने मई में खाली किया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने उस बंगले को केजरीवाल के बजाय एक केंद्रीय राज्य मंत्री को आवंटित कर दिया था। इस फैसले के बाद मामला और विवादित हो गया था।
इसके बाद, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह अपने आवंटन की प्राथमिकता और प्रक्रिया के रिकॉर्ड अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे और यह भी स्पष्ट करे कि आखिर किस आधार पर अरविंद केजरीवाल को प्राथमिकता सूची में पीछे रखा गया। अब जबकि 95 लोधी एस्टेट का बंगला केजरीवाल को मिल गया है, ‘आप’ ने इसे “न्याय की जीत” बताया है।
पार्टी नेताओं ने कहा कि यह फैसला न केवल कानूनी रूप से सही है, बल्कि यह दिखाता है कि संस्थाओं में पारदर्शिता और समानता अभी भी कायम है।
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