व्यापार
एक्सपर्ट्स की निवेशकों को सलाह छोटी अवधि की अनिश्चितताओं के बीच जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट पर मार्केट एक्सपर्ट्स ने सोमवार को कहा कि अस्थिरता के बीच लंबी अवधि के नजरिए से ही निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने के कारण वैश्विक बाजारों के साथ भारतीय बाजारों में भी गिरावट देखने को मिल रही है।
निवेशय के संस्थापक और स्मॉलकेस मैनेजर अरविंद कोठारी के अनुसार, घबराना कभी भी कोई रणनीति नहीं होती है और ऐसे बाजार में बुनियादी बातों पर टिके रहना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे कहा, “हम निवेशकों से शांत और केंद्रित रहने का आग्रह करते हैं, और छोटी अवधि की अनिश्चितताओं के बीच जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। हालांकि यह निर्धारित करना कठिन है कि कौन से क्षेत्र पहले उबरेंगे, लेकिन एफएमसीजी और उपभोग जैसे घरेलू-केंद्रित क्षेत्र निकट भविष्य में बेहतर स्थिति में दिखाई देते हैं।
कोठारी के मुताबिक, निर्यात आधारित या वैश्विक रूप से जुड़े क्षेत्रों में रिकवरी में समय लग सकता है। जैसे-जैसे नीतियों में स्पष्टता आती है, मजबूत व्यवसाय रिकवरी करेंगे और लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएट करेंगे।
मिराए एसेट कैपिटल मार्केट्स के मुख्य रणनीति अधिकारी और निदेशक मनीष जैन ने कहा कि अगर निफ्टी की ईपीएस में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आती है तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक 20,000 के नीचे जा सकता है। इस कारण से आने वाली तिमाही में कंपनियों की आय पर काफी करीबी से निगाह रखनी होगी।
भारत की जीडीपी ग्रोथ लंबी अवधि में उच्च स्तर पर बनी रहेगी। वित्त वर्ष 25 में देश की जीडीपी के 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
जैन ने आगे कहा, “भारत का जीडीपी-टू-डेट रेश्यो वित्त वर्ष 2024-25 से लेकर वित्त वर्ष 2030-31 के बीच 5.1 प्रतिशत गिरने की संभावना है। ऐसे में एफपीआई के लिए भारत एक अच्छा स्थान होगा।”
क्वांटेस रिसर्च के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक कार्तिक जोनागदला ने कहा, “हमारा मानना है कि निजी बैंक, एफएमसीजी, ओएमसी और पेंट्स क्षेत्र रिकवरी में अग्रणी रहेंगे, जबकि आईटी क्षेत्र के कमजोर रहने की उम्मीद है।”
व्यापार
निर्यात को बढ़ावा: केंद्र ने 1 जून से निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट योजना के लाभ किए बहाल

नई दिल्ली, 27 मई। वैश्विक बाजारों में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (आरओडीटीईपी) योजना के सभी लाभों को बहाल करने की घोषणा की है।
इस योजना के तहत लाभों की बहाली की घोषणा अग्रिम प्राधिकरण (एए) धारकों, निर्यात-उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में संचालित इकाइयों द्वारा किए गए निर्यात के लिए की गई है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से दिए गए आधिकारिक बयान के अनुसार योजना के तहत ये लाभ 1 जून से किए गए सभी पात्र निर्यातों पर लागू होंगे।
इन कैटेगरी के लिए आरओडीटीईपी के तहत लाभ पहले 5 फरवरी, 2025 तक उपलब्ध थे। इन लाभों की बहाली से सभी क्षेत्रों के निर्यातकों के लिए समान अवसर उपलब्ध होने की उम्मीद है।
1 जनवरी, 2021 से लागू आरओडीटीईपी योजना निर्यातकों को उन अंतर्निहित शुल्कों, करों और शुल्कों की प्रतिपूर्ति करने के लिए डिजाइन की गई है, जिन्हें किसी अन्य मौजूदा योजना के तहत वापस नहीं किया जाता है।
यह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के अनुरूप है। साथ ही पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक एंड-टू-एंड डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
31 मार्च 2025 तक, आरओडीटीईपी योजना के तहत कुल वितरण 57,976.78 करोड़ रुपए को पार कर गया है, जो भारत के व्यापारिक निर्यात का समर्थन करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने इस योजना के तहत 18,233 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यह सहायता घरेलू टैरिफ क्षेत्र (डीटीए) निर्यात के लिए 10,780 एचएस लाइनों और एए/ईओयू/एसईजेड निर्यात के लिए 10,795 एचएस लाइनों को कवर करेगी, जिससे अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए व्यापक कवरेज सुनिश्चित होगा।
बयान में कहा गया है, “विशेष निर्यात श्रेणियों के लिए आरओडीटीईपी लाभों की बहाली, एक अनुकूल, प्रतिस्पर्धी और अनुपालन निर्यात इकोसिस्टम बनाने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो भारत के दीर्घकालिक व्यापार विकास को बढ़ावा देती है।”
पिछले सप्ताह जारी एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सप्लाई चेन फिर से तैयार हो रही है। इसी के साथ भारत के पास निर्यात बढ़ाने के अवसर देश के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। मिड-टेक लेबर-इंटेंसिव निर्यात बढ़ाने वाले कदम देश के व्यापार अंतर्संबंधों, बड़े पैमाने पर उपभोग, निवेश और जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आम धारणा है कि भारत ज्यादातर घरेलू मांग से प्रेरित अर्थव्यवस्था है, लेकिन दुनिया के साथ बढ़ते इंटीग्रेशन के दौर में भारत ने सबसे तेजी से विकास किया है।
पर्यावरण
देश के कई राज्यों में भारी बारिश का कहर, आम जनजीवन प्रभावित

