अपराध
साउथ मुंबई का मशहूर बिल्डर दिलावर खान फरार. ठाणे पुलिस कर रही है तलाश
मुंबई – साउथ मुंबई का मशहूर बिल्डर दिलावर खान इन दिनों मुंबई से फरार है, इसकी जानकारी ठाणे पुलिस स्टेशन क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से मिली है। ठाणे की क्राइम ब्रांच दिलावर खान की कंपनी डीके रियल्टर द्वारा किए गए सभी लेन-देन की जानकारी जुटा रही है. दिलावर द्वारा बनाई जा रही सभी ईमारतों का काम फिलहाल बंद हैं।
दरअसल, बिल्डर दिलावर खान का नाम तब सामने आया जब ठाणे क्राइम ब्रांच एक बैंक अकाउंट हैकिंग की जांच कर रही थी. पुलिस ने हैकिंग मामले की जांच करते हुए 16,180 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा किया है.
ठाणे पुलिस साइबर सेल ने कंप्यूटर हैकिंग घोटाले की जांच करते हुए कुल 16,180 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है। जांच के दौरान आदेशों से पता चला कि झुग्गीवासियों के नाम पर 260 पार्टनरशिप फर्म बैंक खाते खोले गए थे।
रिहियाल इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी के दफ्तर में तलाशी के दौरान बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुवे। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
गौरतलब है कि कंपनी जिनके नाम पर रजिस्टर्ड थी, उनमें से किसी को भी खातों या कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। साझेदारी फर्मों के कुछ बैंक खातों में उल्लिखित पते ठाणे रेलवे स्टेशन के पास बालगणेश टॉवर के थे, जो कई कार्यालयों वाला एक कमर्शियल टॉवर है। जब पुलिस उस पते पर पहुंची, तो उन्हें कार्यालय में केवल एक ऑफिस बॉय मिला, जिसे फर्जी कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उसे बैंक चेक बुक और कार्ड लेने के लिए वहां तैनात किया गया था।
इसके अलावा, जब इन बैंक खातों का विवरण एकत्र किया गया, तो पुलिस ने पाया कि जून से अब तक इन खातों के माध्यम से 16,180 करोड़ रूपए से अधिक का लेनदेन किया गया है। पुलिस का कहना है कि काफी पैसा विदेश भी भेजा गया था।
दरअसल, भुगतान सेवा प्रदान करनेवाली कंपनी पेगेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीएफएक्सपे टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत की श्रीनगर पुलिस स्टेशन द्वारा जांच के दौरान यह मामला सामने आया।
कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया कि इसी साल जून में कुछ अज्ञात लोगों ने उनका सिस्टम हैक कर 25.18 करोड़ रूपए निकाल लिए। पुलिस अधिकारियों ने पाया कि इस खाते से 1.39 करोड़ रूपए वाशी और बेलापुर स्थित आयात-निर्यात फर्म रिहियाल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म के खाते में स्थानांतरित किए गए थे।
ठाणे साइबर सेल के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सतीश राठौड़ ने कहा, “हमने रिहियाल एंटरप्राइजेज के कार्यालय की तलाशी ली और पाया कि कार्यालय में कई बाउंस चेक घर के पते, कुछ साझेदारी कंपनियों की किताबें और 97 कंपनियों के समझौते के कागजात रखे गए थे।”
“सभी समझौतों में झुग्गी-झोपड़ियों के पते थे और उनमें से कुछ बालगणेश टॉवर, ठाणे के थे। जब हमने पतों की छानबीन की, तो हमने पाया कि वे सभी फर्जी पते वाली डमी कंपनियां थीं, और ज्यादातर झुग्गियों से थीं। जिन लोगों के दस्तावेजों का उपयोग इन फर्जी कंपनियों को बनाने के लिए किया गया है।” इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को उनके दस्तावेज़ों का उपयोग करके बनाई गई कंपनियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने खुलासा किया कि पिछले दिनों कुछ निजी व्यक्तियों ने लोन देने के लिए उनसे संपर्क किया और उनके दस्तावेज ले लिए, लेकिन उन्हें कोई लोन के पैसे नहीं मिले। कई पार्टनरशिप फर्म बनाने में इस्तेमाल किए गए दस्तावेज़ भी नकली होने की आशंका हैं।”
पुलिस के मुताबिक, ऐसा ही एक मामला 2016 और 2017 में सामने आया था जब हवाला ऑपरेटर मुहम्मद फारूक उर्फ फारूक चप्पल को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।
ठाणे आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी राजेंद्र धाबड़े ने कहा कि हमने आयकर और प्रवर्तन निदेशालय को सूचित कर दिया है। संजय सिंह, अमूल अंधले उर्फ अमन, केदार उर्फ समीर दाघे, जीतेंद्र पांडे को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आईपीसी 420, 409, 467, 468, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में जब दिलावर खान को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, तब से वह गायब हैं. ठाणे पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच अभी जारी है, इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि इसमें दिलावर खान की क्या भूमिका थी. इस बीच, ठाणे की पुलिस बहुत तेजी से दिलावर खान की तलाश कर रही है।
अपराध
उन्नाव रेप केस: सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच सोमवार को सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने उन्नाव रेप केस में भाजपा से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिश कॉजलिस्ट के अनुसार, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें सेंगर की अपील पेंडिंग रहने तक सजा सस्पेंड करने की अर्जी मंजूर की गई थी।
