राष्ट्रीय समाचार
जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल नहीं करने पर शुल्क नहीं लगेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक ली। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई, 2017 से जनवरी 2020 तक जिन्होंने जीएसटीआर-3बी रिटर्न फाइल नहीं किया है और उन पर शून्य रिटर्न बनता है तो उन्हें विलंब शुल्क नहीं देना होगा।
इस दौरान जीएसटीआर-3बी को विलंब से फाइल करने पर अधिकतम शुल्क की सीमा 500 रुपये तय की गई।
इसके साथ ही जीएसटीआर-3बी के लिए नया विंडो बना है, जिसके जरिए इस फॉर्म को फाइल करने की अवधि एक जुलाई से 30 सितंबर के बीच कर दी गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक की काफी रिटर्न फाइलिंग लंबित है। ऐसे में जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है, उनसे किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।
बैठक में छोटी कंपनियों को राहत देते हुए विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज को घटाकर आधा करने का फैसला किया गया है। ऐसी कंपनियों को विलंब से जीएसटी फाइल करने पर नौ फीसदी की दर से ब्याज देना होगा।
राष्ट्रव्यापी बंद के बाद शुक्रवार को पहली बार जीएसटी परिषद (काउंसिल) की बैठक हुई। जीएसटी परिषद की ये कुल 40वीं बैठक हुई है।
राष्ट्रीय समाचार
राज्यसभाः सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन की मांग, हर साल हो रही है 75 हजार महिलाओं की मौत

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: हर साल सर्वाइकल कैंसर से देश में लगभग 75 हजार महिलाओं की मौत हो रही है। सोमवार को यह जानकारी राज्यसभा में दी गई। इस गंभीर विषय पर जानकारी देते हुए राज्यसभा सांसद सुलता देव ने कहा कि हर साल करीब 1 लाख 25 हजार महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की पहचान होती है, इनमें से 75 हजार महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
इस मृत्यु के आंकड़े को रोकने व सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन का विषय सदन में उठाया। बीजू जनता दल की राज्यसभा सांसद सुलता देव ने सदन को बताया कि सर्वाइकल कैंसर एक बहुत बड़ा विषय है। यह ऐसा है जिससे महिलाएं प्रभावित होती हैं। उन्होंने राज्यसभा सभा में कहा कि सर्वाइकल कैंसर से हर साल देश में 75 हजार महिलाओं की मृत्यु भी हो रही है।
सुलता देव ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन मौजूद है जिससे इस बीमारी को रोका जा सकता है। यह एक विशेष वायरस होता है जिसके कारण सर्वाइकल कैंसर होता है। इस वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन मौजूद है। वैक्सीन से काफी प्रिवेंशन हो सकता है और ऐसे में सरकार का यह दायित्व है कि वह यह वैक्सीन मुहैया करवाए। वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए सरकार को आगे बढ़कर आना चाहिए।
राज्यसभा को जानकारी देते हुए सुलता देव ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से हमारी माताएं-बहनें बहुत प्रभावित एवं पीड़ित हैं। इससे उनकी मृत्यु भी हो रही है तो ऐसी स्थिति को देखते हुए सरकार को महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन लगानी चाहिए। यह हमारे लिए बहुत जरूरी है कि देश की महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। नारी का सम्मान तभी सही मायने में हो सकेगा जब उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सकेगा।
उन्होंने राज्यसभा में कहा कि पूरे घर का ध्यान रखते रखते अक्सर महिलाएं अपना ध्यान नहीं रख पाती हैं। ऐसे में सरकार को सर्वाइकल कैंसर के प्रति सजगता बरतते हुए यह वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए। 9 से 14 साल की लड़कियों को इस वैक्सीन की दो डोज के जरिए सुरक्षित किया जा सकता है। यदि यह वैक्सीनेशन छूट गया है तो 15 से 26 साल की उम्र की लड़कियों को तीन डोज दी जा सकती हैं। वहीं इससे बड़ी उम्र की महिलाओं को डॉक्टर की सलाह पर यह वैक्सीनेशन करवाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं इस देश की आधी आबादी हैं, इस आधी आबादी का ध्यान कौन रखेगा? कैंसर एक भयंकर बीमारी है। कैंसर होने पर उपचार के लिए सारी जमीन जायदाद बिक जाती है। लेकिन सर्वाइकल कैंसर एक अकेली ऐसी कैंसर की बीमारी है जिसके लिए वैक्सीनेशन उपलब्ध है, तो ऐसी स्थिति में हमें यह वैक्सीन एशियन उपलब्ध करवाना चाहिए। इस रोग से बचाव किया जा सकता है और उपचार से बेहतर है कि बचाव किया जाए। सरकार ने अपने बजट में भी सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन की बात कही है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि महिलाओं के सुरक्षित जीवन को ध्यान में रखते हुए यह वैक्सीनेशन उपलब्ध कराया जाए।
राजनीति
जो महापुरुष उनके नहीं, उन्हें भी भाजपा अपनाना चाहती है : अखिलेश यादव