नई दिल्ली/ मुंबई/कोयंबटूर 26 मई। देश के कई हिस्सों में प्री-मॉनसून और मॉनसून की बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी बारिश और तूफान ने तबाही मचाई। बिजली आपूर्ति और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि 30 लाख मेट्रिक टन कचरे की सफाई के कारण नालों से पानी तेजी से निकाला गया। नोडल अधिकारियों को जलभराव बिंदुओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
आईएमडी ने दिल्ली में रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में आज हल्की बारिश और गरज के साथ बौछार पड़ने की आशंका है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। सप्ताह के दौरान तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।
मुंबई में 26 मई को प्री-मॉनसून बारिश ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुबह 9 से 10 बजे के बीच दक्षिण मुंबई में एक घंटे में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 12 घंटों में 254 मिमी बारिश हुई। कोलाबा में 295 मिमी बारिश के साथ मई का सर्वाधिक रिकॉर्ड बना। भारी बारिश से लालबाग, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और अन्य निचले इलाकों में जलभराव हुआ, जिससे यातायात और लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। बीएमसी और एनडीआरएफ की टीमें जल निकासी और राहत कार्य में जुटी हैं।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने नागरिकों से अपील की कि आवश्यक कार्य के बिना घर से न निकलें, खासकर दोपहर 2 से 4 बजे तक, क्योंकि तेज हवाओं (60-70 किमी/घंटा) के साथ और बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और रायगढ़ के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
रायगढ़ में मूसलाधार बारिश के कारण यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। नेरल-कलंब मार्ग पर पुल के ऊपर पानी भरने से यातायात बंद कर दिया गया। म्हसाला-श्रीवर्धन मार्ग जलमग्न होने और सपोली-हेतावने-गोंडव फाटा मार्ग पर तटबंध टूटने से सड़कें बंद हैं।
वहीं, तमिलनाडु के कोयंबटूर में लगातार दूसरे दिन बारिश ने कहर बरपाया। उप्पिली पलायम रोड पर एक तेज रफ्तार कार ने एक ऑटो को टक्कर मार दी और खाई में पलट गई। स्थानीय लोगों और पीलामेडु अग्निशमन दल ने मणिकंदन को सुरक्षित निकाला और अस्पताल पहुंचाया। सिंगनल्लूर पुलिस ने क्रेन की मदद से कार को निकाला और दुर्घटना की जांच शुरू की। जिले में बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव और यातायात बाधित हुआ।
तमिलनाडु में भारतीय मौसम विभाग ने कोयंबटूर, नीलगिरी जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट और चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम जैसे क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश और तूफान के कारण जलभराव, यातायात बाधित, और स्कूल-कॉलेज बंद हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
गुजरात के अरवल्ली जिले स्थित मोडासा में भी भीषण तूफान ने तबाही मचाई। पड़ोसी राज्य राजस्थान के साकरिया गांव में 8-10 मिनट तक चली आंधी में पेड़ गिर गए, बिजली के खंभे उखड़ गए और घरों को भी खासा नुकसान हुआ। साकरिया स्टेशन पर वर्षों पुराना पीपल का पेड़ गिर गया, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद, ऑटो और आईटी में हुई खरीदारी

मुंबई, 26 मई। भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुए। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 455.37 अंक या 0.56 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,176.45 और निफ्टी 148 अंक या 0.60 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,001.15 पर था।
शेयर बाजार में तेजी का नेतृत्व ऑटो और आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी ऑटो और निफ्टी आईटी इंडेक्स दोनों ही एक-एक प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। इसके अलावा मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी, कमोडिटी, और पीएसई इंडेक्स में खरीदारी देखी गई।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 379.50 अंक या 0.67 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,067.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 64.45 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,707.80 पर था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, नेस्ले, आईटीसी, एचयूएल, एलएंडटी, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, टाइटन, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। इटरनल (जौमेटो), अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा,”ईयू पर अमेरिका की ओर से टैरिफ टालने के फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई, जिससे घरेलू बाजार को सपोर्ट मिला।”
उन्होंने आगे कहा, “ये घटनाक्रम दर्शाते हैं कि व्यापार वार्ता आगे बढ़ रही है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत और घरेलू बॉन्ड यील्ड में गिरावट ने निवेशकों को जोखिमपूर्ण एसेट्स पर अपना ध्यान केंद्रित रखने के लिए प्रोत्साहित किया है। ग्रामीण खपत में वृद्धि और तिमाही के लिए उम्मीद से अच्छी कॉर्पोरेट आय के बाद चौथी तिमाही के मजबूत जीडीपी आंकड़ों की उम्मीदों के कारण बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया।”
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला था। सुबह करीब 9.32 बजे, सेंसेक्स 640.3 अंक या 0.78 प्रतिशत बढ़कर 82,361.46 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 187.39 अंक या 0.75 प्रतिशत बढ़कर 25,040.45 पर कारोबार कर रहा था।
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