इससे पहले, यह जानकारी सामने आई थी कि सीबीआई और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया था।
पीड़िता के परिजनों ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सेंगर की सजा निलंबित किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत के आदेश ने लोगों का भरोसा हिला दिया है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में गलत संदेश भेजा है।
दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने अपराध की गंभीरता और इसमें शामिल संभावित जोखिमों को बताते हुए सेंगर की याचिका का जोरदार विरोध किया था।
बता दें कि जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उनकी अपील लंबित रहने तक उन्हें कड़ी शर्तों के साथ सशर्त जमानत दे दी थी।
उन्नाव रेप केस ने पूरे देश में गुस्सा पैदा कर दिया था। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का दोषी ठहराया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस घटना से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था और निर्देश दिया था कि ट्रायल रोजाना के आधार पर किया जाए।
अपराध
दिल्ली: ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी में दो आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 26 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन पुलिस ने ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उनके पास से 10,000 रुपए और अपराध में इस्तेमाल किया गया वाहन बरामद किया गया है।
दोनों बदमाश महिलाओं को निशाना बनाकर धोखाधड़ी करते थे। आरोपियों की पहचान हर्ष विहार दिल्ली निवासी विनोद प्रसाद साह और नंद नगरी निवासी मोहम्मद सत्तार के रूप में हुई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2025 को सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। महिला शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उसे गहने पॉलिश करने का ऑफर दिया। उन्होंने महिला से एक सोने का पेंडेंट और एक अंगूठी ली और फिर उसे गर्म पानी लाने के लिए कहा। जैसे ही महिला ने पानी लाने के लिए रसोई में कदम रखा, आरोपी गहने लेकर भाग गए।
इंस्पेक्टर अतुल त्यागी और एसीपी मेल्विन वर्गीस की देखरेख में मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच और फोटोग्राफिक रेकग्निशन सिस्टम का उपयोग करके लगातार जांच की। इसके बाद दोनों आरोपियों का पता लगाया गया और 21 दिसंबर 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अच्छे और सभ्य कपड़े पहनकर रिहायशी इलाकों में महिलाओं को गहने पॉलिश करने का झांसा देते थे। गहने लेने के बाद वे महिला से गर्म पानी लाने को कहते थे और फिर गहने लेकर फरार हो जाते थे। उन्होंने यह भी कबूल किया कि गहनों को बेच दिया गया था और कुछ पैसे जुए में खो दिए थे।
विनोद प्रसाद साह और मोहम्मद सत्तार पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इनके गिरोह में और कितने लोग शामिल थे और कहां-कहां इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने लोगों की सलाह दी है कि इस तरह लोगों के बहकावे में आकर अपने गहने न दें।
अपराध
मुंबई: फर्जी दस्तावेज के जरिए फ्लैट बेचने और बैंक धोखाधड़ी में आरोपी गिरफ्तार

crime
मुंबई, 26 दिसंबर: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने हाई-वैल्यू प्रॉपर्टी धोखाधड़ी के मामले में आरोपी अख्तर शेख (60) को गिरफ्तार किया है। मामला बांद्रा स्थित एक महंगे फ्लैट से जुड़ा हुआ है, जहां फ्लैट मालिक की फर्जी पहचान से संपत्ति की अवैध बिक्री की गई। इस धोखाधड़ी के आधार पर 11.35 करोड़ रुपए का बैंक लोन भी प्राप्त किया गया था।
ईओडब्ल्यू ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी को अंधेरी मेट्रो स्टेशन के नीचे से गिरफ्तार किया। जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने मई 2023 में बांद्रा वेस्ट स्थित आइकोनिक टॉवर में 6.25 करोड़ रुपए में एक लग्जरी फ्लैट खरीदा था। जब हाउसिंग सोसायटी द्वारा दस्तावेज की जांच की गई तो पता चला कि फ्लैट की बिक्री फर्जी दस्तावेजों के जरिए की गई थी। इसके बाद मामले की सूचना ईओडब्ल्यू को दी गई।
ईओडब्ल्यू ने तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि जांच में कई खुलासे होने के बाद ही आरोपी अख्तर शेख को गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, यह जांच की जा रही है। पुलिस को यह भी संदेह है कि यह एक संगठित गिरोह का काम हो सकता है, जिसमें दस्तावेज तैयार करने से लेकर बैंक लोन तक की साजिश रची गई थी।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता जैन से भी पूछताछ की जा रही है, जिससे मामले का जल्द से जल्द खुलासा किया जा सके।
फिलहाल, मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जांच तेज कर दी है। आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसको रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी। मुंबई पुलिस का कहना है कि धोखाधड़ी मामले में शामिल सभी लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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