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा चल रही है। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर सबकुछ अपनाने का आरोप लगाया।
लोकसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “वंदे मातरम के 150 वर्ष के होने के उपलक्ष्य में हम राष्ट्रीय गीत को सदन में याद कर रहे हैं। हमें इस बात का गर्व है। हम इस मौके पर बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को भी याद करें, जिन्होंने इतना शानदार गीत राष्ट्र को दिया, जिसने लाखों-लाख लोगों को जागृत किया और उनके बीच उत्साह भरा।”
उन्होंने कहा, “आजादी के उस समय पर, जिस समय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही थी, वंदे मातरम हमें ऊर्जा और ताकत देता था। वंदे मातरम हमें एकजुट करके अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने का माध्यम बनता था। जब कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने यह गीत गाया, उसके बाद इसकी आम लोगों के बीच भी पहुंच हो गई। जब भी लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ना होता था, तब वंदे मातरम का नारा देकर लोगों को जोड़ने का काम किया जाता था। हमारा कोई भी आंदोलन रहा हो, उसमें हम सभी इस नारे के साथ चले।”
अखिलेश यादव ने कहा, “वंदे मातरम को लेकर हमने लोगों को इतना एकजुट कर दिया कि अंग्रेज उससे घबराने लगे। जहां भी अंग्रेज देखते थे कि यह नारा लगाया जा रहा है, वहां पर लोगों के ऊपर देशद्रोह का कानून लगाकर जेल भेज देते थे। जिस समय बंगाल में बच्चों ने अपने क्लासरूम में यह गीत गाया, उस समय भी अंग्रेजों ने उनके खिलाफ मुकदमा लगाकर जेल भेजने का काम किया। वंदे मातरम को अंग्रेजों ने बैन भी कर दिया, लेकिन हमारे लोगों ने इसे नहीं माना और जनता के बीच इसे आगे बढ़ाते रहे।”
सपा अध्यक्ष ने कहा, “भाजपा बहुत कुछ अपनाना चाहती है। जब हम इस खास मौके पर वंदे मातरम को याद कर रहे हैं, तो सत्ता पक्ष की भारतीय जनता पार्टी में हमें समय-समय पर देखने को मिलता है कि जो महापुरुष उनके नहीं हैं, उन्हें वे अपनाना चाहते हैं। उनकी पार्टी का जिस समय गठन हो रहा था, उस समय उनके अध्यक्ष को जो पहला भाषण देना था, उस पर भी बहस चल रही थी। बहस इस बात की थी कि उनकी पार्टी सेक्युलर रास्तों पर जाएगी या नहीं। तमाम विरोध के बाद जब उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे, तो उन्होंने भाषण में समाजवादी आंदोलन, समाजवादी और सेक्युलर विचारधारा अपनाई।”
राजनीति
फसल की सरकारी खरीद नहीं हो रही, सरकार असल मुद्दों से भटका रही ध्यान: सपा सांसद अवधेश प्रसाद

नई दिल्ली, 8 दिसंबर: समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी जिलाधिकारियों को अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देशों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार असल मुद्दों से ध्यान हटाकर दूसरे रास्ते पर चल रही है, जबकि प्रदेश में बहुत सारी गंभीर समस्याएं मौजूद हैं।
अवधेश प्रसाद के मुताबिक आज सबसे बड़ी समस्या किसानों की है। किसानों की धान की फसल घरों में पड़ी है, लेकिन सरकारी खरीद एकदम ठप है। इससे बिचौलियों को मनचाही कीमत पर किसानों का शोषण करने की खुली छूट मिल गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई इलाकों में तो एक बोरी भी सरकारी खरीद नहीं हुई है। वह खुद भी यात्रा के दौरान देखकर आए हैं कि किसानों की हालत कितनी खराब है।
सपा सांसद ने अयोध्या जनपद का एक और मामला उठाया। उन्होंने कहा कि चौरासी कोसी परिक्रमा के नाम पर हजारों किसानों की जमीन को बिना मुआवजा दिए अधिग्रहीत किया जा रहा है और बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों को बचाने और पशुओं को ठंड में संभालने के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं है।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में 5000 से ज्यादा किसानों ने परेशानियों के चलते अपनी जान तक दे दी, लेकिन उस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही।
सांसद ने प्रदेश में बढ़ते दलित उत्पीड़न का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अत्याचार के मामलों में रोज बढ़ोतरी हो रही है और योगी सरकार में रिकॉर्ड टूट रहे हैं। काकोरी में हुए एक मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि रामपाल पासी नाम के एक बुजुर्ग के साथ कितनी अमानवीय हरकत हुई। बीमारी की हालत में मंदिर के पास बैठने पर उन्हें पीटा गया और उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया।
अवधेश प्रसाद का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनता की असली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
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